चुदाई की कहानियाँ

रिया के साथ चुदाई की रात

मेरा नाम राज है मेरी उम्र 27 वर्ष है मेरी लम्बाई 5 फुट 6 इन्च है। अभी तो मेरी शादी हो गई है, लेकिन दोस्तों मैं सेक्स स्टोरीज़ का नियमित पाठक हूँ मैंने बहुत सारी कहानियां पढ़ी हैं इन्हीं से प्रेरणा लेकर मैंने सोचा कि एक अपनी कहानी आप लोगों से साझा करूँ।

पहली चाहत – Riya

तो सुनिए… बात उन दिनों की है जब मैं किसी भी लड़की को देखता था तो मन करता था कि पकड़ कर उसको चोद दूँ। लेकिन मैं बहुत ही शर्मीला लड़का था, मेरे अन्दर इतनी भी हिम्मत नहीं होती थी कि अगर कोई लड़की मुझसे प्रणय निवेदन करे, तो उसका प्रतिकार क्या करना चाहिए। खैर… ये सब बातें छोड़ो आपको अपनी एक कहानी बताता हूँ जो एकदम सच्ची है। बात अप्रैल 2012 की है, मेरे एक रिश्तेदार की लड़की जिसका नाम रिया है जिसको मैं बहुत लंबे समय से पसन्द करता था।

तब उसकी उम्र कमसिन ही रही होगी लेकिन कभी मैं उससे कुछ नहीं कह पाया। अब तो मेरी शादी भी हो गई थी। एक बार वो मेरे घर कानपुर आई, मैं शायद सब कुछ भूल चुका था लेकिन पता नहीं उसको देखने के बाद मुझे क्या हो गया और सोया हुआ प्यार जाग गया, मैंने उसके जिस्म को जब देखा तो पागल सा हो गया। क्या फिगर था, अभी भी उसकी मस्त जवानी लहलहा रही थी। क्या chuche, क्या gand और क्या रसीले होंठ… आह.. देखते ही चोदने का दिल करने लगा। उसका 32-30-32 का जिस्म देखकर मैं पागल हो गया था।

मौका मिला – Chudai की शुरुआत

मेरे घर पर वो गर्मी की छुट्टियाँ बिताने आई थी और मेरी पत्नी भी अपने पीहर गई हुई थी। तब तो मुझे लगा कि मेरी तो लाटरी निकल आई।

मैंने एक दिन रिया को बोला- यार तुम्हें देख कर मुझे कुछ हो जाता है।

तो उसने आँख मटका कर कहा- अपना इलाज कराओ।

तो मैंने कहा- तुम्हीं कर दो।

तो फिर वो कुछ ना बोली।

एक दिन हम टीवी देख रहे थे, घर पर सारे लोग अपने-अपने काम में मस्त थे। कमरे में सिर्फ़ मैं और वो ही थे, तभी टीवी पर एक बहुत ही रोमाँटिक सीन आया और मैंने उसे चुम्बन कर लिया।

तो वो बोली- राज ये क्या कर रहे हो… मैं सबको बता दूँगी।

मैं तो डर गया और उसने भी टीवी बंद करके बुरा सा चेहरा बना लिया। मैं बहाने से कुछ काम बता कर एक दोस्त के पास चला गया। मैंने सोचा कि यार ये क्या कर बैठा, उस दिन देर रात को घर लौट कर आया। मैंने सोचा कि आज तो गया, उसने सबको बता दिया होगा, आज तो सारी इज़्ज़त मिटटी में मिल गई।

रात का Romance

10.30 बजे रात को मैंने घर वालों से बोला- मुझे खाना नहीं खाना है, बाहर से खाकर आया हूँ। मैं यह कह कर जल्दी से अपने कमरे में सोने चला गया। उस समय मुझे शायद लगा कि उसने किसी को बताया नहीं है, तो फिर कुछ जान में जान आई। उसके थोड़ी देर बाद बाथरूम की तरफ किसी के जाने की आवाज़ आई तो मैंने सोचा शायद रिया होगी, चलो माफी मांग लेता हूँ।

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जब मैंने देखा तो मेरा अंदाज़ा बिल्कुल सही निकला, वही थी।

मैंने बोला- तुम मुझसे नाराज़ हो.. देखो हमारा रिश्ता भी है और मैं बहुत पहले से तुम्हें चाहता हूँ।

उसने हल्की सी मुस्कान लाते हुए कहा- ऐसी कोई बात नहीं.. मैं आपसे नाराज नहीं हूँ।

तो मैंने फिर से उसे पकड़ा और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और वो भी मेरा साथ देने लगी। फिर मैंने अपना हाथ उसके chuche पर रखा, तो पहले उसने विरोध किया लेकिन बाद में उसे भी मज़ा आने लगा।

तभी उसने बोला- कोई देख लेगा।

मैंने कहा- आज 12 बजे मेरे कमरे में आना, फिर आराम से बातें करेंगे।

वो बोली- ठीक है.. अभी तो जाने दो।

इंतज़ार और Wild मुलाकात

दोस्तो, इंतज़ार क्या होता है.. उसी दिन पता चला। बार-बार उसके होंठ, उसकी चूचियाँ मेरी नजरों के सामने नाच रही थीं। आज मेरा सपना पूरा होने वाला था। मैंने इससे पहले भी बहुत लड़कियों की chudai की थी लेकिन यह पहली लड़की थी जिसको मैं पाना चाहता था। इंतज़ार की घड़ी समाप्त हुई और वो मेरे कमरे में आ गई।

मैंने कहा- बैठो।

उसको देख कर मेरी आँखों में ‘जॉनी वॉकर रिज़र्व’ के 5 पैग से भी ज्यादा नशा हो गया था। रिया के आते ही मैंने उसके मादक होंठों को चूसना शुरू कर दिया। उसने सफेद रंग की चुस्त जीन्स और काला टॉप पहन रखा था। उसके गदराए हुए जिस्म को देख कर मैं बहक रहा था।

Chudai की शुरुआत

मैंने बिना देर करते ही उसका टॉप उतारना शुरू किया तो थोड़ा नारी-सुलभ विरोध का दिखावा करने लगी। मैं भी कहाँ मानने वाला था। टॉप ऊपर किया तो दूधिया chuche काली ब्रा से झाँक रहे थे।

मैं पहले तो उसके मम्मों को ऊपर से ही दबाता रहा, रिया की भी साँसें भी तेज हो रही थीं, उसकी धड़कन को मैं महसूस कर रहा था। तभी मैंने उसके संतरे जैसे chuche को ब्रा की क़ैद से आज़ाद कर दिया। मम्मों के आज़ाद होते ही मेरा 7.5 इंच का lund पागल होकर मेरा शॉर्ट फाड़ने को बेताब होने लगा। हाय.. क्या भूरे निप्पल थे.. मैं तो पागल सा हो गया और मैंने बिना देरी किए एक चूचे को मुँह में भर लिया और चूसने लगा। रिया को भी बहुत मज़ा आ रहा था और वो पागलों की तरह ‘आई लव यू राज आई लव यू..’ किए जा रही थी।

Lund और Chut का खेल

मैंने काफ़ी देर तक उसके chuche चूसने के बाद उसकी जीन्स उतारनी शुरू की। हाय.. क्या गोरी जाँघें थीं.. मालूम हो रही थीं कि कोई केले का तना हों। मैंने उसकी जाँघों पर हाथ फिराना शुरू किया और अपना हाथ उसकी पैन्टी में डाल दिया। उसके मुँह से एक सिसकारी निकल गई और वो ‘आ..आ…’ करने लगी।

फिर उसने मेरे शॉर्ट को अपने हाथ से निकाल दिया। अब मैं बिल्कुल नंगा होकर अपने 7.5 इन्च के शेर के साथ उसके सामने था। वो मेरा lund पकड़ कर ऊपर-नीचे कर रही थी और मज़े ले रही थी।

मैंने उससे कहा- डर तो नहीं लग रहा है?

तो बोली- जब प्यार किया तो डरना क्या..

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मुझे लगा शायद ये पहले भी lund खा चुकी है, फिर भी मैंने कुछ नहीं बोला और उसकी chut में उंगली डाल कर अन्दर-बाहर करने लगा। मेरी हरकतें उसे पागल करने लगीं। तभी मैं उसका सर पकड़ कर अपने lund के पास लाया और उसके होंठों पर रगड़ने लगा। मेरे lund को देखकर वो भी लौड़े को चूमते हुए चूसने लगी। मुझे तो जैसे जन्नत का मज़ा आ रहा था।

69 और Wild Chudai

फिर मैंने उसे उठाया और बिस्तर पर लिटा कर अपनी जीभ को उसकी chut पर लगा दिया और चूसने लगा। वो भी मेरे बालों में हाथ फेर रही थी। फिर हम 69 की अवस्था में आ गए मेरा lund उसके मुँह में आग उगल रहा था और मैं chut का नमकीन स्वाद ले रहा था। तभी अपनी gand उठाकर अपनी chut को ऊपर करके मेरी जीभ को अन्दर करने के लिए प्रेरित करने लगी और खुद भी जल्दी-जल्दी lund अन्दर-बाहर करने लगी।

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उसके होंठों में तो जादू था। हम दोनों झड़ने लगे और गहरी सांस छोड़ते हुए दोनों झड़ गए। कुछ पलों के बाद हम दोनों वैसे ही नंगे उठ कर बाथरूम में गए। मूतने के बाद मेरा शेर फिर जाग गया और कमरे में आकर फिर से lund-chut चाटना चालू हुआ। आज तो मैं उसकी जवानी का पूरा रस चूसने वाला था। उसके chuche पर होंठ लगाते हुए चूसना शुरू किया तो वो फिर गरम हो गई। मेरा मकसद तो अब chut मारना था। मैंने उसकी chut में उंगली डाल कर देखा तो उसकी सिसकारी निकल गई। क्या तंग chut थी… अभी मैंने lund को धीरे-धीरे chut पर रगड़ना शुरू किया ही था कि वो अपनी gand ऊपर-नीचे करने लगी।

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मैंने लोहा गरम देखा और lund chut पर रख कर जरा दबाया ही था कि वो चिल्ला पड़ी। Lund का सुपारा थोड़ा अन्दर जा चुका था और वो तड़फने लगी और निकालने को कहने लगी।

मैंने कहा- अभी तक तो रंडी बनी पड़ी थी.. अब क्यों नाटक कर रही हो.. खाले मेरा लौड़ा.. पहले थोड़ा सा दर्द होगा, बाद में इतना मज़ा आएगा कि कभी इस दिन को भूल नहीं पाएगी।

मैंने chuche दबाना और चूसना चालू रखा और बातों-बातों में lund का एक तिहाई हिस्सा अन्दर पेल दिया। वो कराह उठी उसकी आँखों में आंसू आ गए। मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रखे और चूसना शुरू कर दिया। कुछ ही पलों में मुझे लगा कि उसका दर्द कुछ कम हुआ और धीरे-धीरे वो चूतड़ों को उठा कर पूरा lund लेने की कोशिश करने लगी। मैंने भी शेर सिंह को धीरे-धीरे अन्दर-बाहर करना शुरू किया और वो भी चूतड़ उठा कर चुदवाने लगी। मैं कभी chuche दबाता और कभी होंठों को चूसता राजधानी की रफ्तार से धक्के मार रहा था। तभी रिया मुझसे चिपकते हुए मेरी पीठ में अपने नाखूनों को गड़ाते हुए मेरे चौड़े सीने मे सिमटने की कोशिश करते हुए झड़ गई। लेकिन मेरा तो अभी बाकी था, मैंने उसको उठा कर घोड़ी बनाना चाहा तो उसकी हालत बिल्कुल खराब दिख रही थी लेकिन उसके चेहरे पर अज़ीब सी खुशी थी।

जब मैंने उसे उठा कर बिस्तर के किनारे को पकड़ा कर घोड़ी बनाया तो एक बार फिर दर्द से कराह उठी और साथ ही फर्श पर उसकी chut से कुछ खून की बूँदें टपकने लगी थीं। वो देख कर डर गई थी।

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मैंने कहा- पहली बार सबको होता है।

मैंने पीछे से उसकी gand को फैला कर lund को chut का मुहाना दिखाया और धक्का मारते हुए चूचियाँ दबाता रहा। उसके बाद तो फिर जाग गई और अब तो जैसे वो lund ही क्या मुझे भी अपनी chut में डाल लेगी। Chudai की धकापेल में धक्का मारते-मारते हम दोनों झड़ गए।

पहली रात और उसके बाद

फिर उस रात मेरे साथ मेरे कमरे में ही रही और मैंने भी 4 बार उसकी chudai की, लेकिन दूसरे दिन उसकी तबीयत बिगड़ गई। फिर मैंने उसको गर्भ-निरोधक गोलियाँ दीं तथा दर्द खत्म करने के लिए भी उसको दवा दी। दर्द के कारण तीन दिन तक chudai नहीं की, परन्तु उसके बाद पूरे महीने में कितनी बार चोदा मुझे खुद भी याद नहीं।

उसके बाद वो अपने घर चली गई लेकिन कभी-कभी हमारी बात हो जाती है। दिसम्बर 2012 में मैं उसके घर गया और उसको खूब चोदा।

नया शिकार और अंत

अब तो उसकी एक सहेली है जो सिंगर है वो भी मेरे लौड़े की लाइन पर आ रही है उसको भी चुम्बन वगैरह कर लिया है। दोस्तो, अब मैं लड़कियों के पीछे नहीं घूमता हूँ, चूतें मुझे मिल जाती हैं और लौड़े का काम हो जाता है।

आप लोग सोच रहे होंगे कि शादीशुदा होते हुए अपनी पत्नी के बारे में कुछ नहीं लिख़ा तो मैं अपनी पत्नी को बहुत प्रेम करता हूँ और वो मेरी निजी जिन्दगी के अंश हैं उन्हें साझा करने से आपको भी मजा नहीं आएगा। जिन्दगी में कुछ ऐसी बातें होती है कि सिर्फ उन्हें ही साझा करने में मज़ा आता।

उन कामुक घटनाओं को लिखने से आप को भी मज़ा आता है और मेरे दिल का बोझ भी कुछ हल्का हो जाता है। कितनी चूतें मिलीं, कितनी मिलेंगीं, पता नहीं.. लेकिन जो मिली हैं उनके बारे में एक-एक करके ज़रूर लिखता रहूँगा।