पड़ोसी की चुदाई

मोना की मस्त चूत बनाम मेरा मूसल लण्ड 1

Mona ki mast chut vs mera musal lund-1

सबको मेरी तरफ़ से प्यार भरा नमस्कार।

दोस्तो, मेरा नाम अजय है और मैं “एम एस एस” का बहुत बड़ा प्रशंसक रहा हूँ इसलिए मैंने सोचा क्यूँ ना अपनी कहानी आप सबके सामने पेश करुं।

तो दोस्तो, मैं अजय बी कॉम थर्ड इयर में पढता हूँ। उम्र है 22 साल और मैं लखनऊ का निवासी हूँ।

अब आता हूँ कहानी पर…

सो, मेरे घर के बगल में एक लड़की रहती है। उसका नाम “मोना” है। उम्र 19 साल और फ़िगर “36-26-38” है। रंग गोरा है और भरा हुआ बदन है।

उसके और मेरे घर में आपस में काफ़ी अच्छा रिश्ता है। मैंने मोना को जब से देखा था, तभी से उसकी चूत मारने के सपने देखता था। वह अभी बारहवीं मे पढती है।

बात उस समय की है जब उसकी परीक्षा नज़दीक थी और उसकी माँ ने मेरे घर आकर कहा – बेटा, यह खुद तो पढती नहीं है। तुम ही इसे पढा दिया करो।

मेरे मन में तो लड्डू फुट पड़े और मैंने तुरंत उसे पढाने के लिये हाँ कर दी। मैंने आँटी से कहा – ठीक है आंटी, मैं शाम को सात बजे आ जाया करुंगा। उसे पढाने के लिये।

अगले ही दिन मैं उसे पढाने के लिये गया तो मैं उसे देख कर हैरान रह गया। क्या माल लग रही थी, यार वो। लगती भी क्यूँ नहीं उसने अभी अभी जावानी की दहलीज पर कदम जो रखा था।

खैर, मैं उसे पढाने लगा और बीच बीच में उसे देखता रहता। उसने गुलाबी रंग का टॉप पहन रखा था और उस टॉप में उसके बडे बडे मम्मे कैद थे।

एक घन्टे बाद वो उब गई और मैंने उसे पढाना बन्द कर दिया और उससे बातें करने लगा।

पहले मैंने उससे पूछा – तुम्हें कॉमर्स कौन पढाता है?

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तो उसने कहा – वो, पांडे सर्।

फ़िर मैंने उससे पूछा – ग्यारहवीं, में कितनी % थी, तुम्हारी?

तो उसने थोड़ा शरमा कर कहा – आ… 54% थी।

अब मैं मुद्दे पर आया मैंने उससे पूछा – ये बताओ, तुम्हारा कोई बॉय फ़्रेंड है क्या?

उसने मुझे घूर कर देखा और कहा – नहीं।

मैंने कहा – अरे यार, शर्माओ मत। अब तो हम दोनों फ़्रेंड हैं, ना।

मैंने अपना हाथ उसकी तरफ बढ़ाया और फ़िर हम दोनों ने हाथ मिलाया और मैंने उससे कहा कि कल यह काम करके रखना। मैं कल आकर देखुंगा।

और मैं वहाँ से चला आया, अपने घर।

मैं रात भर उसके ही खयालों में खोया रहा और रात भर में मैंने दो बार उसके नाम की मुठ मारी।

अगले दिन जब मैं उसके घर गया तो उसे देख कर मेरा पप्पू खडा हो गया और उसने ये भाँप लिया। मैं उसके साथ सोफ़े पर बैठा और वह मुझसे थोडी दूर बैठी थी तो मैंने उसे पास बैठने को कहा।

वह उठ कर मेरे पास बैठ गई और मैं भी उससे सट कर बैठ गया। उसका मादक स्पर्श पाकर मेरा लण्ड खडा होने लगा।

जैसे तैसे फ़िर मैंने उसे पढाना शुरु किया और पढाते पढाते मैं कभी कभी उसके स्तन अपनी कोहनी से छू लेता।

मज़े की बात तो यह थी कि फ़िर भी उसने कोई विरोध नहीं किया। मेरी हिम्मत भी थोड़ी बढी और मैंने मौका ताड़ कर उसकी जाँघ पर अपना हाथ रख दिया।

फ़िर भी उसने कोई विरोध नहीं किया और मैं उसकी जाँघ को सहलाने लगा।

बदक़िस्मती से, तभी उसकी माँ आ गई। मैंने जल्दी से हाथ हटाया। आंटी ने चाय दी और अन्दर चलीं गयीं।

फ़िर मोना बोली – अजय, आप कुछ समझा रहे थे। जब मैंने टाइम देखा तो आठ बज चुके थे सो मैंने मोना से कहा – कोई नहीं, अब कल पढेंगे।

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लेकिन मोना मेरी तरफ अपनी नशीली आँखों से देखते हुए बोली – थोडी देर बैठिये ना।

मैंने कहा – ठीक है।

फिर उसने मुझसे पूछा – कल आपने ये नहीं बताया कि आपकी कोई गर्ल फ़्रेंड है या नहीं?

बात बनती देख, मैं मन ही मन खुश होने लगा और मैंने तुरंत कहा – नहीं यार, बिल्कुल भी नहीं। मेरी कोई गर्ल फ़्रेंड नहीं है।

तो उसने कहा – क्यूँ? आप इतने हैंड्सम हो, आप पर तो बहुत लड़कियाँ मरती होंगी।

मैंने कहा – नहीं यार, ऐसी कोई बात नहीं है। अभी तक कोई मरने या मरवाने वाली लड़की नहीं मिली, जो मुझसे प्यार करे। लेकिन अब लगता है शायद मेरी तलाश खत्म हो गई है।

अब वो थोड़ा सा शर्मा गई।

फ़िर मैंने कहा – कल मिलते हैं और मैं अपने घर आ गया।

आज की रात तो मुझसे कट ही नहीं रही थी। जब भी आँखें बन्द करता तो मोना ही दिखती थी। उस रात मैंने मोना की नाम की तीन बार मुठ मारी और मन में ठान ली की कल मैं उसकी चूत के दर्शन ज़रूर करुंगा।

अगले दिन मैं गया तो जाते ही मैंने आँटी से कहा – आंटी अगर आपको दिक्कत ना हो तो हम आज अन्दर वाले कमरे में पढेंगे। यहाँ बहुत डिस्टर्ब होते हैं।

आँटी ने कहा – हाँ बेटा बिल्कुल, जहाँ तुम्हें ठीक लगे। तो हम पीछे वाले कमरे में चले गये पर किस्मत देखिए दोस्तो, अन्दर मोना की बहन सोना बैठी थी।

खैर, अब बात निकली ही है तो बता दूँ, सोना के बारे में तो वो मोना से छोटी है मगर मोना से भी गजब माल है।

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उम्र 18 साल है और उसका फ़िगर “34-26-36” है। ख़ासतौर पर मुझे उसके गुलाबी गुलाबी होंठ बहुत मस्त लगते हैं।

पर मेरी किस्मत ने ज़ोर मारा और आँटी ने अपनी बेटी को चुदवाने में मेरी मदद करते हुए सोना को बाहर आने को कहा। वाह मां हो तो ऐसी।

अब हम अन्दर गये और मैंने अन्दर से दरवाजा बंद कर लिया और हम दोनों बेड पर बैठ गये।

मोना ने किताब खोली और कुछ पूछ्ने लगी पर मैंने ध्यान ना देते हुए उसके कान में कहा – मोना, आज तुम बहुत सेक्सी लग रही हो और जल्दी से उसके गाल पर एक किस कर दिया।

दोनों तरफ कुछ देर के लिए एक खामोशी छा गई।

फिर धीरे से मैंने उससे कहा कि वो मुझे बहुत अच्छी लगती है।

कुछ देर की खामोशी के बाद मोना बोली – आप भी मुझे बहुत अच्छे लगते हो!!!

अब मैंने देर करना ठीक नहीं समझा और उसे अपनी तरफ खींच लिया और उसके चेहरे को अपने हाथों से पकडा और उसके होठों पर अपने होंठ रख दिये… …

क्या अहसास था, यार वो!!

मैं उसके मुलायम होंठ चूसने लगा और चूसते-चूसते अपनी जीभ उसके मुँह में दे दी और उसकी जीभ चाटने और चूसने लगा।

ना जाने फिर क्या हुआ और उसने अचानक ही मुझे धक्का दिया और कहा – आज नहीं, माँ हैं घर पर।

अब आदमी ऐसी झान्टू किस्मत का क्या करें?

खैर, कहानी अगले भाग में जारी रहेगी।

जल्द ही मिलेंगें।

आप सबको मेरी कहानी कैसी लगी? मुझे मेल करके ज़रूर बताएं।