दोस्त के साथ मम्मी की दूसरी सुहागरात
मैं तुम्हें बताऊंगा कि मेरा दोस्त मेरे माँ के साथ सुहागरात कैसे मनाया। यह मेरी मम्मी की एक सच्ची कहानी है।
मेरे परिवार में 5 लोग हैं – मैं, पिताजी, मां, दादा और दादी। मेरी उम्र 19 वर्ष है, पिताजी की उम्र 40 साल और माँ की उम्र 35 साल है।
मेरी माँ का रंग गोरा है और वह बहुत सेक्सी लगती हैं। उनका फिगर भी अच्छा है, न तो वे बहुत मोटी हैं और न ही बहुत पतली।
मैं सीधे कहानी पर आता हूँ। हम एक गाँव में रहते हैं, वहाँ मैंने 10वीं तक पढ़ाई की थी और अब मैं 12वीं पास करके शहर जाने वाला था।
मैंने वहाँ एडमिशन ले लिया और मेरे लिए रहने के लिए कमरा भी ले लिया। मुझसे वहाँ रहने में एक महीना हो गया था, मेरे दोस्त भी बन चुके थे।
फिर पिताजी ने मुझे फोन किया और बताया कि उनके दोस्त का बेटा सुमित जो 8वीं में पढ़ता है वह भी मेरे साथ रहेगा।
मैंने कहा ठीक है।
फिर हम दोनों के लिए टिफ़िन महंगा हो रहा था, तो पिताजी ने कहा कि मां भी आपके साथ रहेंगी।
फिर हमें एक नया अलग हिस्सा दिखाया गया और हम वहाँ रहने लगे। मेरे 3 सबसे अच्छे दोस्त थे, उनमें से एक मेरा बेस्ट फ्रेंड था जिसका नाम कमल था।
वह बहुत हैंडसम और हॉट था। मैं उसके साथ बाइक पर कोचिंग जाता था। मेरे तीनों दोस्त थोड़े बिगड़े हुए थे। वे हमेशा चुदाई की बातें करते थे। पहले मुझे अजीब लगता था लेकिन कुछ दिन बाद मुझे भी मज़ा आने लगा।
हम साथ में पॉर्न वीडियो देखते, सेक्स स्टोरी भी पढ़ते। हमें अंटियों की चुदाई की कहानियां बहुत पसंद थीं।
एक दिन कमल मेरे घर आया, तो वह मेरी माँ को देखकर रह गया। किसी तरह उसने कंट्रोल किया और बैठ गया। मैंने ये सब नोटिस कर लिया था।
मेरी माँ उस दिन साड़ी पहने हुए थी, उसमें वह बहुत सेक्सी लग रही थी। उस दिन के बाद से मैं भी माँ को बुरी नज़र से देखने लगा।
मैंने कई बार माँ को नहाते देखा था। अब मैं माँ का नाम भी मुठ में मारता था। मैं तो अब माँ को चोदना चाहता था।
एक दिन कमल ने मुझे कहा – यार नवीन, अगर एक बात कहूं तो बुरा मत मानना?
मैं – नहीं यार बोले।
कमल – यार तेरी माँ क्या माल लगती है।
यह कहकर वह थोड़ा डर गया।
मैं – एक मुस्कान देते हुए, सच!
कमल – तुझे बुरा नहीं लगा?
मैंने कहा – नहीं मैं खुद माँ को नहाते देखता हूँ और उसे चोदना चाहता हूँ।
कमल – तुम तो बड़ा कमिना निकला यार।
फिर कमल ने कहा – मैं भी तेरी माँ को चोदना चाहता हूँ।
लेकिन मैंने कहा – यह संभव नहीं है, माँ बहुत धार्मिक हैं और सुमित भी हमारे साथ रहता है।
कमल – वो तुम सब मुझे छोड़ दो।
मैंने कहा – ठीक है।
उस दिन के बाद से कमल का मेरे घर पर आना-जाना बढ़ गया। वह मेरी माँ के साथ बिलकुल फ्रैंक हो गया था और माँ भी।
अब जब भी माँ को कोई काम होता और मैं नहीं होता तो वह कमल को बुला लेती। अब तो माँ शॉपिंग पर भी कमल के साथ जाती थी।
एक दिन कमल ने मुझे बुलाया और कहा कि तेरी माँ को मैंने समझ लिया है। लेकिन मुझे विश्वास नहीं हुआ।
उसने कहा कि मैं तेरी माँ को चोद भी चुका हूँ कई बार। लेकिन फिर भी मुझे विश्वास नहीं हुआ।
तो उसने माँ को फोन किया और कहा – कैसी हो जानें?
माँ ने भी कहा – जिसके पास तुम हो वो तो अच्छी ही होगी।
फिर माँ ने कहा – अभी मैं व्यस्त हूँ, बाद में बात करते हैं डार्लिंग।
कमल – ठीक है, बेबी।
तब मुझे विश्वास हुआ।
फिर कमल ने कहा – अब मैं और तेरी माँ सुहागरात मनाने वाले हैं।
मैं – क्या?
कमल – हाँ।
मैं – कब? और माँ राजी कैसे हुई?
कमल – तेरे पिता तेरी माँ को नहीं चोदते हैं। तो कई सालों से उनकी चुदाई अधूरी थी। कुछ दिन बाद मेरे चचेरे भाई की शादी है। मैं उसमें तुम तीनों को इनवाइट करूंगा। फिर तुम तीनों को घर चोदने का बहाना करके तुम्हारे घर आऊंगा और फिर तेरी माँ के साथ सुहागरात मनाऊंगा।
मैं – लेकिन वहाँ मैं और सुमित भी होंगे।
कमल – उसकी भी प्लानिंग कर रखी थी। मैं तुम दोनों को उस दिन नींद की गोली दूंगा। लेकिन फिर मैंने सोचा कि तुम्हें भी अपनी माँ को चोदना है, तो मैं उस दिन तुम्हें नींद की गोली नहीं दूंगा ताकि तुम अपनी माँ की चुदाई देख ले और उसे ब्लैकमेल करके चोद दे।
मैं – क्या मास्टर प्लान है तेरा। क्या माँ को पता है?
कमल – हाँ, तेरी माँ ने कहा है कि वह दुल्हन की तरह तैयार होगी।
फिर जब मैं घर गया तो मैंने देखा कि माँ मेहँदी लगा रही थी।
मैंने पूछा – माँ ये मेहँदी क्यों लगा रही हो?
माँ – तेरे दोस्त की कजिन की शादी है ना।
मैं – लेकिन माँ तुमने तो बिलकुल दुल्हन की तरह मेहँदी लगाई है।
माँ – हंसते हुए, मेरा भी मन था इसलिए लगा लिया।
मैंने मन में सोचा – माँ आज सुहागरात मनाने के लिए फुल मूड में हैं।
उस रात मैंने देशी कहानी पर बहुत सी मम्मी सेक्स स्टोरी पढ़ी और मुठ मारकर सो गया।
शादी का दिन:
मैं – माँ जल्दी करो, लेट हो जाएंगे।
माँ – आ रही हूँ।
जब माँ तैयार होकर बाहर निकली तो बिलकुल दुल्हन की तरह लग रही थी।
मैं (मन में ही) – माँ जी करना है आपको यहीं चोद दूं।
फिर हम तीनों शादी में चले गए।
वहाँ हमने कमल को मिला, उसने हमारा स्वागत किया। और धीरे से माँ के कान में कहा – आज तो बिलकुल रानी लग रही हो मेरी जान।
माँ – आखिर आज मेरी दूसरी सुहागरात जो है।
फिर वे दोनों हंस दिए।
हमने शादी का आनंद लिया और फिर कमल ने कहा कि वह हमें घर छोड़ देगा।
हम घर पहुँच गए थे। माँ पानी लेने के लिए बाहर चली गई, फिर माँ ने कमल को आवाज दी।
माँ – कमल, जरा आना तो।
मैं समझ गया था कि माँ ने नींद की गोली के लिए बुलाया होगा।
फिर कमल बाहर दो गिलास लाया और मुझे और सुमित को दिया।
कमल मेरे कान में बोला – तेरे गिलास में नींद की गोली नहीं है, तुम बस कुछ देर सोने का नाटक कर लो।
मैं – ठीक है।
कुछ देर के बाद कमल सर दर्द का बहाना कराने लगा। तो हमने कहा कि रात यहीं रह जाओ।
फिर सुमित को नींद आने लगी। मैं और कमल समझ गए थे कि गोली का असर शुरू हो गया है। उसके बाद मैंने भी सोने का नाटक किया।
20 मिनट की चुदाई के बाद दोनों थक गए। इतने में मैं अंदर चला गया। मुझे देखकर माँ चौंक गई।
माँ – नवीन। (डरते हुए)
मैं – माँ ये क्या कर रही हो?
माँ – वो वो बेटा sorry।
मैं – मैं ये सब पिताजी को बताऊंगा।
माँ – नहीं बेटा कृपया उनको मत बताना तुम जो बोलेगी मैं करूंगी।
मैं – सच!
माँ – हाँ।
मैं – तो माँ मुझे भी आपको चोदना है।
माँ – क्या?? नहीं बेटा मैं तुम्हारी माँ हूँ।
मैं – sali randhi कमल से तो चुदाई लीजि हुई। मुझे पहले से ही सब पता था।
माँ ने कमल की और देखा तो उसने कहा – sorry darling, तेरा बेटा भी तुझे चोदना चाहता था।
कुछ देर में माँ मान गई।
उसके बाद मैंने और कमल ने पूरी रात माँ को चोदा। ऐसे कई दिनों तक चलता रहा।
अब जब भी मैं गाँव जाता हूँ तो माँ को जरूर चोदता हूँ। कमल भी कई बार मेरे साथ ही आता है और वो भी माँ को चोदता है।