आंटी को प्यार से चोदा-1
Aunty ko pyar se choda-1
auntyfuck, हैल्लो दोस्तों, में डेविल आज आप सभी चाहने वालों को अपना पहला सेक्स अनुभव, जो मैंने अपने पड़ोस में रहने वाली को चोदकर प्राप्त किया, वो घटना सुनाने जा रहा हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि यह घटना आप लोगों को जरुर पसंद आएगी.
दोस्तों में दिल्ली में रहता हूँ और मुझे तब से ही सेक्स करने की चाह थी, जब में बहुत छोटा था. मैंने बहुत सारी सेक्सी कहानियाँ भी पढ़ी, जिनको पढ़कर मुझे बहुत मज़ा आया, लेकिन मैंने कभी भी सेक्स नहीं किया था.
फिर जब में थोड़ा सा बड़ा हुआ तो मेरे कुछ दोस्त सेक्स करने बाहर जाते थे, उन्होंने वहां पर जाने के लिए मुझसे भी कहा था, लेकिन मैंने उनसे हमेशा साफ मना कर दिया, क्योंकि मुझे इस तरह से सेक्स नहीं करना था, क्योंकि दोस्तों मुझे प्यार से सेक्स करना था और किसी से कोई जोर जबरदस्ती नहीं चाहिए थी, वो सब मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता है और अब में सीधा अपनी आज की कहानी पर आता हूँ, जिसमें मैंने बहुत प्यार से अपनी आंटी को अपनी तरफ आकर्षित करके उनकी चुदाई के पूरे पूरे मज़े लिए और उनको अपनी चुदाई से पूरी तरह से संतुष्ट भी किया.
फिर उस दिन हुआ यह कि हमारे पड़ोस में एक आंटी रहती थी, वो बहुत ही सेक्सी थी, मुझे दूसरो का पता नहीं, लेकिन जब भी में उन्हें देखता था, तब मेरा उनको पटाने का मन करता था और उनके साथ वो सब करने का मन करता था, में उनके साथ एक बार चुदाई जरुर करना चाहता था, लेकिन मैंने फिर भी कभी आगे बढ़ने की कोशिश नहीं की, क्योंकि उनके घर से हमारी घर की बहुत अच्छी बोलचाल थी और उनका हमारे घर पर आना जाना लगा रहता था और में भी हर कभी उनके घर पर जाया करता था और अगर में ऐसा कुछ करता तो वो अपने घर पर ना कह दे, इस बात को सोचकर में हमेशा डरता था और में उनके घर पर जाता और उनके साथ हंसी मजाक बातें किया करता था.
अंकल सुबह जल्दी उठकर अपने काम से मार्केट सामान लेने चले जाते थे. उस अंकल की एक चमड़े के बेग बनाने की फेक्ट्री थी, जहाँ पर बेग वगेरा बनते थे और उनकी फेक्ट्री उनके घर के नीचे ही थी और आंटी के घर में आंटी, अंकल ही रहते थे औए उनके दो बेटे थे, वो दोनों हॉस्टल में रहते और वहीं अपनी पढ़ाई किया करते थे.
दोस्तों वो आंटी दिखने में तो बहुत मस्त थी और उनके फिगर का आकार 38-30-36 था, आंटी मुझे बहुत मानती थी, कभी कभी में उनके घर का सामान लाया करता था. एक बार हुआ यह कि में आंटी के घर पर पैसे देने चला गया, क्योंकि मेरे भाई ने उनसे एक बेग बनवाया था और उस दिन अंकल की फेक्ट्री बंद थी, इसलिए में आंटी को पैसे देने चला गया.
फिर में जैसे ही ऊपर गया और उन्हें आवाज़ लगाते हुए सीधा आंटी के कमरे में चला गया और फिर मैंने देखा कि आंटी बिस्तर पर लेटी हुई थी और वो उस समय अपनी चूत में उंगली कर रही थी. मैंने आंटी को देखा और आंटी ने मुझे देख लिया और अब में तुरंत उनके कमरे से बाहर आ गया, लेकिन बाहर आते समय मैंने आंटी को मेरे इस तरह अचानक से उनके कमरे में आ जाने के लिए माफ़ करने के लिए कहा. फिर मैंने देखा कि आंटी ने मुझे देखकर ऐसा कोई भी किसी भी तरह का विरोध ही नहीं किया. आंटी उठकर बैठ गई और उन्होंने मुझे बाहर से अंदर बुलाकर मुझसे बस इतना कहा कि कोई बात नहीं तुम्हारी इसमें कोई गलती नहीं है, हाँ बताओ तुम्हें मुझसे क्या काम था? तो मैंने उनसे कहा कि यह पैसे मुझे मेरे भाई ने आपको देने के लिए दिए है, भाई ने कोई बेग बनवाया था यह उसके पैसे है और फिर में उनसे इतना कहकर पैसे देकर वहां से जाने लगा.
तभी आंटी ने पीछे से आवाज देकर कहा सुनो, तो मैंने कहा कि हाँ जी आंटी, उन्होंने कहा कि तुम इधर आओ और फिर में उनके पास चला गया और उन्होंने धीरे से मुझसे कहा कि तुम यह बात किसी से कहना मत क्यों ठीक है? तो मैंने भी अपना सर हिलाते हुए कहा कि हाँ ठीक है आंटी में किसी से कुछ भी नहीं कहूँगा और में आंटी को अपनी तरफ से एक बार और माफ़ करने के लिए बोलकर में वहां से अपने घर पर आ गया.
कुछ दिन ऐसे ही बीत गये. में उनके घर पर ऐसे ही आता जाता रहा और वो भी अपने किसी ना किसी काम से आती जाती रही और हमारे बीच बातें हंसी मजाक भी चलता रहा और उसके बाद एक दिन में अपनी स्कूटी को घर में खड़ी कर रहा था. फिर आंटी ने मुझे देख लिया और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि डेविल तुम कुछ देर के लिए ऊपर आ जाओ, मुझे तुमसे कुछ काम है. दोस्तों में उनके कहने पर ऊपर चला गया, तब आंटी ने मुझे बताया कि तुम्हारे अंकल इस समय मार्केट गये है और वो रात को 9 बजे तक आएँगे, अभी 11 बज रहे है.
फिर मैंने उनसे कहा कि हाँ वो सब तो ठीक है, लेकिन में अब क्या करूं? तो वो मेरी यह बात को सुनकर हंसने लगी और उन्होंने मुस्कुराते हुए मुझसे कहा कि तुम अंदर चलो, में तुम्हें सब कुछ बताती हूँ. दोस्तों मुझे उनकी शरारती हंसी उनके चेहरे की बनावट को देखकर लगने लगा था कि आज तो आंटी मुझसे अपनी चुदाई जरुर करवाएँगी, तभी तो वो मुझे बहुत प्यार से मुस्कुराते हुए अंदर चलने के लिए कह रही है. फिर वो मेरे लिए कुछ खाने के लिए लेकर आ गई.
मैंने जब देखा तो में एकदम चकित हो गया और मन ही मन सोचने लगा कि डेविल आज तो तेरी निकल पड़ी, आज तुझे चुदाई करने का पूरा मज़ा मिलेगा. अब मैंने ध्यान से देखा तो आंटी के निप्पल मुझे साफ साफ दिख रहे थे और आंटी ने सलवार भी एकदम टाईट पहनी थी. दोस्तों में शरारत करने में बहुत अच्छा था, इसलिए मुझे जब भी मौका मिलता है, में शुरू हो जाता हूँ, यहाँ तक कि में अपनी टीचर्स के साथ भी बहुत शरारत किया करता.
फिर अब आंटी मेरे पास आई और आंटी ने मुझसे कहा कि खाना शुरू करो, तो मैंने कहा कि नहीं आंटी मेरा बिल्कुल भी मन नहीं कर रहा. तब आंटी ने मुझसे पूछा कि क्यों? थोड़ा सा तो खा लो. फिर मैंने कहा कि नहीं मेरा मन बिल्कुल भी नहीं है, मेरा मन तो कुछ और करने को कर रहा है. फिर उन्होंने कहा कि अच्छा ऐसा है तो मैंने हाँ कहा और उन्होंने मुझसे पूछा कि तुम्हारा ऐसा क्या करने का मन कर रहा है?
मैंने उनसे कहा कि मुझे पता नहीं, लेकिन हाँ मेरा बहुत अजीब सा मन हो रहा है और बस कुछ करने का मन कर रहा है और मुझे पता नहीं क्या करने का मन कर रहा है? तो आंटी ने कहा कि सच बता, तो मैंने कहा कि हाँ आंटी में सच कह रहा हूँ, लेकिन क्या में आपसे एक बात पूछ सकता हूँ? तब आंटी ने मुस्कुराते हुए मुझसे कहा कि हाँ पूछो? तो मैंने उनसे कहा कि आंटी आप पहले भी इतनी सुंदर थी या वक़्त का कोई हसीन सितम या यह कोई समय का परिवर्तन है? फिर आंटी मेरी पूरी बात को सुनकर ज़ोर से हंसने लगी और फिर वो मुझसे कहने लगी कि अच्छा तो तुम्हें मुझे देखकर मेरे बारे में यह सब लगता है.
फिर मैंने उनसे कहा कि हाँ आप बहुत सुंदर हो, मुझे तो हमेशा आप जैसी ही सुंदर सुशील पत्नी चाहिए. फिर आंटी ने कहा कि अच्छा ऐसा है, तब तो तुझे मेरी जैसी पत्नी कभी नहीं मिलेगी, तो मैंने कहा कि हाँ में जानता हूँ. फिर आंटी ने मुझसे पूछा कि तुम जानते हो तो मुझे बताओ कि तुम्हें मेरे जैसी पत्नी क्यों नहीं मिलेगी?
मैंने तुरंत कहा कि आप इस पूरी दुनिया में बस एक ही हो, इसलिए मुझे नहीं मिलेगी. तब आंटी ने कहा कि नहीं ऐसा कुछ नहीं है, तुमको मेरी जैसी पत्नी चाहिए में थोड़ी? तो मैंने कहा कि हाँ आपकी यह बात भी बिल्कुल सही है. मैंने इस बारे में नहीं सोचा था, तब आंटी ने मुझसे कहा कि वैसे में अब भी तुम्हारी हो सकती हूँ.
दोस्तों तब मैंने मन ही मन में सोचा कि हाँ तो जल्दी हो जाओ, देर किस बात की? में तुम्हारी रोज़ चुदाई करूँगा. फिर मैंने पूछा कि क्या? तब आंटी ने मुस्कुराते हुए मुझसे पूछा कि यह बताओ तुम कुछ खा तो नहीं रहे, क्या तुम कुछ पियोगे? मैंने तुरंत धीरे से कहा कि हाँ आपका दूध और फिर मैंने दोबारा कहा कि हाँ तब आंटी ने पूछा कि क्या पियोगे? तो मैंने उनसे कहा कि आप कुछ भी पिला दीजिए, जो आपका मन करे और जो आपके पास है, वो भी चलेगा.
फिर आंटी ने पूछा कि क्या कहा तुमने जो मेरे पास है, वो भी चलेगा? तब मैंने कहा कि हाँ जो आपके पास है, वो भी पिला दीजिए और तभी मैंने थोड़ा सा अंजान बनकर एकदम से तुरंत कहा कि मेरा मतलब आपके वो नहीं, में पानी वगेरा की बात कर रहा हूँ. फिर उन्होंने मुझसे कहा कि तुम बहुत समझदार हो और फिर मैंने कहा कि हाँ कोई शक? तब उन्होंने कहा कि हाँ शक तो है. फिर मैंने पूछा कि कैसा शक? उन्होंने कहा कि तू या तो नाटक कर रहा है या फिर मुझे अपनी बातों में फंसा रहा है.