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सोनिया मेडम की मस्त चुदाई

(Soniya Madam Ki Mast Chudai)

हेल्लो दोस्तों

मेरा नाम अरुण है और मैं चंडीगढ़ में रहता हूँ। मैं अक्सर इस साइट पर स्टोरीज़ पढ़ता हूँ और अब अपनी स्टोरी आप लोगों के सामने दिल खोल के रख रहा हूँ।

मैं छह फीट का हूँ और लंबा, हैंडसम लड़का हूँ। बात मेरे कॉलेज के टाइम की है। मैं पहली बार कॉलेज गया था और उस दिन मैंने पहला लेक्चर ही अटेन्ड किया। एक बहुत ही सुंदर और सेक्सी लेडी हमारे क्लास में आई और सभी स्टूडेंट खड़े हो गए। मैं तो उन्हें देखता ही रह गया। उनकी फिगर 38-26-36 और हाइट पाँच फीट और पांच इंच थी। उनका रंग साफ़ और होंठ मस्त गुलाबी थे। इस मेम का नाम सोनिया मेम था और मैं उन्हें ही घूरता रह गया।

सात-आठ दिन तक मैं उन्हें जब भी वो क्लास लेने आती देखता रहता। उनकी मस्त बड़ी गांड साड़ी के अंदर बहुत ही मादक लगती थी। जब वो मेरे बेच के पास से गुजरती तो मैं तिर्छी नज़रों से उनकी मटकती हुई गांड जो साड़ी में कैद थी उसे देखता रहता था। मन तो करता की मेडम की गांड को पकड के दबा दू और उसके चुटड़ के बीच के छेद को अपनी जबान से चाट डालूं। मैं घर जा के सोनिया मेम के नाम की मुठ लगाता था एवरी डे।

ऐसे ही एक महीना निकल गया। मेरा गुज़ारा मेडम को देख के शाम को बाथरूम में वीर्य निकाल के ही हो रहा था। मैं मौका देख रहा था लेकिन साला कोई आशा का किरण नहीं दिख रहा था।

तभी एक दिन मेरे बुद्धूपने ने मुझे मेडम के सामने ला के खड़ा कर दिया। मेडम ने क्लास में टेस्ट ली थी जिसमे मेरे नंबर बहुत ही खराब आए थे। मेडम ने मुझे अपनी केबिन में २-३ दूसरे लड़कों के साथ में बुला के बहुत डांटा।

फिर उसने कहा की अगर आप लोगों को पढाई में प्रॉब्लम हैं तो मेरे घर पे ट्यूशन के लिए आओ। यह सुनते ही मेरा कान और मेरा लंड खड़ा हो गया। बाकी के दो लड़के तो डांट खा के निकल गए लेकिन मैं वहीँ रुका।

मेडम मुझे आना है ट्यूशन आप के वहाँ।

ठीक है अरुण, आ जाओ। पुरानी पोस्ट ऑफिस के सामने नव रंग कोलोनी में १२ नंबर का घर मेरा है। क्या तुमहारे पेरेंट्स को बोलाना पड़ेगा?

नहीं मेडम वो मैं बात कर लूँगा।

ठीक हैं फिर तुम आज शाम को ही छः बजे आ जाना।

शाम को मैं एक्स्ट्रा परफ्यूम लगा के मेडम के घर पहुंचा। दरवाजे के ऊपर की घंटी बजाते हुए मेरा दिल जोर जोर से धड़क रहा था। दरवाजा कामवाल ने खोला।

मैं पूछा, सोनिया मेम हैं?

हाँ….कामवाल ने यह कहा और मुझे अंदर लिया। मैं सोफे पर बैठा और कामवाल ने किचन में खड़ी हुई मेम को कहा की कोई आया है।

मेम बाहर आई..क्या कयामत लग रही थी साली। उसकी ढील सी नाइटी में छिपी हुई चुन्चियो ने ऊपर शायद अभी ब्रा की लगाम नहीं लगी थी। तभी तो मेम के बढ़ते कदमो के साथ वो भारी टेनिस बाल्स इधर उधर घूम रहे थे।

आओ अरुण, बैठो मैं पाँच मिनट में आती हूँ।

तभी कामवाल ने कहा, बीबी जी मैं जाती हूँ।

ठीक हैं कमला, मेडम किचन में जाते हुए बोली।

मैं कमरे को देखने लगा, सामने एक बड़ा एलइडी था जिसके निचे एक टेबल पर कुछ मैगज़ीन थे। सामने दीवार पर किसी का सर्टिफिकेट टंगा हुआ था लेकिन वो दूर था इसलिए मैं पढ़ नहीं पाया। कमरा बलक पूरा घर ही बिलकुल शांत था। मेम किचन में काम कर रही थी और बर्तन खड़कने का आवाज़ आ रहा था बस।

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१० मिनट के बाद मेम आई और बोली, चलो ऊपर के कमरे में चलते हैं।

मेम आगे चल रही थी और मैंने देखा की उसकी सलवार उसकी गांड की फांक में धंस गई थी। मुझे यह देख के बड़ा ही रोमांच आ रहा था। सलवार को गांड में फंसने से लंड कुलबुल करने लगा था। मेडम को लगा की उसकी सलवार फंस गई इसलिए उसने धीरे से एक साइड से उसे खिंचा और उसने पीछे देखा। उसने मुझे गांड के दर्शन करते हुए देख लिया लेकिन कुछ नहीं बोली।

मैंने पूछा, मेम कोई और नहीं हैं ट्यूशन के लिए?

नहीं, सिर्फ तुम और मैं।

मेडम जिस अंदाज से बोली वो टीचर वाला तो नहीं था कम से कम।

वो रूम शायद स्टडी के लिए ही बनवाया था मेडम ने। उसमे एक साइड में एक रेक में ढेर सी किताबें थीं और एक टेबल और उसके इर्दगिर्द कुर्सियां रखी हुई थी। मेडम ने मुझे कुर्सी पर बैठने के लिए इशारा किया और खुद भी एक कुर्सी पर बैठ गई। मेडम की हाइट मेरे से कम थी और मैं और ऊपर हो के उसकी क्लैवेज को देखने की कोशिश कर रहा था। काश नाइटी और ढील सी होती तो मैं मेडम के बूब्स की झलक देख सकता। मेडम ने चेप्टर खोला और बोली, अरुण तुमहारे नंबर इस चेप्टर के क्वेश्चन में कम थे, हम यही से स्टार्ट करेंगे।

मेडम मुझे पढ़ाने लगी लेकिन मेरा ध्यान उसके बदन पर ही था। और आज तो वो नाइटी में पूरी कयामत ही लग रही थी। मेडम को भी पता था की मैं पढाई से ज्यादा चक्षुचुदाई में व्यस्त था।

मेडम ने अचानक कहा, अरुण ध्यान कहा है तुमहारा?

मैं चौंक पड़ा।

मेडम ने चालू रखा बोला, मैं कब से देख रही हूँ की तुम मेरी और ही देख रहे हो किताब की जगह! क्या देख रहे हो?

कुछ नहीं मेडम, कुछ नहीं देख रहा।

मैंने देखा तुम कहा देख रहे थे।

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मेम के ऐसा कहते ही मैं चौंक पड़ा। सोनिया मेम के मुहं पर अलग ही मुस्कान थी। मै डर रहा था और मेम हँसतें हुए मुझे ही देख रही थी। वो आगे बोली, वैसे मैंने क्लास में काफी बार मार्क किया है की तुम मेरे पुष्ठ के भाग को देखते रहते हो जब मैं क्लास में इधर उधर चलती हूँ।

और उसके बाद जो मेडम के मुहं से निकला वो मेरे लिए एक बड़ा ही सुखद था।

मेडम ने कहा, क्या मैं तुम्हें अच्छी लगती हूँ?

मैंने दबे हुए आवाज में जवाब दिया, आप मुझे सच में बहुत अच्छी लगती हो मेम!

सोनिया मेम उठी और मेरी ओर कदम बढ़ाएं। मेरा दिल जोर जोर से धड़क रहा था जैसे की ट्रैन के साथ रेस लगा रखी हो। मेडम ने मेरे पास आके मेरा हाथ अपने हाथ में लिया और अपनी गोलाइयों के ऊपर रखवा दिया। बाप रे मेडम के बूब्स कितने मुलायम थे। मैं तो जैसे की सपनो देख रहा था अभी तक। लेकिन मेडम सच ही में चुदाई हुई थी। उन्होंने मेरी पेंट की और देखा और बोली, अरुण बहार निकालो ना अपना हथियार!

मैंने पेंट की जिप खोल के लौड़े को बाहर निकाला। मेडम मेरे ७ इंच के लौड़े को आँख भर के देखने लगी और फिर धीरे से उसकी उंगलियां मेरे लंड पर चलने लगी। मेडम चुदासी नज़रों से मुझे देख रही थी और मैं उनके दोनों बूब्स को जोर जोर से दबा रहा था।

मेडम, मैं आप के स्तन चूस लूँ?

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रुके किस लिए हो, और मुझे मेडम नहीं सोनिया कहो!

सोनिया डार्लिंग कहूँगा तो चलेगा।

मेडम ने प्यार से मुझे एक चमाट लगाईं और मैंने कमर के पास से उनकी नाइटी को पकड के ऊपर उठा दिया। मेडम ने ब्रा पहनी नहीं थी और निचे पेंटी भी नहीं थी। सिर्फ नाइटी के अंदर बदन को ढंक के आई थी वो। मेरे सामने यह मांसल मेडम थी जो बड़ी ही सेक्ससी लग रही थी। मेडम की चूत पर छोटे छोटे घुंघरिले बाल थे और उसकी चूत के अन्दर का भाग काला था। मैंने अपनी ऊँगली उनकी निपल्स पर रख दी और धीरे से उन्हें दबाने लगा।

मेडम ने एक सिसकी ली और मेरे माथे को पकड के अपनी और खिंचा। मेरे मुह में मेडम की चुन्ची का थोडा हिस्सा निपल के साथ आ गया। मैं कुत्ते की तरह अपनी जबान उसके ऊपर लगा के चाटनें लगा। मेडम की ऊँगली उसकी चूत पर थी और वो अपनी दो उंगलिओं से चूत के होंठो को दबा रही थी। मेरे से मेडम की प्यास देखि नहीं गई और उसके चुंचे चूसते हुए अपनी ऊँगली मैंने मेडम के भोसड़े पर रख दी।

फिर चुन्ची से मुह हटा के मैं बोला, सोनिया डार्लिंग तुम उँगलियाँ हटा लो मैं मसाज कर देता हूँ तुम्हारी मुनिया का।

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मेडम हंसी और बोली, जरुर डार्लिंग।

मैं वापस मेडम के मम्मे चाटनें लगा और ऊँगली से मेडम के मुनिया के दाने को दबाने लगा। मेडम जोर जोर से सिसकियाँ ले रही थी और अपने बूब्स को दबा रही थी। मैंने ऊँगली को अब धीरे से मेडम की चूत के छेद में डाली और अन्दर बहार करने लगा। मेडम आह आह आह अरुणह्ह्ह्हह अआः आह्ह्ह्ह करने लगी!

मेरी ऊँगली अब भोसड़े में पूरी घुसी हुई थी जिससे मैं अन्दर बहार कर रहा था। जब ऊँगली बहार आती थी तो मुझे चूत के पानी की चिकनाहट मेरी ऊँगली पर महसूस होती थी। मेरा मन किया की उस चूत के पानी को पी लूँ।

सोनिया डार्लिंग, मुझे तुम्हारी चूत चाटननी हैं!

और मैं भी तुम्हारा लंड के स्वाद को चखना चाहती हूँ। चलो मेरे बेडरूम में चलते हैं।

मेडम ने मेरा हाथ पकड़ा और अपनी बड़ी गांड को मटकाते हुए मुझे बगल वाले कमरे में ले चली। बिस्तर पर नर्म गद्दा था और पास ही में एयर कूलर था। मेडम ने कूलर चालू किया और मुझे गद्दे के ऊपर धक्का दिया। मैं गद्दे पर गिरा और मेडम मेरे ऊपर। हम दोनों ६९ पोजीशन में आ गए। मैंने पहले मेडम की चूत और गांड के छेद को सुंघा। उसमे से हलकी सी गंध आ रही थी जो मुझे मादक करने के लिए काफी थी। मैंने अपनी जबान जैसे ही चूत पर लगाईं मेडम कराह उठी। उसने मेरे लोडे को मुहं में रखा और उसे कोकोकोला की बोतल की तरह होंठो से दबाने लगी।

इधर मैंने चूत में जबान रगड़ी और उधर मेडम ने लंड को तल भाग से पकड़ा हुआ था और वो जोर जोर से चुस्सा लगा रही थी। मेरे तो होश उड़े हुए थे। सोनिया मेडम को चोदने का सपनो साकार जो हुआ था!

मेडम कुछ देर चुस्सा लगाती रही और मैंने उसकी चूत को चाट के पूरी लाल कर दिया था। मैंने मेडम की गांड को भी उत्तेजित कर दिया था ऊँगली चला चला के। अब हम दोनों ही रीयल सेक्स के लिए रेडी थे।

मेडम ने लंड को मुहं से बहार निकाला और बोली, चलो अरुण डार्लिंग अब दे दो मुझे असली स्वर्ग का आनंद।

मैं उठा और मेडम ने अपनी दोनों टाँगे खोल दी और चूत का फाटक मेरे सामने खोल के रख दिया। मेडम की काली चूत ,मेरे सामने थी जिसके ऊपर का हिस्सा मेरे चाटनें से पूरा लाल हुआ था। मेडम ने अपने हाथ से मेरा लंड अपने छेद पर सेट किया।

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मैं निचे झुक गया और मेडम के होंठो को अपने होंठो पर लगा दिया। मेडम की हलकी लिपस्टिक खाते हुए मैंने एक झटका दिया। लोडा बिना किसी मुश्किल से अन्दर आधा घुस गया। मेडम की तजुर्बे वाली गरम और ढील थी। मेडम की चूत में लंड घुसते ही वो मुझे और भी सेक्ससी तरीके से किस देने लगी। हम दोनों की जबान एक दुसरें से लड़ने लगी थी और दुसरें एक झटक में लंड पूरा मेडम की चूत में था। मैंने एक मिनिट तक लोडे को ऐसे ही रहने दिया।

मेडम ने अब किस छुड़ा ली थी और वो मुझे कंधे के ऊपर और गलें में छोटी छोटी किस दे रही थी। ऐसा करने से मुझे बड़ा मजा आ रहा था। अब मैं धीरे धीरे से अपने लोडे को चूत के अन्दर बहार करने लगा। मेडम की हॉट चूत के अन्दर लंड हिलाना बड़ा मजेदार था।

मेडम सिसकियाँ ले रही थी और कराहरही थी।

चोदो जोर जोर से मेरी प्यासी चूत को मेरे राजा। आह आह, जोर जोर जोर से डार्लिंग! बहुत मजा आ रहा है।

ये ले ये ले, देता हूँ तुझे पूरा मजा, ये ले अन्दर तक। मैं भी कस कस के अपना लंड मेडम की चूत में थोक रहा था। कमरे में फच फच के आवाज दीवारों से टकरा रहे थे जो मेडम के चुदासी आवाज से मिक्स हो रहे थे।

अरुण चोदो जोर से मैं झड़ने वाली हूँ,, आह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह ऊऊऊ अह्ह्ह्हह्ह आआआआआ….मेडम की चुदास बढ़ रही थी।

मैंने मेडम के मांसल कंधो को जकड़ लिया और जोर से अपने लोडे को झटकार ने लगा। मेडम की साँसे उखड़ चुकी थी और उसने तभी मेरे लोडे पर चूत के होंठो का दबाव बना दिया। एक लम्बी सांस के साथ मैंने भी अपना पानी चूत में निकाल दिया। मेडम ने लोडे पर ग्रिप बनाये रखी और वो भी मेरे साथ झड़ गई!

मेरे वीर्य की एक एक बूंद मेडम की चूत में निकल गई और फिर उसने लोडे को अपनी चूत की गिरफ्त से आजाद किया। मैंने लंड बहार निकाला और लौड़े के ऊपर की चिकनाहट को मेडम के चुन्चो पर पोंछ ली। मेडम की आँखों में संतोष के भाव थे और मैं भी खुश हो गया था इस चोदमपट्टी से।

मेडम खड़ी हुई और हम दोनों के लिए संतरे का ज्यूस ले आई। मेडम के संतरों (बूब्स) और तरबुच (गांड) को चोदने की कहानी फिर कभी सुनाऊंगा…!