दो भाइयों और कुसुम भाभी की गोल गाँड वाली सेक्स स्टोरी
औरंगाबाद के 21 साल के अभी की सच्ची सेक्स स्टोरी, जिसमें पड़ोस की 26 साल की कुसुम भाभी और उसके बड़े भाई निखिल के साथ हॉट चुदाई का जिक्र है। गोल गाँड वाली भाभी के साथ फोन सेक्स से लेकर असली चुदाई तक की कहानी, जिसमें दो भाइयों ने भाभी को जमकर पेला।
दोस्तों, मेरा नाम अभी है और मैं औरंगाबाद से हूँ। इस कहानी के तीन किरदार हैं – मैं, कुसुम भाभी और मेरा बड़ा भाई निखिल। कुसुम भाभी हमारी पड़ोसन है, जिसकी गोल गाँड और उभरती जवानी ने सबको हैरान कर रखा है। उसके पति का नाम भूपेन है, जो शहर में लोहे का कारखाना चलाता है। वो वहाँ फैक्ट्री संभालता है और यहाँ उसकी बीवी चुदाई की पाठशाला चला रही है। कुसुम भाभी अभी जवान है, लगभग 26 साल की होगी। मेरे बड़े भाई निखिल शादीशुदा हैं और मेरी सगी भाभी का नाम रूपा है। पता नहीं इतनी हसीन भाभी के होते हुए भी निखिल भैया इस चुदक्कड़ भाभी के चक्कर में कैसे पड़ गए। शायद कुसुम भाभी की गोल गाँड ने उन्हें अपनी ओर खींच लिया। मैं 21 साल का हूँ और डेंटल की पढ़ाई कर रहा हूँ। ये बात तब की है जब मैं छुट्टियों में घर आया था। मैंने कुसुम भाभी को 10 दिन लाइन दी और 11वें दिन उन्हें अपना मोबाइल नंबर भेज दिया।
मुझे लगा कि अगर भाभी कॉल करेंगी तो ठीक, वरना चुदाई का दूसरा जुगाड़ देखना पड़ेगा। कॉलेज में तो मेरे लिए चूत सेट है। मेरी मणिपुरी गर्लफ्रेंड तृषा की चूत से मैं खुश हूँ। कुसुम भाभी तो बस छुट्टियों का टाइमपास थी। भाभी के साथ मोबाइल पर प्यार-मुहब्बत और इश्कबाजी की बातें होने लगीं। धीरे-धीरे मैं उन्हें हॉट टॉपिक्स पर भी ले गया। मैं उनकी गोल गाँड की खूब तारीफ करता था, साथ में उनके बड़े बूब्स और भीगे होंठों की भी। कुसुम भाभी बड़ी चुदासी हो गई थीं और मैं उन पर मिलने का प्रेशर डाल रहा था। वो हर बार अपने पति का डर बताकर बात टालने की कोशिश करती थीं। दोपहर में वो मुझे अक्सर फोन सेक्स का मजा देती थीं। मैं उनकी चूत और गोल गाँड को फोन पर ही चोदता था। भाभी भी ऐसे मोनिंग करती थीं जैसे सच में उनकी गोल गाँड में लंड लिया हो। मैं चड्डी में ही मुठ मारकर वीर्य निकाल देता था।
फिर एक दिन मेरी किस्मत जागी। कुसुम भाभी ने दोपहर डेढ़ बजे कॉल किया और कहा, “घर आ जाओ।” मैं समझ गया कि आज सच में चूत और गोल गाँड मिलने वाली है। मैं फटाफट पीछे के रास्ते से उनके घर में घुस गया। कुसुम भाभी ढीली नाइटी पहने वहीं खड़ी थीं। मुझे देखकर वो हँस पड़ीं और बोलीं, “आओ अभी, सोरी, काफी दिनों से कुछ नहीं कर पाई मैं।” मैं भाभी के पास गया और देखा कि उनके बूब्स उछल रहे थे। मतलब नाइटी के नीचे ब्रा नहीं थी। और जब ब्रा नहीं थी तो पैंटी के चांस भी कम ही थे। मैं भाभी को ऊपर से नीचे तक देखने लगा और बोला, “सच में भाभी, आप पास से भी बड़ी सेक्सी लगती हो।” कुसुम भाभी हँस पड़ीं। मैंने कहा, “भाभी, एक बार आपकी पूरी बॉडी देखना चाहता हूँ, प्लीज धीरे-धीरे घूमिए।”
भाभी को जैसे बस कहने की देर थी। वो घूमीं और अपनी गोल गाँड मेरे सामने निकालकर खड़ी हो गईं। फिर वो अपनी गाँड हिलाने लगीं। उनके सेक्सी ठुमकों से मैं उत्तेजित हो रहा था। मेरा लंड पैंट में ही उछल रहा था। मैंने ज़िप खोली और लंड को खुली हवा में ले आया। भाभी ने मेरा लंड देखा और हँस पड़ीं। मैं समझ गया कि ये चुदासी भाभी है और इसका मतलब का सामान अब बाहर आ गया था। भाभी ने गाँड हिलाना बंद किया और मेरे करीब आईं। मैंने अपना हाथ उनके सेक्सी बूब्स पर रखा और दबाने लगा। भाभी के मुँह से “आह” निकली। उन्होंने मुझे पकड़कर अपनी ओर खींच लिया। मैंने उनके दोनों बूब्स हाथ में दबा लिए और जोर-जोर से प्रेस करने लगा। भाभी बड़ी चुदासी हो गई थीं और सिसकियाँ लेने लगीं। तभी उनका हाथ मेरे लंड पर आया और उन्होंने उसे पकड़ लिया। जैसे कार का गियर हिलाते हैं, वैसे ही भाभी मेरे लंड को हिलाने और घुमाने लगीं। मुझे सच में बड़ा मजा आ रहा था।
कुसुम भाभी अब लंड को बड़े प्यार से सहला रही थीं। मैंने उनके कान के नीचे अपने होंठ लगाए और हल्की सी किस दी। भाभी की सिसकी निकली और उन्होंने लंड को जोर से दबा दिया। मैं अब दिल से चाहता था कि ये हॉट गोल गाँड वाली भाभी मेरा लंड चूस दे। शायद भाभी मन पढ़ना जानती थीं, क्योंकि तभी वो घुटनों पर बैठ गईं और मेरा लंड उनके मुँह के सामने था। भाभी ने लंड के सुपाड़े को किस किया। सब कुछ वैसा ही लग रहा था जैसा हम फोन सेक्स में करते थे। भाभी ने एक और किस दी और फिर मुँह खोलकर सुपाड़े को अंदर ले लिया। जैसे कोई आइसक्रीम चूस रहा हो, वैसे ही भाभी मेरा लंड चूसने लगीं। मैं उत्तेजना के चरम पर था। भाभी ने अपने हाथ मेरी गाँड पर रखे और लंड को अपने मुँह में चलाने लगीं।
मुझे भाभी के इस मस्त लंड चूसने से बड़ा मजा आ रहा था। मैंने भी कमर हिलाकर लंड को उनके मुँह में अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया। तभी भाभी ने खिड़की की ओर देखा और मेरा लंड मुँह से बाहर निकाल दिया। मेरी नजर खिड़की पर गई तो मेरी गाँड फट गई। निखिल भैया वहाँ खड़े थे और मुझे और इस गोल गाँड वाली भाभी को देख रहे थे।
निखिल भैया को देखकर मेरी हालत खराब हो गई। मुझे लगा कि शायद उन्होंने मुझे यहाँ आते देख लिया होगा और अब तक सब देख चुके होंगे। लेकिन भाभी को निखिल भैया को देखकर कोई फर्क नहीं पड़ा। वो आराम से वहीं बैठी रहीं और फिर जो कहा, उससे मेरी हिम्मत खुल गई।
कुसुम भाभी: “क्या बात है निखिल, आज ऐसे ही आ गए, बिना कॉल किए?”
निखिल भैया कुछ नहीं बोले, लेकिन मैं समझ गया कि ये हॉट भाभी को वो भी पेलते होंगे।
निखिल भैया और मुझे साँप सूँघ गया था। फिर उन्होंने भाभी की ओर देखकर कहा, “अरे, इतने छोटे लड़कों को क्यों फँसाती हो भाभी?”
“अरे, छोटा कहाँ है ये? इसका लंड तेरे से भी बड़ा है, देख तो। और आज सच में मेरा लकी डे है, तभी तो तुम भी आ गए। दोनों आ जाओ, मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं।”
निखिल भैया वहीं खड़े रहे और भाभी को घूरने लगे।
भाभी: “देख ले, तुझे रुकना है तो रुक, वरना जा।”
निखिल भैया मुझे घूर रहे थे, तो भाभी ने कहा: “देख, इसे कुछ किया तो तेरा सारा कच्चा चिट्ठा खोल दूँगी। आना है तो आजा हमारे साथ।”
निखिल भैया दो मिनट सोचते रहे और फिर भाभी के पास आ गए। कुसुम भाभी ने उनकी पैंट में हाथ डाला और उनका लंड बाहर निकाला। सच में मेरा लंड उनसे बड़ा था। भाभी फिर से मेरा लंड चूसने लगीं और निखिल भैया के लंड को सहलाने लगीं। निखिल भैया भाभी को देख रहे थे, जो मेरा लंड अपने गले तक भरकर चूस रही थीं। मैंने अपना हाथ भाभी के माथे पर रखा और उन्हें आगे-पीछे करने लगा, असली मजा लेने के लिए। भाभी लंड को जीभ से चाटतीं, फिर उसे खींच-खींचकर चूसतीं। पाँच मिनट तक वो मेरा लंड ऐसे ही चूसती रहीं और मुझे लंड में करंट के झटके लग रहे थे। भाभी का चूसने का स्टाइल इतना मस्त था कि मजा अनलिमिटेड था। मैंने सोचा कि अगर ऐसे ही चूसती रहीं तो मलाई अभी निकल जाएगी और चूत का मजा नहीं मिलेगा। ये सोचकर मैंने लंड उनके मुँह से निकाल लिया। भाभी ने अब निखिल भैया का लंड मुँह में लिया और उसे चूसने लगीं।
निखिल भैया का लंड चूसते हुए भाभी अपनी गाँड हिला रही थीं। मैंने धीरे से उनकी गाँड से कपड़े हटाए और पैंटी भी उतार फेंकी। भाभी लंड चूसने में इतनी मस्त थीं कि उन्होंने पीछे नहीं देखा। मैंने अपने लंड के सुपाड़े पर थूक लगाया और भाभी की चूत पर रख दिया। उनकी चूत की गर्मी और चिपचिपापन मुझे लंड पर महसूस हो रहा था। जैसे ही मैंने लंड थोड़ा अंदर डाला, भाभी की “आह” निकली। उन्होंने पहली बार पीछे मुड़कर देखा और हँसने लगीं। उनके होंठों पर निखिल भैया के लंड का प्रीकम लगा था। इस अदा में वो और भी सेक्सी लग रही थीं।
मैंने एक और झटका देकर लंड पूरा उनकी चूत में डाल दिया। भाभी की सिसकी निकली और वो अपनी गाँड मेरे लंड पर दबाने लगीं। मैंने दोनों हाथों से उनकी गाँड पकड़ी और लंड को चूत में पंप करने लगा। भाभी भी मस्ती में आ गईं और अपनी गाँड हिलाने लगीं। वो गाँड हिला रही थीं और मैं कमर हिलाकर लंड उनकी चूत में ठोक रहा था। निखिल भैया जमीन पर लेटे अपने लंड को चुसवा रहे थे और अपने छोटे भाई को बड़ा कमाल करते देख रहे थे।
मेरा लंड भाभी की चूत की गहराई को छू रहा था और मैं उसे और जोर-जोर से चोदता गया। निखिल भैया ने भाभी के बाल पकड़ लिए और उनके मुँह को जोर-जोर से चोदने लगे। जब वो मुँह में जोर से ठोकते थे, मेरा लंड चूत में और मस्त तरीके से अंदर-बाहर होता था। कुसुम भाभी “आह आह” करके दोनों भाइयों के लंड को मजा दे रही थीं। तभी निखिल भैया बेड से उठे और भाभी ने कुतिया वाला पोज ले लिया। निखिल भैया ने आगे से लंड मुँह में डाला और ठोकने लगे। मेरा लंड तो उनकी चूत से बाहर आया ही नहीं था।
अब मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ। मैंने लंड को जोर-जोर से भाभी की चूत में मारना शुरू किया। दूसरी ही मिनट में मेरा लंड वीर्य की पिचकारी छोड़ने लगा। भाभी ने चूत टाइट की और वीर्य को अंदर भर लिया। निखिल भैया सामने थे, फिर भी मैंने भाभी की गाँड पर जोर से मारा और कहा, “ले रंडी, ले मेरा पानी तेरी चूत में…!”
मैं भाभी के ऊपर निढाल हो गया। निखिल भैया ने अपना लंड उनके मुँह से निकाला और अब वो भाभी की चूत चोदने के लिए आगे बढ़े। मैंने पैंट पहनी और खड़ा हुआ। निखिल भैया ने मुझे इशारा करके बाहर जाने को कहा। शायद वो भाभी की चुदाई अकेले में करना चाहते थे। मैं वहाँ से निकला, लेकिन दरवाजे के पीछे से भाभी की चुदाई देखने लगा। हॉट भाभी को निखिल भैया से चुदते देखना भी बड़ा मजेदार था…!