पड़ोसी की चुदाई

अर्चना भाभी की चाहत- 2

(Archna Bhabhi ki Chahat- 2)

पहली कहानी में आप लोगों ने पढ़ा था कि मैंने कैसे अर्चना भाभी की चूत मारी और कैसे उनको खूब मज़े कराए। मगर जब मैने उनकी गांड मारने की कोशिश की तो उनको बुरा लगा मगर में भी हार मानने वालों में से नही था तो उनको मनाने की लिए कान के पास और होठो पर किस करने लगा जिससे वो बापिस गर्म होगी और मुझे रोकते हुए बोलीं- आराम से.. मोहित.. और उस जगह मुझे दर्द होता है प्लीज़ वहां नही चाहो तो मेरी चुद को रात भर चोद कर फार डालो मगर गांड में नही लुंगी में भी नाटक करते हुऐ उसे हा कहा मगर औरतो में सबसे खाश चीज तो चुद से ज्यादा गांड ही होती है में फिर से उसके होंठों को चूसने लगा। मैं उनके होंठों को काट रहा था.. बेरहमी से चूस रहा था। मैंने दस मिनट तक उनके होंठों को चूसा.. होंठ एकदम लाल हो गए थे। जब मैं लगता जोर से उनके होंठों को काटता रहा.. तो वो बोलीं- मोहित आराम से.. दर्द होता है न.. मैंने कहा- दर्द में भी मज़ा है मेरी जान..वो बोलीं- ये तो है माय स्वीट हार्ट..
हम दोनों फिर से चिपक गए, मैं उनकी गर्दन.. कंधे.. सभी को चूम रहा था.. चाट रहा था। वो मदहोश हुए जा रही थीं.. फिर मैं उसके मम्मों को दबाने लगा। दोस्तों मज़ा आता है दबाने में.. क्या बताऊँ.. वो भी ‘आहें..’ भरने लगीं ‘मोहित.. आआआआहह.. कितनी प्यारे हो.. आहह.. उउउम्म्म्म.. बहुत मज़े आ रहे हैं! । में उसको चुम्बन किए जा रहा था। वो लगातार गर्म हो रही थी। साथ ही मदहोश होने लगी थीं। मैं एक निप्पल को काट भी रहा था..

साथ ही मैं अपना एक हाथ नीचे ले गया। चुद में ऊगली भी कर रहा था। फिर मैं उनके मस्त रसीले मम्मों को चूसते-चूसते मैं अब नीचे को आने लगा.. मम्मों को चूसते हुए.. पेट से नाभि को चूमते हुए चूत तक आ गया और चूत को चूसने लगा। मैं उनकी चूत के दाने को जीभ से टुनया रहा था.. और वो उत्तेजना से उछल रही थीं। कुछ पलों बाद मैंने उन्हें 69 की पोजीशन पर आने को कहा, वो तुरंत आ गईं। अब वो मेरा लम्बा और मोटा लण्ड चूस रही थीं.. मैं उनकी गुलाबी चूत में जुबान से कबड्डी खेल रहा था। मेरा लण्ड टाइट हो रहा था। मैंने कहा- आज ज़्यादा नहीं चूसो रानी.. आज इसको बहुत रस निकालना है। मैंने उनको नीचे लिटाया.. उनकी चूत पहले से ही बहुत गीली थी और चूस-चूस कर मैंने और अधिक गीली कर दी थी।

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मैंने उस मस्ती वाली गुफा पर लण्ड टिकाया और करारा शॉट लगा दिया। वो उछल पड़ीं.. पर इस बार ज़्यादा दर्द नहीं था.. क्योंकि ये उनकी चूत में मेरे लौड़े की दूसरी बार ठोकर थी। वो ‘आआहह.. ओउउम्म्म्म..’ की आवाज़ निकाल रही थीं.. उनको भी मज़े आ रहे थे। मैं भी फुल स्पीड में चूत चोदे जा रहा था.. वो भी नीचे से अपनी गाण्ड उछाल कर साथ दे रही थीं। अब मैंने पोज़ चेंज किया और उनको गोद में उठा कर चोदने लगा और उनके मम्मों को चूसने लगा।
अब मैंने उन्हें घोड़ी बनाया और धकापेल चुदाई चालू कर दी.. इसके बाद मैंने उनको और भी कई तरह चोदा। काफी लम्बे समय तक उनकी चूत को चोदने के बाद मैंने कहा- जान.. अब मैं आने वाला हूँ.. माल कहाँ निकालूँ।वो बोलीं- चूत में ही निकाल दो..मैंने कहा- ओके मेरी जान.. मैंने अपना सारा पानी उनकी चूत में ही निकाल दिया और उनके बगल में लेट गया.. उन्हें किस करने लगा।

कुछ देर बाद मैंने देखा तो डेढ़ बजे का समय हो रहा था। वो बोलीं- चलो अब सो जाते हैं। मैंने कहा- जान.. ऐसे-कैसे सो जाऊँ.. मेरा मेन गिफ्ट तो अभी बाकी है.. वो बोलीं- कौन सा गिफ्ट बाकी रह गया है?
मैंने कहा- मुझे एक बार और करना है पीछे से तुम्हारी चुद मारनी है
अर्चना ने चूस कर मेरा लंड खड़ा किया और उसे घोड़ी बनाया उसे क्या मालूम था कि में उसकी गांड मारे बिना उसे छोड़ने वाला नही था। मेने उससे कहा थोड़ा तेल लगा लू जिससे चुद मारने में और मजा आएगा। अब मैंने अपना लम्बे और मोटे लण्ड पर बहुत सारा तेल लगाया और गाण्ड के छेद पर सुपारा धर के धक्का लगा दिया। मेरा मोटा लण्ड उनकी छोटी सी कुँवारी गाण्ड में जा ही नहीं रहा था.. अधिक चिकनाई की वजह से फिसला जा रहा था।

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उसने कहा फिर से क्या कर रहे हो तो मैने कहा चुद में ही डाल रहा था मगर गलती से गांड को टच होगया मेने फिर से अर्चना से कहा में तुम्हारी गांड चूसना चाहता हु गांड में लंड नही डालू गा इसमे उसको भी कोई एतराज नही था में धीरे से उसकी गांड चूस रहा था जब वो मदहोश होगई तो मैंने अपने दोनों हाथों से उनकी गाण्ड को कसके फैलाया.. फिर लण्ड को फंसा कर दबाव दिया.. तो लौड़ा गाण्ड में घुस गया। लण्ड अन्दर जाते ही वो और मैं एक साथ दर्द से चिल्ला उठे। पूरा कमरा हम दोनों की आवाज़ से गूँज गया! मुझे बहुत दर्द हो रहा था। उनकी आँखों से आंसू आ रहे थे। गाण्ड बहुत ज़्यादा ही टाइट थी.. मैंने लण्ड निकाल लिया और जरा ज्यादा सा तेल लगाया। फिर गाण्ड के छेद पर लगा कर धक्का मार दिया लण्ड का सुपारा अन्दर चला गया.. पर इसे बार दर्द थोड़ा कम हुआ था.. पर थोड़ा अब भी हो रहा था। मैं वैसे ही कुछ देर रुक गया.. उनके ऊपर उनकी पीठ और गर्दन पर चुम्बन करने लगा। वो भी दर्द भूल कर उत्तेजित होने लगीं। बोलीं- मोहित मुझे मालूम होता कि गांड मरवाने में इतना मजा आता है… आआहह उफ्फ़.. ईई.. फाड़ दो आज मेरी गाण्ड.. मुझे आज सुख दे दो.. मुझे एक औरत होने का।

मैंने बोला- जरूर मेरी जान..मैंने फिर से धक्का दे दिया.. मेरा आधा लण्ड अन्दर चला गया.. वो दर्द से तिलमिला रही थीं.. पर मेरी चुम्मियों और प्यार के कारण उनको ये सब सहने का हौसला मिल रहा था। अब मैंने अंतिम धक्का मारा और गाण्ड की जड़ तक लण्ड घुसेड़ दिया। उन्होंने मेरा पूरा का पूरा लण्ड अपनी गाण्ड में ले लिया था। उनकी गाण्ड मेरे लौड़े को खा सी गई थीं। अब मैंने धीरे-धीरे लण्ड आगे-पीछे करना चालू किया। उन्हें भी मस्ती आ रही थी.. वो बोल रही थीं- आअहह.. चोद दो.. फाड़ दो..मैंने भी स्पीड बढ़ा दी और तेज चालू हो गया। आज मुझे और उन्हें खूब मज़ा आ रहा था। मैंने उनको घोड़ी बना कर गाण्ड मारे जा रहा था.. ज़ोर-ज़ोर से जोश में उनके चूतड़ों पर थप्पड़ भी मार रहा था। मैंने बहुत देर उनकी गाण्ड मारी.. चोद-चोद कर लाल कर दी। अब मेरा भी निकलने वाला था, वो बोलीं- अबकी बार गाण्ड में ही निकालो। मैंने सारा रस उनकी गाण्ड में निकाल दिया और फिर लण्ड निकाल कर मुँह में दे दिया, मैंने कहा- चूस-चाट कर साफ़ करो। वो पागलों की तरह लण्ड को चूसे जा रही थीं.. मेरा पूरा लण्ड पर लगा माल चाट कर वो बेहिचक पी गईं।उस रात मैंने बहुत मस्ती की.. मैंने उनको सोने नहीं दिया। सुबह उन्होंने मुझसे बोला- मेरी लाइफ की ये पहली अच्छी थी.. जो इतनी सेक्सी और संतुष्ट करने वाली थी। उसके बाद मैंने उनकी एक फ्रेण्ड को उनकी हेल्प से कैसे चोदा.. ये आगे लिखूंगा.. पर आपके ईमेल आने के बाद।

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मेरी कहानी केसी लगी मुझे ईमेल करके बताये खाश कर भाभियां आंटियां और चिकनी चूत वाली लौंडियाँ मुझे ईमेल करके बहुत सारा प्यार देंगी।
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