हिंदी सेक्स स्टोरी

अपना स्तन दिखा कर गरम कर रही थी प्यासी औरत

(Apne Stan Dikha Kar Garam Kar Rahi Thi Pyasi Aurat)

मैं अपने काम के सिलसिले से वापस लौट रहा था मैं उस दिन अपनी कार से अकेला ही लौट रहा था मैंने अपनी कार में धीमी आवाज में गाने चलाएं हुए थे मेरी गाड़ी ज्यादा स्पीड में नहीं थी तभी मेरे आगे से एक महिला आयी मैन बड़ी जोरसे ब्रेक मारा जिससे कि वह महिला बाल बाल बची मैं बहुत घबरा गया और जल्दी से गाड़ी से बाहर उतरा। मैं जब गाड़ी से बाहर उतरा तो मैंने देखा वह महिला बहुत घबराई हुई है और वह बहुत डर रही थी. Apne Stan Dikha Kar Garam Kar Rahi Thi Pyasi Aurat.

उसने मुझे हाथ जोड़ते हुए कहा मुझे बचा लो मैंने उसे पूछा आखिर तुम इतना घबराई हुई क्यों हो लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया और कहने लगी मुझे तुम बचा लो। बस वह यही कही जा रही थी मैंने उसे जानने की कोशिश की लेकिन मुझे इसके अलावा और कोई जवाब नहीं मिला उस वक्त मुझे जो ठीक लगा मैंने वही किया मैंने उसे अपनी कार में बैठा लिया और वहां से मैं घर की तरफ निकल पड़ा।

मैंने उससे रास्ते में कई बार पूछा आखिरकार तुम इतना घबराई हुई क्यों हो लेकिन उसने फिर भी कोई जवाब नहीं दिया मुझे यह भी नहीं पता था कि आखिरकार उसे जाना कहां है वह चुपचाप बैठी हुई थी। मुझे काफी देर गाड़ी चलाते हुए हो चुका था और मैं अपने घर के नजदीक पहुंचने वाला था मुझे समझ नहीं आ रहा था कि आखिरकार मुझे उस महिला से उसके घर का पता पूछना चाहिए या नहीं लेकिन मैंने उसे पूछ ही लिया अब वह थोड़ा शांत हो चुकी थी उसने बड़ी धीमी आवाज में मुझसे कहा मुझे आप हॉस्पिटल में छोड़ दीजिए। मैंने उसे कहा लेकिन आपका घर कहां है आप मुझे अपना घर बता दीजिए वह मुझसे कहने लगी आप मुझे फिलहाल अस्पताल में छोड़ दीजिये वहां से मैं अपने घर चली जाऊंगी।

मुझे तो बड़ा ही अजीब सा महसूस हो रहा था मुझे कुछ समझ ही नहीं आया की आखिर उस महिला के दिमाग में क्या चल रहा है लेकिन मैंने उसे अस्पताल तक छोड़ दिया और उसके बाद मैं वहां से अपने घर चला आया। मुझे उसकी बात का जवाब नहीं मिला था और मैं जब घर पहुंच गया तो मैं सोचता रहा कि आखिरकार वह इतना सा टेंशन में क्यों थी और किस बात को लेकर वह इतना घबराई हुई थी, मैं अपने घर में रूम में बैठा हुआ था मेरी पत्नी मुझसे पूछने लगी जब से आप घर आए हैं तब से आप मुझसे बात ही नहीं कर रहे हैं।

मैंने अपनी पत्नी से कहा नहीं ऐसी कोई बात नहीं है अब मैं उसे क्या बताता कि आज मेरे साथ क्या हुआ मैंने उसे कुछ भी नहीं बताया और मैं चुपचाप अपने रूम में बैठा रहा लेकिन मेरे दिमाग में उसका चेहरा था तो मैं वही सोच रहा था कि उसके साथ ऐसा क्या हुआ है जो वह टेंशन में थी और घबराई हुई भी थी। इस बात को एक महीना हो चुका था और एक महीने बाद मुझे वह महिला दोबारा से मिली मैंने उसे पहचान लिया था मैं जब उसके पास गया तो मैंने उससे पूछा अब आपकी तबीयत ठीक है तो उसने मेरी बात का जवाब नहीं दिया मुझे ऐसा लगा कि शायद उसने मुझे पहचाना नहीं उसके साथ ही एक और महिला थी वह करीब 60 वर्ष के आसपास की रही होंगी।

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उन्होंने मुझे कहा हां बेटा कहो क्या काम था मैंने उन्हें पूछा क्या आप इन्हें जानती हैं तो वह कहने लगी हां यह मेरी बेटी दामिनी है मैंने उनसे पूछा तो क्या आप इनकी मां है? वह कहने लगी हां बेटा बदनसीबी से मै इसकी मां हूं। मेरी तो कुछ समझ में नहीं आया मैं उनसे पूछने लगा यह काफी टेंशन में रहती हैं इसका क्या कारण है उन्होंने मुझे उस वक़्त कुछ नहीं बताया फिर वह मुझे कहने लगी बेटा हमें अभी घर के लिए देर हो रही है हम लोग ऑटो ले कर घर चले जाएंगे। मैंने उन्हें कहा आंटी यदि आपको कोई परेशानी ना हो तो मैं आपको घर छोड़ दूं उन्होंने काफी देर तक तो सोचा उसके बाद उन्होंने मुझे कहा ठीक है तुम हमें घर तक छोड़ दो मैंने उन्हें अपनी कार में बैठाया और उनके घर तक चला गया। मैं उनके घर गया तो उनका घर काफी पुराना सा था लेकिन उनका घर बहुत बड़ा था मैंने जब उनका घर देखा तो मैं इस बात से दंग रह गया की इनका इतना बड़ा घर है लेकिन इन लोगों ने इसकी मरम्मत तक नहीं करवाई है।

मैं जब उनके घर के अंदर बैठा तो मैं उनसे बात करने लगा मैंने उनसे पूछा मुझे दामिनी करीब एक महीने पहले मिली थी और वह बहुत घबराई हुई थी उस दिन पूरी रात भर मैं यही सोचता रहा कि आखिरकार ऐसी क्या समस्या है जो कि वह इतना डरी हुई थी। उसकी मम्मी ने मुझे कहा बेटा क्या आप कुछ लेंगे मैंने उन्हें कहा नहीं आंटी मैं तो सिर्फ इसी बात का जवाब चाहता हूं उन्होंने मुझसे कहा मैं तुम्हें क्या बताऊं दामिनी के साथ काफी बुरा हुआ है।

उन्होंने मुझे बताया उसके पति उसके साथ बहुत मारपीट किया करते थे वह इस सदमे को बिल्कुल बर्दाश ना कर सकी और उसका मानसिक संतुलन बिगड़ने लगा और वह कभी भी घर से इधर उधर चली जाया करती है और ना जाने उसे कभी अचानक से दौरे पड़ जाते हैं जिस वजह से मैं भी बहुत टेंशन लेती हूं। मुझे बहुत ही ज्यादा बुरा लगा मुझे तो बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि दामिनी के साथ इतना बुरा हुआ होगा उसकी मम्मी ने मुझे बताया बेटा मैं एक डॉक्टर हूं दामिनी हमारी एकलौती लड़की है लेकिन उसकी स्थिति अब इतनी ज्यादा खराब हो चुकी है कि मुझे तो अपने आप पर भी कभी तरस आता है।

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मेरे पति ने भी हमारा साथ काफी समय पहले छोड़ दिया था दामिनी ही मेरा सहारा है लेकिन दामिनी के साथ भी इतना बुरा हुआ मैं जब भी इस बारे में सोचती हूं तो मुझे बहुत तकलीफ होती है मैंने आंटी को सांत्वना दी और कहा आप चिंता मत कीजिए सब कुछ ठीक हो जाएगा। वह मुझे कहने लगे इतनी जल्दी कैसे ठीक हो जाएगा इस बात को करीब एक साल होने को है लेकिन अभी तक दामिनी की स्थिति ठीक नहीं हुई है मैंने उनसे कहा आप चिंता मत कीजिए ऑन्टी सब कुछ ठीक हो जाएगा आप सिर्फ अपने आप पर भरोसा रखिए। उन्होंने मुझे कहा तुम दिल के बहुत अच्छे हो और तुम्हारे जैसे इंसान शायद आजकल बहुत कम ही होते हैं मैं उस दिन उनके घर पर ज्यादा देर तो नहीं रूका लेकिन वाकई में दामिनी की स्थिति बहुत खराब थी। उसके कुछ समय बाद जब मैं दोबारा दामिनी से मिलने उनके घर गया तो उस दिन वह थोड़ा ठीक थी उसकी मम्मी कहने लगी की दामिनी अब ठीक होने लगी है और दामिनी ने मुझे भी पहचान लिया था।

उसके बाद दामिनी से मैंने काफी देर तक बात की संगीत अब ठीक होने लगी थी और वह बिल्कुल सामान्य तरीके से व्यवहार करने लगी थी उसकी मम्मी भी इस बात से बहुत खुश थी और मुझे भी अच्छा लगा कि कम से कम संगीत अब अपने जीवन को अच्छे से जी रही है। उसका मानसिक संतुलन ठीक होने लगा था वह कुछ समय बाद बिल्कुल ठीक होने लगी दामिनी के साथ मेरी काफी अच्छी बातचीत हुई वह मुझसे काफी देर तक बात किया करती। मै जब भी दामिनी से मिलते तो उसे बहुत अच्छा लगता दामिनी की मम्मी उसे घर से बाहर नहीं जाने देती थी क्योंकि उन्हें काफी डर लगता था और इसी वजह से वह दामिनी को घर पर ही रखती थी। दामिनी की मम्मी मेरी हमेशा तारीफ किया करती उन्हें जब भी मेरी जरूरत होती तो वह मैं हमेशा उन लोगों के साथ खड़ा रहता वह हमेशा कहते कि तुम बहुत अच्छे और नेक दिल इंसान हो लेकिन मैं तो सिर्फ अपना इंसानियत का फर्ज निभा रहा था।

दामिनी पूरी तरीके से ठीक हो चुकी थी और एक दिन उसकी मम्मी कहीं गई हुई थी उसकी मम्मी शायद किसी काम से कहीं गई थी मैं उनसे मिलने के लिए चला गया लेकिन उस दिन सिर्फ दामिनी घर पर थी। जब मैंने दामिनी से पूछा तुम्हारी मम्मी कहां है तो वह कहने लगी वह कहीं बाहर गई हुई है संगीत अब ठीक हो चुकी थी और वह मुझसे अच्छे से बात करने लगी। वह काफी देर तक मुझसे बात करती रही उसने जब मुझे अपने पति के बारे में बताया तो मुझे बड़ा अफसोस हुआ।

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मैंने जब दामिनी की जांघ पर हाथ रखा तो वह मेरी तरफ आने की कोशिश करने लगी उसके दिल में ना जाने क्या चल रहा था वह मेरे गोद में आ कर बैठ गई। मुझे बड़ा डर सा महसूस होने लगा लेकिन उसने जब अपने स्तनों को मुझे दिखाया तो मैं अपने आप पर बिल्कुल भी काबू ना रख पाया मैंने उसके स्तनों को चूसना शुरू किया। उसके बड़े स्तनों को चूसने में मुझे बड़ा आनंद आता उसने भी मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर तक ले लिया और उसे सकिंग करने लगी उसे बड़ा मजा आता। वह काफी देर तक मेरे लंड को चूसती रही शायद उसकी इच्छा काफी समय से पूरी नहीं हुई थी उसने जब अपनी गांड को मेरे सामने किया तो मैंने उसकी योनि और उसकी गांड को बहुत देर तक चाटा।

वह पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुकी थी मैंने अपने लंड को उसकी योनि में डाल दिया और उसे तेजी से धक्के मारने लगा मैं उसे बड़ी तेजी से धक्के दे रहा था उसे काफी मजा आ रहा था। मैंने  उसके साथ काफी देर तक सेक्स संबंध बनाए और जब मेरी इच्छा भर गई तो वह मुझे कहने लगी मुझे अभी मजा नहीं आया है। मैंने अपने लंड पर तेल लगाया और उसकी गांड के अंदर डाल दिया जैसे ही मेरा लंड उसकी गांड के अंदर गया था तो वह तेजी से चिल्लाने लगी मैं उसे तेज गति से धक्के दे रहा था और उसे बड़ा मजा आ रहा था। “Apne Stan Dikha Kar”

मैंने उसकी गांड से खून निकाल कर रख दिया था लेकिन उसकी इच्छा पूरी नही हुई थी मैंने अच्छे से उसकी इच्छा पूरी कर दी और वह बहुत खुश हो चुकी थी। वह मुझे कहने लगी आज किसी ने इतने समय बाद मेरी इच्छा पूरी की है उसने मुझे गले लगा लिया। दामिनी पूरी तरीके से ठीक हो चुकी है लेकिन वह जब भी मुझे देखती है तो मुझसे वह सेक्स की उम्मीद करती है और मैं भी उसकी इच्छा पूरी कर दिया करता हूं शायद इसी वजह से हम दोनों एक दूसरे के नजदीक आ चुके हैं मैं उसे बड़े अच्छे से समझता हूं। “Apne Stan Dikha Kar”