Aunty Sex Storyहिंदी सेक्स स्टोरी

ऑंटी और उसकी ग्राहक के साथ मजा-2

Aunty aur uski grahak ke sath maza-2

ऑंटी, फिर निशा ऑंटी मेरे पास में आकर बैठ गई और मुझसे बातें करने लगी. उन्होंने मेरे परिवार के बारे में मुझसे पूछा और फिर मुझसे बोली कि क्या तुम्हरी कोई गर्लफ्रेंड है? मैंने कहा कि नहीं? वो बोली ऐसा नहीं हो सकता, जब तू ऐसी हरकते करता है तो मैंने पूछा कि क्या किया मैंने? तो उन्होंने बोला कि मंजू ने मुझे सब कुछ बता दिया है और में तेरी और मंजू की बातें भी सुन रही थी, जो तुम अभी कर रहे थे. फिर में थोड़ा डर गया कि कहीं यह सब बातें मंजू ऑंटी मेरे घर पर ना बता दे, इतने में मंजू ऑंटी उनका सूट लेकर आई और बोली कि तू पहनकर देख ले तब तक में इसकी मम्मी के सूट को भी ठीक कर दूँ.

फिर निशा ऑंटी उसी रूम में पर्दे के पीछे जाकर बदलने लगी, वहां पर एक कांच लगा हुआ था तो में वहीं बैठा था तो मुझे थोड़ा थोड़ा साईड में से दिखने लगा और वो पर्दा थोड़ा पंखे की हवा की वजह से उड़ रहा था और में उन्हें देखने लगा. उन्होंने जैसे ही अपनी कमीज़ उतारी तो में पागल ही हो गया और उन्होंने नीचे ब्रा नहीं पहन रखी थी. मुझे थोड़े साईड में से उनके बूब्स दिखे, वाह क्या मस्त सीन था वो?

उन्हें भी शायद पता लग गया था तो वो भी जानबूझकर थोड़ा और साईड होकर और अपने शरीर पर हाथ फेरने लगी और फिर उन्होंने अपनी सलवार को भी उतार दिया और अब मेरे सामने उनकी बड़ी गांड थी, उन्होंने काली कलर की पेंटी पहन रखी थी और उसमें बिल्कुल सेक्सी लग रही थी और मेरा मन कर रहा था कि अभी जाकर उसको चोद दूँ, ऑंटी ने अपनी कमीज़ को नीचे गिरा दिया और जब वो कमीज़ उठाने के लिए नीचे झुकी तो उसकी गांड की दरार मुझे दिखने देने लगी. फिर उन्होंने कमीज़ उठाई और सलवार और कमीज़ दोनों पहन ली और फिर आकर आंटी को दिखाने लगी और कहती है कि यह थोड़ी टाईट लग रही है और अभी तो मैंने नीचे कुछ पहना भी नहीं है.

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फिर मंजू आंटी उससे बोली कि तो वो नीचे कुछ पहनकर देख ले और उन्होंने अपनी आलमारी से अपनी ब्रा और पंटी उन्हें निकालकर दे दी और वो पहनने फिर से चली गई, में इस बार थोड़ा और साईड हो गया, ताकि मुझे अच्छी तरह से दिख जाए तो निशा आंटी ने ब्रा पहनी और मंजू आंटी को आवाज़ लगाई कि एक बार आना जरा मुझसे हुक बंद नहीं हो रहा है और मंजू आंटी भी मुझे देख रही थी कि कैसे में निशा को पीछे से देख रहा था तो उन्होंने मुझे आवाज़ दी, लेकिन मुझे सुनाई ही नहीं दिया, क्योंकि में तो उन्हें देखने में व्यस्त था.

फिर आंटी ने मुझे ज़ोर से आवाज़ लगाई और बोली कि कहाँ खोया हुआ है जो सुनाई नहीं दे रहा है? तो निशा आंटी ने बोला कि यह अपने सपने में ही डूबा हुआ है, में कुछ नहीं बोला तो मंजू आंटी ने मुझसे कहा कि जा आंटी की मदद कर दे, में तो खुश ही हो गया और में जैसे ही खड़ा हुआ तो मंजू आंटी ने मेरे खड़े लंड को देखकर बोला कि निशा नीचे देख इसके सपने साफ साफ दिखाई दे रहे है और वो उस कांच से देखने लगी और फिर दोनों हंसने लगी और में पर्दे के पीछे गया तो आंटी ने मुझसे बोला कि यह हुक बंद कर दे.

दोस्तों आंटी के बूब्स इतने मोटे थे कि ब्रा बहुत ज्यादा टाईट हो रही थी तो में हुक बंद करने के बहाने उन्हे छूने लगा और मेरा लंड उनके शरीर पर रगड़ने लगा तो अचानक से मेरे हाथ से ब्रा छूट गई और नीचे गिर गई तो मुझे उनके पूरे बूब्स दिख गये, मेरा लंड तो जैसे पेंट फाड़कर बाहर आने को तैयार हो गया. अब आंटी नीचे ब्रा उठाने को झुकी तो मेरा लंड उनकी गांड पर छू गया.

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मैंने भी एक झटका मारा तो आंटी थोड़ा आगे हुई और गिरते गिरते बची और मुझे पीछे धक्का दिया और कहती है, तू क्या पागल हो गया है और वो मुझ पर गुस्सा होने लगी तो मंजू आंटी ने कहा कि कोई बात नहीं. फिर वो बोली कि मैंने इससे थोड़ा मजाक क्या कर लिया, यह तो मेरे ऊपर ही चढ़ गया, मेरा भी मूड अब बहुत खराब हो गया और में वहां से चला गया.

उसके बाद में तीन दिन तक उनके घर नहीं गया. मंजू आंटी ने एक दो बार मुझे फोन भी किया, लेकिन मैंने नहीं उठाया और फिर अगले दिन उन्होंने मेरी मम्मी को फोन किया तो मम्मी ने मुझसे बोला कि जा उनके घर चला जा और मेरा सूट ले आ. फिर में आंटी के घर चला गया तो आंटी ने बोला कि तू फोन क्यों नहीं उठा रहा, तो मैंने कोई जवाब नहीं दिया.

फिर वो मेरे पास आई और बोली कि क्या तू उस दिन की बात पर नाराज है? मैंने कुछ नहीं कहा तो आंटी बोली अब मान भी जा, मैंने तेरे लिए एक मस्त सी गर्लफ्रेंड भी ढूंड रखी है तो में झट से बोला क्या सच में? और में ख़ुशी में आंटी के गले लग गया, लेकिन दो मिनट के बाद मुझे पता लगा तो मैंने उन्हें छोड़ दिया. फिर आंटी कहती है कि कोई नहीं, आंटी के चेहरे पर उस समय अलग ही नशा सा झलक रहा था.

फिर आंटी बोली में तो मजाक कर रही थी और में इतनी जल्दी कहाँ से ढूंढ लाती? तो मैंने कहा कि मुझे नहीं पता अब आपने बोला है तो मुझे गर्लफ्रेंड चाहिए नहीं तो आप खुद ही बन जाओ? तो आंटी बोली कि अच्छा बता तू मेरे बेटे का दोस्त है और में तेरी गर्लफ्रेंड कैसे बन सकती हूँ? तो मैंने भी बोल दिया कि अगर में आपके बेटे का दोस्त ना होता क्यों तब बन जाती मेरी गर्लफ्रेंड? अब आंटी बिल्कुल चुप हो गई और मुझे देखने लगी.

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फिर मैंने सोचा कि यही अच्छा मौका है और मैंने तुरंत आंटी का हाथ पकड़ लिया और बोला कि आंटी में आपसे बहुत प्यार करता हूँ, क्या आप मेरी गर्लफ्रेंड बनोगी? तो आंटी कुछ नहीं बोली और मुझे देखती रही और फिर उन्होंने कुछ सोचकर हाँ कर दिया और फिर में वहां से चला गया.

अब आंटी और में फोन पर बातें करने लगे, में आंटी से सारा दिन मैसेज पर बात करता था और कभी कभी कॉल पर भी. फिर अगले दिन आंटी ने मुझे एक चुटकुला भेजा तो मैंने भी जवाब में एक चुटकुला भेज दिया. फिर आंटी ने बोला और भेज, तो मैंने एक सेक्सी चुटकुला भेज दिया, लेकिन आंटी ने कोई जवाब नहीं दिया. फिर मैंने उन्हें कॉल किया और पूछा कि क्या हुआ चुटकुला पसंद नहीं आया? जो जवाब नहीं कर रहे हो?

फिर वो बोली कि नहीं ऐसी कोई बात नहीं है, तेरे अंकल के लिए खाना बना रही हूँ. फिर में और भी सेक्सी मैसेज आंटी को करने लगा तो आंटी बोली कि मैंने मना नहीं किया तो इसका मतलब यह नहीं है कि तू सारे ही सेक्सी मैसेज मुझे भेजता रहेगा. फिर मैंने कहा कि मुझे लगा आपको पसंद आ रहे है, इसलिए में भेज रहा हूँ.