बेटे ने सहला सहला कर कामुक किया फिर मैंने चुदवा ली
कई बार जिंदगी में कुछ ऐसा हो जाता है, जिसके बाद सिर्फ पछतावा हाथ लगता है। लेकिन उस रात जो हुआ, वो पछतावे से परे था—एक ऐसी आग थी, जो मेरे जिस्म में भड़क उठी और मुझे अपने ही बेटे के करीब ले गई। आज मैं आपको अपनी ये कहानी hotsexstory.xyz के जरिए सुनाने जा रही हूँ—कैसे मैंने अपने पेटीकोट और पैंटी को उतारा, अपने बेटे का लंड पकड़ा, उसे अपनी चूत में लिया और फिर गांड उठा-उठाकर चुदवाया। ये मेरी पहली कहानी है, क्योंकि पहले कभी मैंने ऐसा कुछ लिखा नहीं। लेकिन इस वेबसाइट की मैं भी उतनी ही बड़ी फैन हूँ, जितने आप। तो चलिए, पूरी कहानी सुनाती हूँ।
मेरा नाम सोनी है, और मेरा बेटा कमल है। मैं गाजियाबाद में रहती हूँ, जो दिल्ली के पास है। कमल जवान है, हॉट है, खूबसूरत है और अभी पढ़ाई कर रहा है। मेरे पति मुझे छोड़कर चले गए—किसी जवान लड़की के साथ भाग गए, जो उनसे उम्र में काफी छोटी थी। वो शख्स बड़ा चोदू था, लेकिन सच कहूँ तो मैं भी कम नहीं थी। शायद इसलिए उसे नया माल चाहिए था। और मैं? मैं तो औरत हूँ—मेरी भी अपनी सीमाएँ हैं। पति के जाने के बाद मैं अपनी चूत को सहलाकर ही गुजारा करती थी। लेकिन एक जवान औरत की भूख सिर्फ सहलाने से थोड़े ही शांत होती है—उसे लंड चाहिए। और एक विधवा को तो ये दर्द सबसे ज्यादा पता होता है।
जवानी में पति का साथ छूट जाए, तो जमाना भी बुरी नजर से देखता है। हर शख्स आपके ब्लाउज की ओर ताकता है, लेकिन अगर कदम डगमगा जाए, तो बदनामी का डर सताता है। इसलिए सभ्य समाज में रहने के लिए बहुत कुछ नजरअंदाज करना पड़ता है। लेकिन उस रात मैंने सारी हदें पार कर दीं।
कहानी की शुरुआत
कल रात की बात है। खाना खाने के बाद हम दोनों एक ही कमरे में सोते हैं, अलग-अलग बिस्तरों पर। अचानक मुझे पुरानी यादें ताजा हो गईं—मायके में माँ के पास कैसे खुश रहती थी, फिर ससुराल आई, पति का साथ कुछ दिन मिला और फिर वो भी छूट गया। अब बस एक बेटा है—जो जवान हो गया है। कुछ सालों में उसकी भी शादी हो जाएगी, फिर मैं अकेली पड़ जाऊँगी। मेरी देखभाल कौन करेगा? मुझसे प्यार भरी बातें कौन करेगा? ये सब सोचते-सोचते मेरी आँखें भर आईं और मैं रोने लगी।
कमल मुझे रोता देख मेरे पास आया। वो मेरे बिस्तर पर बैठ गया और वजह पूछने लगा। मैंने उसे सब बता दिया—अपने डर, अपनी उदासी। उसने कहा, “माँ, मैं आपको कभी नहीं छोड़ूँगा। आपको कभी दुखी नहीं होने दूँगा, ये मेरा वादा है।” फिर वो मेरे पास ही लेट गया और मेरे बालों को सहलाने लगा। उसका प्यार भरा स्पर्श मुझे सुकून देने लगा। मैं चुप हो गई, लेकिन उसका हाथ रुका नहीं। वो मेरे बालों से लेकर मेरे चेहरे को छूने लगा—मेरे होंठ, मेरे कान, मेरी गर्दन। मुझे अच्छा लग रहा था, इसलिए मैंने उसे रोका नहीं। मैं थोड़ा फैलकर लेट गई, ताकि वो मुझे और बेहतर तरीके से छू सके।
धीरे-धीरे उसका हाथ मेरे कंधों से नीचे सरकने लगा। उसकी साँसें तेज हो गईं, और मुझे भी गर्मी चढ़ने लगी। मुझे एहसास हुआ कि उसका लंड सख्त हो रहा था—वो मेरी कमर से टकरा रहा था। वो इसे छुपाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन नाकाम रहा। फिर अचानक उसका हाथ मेरी चूची पर आ टिका। पहले तो वो रुका, लेकिन दो मिनट बाद उसने धीरे-धीरे सहलाना शुरू कर दिया। मेरे जिस्म में आग लग गई। उसका हाथ मेरे पेट पर फिसला, मेरी नाभि में उंगलियाँ डालने लगा। मेरी चूत गीली हो गई, मेरा मुँह सूखने लगा, और मैं अंगड़ाइयाँ लेने लगी।
वासना की आग
हम एक-दूसरे को निहार रहे थे। तभी उसका हाथ मेरी कमर के नीचे सरक गया और साड़ी के ऊपर से ही मेरी चूत को सहलाने लगा। मेरे जिस्म में करंट दौड़ गया। मैं खुद को रोक न सकी। मैंने फटाफट अपने ब्लाउज के हुक खोले, ब्रा उतारी, अपनी बड़ी-बड़ी चूचियों को आजाद किया। पेटीकोट का नाड़ा खींचा, पैंटी उतारी और अपने बेटे के ऊपर चढ़ गई।
पहले मैंने उसे खूब चूमा—उसके होंठों को दाँतों से दबाया, उसके गाल, उसकी गर्दन, उसके माथे को जीभ से चाटा। उसने अपना पजामा और जांघिया नीचे सरकाया। फिर उसने मेरी चूचियों को अपने हाथों में लिया और मसलने लगा। मेरे निप्पल को उंगलियों से रगड़ा, जिससे मेरी बेचैनी और बढ़ गई। मेरी चूत से पानी टपकने लगा। मैंने उसके हाथों में अपने हाथ फँसाए और अपने जिस्म को उसके ऊपर रगड़ने लगी। उसकी मुँह से “आह… आह…” की आवाजें निकलने लगीं, और मैं सिसकारियाँ भरने लगी।
अब रिश्तों की परवाह नहीं थी। वो मेरा बेटा था, लेकिन उस पल वो सिर्फ एक जवान जिस्म था—हॉट, खूबसूरत और मेरी वासना को शांत करने वाला। मैंने उसका लंड पकड़ा, अपने मुँह में लिया और चूसने लगी। बहुत दिनों बाद मुझे ऐसा सख्त, मोटा लंड चूसने को मिला था—मेरे पति से दोगुना बड़ा। पहले मैंने उसे जोश से चूसा, फिर उसकी गांड को जीभ से चाटा। इसके बाद मैंने अपनी चूचियाँ उसके मुँह में दे दीं। वो मेरे निप्पल को चूसने लगा, दाँतों से हल्के-हल्के काटने लगा। मेरी चूत से पानी बहने लगा।
मैंने उसका लंड पकड़ा, अपनी चूत के छेद पर रखा और जोर से दबाया। चूत पहले से गीली थी, तो पूरा लंड एक झटके में अंदर चला गया। मैं गांड उठा-उठाकर धक्के देने लगी। उसके होंठ चूसते हुए, उसकी छाती को सहलाते हुए, मैं उसे चोद रही थी। कभी वो मेरी जीभ चूसता, कभी मैं उसकी। हम एक-दूसरे को जापानी प्रेमियों की तरह चूम रहे थे।
उल्टा खेल
मेरा पति मुझे ऊपर चढ़कर चोदता था, लेकिन आज मैं अपने बेटे को नीचे लिटाकर ऊपर से धक्के दे रही थी। वो नीचे से अपनी गांड घुमाकर जवाब दे रहा था। फिर उसने मुझे घोड़ी बनाया और पीछे से अपनी लंड मेरी चूत में डाल दिया। मेरी गांड को फैलाते हुए वो धक्के मार रहा था। मेरी चूचियाँ आगे-पीछे हिल रही थीं, मेरा पूरा बदन थरथरा रहा था। वो कहने लगा, “तू मेरी माँ नहीं, मेरी रंडी है, मेरी बीवी है। मैं शादी नहीं करूँगा, तेरे साथ ही रहूँगा। तू इतनी हॉट है कि कोई जवान लड़की भी तेरे आगे फीकी है।”
मैं चुप थी—बस सुन रही थी और मजे ले रही थी। हम डेढ़ घंटे तक एक-दूसरे को चोदते रहे। मैं दो बार झड़ चुकी थी। जब वो झड़ने वाला था, मैंने कहा, “अपना वीर्य मेरी चूत में मत गिराना, मैं पी लूँगी।” उसने लंड निकाला और मेरे मुँह में डाल दिया। मैंने उसका सारा माल पी लिया और उसके लंड को चाटकर साफ कर दिया।
नया रिश्ता
उस रात के बाद हम पति-पत्नी की तरह रहने लगे। एक-दूसरे का ख्याल रखते हैं, साथ सोते हैं। उम्मीद है आपको मेरी ये कहानी hotsexstory.xyz पर सेक्सी और हॉट लगी होगी। जल्द ही दूसरी कहानी लेकर आऊँगी। तब तक के लिए धन्यवाद!