बुआ का बाजा बजा दिया-1
(Bua ka baaja baja diya-1)
हैल्लो फ्रेंड्स.. मेरा नाम सन्नी है और मेरी उम्र 23 साल है और में एक बार फिर से आप सभी के सामने मौजूद हूँ अपनी एक नई कहानी लेकर.. दोस्तों यह मेरी लाईफ की एक सच्ची घटना है जो मेरी बुआ की चुदाई पर आधारित है. यह घटना अभी कुछ साल पहले की है. दोस्तों जब मेरी उम्र 18 साल थी और मेरी क्लास में एग्जाम चल रहे थे. मेरी बुआ हमारे ही शहर में रहती है उनका घर हमारे घर से कुछ ही दूरी पर था.
तो अब में आप सभी को अपनी बुआ के बारे में बताता हूँ. दोस्तों मेरी बुआ 40 साल की हैं और उनकी शादी को 12 साल हो गये हैं और उनका एक 10 साल का बच्चा भी है. उनका फिगर 32-26-34 है. उनकी हाईट 5’4 इंच है उनका बहुत गौरा कलर है और बालों का कलर काला और वो दिखने में बहुत सुंदर है.. वो ज़्यादातर साड़ी पहनती है. यह घटना गर्मी के महीने की है जब मेरे मम्मी, पापा मेरे मामा की बेटी की शादी में चेन्नई गये हुए थे और वो मुझे जाने से पहले मेरी बुआ के घर पर छोड़कर गये और उन्होंने उनसे मेरा ख़याल रखने को कहा. मेरी बुआ को में बहुत पसंद था क्योंकि बुआ मुझसे अपनी सारी समस्या शेयर करती और में उनकी सभी बातें ध्यान से सुनता था. फिर में उनके घर रात के 10 बजे मम्मी, पापा को रवाना करके पहुँचा और ड्राईवर से कहा कि गाड़ी यहीं पार्क कर दो. फिर में गाड़ी की चाबी लेकर अंदर चला गया आज वहाँ पर केवल बुआ और बुआ का बेटा रक्षित था.
में : बुआ फूफाजी कहाँ हैं?
बुआ : बेटा वो कुछ दिनों के लिए बिजेनस टूर पर गये हैं.
में : चलो फिर तो अच्छा हुआ में यहाँ पर आ गया.. अब आपको भी अकेले डर नहीं लगेगा.
बुआ : हाँ ठीक है तुम आराम से रहो.
बुआ : मम्मी, पापा को अच्छे से छोड़ आया?
में : हाँ बुआ छोड़ आया.
बुआ : वो लोग कब तक वापस आएँगे?
में : वो 4 दिन बाद लोटेंगे.
बुआ : तूने कुछ खाया है कि नहीं?
में : हाँ बुआ मैंने डिनर कर लिया है.
बुआ : पक्का कुछ खाना है तो बोल दे.
में : जी नहीं बुआ मुझे कुछ नहीं खाना.
फिर हम लोगो ने थोड़ी देर टीवी देखी और थोड़ी इधर उधर की बातें की और फिर रक्षित को नींद आ रही थी तो बुआ ने रक्षित को बेड पर सुला दिया. फिर कमरे का गेट बंद करके बुआ बोली
बुआ : चल दूसरे कमरे में आजा में कपड़ो पर प्रेस कर लेती हूँ और हम वहीं पर बैठकर बात कर लेंगे.
में : ठीक है चलो.
फिर बुआ जैसे ही प्रेस करने बैठीं तो उनका पल्लू सरक गया और मुझे उनकी छाती दिखी.. वाह क्या नज़ारा था? यह देखकर मेरा तो लंड खड़ा हो गया. बुआ के बूब्स बहुत बड़े नहीं थे.. लेकिन बहुत ही अच्छे थे और बुआ प्रेस करते करते मुझसे बोली कि..
बुआ : तुझे बुरा लग रहा होगा ना कि गर्मियों के केम्प की वजह से तू नहीं जा पाया.
बुआ मेरा गाल सहलाते हुए बोली कि कोई बात नहीं अब 2 महीने बाद सुमित की शादी है उसमे मस्ती कर लेना सारी कसर निकाल लेना.
में : स्माईल पास कर दी.. हाँ बुआ मुझे तो सब से मिलना और घर वालों के साथ बहुत मस्ती करनी है.
बुआ : मैंने तेरे जीजाजी की फोटो देखी बहुत सुंदर हैं और उनकी जोड़ी बहुत अच्छी है.
में : हाँ बात करने में भी अच्छे हैं और अमिर भी हैं बिल्कुल अपने स्टॅंडर्ड के.
फिर में बुआ के पास गया और उन्हें गले लगाकर चुप करने लगा और कहने लगा कि मुझे पता है कि बुआ अपनी शादीशुदा लाईफ से खुश नहीं हैं और कितनी बार दादी जी को तलाक के लिए बोलती रहती हैं.. लेकिन मेरी दादी नहीं मानती फूफाजी बहुत गरीब फेमिली से हैं और कमाते वगेरह अच्छे हैं और खुले मिजाज के भी हैं.. लेकिन शराबी हैं और रोज़ दारू पीकर घर आते हैं और एक बार तो उन्होंने दारू पीकर बुआ पर हाथ भी उठाया था. फिर बुआ ने भी मुझे कसकर पकड़ लिया और ज़ोर ज़ोर से रोने लगी. में बुआ को चुप करा रहा था.. लेकिन साथ ही साथ उनको गले लगाने पर मेरे शरीर में करंट भी दौड़ रहा था. तो मुझसे अब कंट्रोल नहीं हो रहा था. फिर मैंने बुआ का चेहरा ऊपर उठाया और उनके आंसू पोंछे.
में : बुआ ऐसे आदमी के लिए रोकर क्या फ़ायदा जिसकी नज़र में आपकी कोई कीमत नहीं.. लेकिन बुआ अभी भी रो रही थी.
बुआ : तुझे नहीं पता सन्नी कितना बुरा लगता है जब किसी का पति उस पर बिल्कुल ध्यान नहीं देता. तू अभी बच्चा है और तू नहीं समझेगा कैसा दर्द होता है.
में : बुआ में समझता हूँ आपको क्या चाहिए? यह कह कर मैंने बुआ को किस करने की कोशिश की बुआ ने मुझे दूर किया और चिल्लाकर कहा.
बुआ : क्या बदतमीज़ी है यह?
में : बुआ यह कोई बदतमीज़ी नहीं आपकी खुशी है जो फूफाजी आपको नहीं देते.
बुआ : क्या तू पागल हो गया है?
फिर यह बोलकर बुआ पलटी और अपने बेडरूम की तरफ जाने लगी. तो मैंने बुआ की कमर पीछे से पकड़ ली और कहा.
में : बुआ हर खुशी पर सबका बराबर हक़ होता है और अगर फूफाजी आपको यह खुशी नहीं देते तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप इस खुशी की हक़दार नहीं.. आपको भी सेक्स का पूरा हक़ है.
फिर बुआ मेरी तरफ पलटी और चौंककर मेरी तरफ देखने लगी.. क्योंकि मैंने पहली बार उनके सामने सेक्स जैसा शब्द काम में लिया था. फिर मैंने बुआ का चहरा पकड़ा और उनकी आँखों में झाँककर कहा.
में : बुआ मेरा इसमे क्या स्वार्थ आप तो मेरी गर्लफ्रेंड्स के बारे में सब जानती हैं ना और में उनमे से किसी के भी साथ सेक्स कर सकता हूँ और मेरी आपके साथ सेक्स की बात यह आपकी खुशी के लिए है अब आप ही समझो.
बुआ : नहीं यह ग़लत है सन्नी.. यह बिल्कुल ग़लत है.
फिर मैंने बुआ की बात बिना सुने उनके होंठो पर अपने होंठ रख दिए और किस करने लगा. पहले बुआ थोड़ा हिचकिचा रही थी.. लेकिन धीरे धीरे वो भी मेरा साथ देने लगी और अब हम दोनों एक दूसरे के होंठ चूस रहे थे और दोनों वैसे ही किस करते करते पास के रूम में चले गये और फिर मैंने बुआ को बेड पर लेटा दिया दूसरे रूम में.. उसमे नहीं जिसमे रक्षित सो रहा था. फिर मैंने मेरी टी-शर्ट निकाली और जीन्स उतारी और साईड में रख दी.