Aunty Sex Story

आंटी को चोदकर बहुत मजा किया-1

Aunt Ko chodkar bahut maza  diya-1

hot aunty porn, हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रवि है और मेरी उम्र 23 है. दोस्तों में आज आप सभी चाहने वालों को अपनी वो सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ, जिसको में बहुत समय से आपके सामने लाने की बात सोच रहा था, लेकिन ना जाने क्यों डरता था और आज में बहुत हिम्मत करके वो बात बताने जा रहा हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि यह आपको जरुर पसंद आएगी. आप लोगों की तरह मुझे भी सेक्सी कहानियाँ पढ़ना बहुत अच्छा लगता है और में करीब तीन सालों से ऐसा लगातार करता आ रहा हूँ.

दोस्तों यह कहानी मेरे फ्लेट के पास में रहने वाली एक बहुत सेक्सी आंटी जिनका नाम रश्मि है उसकी चुदाई की है और जिसमें मैंने उनको चोदकर संतुष्ट किया. वो हमारे पड़ोस में पिछले तीन साल से रह रही है, उनके पति एक कम्पनी में मार्केटिंग का काम करते है तो इसलिए वो ज़्यादातर वक़्त अपने घर से बाहर ही अपना समय बिताते है और इस बीच आंटी अपने घर पर हमेशा अकेली ही रहती थी.

दोस्तों आंटी की उम्र 36 साल है, लेकिन वो अपने उस सेक्सी बदन, उभरी हुई छाती, गोल भरे से चेहरे, मटकती हुई गांड और सुंदर सी वो मुस्कान की वजह से दिखने में कोई 26 साल की कुंवारी लड़की लगती है और उनके फिगर का आकार 38-30-36 है और उनका रंग बहुत गोरा है. दोस्तों उनके एक दस साल का बेटा भी है और अपनी नानी के यहाँ पर रहता है, लेकिन उन्हें देखकर बिल्कुल भी विश्वास नहीं होता कि वो उस बच्चे की माँ भी हो सकती है.

दोस्तों आंटी दिन में ज़्यादातर समय घर पर अकेली ही होती थी और हम दोनों का अक्सर सामना होता रहता था, में हर सुबह उनके प्यारे से मुखड़े को देखकर उनकी यादों को अपने साथ रखकर अपने काम पर निकल जाता और पूरे दिन उनकी उस प्यारी सी मुस्कान के बारे में सोचता और मन ही मन बहुत खुश होता, क्योंकि में उनके हुस्न का अब पूरा दीवाना हो गया था.

एक दिन में अपने ऑफिस से किसी काम की वजह से थोड़ा जल्दी अपने घर पर आ गया और फिर मैंने देखा कि आंटी अपने फ्लेट के दरवाजे पर खड़ी हुई थी और वो मेरी ही तरफ देख रही थी. फिर में भी हर रोज की तरह उन्हें स्माईल देकर जा ही रहा था कि तभी उन्होंने मुझे पीछे से आवाज़ देकर अपने पास बुलाया और में उनके पास चला गया. तब उन्होंने मुझसे एक शरारती अंदाज में मुस्कुराते हुए कहा कि मैंने एक नया स्क्रीन टच फोन लिया है, लेकिन मुझे इससे फोन रिसीव करना और भी बहुत कुछ समझ में नहीं आ रहा है, क्या तुम मुझे इसके बारे में थोड़ा बहुत बता सकते हो? दोस्तों हमारी मंजिल पर सिर्फ दो ही फ्लेट थे, एक उनका और एक मेरा जिसकी वजह से मुझे किसी बाहर वाले के देखने या कुछ भी गलत समझने का कोई भी डर नहीं था.

Hindi Sex Story :  चाची ने बड़ी मुश्किल से चूत दी–5

फिर में सीधा उनके बिल्कुल पास जाकर उनका फोन अपने हाथ में लेकर उन्हें फोन के बारे में समझाने लगा और जब में उन्हें फोन रिसीव करने के बारे में बता रहा था. फिर मैंने देखा कि वो भी मेरे एकदम करीब आ गई है और जिसकी वजह से अब मेरी कोहनी उनके बूब्स को छू रही थी, वाह दोस्तों उनके क्या नरम नरम बूब्स थे? फिर मैंने यह बात सोचते हुए कि ना जाने इनके मन में आज क्या चल रहा है, लेकिन मुझे उस बात से क्या मतलब? मैंने उस बात का फायदा उठाते हुए उनके बूब्स को अपनी कोहनी से थोड़ा ऊपर उठाया और अब में जानबूझ कर उनके सामने ऐसे व्यहवार करने लगा मानो यह सब मुझसे ग़लती से हुआ हो.

फिर मैंने देखा कि उन्होंने मुझसे कुछ ना कहते हुए एक शरारती सी स्माईल दी और जिसे देखकर में समझ गया कि मेरी तो अब निकल पड़ी और अब में बहुत खुश था और फिर कुछ देर बाद वो अंदर चली गई, लेकिन में बाहर खड़ा खड़ा अब भी उनके उस व्यवहार के बारे में सोच रहा था और अब मेरे मन में उनके लिए ना जाने क्या क्या चल रहा था?

दोस्तों उस दिन के बाद से मुझे आंटी का स्वभाव में मेरे लिए बहुत बदला हुआ सा नज़र आने लगा था, वो अब बराबर मेरे ऑफिस से जाने और आने के वक़्त तक अपने दरवाजे पर खड़ी हुई मुझे नजर आती और वो आज कल गहरे गले के ब्लाउज के साथ जालीदार साड़ी पहनने लगी थी, जिसकी वजह से दोस्तों उनकी उस साड़ी में से उनके बड़े बड़े बूब्स का आकार मुझे बहुत आसानी से साफ साफ दिखने लगा था, क्योंकि वो अब पहले से भी कुछ ज्यादा अपनी साड़ी को थोड़ी नीचे बाँधने लगी थी तो इसलिए अब में उनकी उस गहरी सी, बड़ी, प्यारी नाभि को बहुत आसानी से देख सकता था.

Hindi Sex Story :  बुआ संग रासलीला

दोस्तों अब में समझ चुका था कि यह सब कुछ वो मुझे अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए कर रही है और फिर ठीक वैसा ही हुआ जैसा वो चाहती थी. अब में उनके वो नजारे देखकर उनकी तरफ बिना डोर से खिंचने लगा था और में हर रोज सोने से पहले उनके नाम की मुठ मारकर सोने लगा और मुझे वो हर जगह दिखाई देने लगी, में उन्हें हर समय अपने पास महसूस करने लगा था और अब में बस उन्हें किसी ना किसी तरह से चोदने का रास्ता ढूँढ रहा था, क्योंकि मुझे अब बहुत अच्छी तरह से पता था कि यह सेक्स की आग अब हम दोनों में बराबर लगी हुई है और हम दोनों एक दूसरे को पाना चाहते है.

एक दिन में हमेशा की तरह अपना ऑफिस ख़त्म होने के बाद अपने घर पर पहुंचा और में उस समय सीड़ियों से ऊपर अपने फ्लेट में जा ही रहा था कि मेरे पीछे से आंटी आ गई. दोस्तों जब मैंने उन्हें पीछे मुड़कर देखा तो में बिल्कुल ही दंग रह गया, क्योंकि वो उस समय क्या कमाल की लग रही थी? उन्होंने गुलाबी कलर की एक जालीदार साड़ी और उसी रंग का एकदम टाईट ब्लाउज पहना हुआ था और उनके उस गहरे गले के ब्लाउज में से मानो उनके बूब्स अब बाहर आने को तरस रहे थे और फिर मेरी नज़र तो उनसे हट ही नहीं रही थी तो में उन्हें लगातार देखे जा रहा था और वो मेरी तरफ मुस्कुरा रही थी.

फिर कुछ देर बाद आंटी ने मुझसे कहा कि तुम मुझे ऐसे क्या देखे जा रहे हो? अब मैंने उनसे कुछ नहीं कहा बस अपनी नजरें को थोड़ा नीचे झुकाए कुछ देर खड़ा रहा, लेकिन मेरे मन में अब भी उनके लिए बहुत कुछ चल रहा था और फिर जैसे ही में आगे जाने को बढ़ा. तभी अचानक से मुझे उनके करहाने की आवाज़ आई और जब मैंने पलटकर पीछे देखा तो वो दर्द से कराह रही थी और फिर वो उसी सीडी पर बैठ गयी और फिर मैंने देखा कि उनके एक पैर में मोच आ गयी थी.

Hindi Sex Story :  मौसी को नया लंड चाहिए इसलिए मुझे पटा लिया

फिर मैंने तुरंत उन्हें अपनी बाहों का सहारा देकर उठाया और उन्हें उनके फ्लेट में ले गया, लेकिन अब उनसे बिल्कुल भी नहीं चला जा रहा था और कुछ दूर चलने के बाद पूरी मेरी बाहों में आ गई और मैंने उन्हें अपना सहारा दे दिया. फिर में उन्हें अपनी गोद में उठाकर सीधा उनके बेडरूम में ले गया और फिर मैंने उन्हें बेड पर लेटा दिया और देखा कि वो अभी भी अपने उस पैर के दर्द से कराह रही थी.

फिर मैंने तुरंत उनसे मलहम माँगकर उन्हें आराम से बेड पर सीधा लेटा दिया और अब में उनके पैर में धीरे धीरे मसाज करने लगा और करीब दो मिनट के बाद आंटी धीरे धीरे मोन करने लगी. दोस्तों में अब पूरी तरह से समझ चुका था कि वो पैर की मोच तो सिर्फ एक बहाना था, लगता है कि आज इसकी चूत में बहुत आग लगी है और जिसको यह आज मुझसे ठंडा करवाना चाहती है तो इसलिए आंटी ने यह सब किया.

अब मैंने मन ही मन ठान लिया था कि आज तो में इसको जरुर चोदकर ही रहूँगा, में धीरे धीरे अपना हाथ ऊपर की तरफ ले जाकर उनकी मसाज करने लगा और अब आंटी ने अपने पैरों को धीरे से फैलाना शुरू कर दिया. फिर मैंने भी धीरे से उनकी साड़ी को ऊपर उठाकर उनकी गरम, मोटी, जाँघो पर हाथ फेरना शुरू कर दिया. दोस्तों में क्या करता और में वो देखकर यह काम करने के लिए मजबूर था, क्योंकि उनकी क्या मस्त नरम नरम गोरी गोरी जाघें थी और मेरे हर मसाज के साथ वो टाईट होती जा रही थी.