भाभी के सामने मुठ मारी
हेलो दोस्तों, मुझे सेक्सी कहानियाँ पढ़ने का बहुत शौक है। आज मैं अपनी एक ऐसी ही सच्ची कहानी आपके सामने लाया हूँ जो मेरे साथ हुई थी।
मेरा नाम राजू है और मेरी उम्र अभी 23 साल है। कुछ समय पहले मैंने कॉलेज की पढ़ाई पूरी की थी। उस वक़्त मैं अपने गाँव गया था जहाँ मेरे भाई और भाभी रहते हैं। मेरे भाई से मेरी उम्र 7 साल ज्यादा है, और भाभी से 5 साल। लेकिन दोस्तों, उनकी फिगर देखकर तो दिल धड़कने लगता है। वो इतनी खूबसूरत हैं कि उनके ब्लाउज से बाहर आने को हमेशा तैयार रहते हैं। उनकी गांड बहुत ही सेक्सी है। बस एक नज़र में मेरा लंड खड़ा हो जाता है।
एक दिन गाँव गया तो कुछ दिनों तक इधर-उधर घूमता रहा। फिर एक रात मुझे भाई के कमरे से आवाजें सुनाई दीं। मैंने कमरे की खिड़की से देखा तो भाई और भाभी 69 पोजीशन में थे। देखकर मेरा 8 इंच का लंड खड़ा हो गया। दोस्तों, क्या कहूँ… भाभी कितनी हॉट लग रही थी और मेरे भाई से कैसे मज़े से चुदवा रही थी। कुछ देर तक देखने के बाद मैं अपने कमरे में चला गया और उनकी चुदाई को सोच-सोचकर मैंने एक बार मुठ मारी और भाभी को चोदने का प्लान बना लिया। हर पल यही सोच रहा था कि भाभी को कैसे चोदूं और किस तरीके से अपनी तरफ आकर्षित करूं?
एक दिन भाभी ने मुझे कहा, “चलो आज घर के सभी कामों से फ्री हूँ तो क्यों ना हम दोनों मिलकर घर की साफ-सफाई कर लेते हैं?” मैं मान गया और बोला, “ठीक है भाभी, चलो में आज आपकी थोड़ी बहुत मदद ही कर देता हूँ।” फिर मैंने कहा कि “आप रुको, मैं अपने कपड़े बदलकर अभी आता हूँ।”
मैंने कपड़े बदलने का बहाना बनाया और टॉवल पहनकर अंदर गया। जानबूझकर बिना कुछ पहने आ गया और टेबल पर चढ़ गया। भाभी नीचे खड़ी होकर मुझे मेरी जरूरत के हिसाब से जो मैं उनसे कहता, वो सब सामान देती रही। उस समय बहुत गर्मी थी तो भाभी ने भी गर्मी की वजह से साड़ी नहीं पहनी थी। वो सिर्फ पेटीकोट और ब्लाउज में ही मेरे एकदम नीचे खड़ी होकर मुझे सामान पकड़ा रही थी। उनके बूब्स की निप्पल तक मुझे साफ-साफ दिखाई दे रही थी और मेरा लंड उनको देखकर धीरे-धीरे खड़ा होने लगा। शायद भाभी को भी यह पता था क्योंकि वो भी मेरे लंड के बड़ते हुए आकार को नीचे से देख रही थी। तभी उसी दौरान भाभी ने एक बड़ा सा बक्स मुझे हाथों में थमा दिया और जैसे ही मैंने बक्स को ऊपर किया तो बक्स का एक कोना मेरी टॉवल में फंस गया और मेरा टॉवल नीचे गिर गया।
अब मेरा लंड जो कि पूरी तरह तनकर 8 इंच हो गया था, वो भाभी के सामने खड़ा होकर उनकी चूत को सलामी दे रहा था। मैं भाभी के सामने पूरा नंगा था। भाभी मेरे लंड को देखकर शरमा गई और मुझसे बोली, “देवर जी यह आपने क्या किया?” मैंने कहा कि “मैंने तो कुछ नहीं किया” तो उसने नीचे पड़े हुए टॉवल को उठाया और मुझे बताने लगी। अब तो मैं भी शरमा गया क्योंकि मैं भी भाभी के सामने पूरा नंगा खड़ा था। मुझे थोड़ी मस्ती सूजी और मैंने जानबूझकर बक्स को थोड़ा नीचे गिराने की कोशिश की और भाभी को बोला कि “इसको नीचे से थोड़ा ऊपर करो वरना बक्स नीचे गिर जाएगा” तो भाभी ने बक्स को नीचे से पकड़ा और फिर धीरे-धीरे ऊपर करने लगी। अब उसकी उंगलियां मेरे लंड की गोलीयों को छू रही थीं और मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था। फिर मैंने बोला कि “थोड़ा और ऊपर करो” तो भाभी बक्स को ऊपर करने लगी। भाभी की उंगलियाँ मेरे लंड से खेल रही थीं और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। शायद भाभी को भी बड़ा मज़ा आ रहा होगा और वो भी मस्ती से लंड को सहलाने लगी तो मुझे बहुत मजा आया।
फिर मैं काम करके पूरा नंगा नीचे आ गया और भाभी शरमा कर अपने कमरे में चल गई। जब मैंने उसके पीछे-पीछे कमरे में जाकर देखा तो भाभी बाथरूम में नहाने चली गई थी। मैंने छुपकर एक छेद से उनको देखा तो भाभी पूरी तरह नंगी थी और उसकी उंगलियां चूत के साथ खेल रही थीं और वो अपनी गांड को भी सहला रही थी। यह देखकर मैं और भी पागल हो गया और उसी खयालो में खोकर मुठ मारने लगा। मैं मुठ मारने में इतना व्यस्त था कि मुझे पता ही नहीं चला भाभी मेरे सामने कब आ गई। जब उसने आवाज़ लगाई तो मैं बहुत घबरा गया और वहाँ से बाहर जाने लगा। तभी भाभी ने मुझे रोका और बोली, “यह सब क्या है?” और मुझे डांटने लगी। मैं चुपचाप नीचे गर्दन को झुककर सुनता रहा और कुछ देर डांटने के बाद वो बोली, “क्या ऐसे ही सुनते रहोगे या कुछ बोलोगे भी?” तो मैंने कहा कि “भाभी मुझे माफ़ करना लेकिन में क्या करूं आप हो ही इतनी सेक्सी और हॉट कि कोई भी आपको एक बार देखकर दीवाना हो जाएगा।”
फिर भाभी ने कहा, “अब चलो चुपचाप सामने आ जाओ और इस शरम को छोड़ दो। मैं तुम्हें कुछ नहीं कहूँगी।” भाभी ने अब मुझे माफ़ कर दिया था तो मैंने भाभी से बोला कि “क्या में एक बार आपका नंगा बूब्स देख सकता हूँ और छू भी सकता हूँ अगर आपको बुरा ना लगे तो?” फिर भाभी ने कहा,
“हाँ ठीक है लेकिन मेरी एक शर्त पर।” फिर मैं मान गया और बोला कि “बताओ क्या शर्त है?” तो उसने कहा कि “मैं तुम्हारे सामने नंगी यहाँ से 10 फीट दूर बैठूँगी। अगर तुम्हारा वीर्य मेरी चूत को छू सकें, तब ही मैं तुम्हें मेरे बूब्स और चूत छूने की इजाज़त दूंगी।” फिर भाभी अपने कहे अनुसार मेरे सामने अपने पूरे कपड़े खोलकर मुझसे दूर जाकर बैठ गयी। जैसे ही मैंने उनका कामुक जिस्म देखा तो मेरा लंड में करंट सा दौड़ने लगा और मैं सामने मुठ मारने लगा। दोस्तों सच मानो तो मैंने जोश में आकर बहुत ज़ोर से अपने लंड को हिला-हिलाकर भाभी के सामने मुठ मारता रहा। कुछ देर के बाद मेरे लंड ने एक बहुत जोरदार वीर्य की धार छोड़ी और वो उसके मुहं होते हुए बूब्स और बूब्स से होते हुए उनकी चूत तक पहुंच गई और एक-एक बूंद करके पूरे जिस्म पर जा गिर गई।
फिर मैं यह सोचकर खुश हुआ कि अब भाभी का नंगा बदन मेरे सामने होगा और मैं उसके जिस्म के हर एक हिस्से को छू सकता हूँ तो मैंने भाभी से कहा कि “भाभी में शर्त जीत गया हूँ।” वो बोली, “हाँ आजाज मेरे पास।” मैं उसके पास गया और धीरे-धीरे उसको किस करने लगा। वाह क्या होंठ थे उसके एकदम मुलायम गुलाबी। फिर मैं धीरे-धीरे आगे बढ़ता गया उसके बूब्स को सहलाने लगा, दबाने लगा। मुझे बहुत मज़ा आया। वाह वो क्या दिखती थी। मेरा तो फिर से खड़ा हो गया और वो भी अपने मुहं के सामने 8 इंच का लंड देखकर पागल हो गई और मेरे लंड को किस करने लगी और धीरे-धीरे वो लंड को अपने मुहं में ले लिया। अब धीरे-धीरे वो लंड को अंदर बाहर करने लगी और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। फिर मैं उसको अपने दोनों हाथों से उठाकर बेड पर ले गया और 69 पोजीशन में आ गया। अब धीरे-धीरे उसकी चूत से उसका पानी बाहर आ रहा था और वो पागल की तरह ऊपर नीचे हो रही थी। फिर वो मेरे लंड के ऊपर ही बैठ गयी। दोस्तों, वैसा सेक्स में पहले औरत नीचे और मर्द ऊपर होता है लेकिन मेरे लिए तो यहाँ पर सब कुछ उल्टा था। मैं नीचे था और मेरी भाभी मेरे खड़े हुए लंड के ऊपर बैठने की कोशिश कर रही थी। कुछ देर की मेहनत के बाद वो कामयाब भी हो गई और वो पागल की तरह ऊपर नीचे होने लगी।
फिर ऐसा 10-15 मिनट चलता रहा। वो मेरे लंड को एक गददा समझकर उस पर कूद रही थी और कुछ ही देर उछलकूद करने के बाद वो थक गई। इस बीच में एक बार झड़ चुका था और वो एकदम शांत हो गई। अब उसकी हवस शांत हो गई थी और मेरी भी। फिर कुछ देर तक हम दोनों ऐसे ही नंगे लेटे रहे और थोड़ी देर बाद फिर मेरा लंड भाभी की चूत मारने के लिए खड़ा होकर तैयार हुआ लेकिन भाभी अभी तैयार नहीं थी तो मैंने धीरे-धीरे भाभी की गांड को सहलाना शुरू कर दिया। भाभी समझ गई कि यह मेरी गांड मारने वाला है तो उसने मुझसे कहा, “यह क्या कर रहे हो?” मैंने कहा कि “भाभी आपकी गांड भी अच्छी है” तो वो बोली, “क्या तुम मारना चाहोगे?” मैंने कहा कि “हाँ” तो वो जल्दी से कुतिया की तरह बन गई और बोली, “घुसा दे अपना लंड और फाड़ दे मेरी गांड।”
फिर मैंने अपने लंड को उसकी गांड पर रखा और पूरे जोश में आकर एक ज़ोर से धक्का दिया लेकिन लंड अंंदर नहीं गया और उसने मेरी और भाभी की हालत खराब कर दी। हम दोनों को बहुत दर्द हुआ। फिर मैंने थोड़ा तेल लेकर गांड और लंड दोनों पर लगाया और धीरे-धीरे गांड में लंड डाल दिया। दोस्तों, शायद भाभी ने पहली बार अपनी गांड में लंड लिया था। उनको बहुत दर्द हुआ और वो मुझसे हर बार लंड को बाहर निकालने को कह रही थी और अपनी गांड को आगे की तरफ खींच रही थी लेकिन मैंने उसकी कमर को ज़ोर से पकड़ रखा था। फिर कुछ देर बाद वो शांत हुई और मैं धीरे-धीरे धक्के देकर उसकी गांड मारने लगा और मैंने बहुत देर तक उसकी गांड मारी। मुझे बहुत मज़ा आया और फिर गांड में ही झड़ गया। दोस्तों उसके बाद मैं जब तक वहाँ पर रहा, उनकी चुदाई करता रहा और बहुत बार गांड भी मारी…