Badi Gand Wali Bhabhi Ki Gand Chodi
मेरी भाभी गोरी और बड़ी गांड और बड़ी चुचियों वाली औरत थी। पर मैंने उस दिन से पहले कभी भाभी को बुरी नज़र से नहीं देखा था। रात को वो नाईटी पहनकर सोई थी। उसने मेरे तरफ पीठ कर रखी थी और डिम लाइट की हल्की रोशनी में वो गांड की शेप देखकर ना जाने मुझे क्या हो गया। मैं चुपचाप बिस्तर से उठा और लाइट ऑफ कर दी। भाभी की गांड पर टच करते हुए एक हाथ रख दिया ताकि अगर भाभी को पता लगे तो वो सोचे कि अनजाने में नींद में मेरा हाथ वहाँ चला गया है। मैं भाभी की कोमल गांड को फील करता हुआ दूसरे हाथ से मूठ मारने लगा। वो रात में मूठ मारकर सो गया था।
अगली रात मैंने देखा, भाभी का नाईटी जांघ तक चढ़ा हुआ है। आज मेरा हिम्मत और बढ़ चुका था क्योंकि मुझे पता चल चुका था कि भाभी को नींद में कुछ पता नहीं चलता है। भाभी की गोरी गोरी मोटी चिकनी जांघ को देखकर मेरा लंड खड़ा हो चुका था। भाभी हमेशा मेरे तरफ पीठ (गांड) करके सोती है। मैं फिर उठा और लाइट ऑफ कर दी। अंधेरे में धीरे-धीरे भाभी का नाईट ऊपर करने लगा। नाईट ढीली थी तो बहुत जल्दी ऊपर आ गया। मुझे अब अंदाजा हो चुका था कि मैंने भाभी की गांड नंगी कर दी है। धीरे से अपना एक हाथ भाभी की नंगी गांड पर रखा। मेरा पूरा शरीर गांठ गया। मुझे अब भाभी की गांड देखने का दिल कर रहा था।
मैंने अपना मोबाइल का टॉर्च जलाया। मेरे आंखों के सामने एक 42 साइज़ की, गोरी, भारी हुई और उभरी नंगी गांड थी। मुझसे रहा नहीं जा रही था, और मैंने अपना हाथ भाभी की गांड पर रख दिया। भाभी गहरी नींद में थी और वो को पता ही नहीं चला कि मैं वो गांड नंगी करके वो गांड को चारों तरफ से सहला रहा हूँ। अब मेरा एक्साइटमेंट लेवल बहुत ज्यादा बढ़ गया था और मैंने अपना पजामा उतार दिया और अपना लंड भाभी की गांड पर सटा दिया। भाभी का कोई रिएक्शन नहीं था। मैं धीरे-धीरे लंड को भाभी की गांड में रगड़ने लगा। अचानक भाभी जाग गई और बोली –“ये क्या कर रहे हो कुत्ते?” मैंने उसे देखा ना तो, भाभी को पकड़कर बिस्तर पर औंधे लेट लिया। अब बचने का मेरे पास एक ही तरीका था कि भाभी को कहीं का न छोड़ूं। मैं भाभी के ऊपर चढ़ गया, मेरा लंड भाभी की नंगी बड़ी गांड के बीच में था। भाभी –“ये क्या कर रहे हो? छोड़ो मुझे” मैंने टाइम वेस्ट करना ठीक नहीं समझा और एक हाथ से भाभी की पीठ को दबाते हुए दूसरे हाथ से अपना लम्बे लंड भाभी की चुत के मुह में लगा दिया और जल्दी से धक्का मारते हुए लंड भाभी की चुत में पेलने लगा।
भाभी –“आह्ह्ह….कमिने क्या कर रहा है?” मैंने वो वक़्त भाभी से बात करना ठीक नहीं समझा और चुपचाप भाभी को चोदने में लग गया। “आह्ह्ह…मैं तेरी भाभी हूँ आह्ह…मात कर आह्ह…ऐसा” मैं भाभी को चोदते हुए धीरे से भाभी के कान में बोला –“छोड़ दो भाभी, किसी को कुछ पता नहीं चलेगा” भाभी इस्स्स इस्स् उफ़्फ़ उफ़ आह्ह आह्ह कर रही थी और करीब 7-8 मिनट में ही मैं भाभी की चुत में जड़ गया। भाभी बैठकर रोने लगी और रोते रोते बोली –“तुमने ऐसा क्यों किया, तेरे भाई को पता चलेगा तो वो मुझे तलाक दे देंगे” मैंने थक कर लेट गया था, ये मेरी पहली चुड़ाने की एक्सपीरियंस थी। मैंने बोला –“भाभी यहाँ मेरे और आपस के सिवा कोई नहीं है। किसी को कभी कुछ पता नहीं चलेगा। आप चिंता मत करो।” भाभी चुपचाप उठकर बाथरूम चली गई और थोड़ी देर बाद आकर सो गई। करीब रात के 1 बजे मेरा लंड फिर से खड़ा हुआ, अब मुझे किसी बात का डर नहीं था मैं अपनी सोती हुई भाभी की नाईट ऊपर की और उनकी चुत को सहलाने लगा और उनकी चुचियों को नाईट के ऊपर से चूमने और हल्का हल्का काटने लगा।
भाभी उठी और मेरे हाथ को हटा दिया –“रजु ये क्या कर रहे हो?” और वो बिस्तर से उतरकर बेडरूम का लाइट जला दी। मैं भी बिस्तर से उतर गया और भाभी को बाहों में दबाकर चूमने लगा। “रजु मैं तुम्हारी माँ जैसी हूँ, मुझे मत चोदो” मैंने बिलकुल बेशर्म हो चुका था, भाभी के सामने नंगा हो गया और भाभी की नाईट उतार कर वो को बिलकुल नंगी कर दी। भाभी –“रजु ये पाप है, ऐसा पाप मत करो” मैंने भाभी को टेबल पर झुका दिया था, आज भी मुझे भाभी की भारी हुई गोरी कोमल गांड याद है। अपनी नंगी भाभी को पीछे से खूब चोद रहा था और भाभी रो रही थी। करीब 10 मिनट इस तरह से भाभी की चूदाई करने के बाद भाभी को मैं बिस्तर पर ले गया। भाभी के ऊपर चढ़ गया। अगले 15 मिनट तक भाभी सिर्फ आह्ह…इस्स…ओयiii माँ…मार गई….उुफ़्फ़फ़…. जैसी आवाजें ही कर रही थी। भाभी की आवाज़ के अलावा पालंग की खट खट की आवाज़ आ रही थी और अगर कोई पालंग की आवाज़ को सुनता तो वो समझ जाता कि मैंने भाभी की कितनी तगड़ी चुड़ाई की है। मैं उठाकर बैठ गया और भाभी की मोटी मोटी गोरी टांगो को अपने कंधे पर रखकर भाभी की चुत की तबाद-तोड़ चुड़ाई कर दी। भाभी की चुत को मैंने लंड के माल से भर दिया था।
वो मेरी पहली सेक्स की रात थी, इसलिए मैंने भाभी को कपड़े पहनने नहीं दिए और वो को अपने बाहों में भरकर सो गया। करीब 1 घंटे के बाद मेरा लौड़ा फिर से तन गया और मेरा दिमाग और गंदा हो गया। अब मैं भाभी के मुह को चूमना चाहता था। मुझे पता था अगर भाभी से पूछूंगा तो वो मना कर देगी। मैं उठा, और 69 पोजीशन में भाभी के ऊपर आया, भाभी जाग गई पर कुछ समझ नहीं पाया क्योंकि पहले ही मैंने अपना लौड़ा भाभी के मुह में घुसा चुका था। भाभी की चुत में उंगली करते हुए मैं भाभी के मुह को चोदने लगा। 10 मिनट भाभी के मुह को पेलने के बाद मैं भाभी के मुह में ही झड़ गया, और अपना लंड तब तक बाहर नहीं निकाला जब तक भाभी मेरे लंड का पूरा माल पी गई। भाभी सो रही थी और सुबह के करीब 3.30 बजे भाभी चीखती हुई जाग गई –“आह्ह…ये क्या कर रहे हो राजू। मेरी गांड से उंगली निकालो”
मैंने बोला –“भाभी तुमारी गांड बहुत प्यारी है” मैंने भाभी की गांड से उंगली निकाली और किचन चला गया। अपने लंड में अच्छी तरह से सरसों का तेल लगाया और एक कटोरी में थोड़ा सा तेल ले आया और भाभी की गांड की छेद में लगाने लगा। “ये क्यों कर रहे हो राजू? क्या तुम मेरी गांड मारने की सोच रहे हो?” “भाभी इतनी प्यारी गांड नहीं मारू तो तुम्हें चोदने का क्या फायदा होगा?” “नाही, नाही राजू…मैं गांड नहीं मराती..बहुत दुखता है” मेरे दिमाग में अब बस एक ही बात थी कि भाभी की गांड लेनी है। मैंने भाभी को बिस्तर में ही कुतीया बना दी और बोला चुत मारूंगा। भाभी कुटिया बन गई और मैं उनकी चुत मारने लगा। करीब 10-12 धक्के मारने के बाद लौड़ा निकाला और भाभी की गांड में पेलने लगा। भाभी बहुत जोर से चीख और चिल्ला रही थी। भाभी की चीख सुनकर पड़ोसी ना जाग जाए ये सोच कर मैंने भाभी के मुह बंद किया और भाभी की गांड मारने लगा। भाभी अगले 15 मिनट तक बोलती रही, मुंह से भी उसकी आवाज़ आ रही थी। मुझे काफी मजा आया भाभी की गांड मारने में। फिर मैंने उसकी गांड में तेल लगाया और उंगली से चोदने लगा ,फिर तो वो व रंडी बन गई और फिर उसको मैंने 3 दिन तक लगातार चोदा…