मेरी सेक्सी गर्लफ्रेंड को रिंग देके चूत चुदाई की
कोलकाता के अर्जुन की सच्ची सेक्स कहानी, जिसमें उसकी सेक्सी गर्लफ्रेंड नेहा के साथ जुनून भरी रात की सारी हदें पार हो गईं। गिफ्ट के लालच में शुरू हुई यह चुदाई कहानी आपको रोमांच और उत्तेजना से भर देगी। पढ़ें और रात को गर्म करें!
मेरा नाम अर्जुन है, और मैं कोलकाता का रहने वाला हूँ। 25 साल का हूँ, 5 फुट 8 इंच की हाइट के साथ एक गठीला बदन मेरा गर्व है। मेरा रंग सांवला है, लेकिन मेरा चेहरा ऐसा है कि लड़कियाँ एक बार देखें तो नजरें हटा न पाएँ। अभी मैं जॉब की तलाश में हूँ, पर मेरे पास वक्त और शौक दोनों हैं—खासकर चुदाई की कहानियों का। इन कहानियों को पढ़ना मेरे लिए नशे जैसा है, जो कभी उतरता ही नहीं। आज मैंने सोचा कि अपनी एक सच्ची कहानी आप सबके सामने पेश करूँ—एक ऐसी कहानी जो मेरे दिल और जिस्म दोनों की गहराइयों से निकली है। ये मेरी पहली कहानी है, और मैं उम्मीद करता हूँ कि ये आपका मनोरंजन करेगी और आपकी रातों को और गर्म बना देगी। तो चलिए, बिना वक्त गँवाए, उस दिन की बात शुरू करता हूँ जब मेरी सेक्सी गर्लफ्रेंड मेरे घर आई और हमने जुनून की सारी हदें पार कर दीं।
ये बात तब की है जब मैं कॉलेज में था। मेरे घर में मम्मी-पापा हैं; दीदी की शादी हो चुकी है। पापा एक बिल्डर हैं, अमिताभ नाम है उनका, और मम्मी रश्मि एक स्कूल की प्रिंसिपल हैं। हमारा खानदान रईस है, तो जाहिर है कि मुझे कभी किसी चीज की कमी नहीं हुई। बस एक जिद है मेरी—मैं अपनी मेहनत से नौकरी करना चाहता हूँ, पापा के नाम का सहारा नहीं लेना चाहता। शायद इसलिए अभी तक जॉब की तलाश जारी है। लेकिन दोस्तों, जॉब की तलाश के बीच मैंने अपनी जिंदगी को बोरिंग नहीं होने दिया। मैंने न जाने कितनी लड़कियों को महंगे गिफ्ट्स देकर अपने प्यार के जाल में फँसाया और उनके साथ रातें रंगीन कीं। मेरी एक खास दोस्त है, करिश्मा—नाम की तरह ही उसकी खूबसूरती और फिगर भी करिश्माई है। वो मेरे लिए लड़कियाँ ढूँढती थी, और हाँ, उसे भी मैंने कई बार चखा है। उसकी गोरी चमड़ी, भरे हुए होंठ, और 34-28-36 का फिगर किसी को भी पागल कर दे।
एक दिन की बात है, मम्मी-पापा खाना खाते वक्त बात कर रहे थे। पापा बोले, “कल मुझे दुबई जाना है,” और मम्मी ने कहा, “मुझे स्कूल की मीटिंग में जाना है।” अगले दिन सुबह होते ही मम्मी मीटिंग के लिए निकल गईं, और पापा दुबई के लिए उड़ान भर चुके थे। घर में मैं अकेला था, और मेरे दिमाग में शरारत कुलबुलाने लगी। मैंने सोचा, क्यों न आज कुछ मस्ती हो जाए? मैंने अपनी एक दोस्त को फोन घुमाया—नाम था उसका नेहा। उसकी आवाज में ही एक नशा था, और उसका बदन तो मानो तराशा हुआ था। मैंने कहा, “नेहा, आज घर में कोई नहीं है, तू आ जा।” उसने हँसते हुए कहा, “अर्जुन, अभी तो मैं मम्मी के साथ शॉपिंग पर हूँ, थोड़ा टाइम लगेगा।” मैंने पूछा, “कितना टाइम?” उसने जवाब दिया, “आधा घंटा तो मान ले।” मैंने कहा, “कोई बात नहीं, मेरे पास दो घंटे हैं, तू आ जा। मैं तेरे लिए एक खास गिफ्ट तैयार रखता हूँ।” मुझे पता था, लड़कियों को गिफ्ट का लालच दे दो, फिर वो कुछ भी करने को तैयार हो जाती हैं। उसने “ओके” कहा, और मैं इंतजार में डूब गया।
बीस मिनट बाद ही मेरा फोन बजा। नेहा थी। “अबे, मैं तेरे घर के सामने खड़ी हूँ, कितनी बार दरवाजा खटखटाया, तू खोलता ही नहीं!” मैंने हँसते हुए सॉरी कहा और दौड़कर दरवाजा खोला। वो अंदर आई—लाल टॉप और टाइट जीन्स में उसकी कर्व्स मानो आग लगा रही थीं। वो आगे-आगे चल रही थी, और उसकी गोल, उभरी हुई गांड को देखकर मैं खुद को रोक न सका। मैंने हल्के से उसकी गांड पर थप्पड़ मारा। वो पलटी, आँखें तरेरते हुए बोली, “अबे, रुक जा, पहले मेरा गिफ्ट दे!” मैंने जेब से एक चमचमाती अंगूठी निकाली और उसके हाथ में थमा दी। उसकी आँखों में चमक आ गई, और वो खुशी से मेरे गले लग गई। मैंने उसे अपनी बाँहों में कस लिया, उसकी कमर को सहलाते हुए उसकी गर्म साँसों को अपने चेहरे पर महसूस किया। उसकी खुशबू—हल्की सी परफ्यूम और उसकी अपनी मादक गंध—मुझे मदहोश कर रही थी।
फिर मैंने अपने होंठ उसके रसीले होंठों से मिला दिए। उसका मुँह खुला, और मैंने उसके होंठों को चूसना शुरू कर दिया। वो भी पीछे नहीं रही—मेरे होंठों को ऐसे चूस रही थी जैसे कोई प्यासा पानी पीता हो। मेरे हाथ उसके भरे हुए दूध पर चले गए, और मैं उन्हें ब्रा के ऊपर से ही मसलने लगा। उसकी साँसें तेज हो गईं, और वो मेरे बालों में उंगलियाँ फिराते हुए मेरे होंठों को और जोर से चूसने लगी। हम दस मिनट तक एक-दूसरे के होंठों में खोए रहे, जैसे दुनिया में बस हम ही हों। फिर मैंने उसका टॉप उतारा—लाल ब्रा में उसके गोरे दूध उभरकर सामने आए। मैंने ब्रा के ऊपर से ही उन्हें दबाया, और उसके मुँह से सिसकारियाँ निकल पड़ीं—आह्ह… ऊंह… ऊम्म्ह…। मैंने उसकी ब्रा खींचकर उतार दी, और उसके गुलाबी निप्पल मेरे सामने थे। मैंने एक को मुँह में लिया और चूसने लगा, जीभ से उसे चाटते हुए दूसरा दूध जोर-जोर से दबाने लगा। वो सिसकारियाँ ले रही थी—आह्ह… ऊंह… ऊम्म्ह…—और उसकी आवाज मेरे अंदर की आग को और भड़का रही थी। मेरा एक हाथ उसकी जीन्स के ऊपर से उसकी चूत को सहलाने लगा, और वो तड़प उठी।
मैंने उसकी जीन्स खींचकर उतार दी, और फिर उसकी काली पैंटी को अपने दाँतों से पकड़कर नीचे सरका दिया। अब वो मेरे सामने पूरी नंगी थी—उसकी गोरी टाँगें, उसकी गीली चूत, और उसका काँपता हुआ बदन। मैंने उसकी टाँगें चौड़ी कीं और उसकी चूत पर अपनी जीभ फेर दी। उसका स्वाद नमकीन और मादक था। मैंने जीभ अंदर डाली, चूत के दाने को चूसा, और वो चीख पड़ी—आह्ह… ऊंह… ऊम्म्ह…। वो अपने दूध खुद दबाने लगी, और मैं उसकी चूत को चाटते हुए उसे तड़पाता रहा। उसने मेरे सिर को अपनी चूत पर दबाया, और मैंने उसे और गहराई से चूसा। फिर मैंने अपनी शर्ट और जीन्स उतारी, अंडरवियर के साथ मेरा लंड बाहर आया—8 इंच का, सख्त और गर्म। वो उठी, मेरे लंड को हाथ में लिया, और अपनी जीभ से चाटने लगी। मेरे मुँह से सिसकारियाँ निकल पड़ीं—आह्ह… ऊंह… ऊम्म्ह…। वो मेरे लंड के सुपाड़े को चूस रही थी, फिर उसे पूरा मुँह में लेकर आगे-पीछे करने लगी। मैंने उसके मुँह को धक्के मारे, और वो मेरे लंड को गले तक लेती रही। फिर उसने मेरी बेरियाँ चूसीं, और मैं पागल हो गया।
मेरा लंड अब फटने को तैयार था। मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया, उसकी टाँगें अपने कंधों पर रखीं, और एक जोरदार धक्के में अपना लंड उसकी चूत में पेल दिया। वो चीखी—आह्ह… ऊंह… ऊम्म्ह…—और मैं उसे जोर-जोर से चोदने लगा। उसकी चूत गीली और टाइट थी, और हर धक्के के साथ उसका बदन काँप रहा था। वो अपने निप्पल मसल रही थी, और मैं उसकी चूत को रगड़ते हुए उसे चोद रहा था। मैंने स्पीड बढ़ाई, धक्के और तेज किए, और वो अपनी गांड उठा-उठाकर मेरा साथ देने लगी। कमरा हमारी सिसकारियों से गूँज रहा था—आह्ह… ऊंह… ऊम्म्ह…। आधे घंटे की चुदाई के बाद मैं झड़ने वाला था। मैंने लंड बाहर निकाला और उसकी चूत के ऊपर अपना गर्म वीर्य छोड़ दिया। वो हाँफ रही थी, और मैं उसके बगल में लेट गया। हम दोनों की साँसें अभी भी तेज थीं, और कमरे में हमारी जुनून की गर्मी बरकरार थी।