Bhabhi Sexपड़ोसी की चुदाई

अंजली भाभी की दूसरी सुहागरात

Anjali bhabhi ki dusri suhagraat

हैल्लो दोस्तों, में मेरठ का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 23 है और में पिछले पांच सालों से लगातार सेक्सी कहानियाँ पढ़ रहा हूँ जो कि बहुत मजेदार होती है, जिनको पढ़कर मुझे बहुत मज़ा आता है. मेरे लंड का साईज़ 6 इंच है, जो कि मोटा भी है और किसी को भी संतुष्ट करने के लिए बहुत है.

दोस्तों कुछ समय पहले मेरे पड़ोस में एक भाभी रहती थी और उनका नाम अंजली था. जब उन्हें मैंने पहली बार देखा तो में तब से ही बस उनके सेक्सी जिस्म के बारे में ही सोचता था. पहली नज़र में ही वो मेरी आँखो में समा गई और तब से ही में मन ही मन उन्हें चोदने की बात सोचता था.

फिर धीरे धीरे उनका परिवार हमारे परिवार के बहुत करीब आ गया और हमारे बीच बहुत सारी बातें होने लगी थी. वो भी हमारे घर आने जाने लगी थी और में भी कोई अच्छा बहाना बनाकर उनके घर पर चला जाता था और उनसे बहुत बातें किया करता था और इस तरह हम बहुत ही कम समय में एक बहुत अच्छे दोस्त बन गये और फिर अपनी छुपी हुई बातें भी एक दूसरे से करने लगे थे.

फिर उसके साथ में अब हम सेक्स की बातें भी करने लगे थे. फिर एक दिन उन्होंने मुझसे बातों ही बातों में अपनी सुहागरात के बारे में भी सब कुछ बताया, उन्होंने क्या क्या किया, कितनी बार चुदाई की.

दोस्तों वो चुदाई की बहुत प्यासी थी और वो बात उन्होंने मुझे कुछ दिनों बाद में खुद बताई, क्योंकि वो अपने पति के साथ हर दिन सेक्स किया करती थी. फिर कुछ दिनों बाद उसका पति कुछ दिन के लिए किसी जरूरी काम के सिलसिले में शहर से बाहर चला गया तो वो और ज्यादा मेरे करीब होने लगी.

वो कभी मुझे अजीब से इशारे करती, जो मुझे भी अब थोड़े थोड़े समझ में आने लगे थे, लेकिन में अपनी तरफ से पूरा पक्का करना चाहता था, ताकि बाद में कोई आपत्ति ना हो जाए. अब मेरे मोबाईल पर उनके कुछ ज्यादा ही गंदे गंदे मैसेज आने लगे थे तो में भी उन्हें वैसे ही मैसेज करने लगा था और फिर हर रात को फोन पर हमारी बातें होने लगी और कुछ सेक्सी बातें भी हमारे बीच होती थी.

फिर ऐसे ही दो दिन निकल गये, बस हमारी फोन पर बात होती और हम दोनों सेक्सी मैसेज भेजकर एक दूसरे को अपने मन की बात बताते थे, लेकिन पहले हम दोनों में से कोई भी शुरुआत नहीं करना चाहता ना तो में उनसे बोल सकता था कि में आपको प्यार देना चाहता हूँ और ना ही वो मुझसे सेक्स के लिए बोल सकती थी.

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हमारी बात दोनों तरफ से ही एकदम अधूरी थी और दोनों ही सेक्स के प्यासे थे, लेकिन एक दूसरे से कहने से बहुत डरते थे और में सोचता था कि वो कभी कुछ गलत ना मान ले और वो भी मेरे बारे में यही सोचती थी. एक दिन में उसके घर पर चला गया, तब वो घर पर एकदम अकेली थी और हम ऐसे ही बातें कर रहे तो हमारी यह बात सेक्स पर जा पहुंची और वो बातें करते करते थोड़ी उदास हो गई.

फिर मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ भाभी? तब उसने मुझे सब कुछ बताया, क्योंकि तब तक हम सभी तरह की बातें एक दूसरे से करने लगे थे और तब मैंने उसे बताया कि में आपसे बहुत प्यार करता हूँ और आपको वो सब सुख दे सकता हूँ जो आपको चाहिए, हम दोनों एक दूसरे की ज़रूरत पूरी कर सकते है, लेकिन अगर आप चाहो तो? दोस्तों वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर तुरंत मान गई और फिर उसने मुझसे कहा कि तुम इस बात को बिल्कुल गुप्त रखना.

फिर मैंने उनसे कहा कि आपके साथ साथ इस काम में भी शामिल हूँ और अगर बाहर किसी को पता चल गया तो हम दोनों की ही बहुत बदनामी होगी, इसलिए यह बात हमेशा हम दोनों के बीच में रहेगी और किसी तीसरे को कानो कान खबर नहीं होगी.

फिर उन्होंने मुझे रात को अपने घर पर आने को कहा और मैंने भी ठीक है कहा और फिर मैंने उन्हें एक स्मूच किया और वहां से निकल गया और अब में अपने घर पर पहुंचकर बहुत बेसब्री से रात होने का इंतजार करने लगा था. मेरा एक एक मिनट एक दिन की तरह कट रहा था और रात को करीब 11 बजे उनका मेरे पास फोन आया. उसने मुझसे कहा कि तुम आ जाओ मैंने दरवाजा खुला छोड़ दिया है और में तुम्हारा इंतजार कर रही हूँ.

फिर में बहुत खुश होकर तुरंत अपनी छत से उनकी छत पर चला गया. उसके बाद मैंने दरवाजे को हल्का सा धक्का दे दिया, उन्होंने अपना ऊपर का दरवाजा ऐसे ही अटकाया हुआ था, जिसकी वजह से मेरा हाथ लगते ही वो खुल गया और में अंदर चला गया.

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फिर में सीधा उनके बेडरूम में जा पहुंचा, जहाँ पर पहुंचकर मैंने देखा कि वो मेकअप करके बिल्कुल दुल्हन की तरह सजी हुई थी. फिर मैंने उससे पूछा कि यह सब क्यों? तब उन्होंने मुझसे कहा कि यह सब मैंने सिर्फ तुम्हारे लिए ही किया है. मैंने तुम्हें अपनी सुहागरात के बारे में पहले ही सब कुछ बता दिया था और उसी दिन मैंने मन ही मन सोच लिया था कि में अपनी दूसरी सुहागरात तुम्हारे साथ ही मनाउंगी और अपनी चूत को तुम्हारे लंड से चुदवाकर शांत करूंगी.

दोस्तों में तो उनके मुहं से ऐसे शब्द सुनकर बहुत चकित हो गया. मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि भाभी कभी मुझे यह सब शब्द भी कहेगी, लेकिन अब में वो सब सुनकर बहुत खुश हुआ.

फिर हम एक दूसरे पर टूट पड़े. हम सबसे पहले किस करने लगे, जिसकी वजह से वो बहुत गरम होकर जोश में आ गई थी और थोड़ी देर किस करने के बाद मैंने उससे कहा कि आज तो हम इतने मज़े करेंगे कि तुम मुझे हमेशा याद रखोगी और में तुम्हें अपने बच्चे की माँ बनाऊंगा. फिर वो भी मुस्कुराते हुए मुझसे हाँ कहते हुए मेरे बच्चे की माँ बनने के लिए तैयार थी.

उसके बाद मैंने उनके एक एक करके सारे कपड़े उतार दिए और उन्होंने मेरे कपड़े उतार दिए, जिसकी वजह से हम दोनों ही बिल्कुल नंगे हो गये थे. अब में उनके सेक्सी जिस्म के हर एक हिस्से को चूसने लगा था और जब में धीरे धीरे चूमता हुआ उनकी चूत पर पहुंचा तो मैंने महसूस किया कि उनकी चूत पूरी गीली थी और अब मुझे बड़ा मज़ा आया और चूत को थोड़ी देर चाटने चूसने के बाद वो झड़ गई और में चूत रस को पीने लगा और फिर में दोबारा स्मूच करने लगा.

करीब दस मिनट के बाद अब उनकी बारी थी तो उन्होंने तुरंत मेरा लंड पकड़ा और बड़े ही प्यार से अपने हाथ में लेकर आगे पीछे करने लगी और फिर उन्होंने लंड को अपने मुहं में ले लिया, जिसकी वजह से मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. में उस मज़े को शब्दों में नहीं बता सकता और कुछ देर बाद में उनके मुहं में ही झड़ गया और वो मेरा सारा वीर्य पी गयी.

मैंने फिर से उनके बूब्स चूसना शुरू कर दिया और धीरे धीरे काटने लगा और ऐसा करने से हम दोनों को ही बहुत मज़ा आ रहा था, लेकिन दोस्तों हमें भी पता नहीं था कि हम क्या कर रहे है? उतनी ही देर में मेरा लंड एक बार फिर से खड़ा हो गया तो उन्होंने मुझसे कहा कि अब ज्यादा देर मत करो प्लीज अब मेरी प्यास को बुझा दो जल्दी से अंदर डाल दो.

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फिर मैंने अपना लंड उनकी चूत के मुहं पर पर रख दिया और धीरे से धक्का देकर अंदर डालने लगा, तभी उनके मुहं से चीखने की आवाज़ निकल गई, अउउउहह आहहहहा उईईईईईई प्लीज थोड़ा और धीरे धीरे करो, मुझे बहुत दर्द हो रहा है उफ्फ्फ्फफ् धीरे आहहहह, इसलिए मैंने धीरे धीरे धक्के दिए.

दोस्तों उनके कहने पर पहले तो मैंने अपनी स्पीड को बहुत कम रखा, लेकिन जब मुझे उनका दर्द कम होता हुआ महसूस हुआ तो में अपने धक्को को बढ़ाने लगा और अब में लगातार जोरदार धक्के देकर चुदाई करने लगा था और अब वो भी अपनी चूतड़ को उठाने लगी थी और मेरे साथ साथ अपनी चुदाई के पूरे पूरे मज़े लेने लगी थी.

दोस्तों हमारी यह चुदाई करीब बीस मिनट तक चली और में उनके अंदर ही झड़ गया, लेकिन फिर भी में कुछ सेकिंड रुककर हल्के हल्के धक्के देता रहा और मैंने अपनी एक एक बूंद को उनकी चूत में डाल दिया, उनके चेहरे से मुझे उनकी संतुष्टि साफ साफ नजर आ रही थी.

दोस्तों उस रात को मैंने उन्हें चार बार चोदा और हर बार अपना पूरा वीर्य उनकी चूत के अंदर ही छोड़ दिया और ऐसे ही उन्हें तब तक उनका पति नहीं आया जब तक कभी रात को तो कभी दिन में चोदता रहा और उसके बाद भी मैंने उन्हें बहुत बार चोदा और उनकी चूत के बहुत मज़े लिए और अब वो मेरे बच्चे की माँ है, माँ बनने के बाद उनके बूब्स से दूध भी बहुत आने लगा है, इसलिए में अब जब भी मुझे कोई अच्छा मौका मिलता है तो उनके घर पर चला जाता हूँ और उनके बूब्स को अपने मुहं में लेकर उनका गरम गरम दूध पीता हूँ.