Aunty Sex Story

आंटी के पालतू कुत्ते

(Aunty ke paltu kutte)

हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम विधुर है और में आज आप सभी के सामने अपनी एक सच्ची कहानी लेकर आया हूँ.. वैसे यह मेरी पहली कहानी है तो हो सकता है कि मुझे इसमें कोई गलती हो गई हो तो मुझे माफ़ करें…

दोस्तों में बचपन से ही समझता था कि औरतें सेक्स में बहुत माहिर होती है.. तो इसलिए हमेशा से मैंने उन्हे एक देवी का दर्जा दिया. इसी वजह से मेरे मन के अंदर उनकी सेवा करने की और उन्हे खुश करने की प्रवृत्ति जाग गई और मुझे लड़कियों से ज्यादा शादीशुदा आंटियों के पैरों में रहकर उनकी सेवा करने का बहुत मन करता है.

दोस्तों औरतों का शरीर एक वीना की तरह होता है.. अगर हम चाहे तो उनका एक एक अंग एक सुर की तरह बज सकता है और इस वजह से मुझे लड़कियों के पैरों चाट चाटकर उन्हे गर्म करना, उनके पैर, जांघो को चूमना, उनके बूब्स को छूना, दबाना, चूमना और चूत में जीभ डालकर चाटना बहुत अच्छा लगता और मुझे पता है कि यह सब महिलाओ को भी उतना ही पसंद है कि कोई उनका नौकर बनकर उनकी जी जान से सेवा करे.. उनके पैर चाटे, चूत चाटे, उनकी गंदी पेंटी चाटे और यहाँ तक की उनका मन करता है कि कोई उनका मूत तक पी ले और यह काम अगर पति कर दे तो पत्नी की लाईफ जन्नत से कम नहीं रहती और अगर वो पति उसका एक नौकर बन जाए तो पत्नी को कुछ भी करने की ज़रूरत नहीं.. क्योंकि वो उसका पति सब करेगा और पत्नी किसी से भी चुदवाए पति कुछ नहीं कह पाएगा और पत्नी अपने पति के सामने ही दूसरे मर्द से चुद सकेगी और पति, पत्नी की गंदी पेंटी चाटेगा, पैर चाटेगा, पत्नी की चुदी हुई चूत चूसेगा.

दोस्तों यह कहानी ऐसी ही एक पत्नी की है.. उसकी उम्र 34 साल है और जिसका पति उसका गुलाम है, उसका नौकर है और यह आज से एक महीने पहले की बात है. मेरे पड़ोस में एक आंटी रहती थी.. वो बहुत ही सुंदर थी और उन्हे देखकर ऐसा लगता था कि मानो स्वर्ग से कोई अप्सरा उतरकर आ गई हो. वो एकदम सेक्सी, पतली कमर, गोरा बदन, बड़ी सी गांड, उनके बूब्स ज्यादा बड़े नहीं थे.. लेकिन वो एकदम तनकर खड़े रहते थे. तो एक दिन मैंने इस बात पर भी गौर किया कि वो आंटी हमेशा एकदम सजधजकर तैयार रहती थी और वो हमेशा अच्छे अच्छे कपड़े, हाई हील्स सेंडिल पहनकर नजर आती थी.

उनके पति एक बहुत बड़ी प्राईवेट कम्पनी में काम करते थे और मैंने जब भी उनके पति को देखा तो वो हमेशा सर झुकाकर ही चलते थे और उनका मुहं हमेशा ज़रूरत से ज्यादा लाल रहता था.. लेकिन वो थे बहुत अमीर और आंटी रोज़ नये नये कपड़े पहनती.. लेकिन उनके घर के अंदर क्या चलता है मुझे वो सब जानना था. तो एक दिन मुझे मौका मिल ही गया और में होली के त्यौहार के समय सोसाइटी में तैयारी करने के लिए आंटी के घर पर गया. तो मैंने दरवाजे पर लगी हुई घंटी बजाई और में कुछ देर इंतजार करने लगा.. लेकिन बहुत देर रुकने पर भी कोई भी नहीं आया.. लेकिन मुझे अंदर से कुछ आवाज़ आ रही थी और वो किसी बेल्ट या हंटर के जैसी थी.. लेकिन मैंने उस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और मुझे ऐसा लगा कि शायद अंदर टीवी चल रहा होगा. तो कुछ देर और इंतजार करने के थोड़ी देर बाद दरवाजा खुला देखा और मैंने देखा कि मेरे ठीक सामने आंटी खड़ी हुई थी.. उन्होंने लाल कलर का ओवरकोट पहना हुआ था जो कि उनके घुटनों तक था. दोस्तों में आप सभी को बता नहीं सकता कि वो क्या नज़ारा था?

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वो किसी कामदेवी से कम नहीं लग रही थी और वो उस समय एक स्वर्ग सुंदरी लग रही थी और मुझे उनके पति से जलन होने लगी और उन्होंने अपने खुबसूरत पैरों में लंबी हील के लाल कलर के सेंडल पहने हुए थे होंठो पर सेक्सी लाल कलर की लिपस्टिक, आखों में काजल, हाथों और पैरों में लाल कलर का नैलपेंट.. वो बहुत सेक्सी लग रही थी. तो में उन्हे देखता ही रह गया और बहुत चकित भी था कि अभी इस समय आंटी ऐसे तैयार होकर कहाँ जा रही है? मैंने आंटी से कहा कि होली का त्यौहार है तो कुछ तैयारी करनी है और फिर उन्होंने कहा कि ठीक है तुम यहीं पर रूको.

तो में वहीं पर खड़ा इंतज़ार करने लगा और मैंने अंदर झांककर देखा तो उनका घर बहुत सुंदर था और मैंने देखा कि आंटी के थोड़े कपड़े बिखरे हुए पड़े है.. उसमे एक आंटी की पेंटी भी थी और उसे देखकर मेरा उसे चाटने का मन हो गया और फिर मैंने अंदर देखा कि वहाँ पर एक काले कलर का हंटर भी पड़ा हुआ है जिसका गोल्डन कलर का हेंडल है.. लेकिन वो सुंदर था. तो में समझ गया कि हंटर की आवाज़ टीवी से नहीं यहीं से आ रही थी और इतने में आंटी ने अपने पति को उसके नाम से बुलाया और उन्हे पैसे देने को कहा. तो मुझे यह सब सुनकर बहुत अजीब सा लगा.. क्योंकि आंटी, अंकल से तू तू करके बात कर रही थी और वो उनसे आप आप करके बात कर रहे थे.

फिर आंटी मेरे पास आई और मुझे पैसे दिए.. तो मैंने थोड़ी सी हिम्मत करके आंटी से पूछ ही लिया कि यह हंटर किस के लिए है? तो आंटी बहुत शैतानी तरीके से मुस्कुराई और बोली कि तुम्हारा नाम क्या है? तो मैंने खुशी खुशी अपना नाम उन्हे बता दिया और फिर आंटी ने बताया कि यह मेरे कुत्ते के लिए है.. लेकिन मैंने बोला कि आपके पास तो कोई भी पालतू कुत्ता नहीं है? तो आंटी ने कहा कि अंदर आओ.

तो में अंदर आकर सोफे पर बैठ गया और आंटी भी ठीक मेरे सामने अपने एक पैर पर दूसरा पैर रखकर बैठ गई और मुझसे पूछने लगी कि क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है? तो मैंने कहा कि हाँ है.. तो उन्होंने सीधे मुझसे कहा कि क्यों उसे कैसे खुश करते हो? तो मैंने कहा कि क्या मतलब? तो उन्होंने कहा कि उसके जिस्म को कैसे खुश करते हो? तो मैंने कहा कि यह आप क्या पूछ रही है? तो उन्होंने कहा कि हाँ में वही पूछ रही हूँ जो तुम सुन रहे हो.. तुम बस मुझे बताओ. फिर मैंने कहा कि जी कैसे भी नहीं और तभी उन्होंने मुझसे पूछा कि क्यों तुमने क्या कभी किसी के साथ सेक्स किया है? तो मैंने झट से कहा कि नहीं आंटी मुझे अब तक ऐसा कोई भी मौका नहीं मिला. तभी उन्होंने कहा कि क्या तुम मुझे संतुष्ट कर पाओगे? तो मैंने कहा कि क्या मतलब? और अब आंटी मेरे लंड को बहुत गौर करके देख रही थी जो कि पेंट में फनफना रहा था.

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मैंने बोला कि आंटी वो तो आपके पति भी हमेशा करते ही होंगे ना. तो वो हंसने लगी और बोली कि क्या तुम देखना चाहते हो कि मेरे पति क्या करते है? और फिर मैंने कहा कि हाँ तो उन्होंने बोला कि तुम पूछ रहे थे ना मेरे पास कुत्ता नहीं है. यह देखो और फिर उन्होंने एक घर का नाम बोला और उनके पति घुटनो के बल चलकर उनके सामने आ गए और आंटी के सेंडल चाटने लगे. तो मैंने कहा कि यह क्या कर रहे है? तो आंटी ने कहा कि यह है मेरा पालतू कुत्ता. तभी आंटी ने उनके गाल पर एक जोरदार चांटा मार दिया और कहा कि तुम्हारा पट्टा कहाँ है तो अंकल जल्दी से पट्टा पहनकर आए और फिर आंटी ने बोला कि जल्दी से मेरी पेंटी साफ करो..

अंकल ने वहाँ पड़ी आंटी की पेंटी को उठाया और चाटना शुरू कर दिया. फिर आंटी ने बोला कि मेरे सेंडल उतारो और फिर अंकल अपने हाथों से उनके सेंडल उतारने लगे और आंटी ने उनके मुहं पर एक जोरदार लात मारी और बोला कि कुत्ते हाथ से नहीं मुहं से उतार. तो अंकल ने वैसा ही किया और वो अपने मुहं से पकड़कर उनके सेंडल उतारने लगे और इतने में आंटी मुझे डाइनिंग टेबल पर ले गई और उन्होंने अपने पति से खाना सर्व करने को बोला. तो वो जल्दी से उठा और प्लेट में खाना निकालने लगा और फिर अपने पति से खाना सर्व करवाने के बाद उनका पति टेबल के नीचे उनके पैरों में बैठ गया और उनके नाजुक नाजुक पैर चाटने लगा.

मैंने आंटी से कहा कि क्या यह नहीं खाएँगे? तो आंटी ने कहा कि यह एक कुत्ता है और यह सब नहीं ख़ाता. तो मैंने कहा कि फिर क्या ख़ाता है? तो इस पर आंटी ने कहा कि तुम देखते जाओ और खाना खाते समय बीच में आंटी ने एक निवाला नीचे गिरा दिया और अपने हील्स से कुचल दिया वो उनके सेंडल में चिपक गया और उन्होंने अपने पति से बोला कि खा लो.. तो उनका पति कुत्तो की तरह उनकी सेंडल से वो निवाला खाने लगा.

फिर इतने में आंटी ने मुहं से एक निवाला काटा और काटते ही बाहर निकालने लगी.. उनके पति ने मुहं आगे की तरफ कर लिया और आंटी ने अपना चबाया हुआ निवाला उनके मुहं पर थूक दिया और उन्होंने बड़े चाव से चबा चबाकर उसे खा लिया और जब हम खाना खाकर हटे तो उनका पति एक बर्तन में थोड़ा पानी ले आया और उसमे आंटी के पैर धोने लगा.

फिर आंटी ने उस बर्तन कि में 4-5 बार थूक दिया और उनका पति वो पानी पी गया. फिर आंटी ने अपने कपड़े उतार दिए और वो मेरे सामने एकदम नंगी हो गई और उसने अपने पति को इशारा किया. तो उनका पति आया और कुत्तों की तरह उनकी चूत चाटने लगा और वो बीच बीच में उनकी गांड भी चाट रहा था.

फिर मैंने आंटी से बोला कि क्या आपको यह सब करना अच्छा लगता है? तो में आपके लिए ऐसा क्या करूं जिससे आप खुश हो जाएँगी? तो उन्होंने कहा कि क्या तुम भी मुझे खुश करोगे?

मैंने कहा कि हाँ और उन्होंने कहा कि ठीक है और मैंने सीधा उनकी चूत पर एक जोरदार किस ले लिया और थोड़ा सा उनकी चूत को चूसा उनकी गीली चूत का पानी चाटा और फिर किचन से कुछ चने और केले ले आया.

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फिर मैंने थोड़े चने अपने मुहं में डाले और आंटी की चूत से अपना मुहं लगा लिया और वो चने एक एक करके अपने मुहं से उनकी चूत में डाल दिए और अब वो सभी चने उनकी चूत की गहराइयों में गुम हो गये और उन्होंने बोला कि यह क्या किया तुमने? तो मैंने कहा कि अब आगे देखो.

फिर मैंने अपनी पूरी जीभ उनकी चूत में डाली और अपनी जीभ से चने ढूंढने लगा. वाह क्या स्वाद था उनकी चूत का? मैंने इस बहाने से उनकी चूत को अंदर तक चाटा और चूसा और वो मेरे सर को पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने लगी और सिसकियाँ लेने लगी अह्ह्ह उह्ह्ह्ह मज़ा आ गया वाह ओह्ह्ह्ह हाँ और ज़ोर से चूसो अह्ह्ह उह्ह्ह और मेरे कुछ देर चूसने के बाद आंटी झड़ने लगी और वो धीरे धीरे ठंडी होने लगी..

में उनकी चूत से निकला हुआ पूरा गरम गरम लावा चाटने लगा और मेरे ऐसा करने से आंटी को बहुत मज़ा आ रहा था.. लेकिन अब मैंने आंटी को छोड़ने का निर्णय कर लिया और मैंने आंटी की चूत में एक केला डालने की कोशिश की और वो केला फिसलता हुआ अंदर चला गया. तो आंटी ने बोला कि मुझे पता है कि अब तुम इसके आगे क्या करोगे? तुम इसे मेरी चूत से बाहर निकाल कर खा जाओगे.. क्योंकि तुम्हे मेरी चूत का स्वाद बहुत पसंद है.. है ना? अब बाहर निकालो इसे और खा जाओ और मेरे इस कुत्ते को भी सिख़ाओ यह नए नए तरीके. फिर मैंने ऐसा ही किया.. उनकी चूत में मुहं डालकर दाँतों से केले को पकड़ा और बाहर निकाल कर पूरा केला खा लिया.. दोस्तों क्या बताऊँ वो क्‍या स्वाद था?

और फिर आंटी भी झड़ गई और मैंने उनका सारा पानी भी पी लिया. तो वो भी कह रही थी कि पियो पियो और ज़ोर से चूस चूसकर पियो और फिर आंटी ने कहा कि मुझे मूत आ रहा है और अब मेरा कुत्ता मुहं लगाकर मेरा मूत पियेगा.. चल कुत्ते यहाँ पर आ. तो मैंने आंटी से कहा कि क्या में आपका मूत पी सकता हूँ?

आंटी ने कहा कि क्या तुम भी पीओगे? तो मैंने उनकी चूत में मुहं लगा दिया और उन्होंने एकदम से एक गरम गरम सुनहरे पानी की धार मेरे मुहं पर छोड़ दी और में बड़े चाव से सारा मूत पी गया और अब मेरा मन आंटी के पैर चाटने का भी था.. लेकिन आंटी ने कहा कि तुम अभी जाओ और कभी बाद में आना. में तुम्हे भी अपना कुत्ता बना लूंगी और तुमसे चुदवाउंगी भी और अपने पति के सामने तुम्हारे मोटे लंड पर कूदूँगी और अपने पति के सामने गांड में भी तुम्हारा लंड लूंगी और मेरा पति मुझे तुमसे चुदते हुए देखेगा.

तो दोस्तों उसके बाद में वहाँ से चला आया और अपने घर पर पहुंचकर मैंने सीधा बाथरूम में जाकर एक बार उनके नाम की मुठ मारी और अपने तड़पते हुए लंड को शांत किया और उसके बाद दूसरे दिन मैंने उनके घर पर पहुंच कर उनकी जमकर चुदाई की और उन्हे संतुष्ट किया.