बहन एक बार चोदने दो बहुत मन कर रहा है
Bahan Ek Bar Chodne Do Bahut Man Kar Raha Hai
नमस्ते दोस्तों, मेरा नाम पंकज है मैं 32 साल का एक हट्टा गट्टा युवा हूँ। मेरी ऊँचाई 5″ 6 इंच है। ये मेरी जिंदगी का एक सच्चा घटना है जो मैं आपको सुना रहा हूँ, ये कोई एक साल पहले की बात है। मैंने अपना PG पूरा कर लिया था और घर पर ही ट्यूशन पढ़ा रहा था लेकिन कमाई उतनी नहीं हो रही थी जितनी चाहिए थी। मेरे चाचा जो दिल्ली में रहते थे, उन्होंने कहा कि तुम दिल्ली आ जाओ। मैं दिल्ली में नौकरी के लिए चला गया… वहाँ चाची, चाचा और उनकी एक बेटी रहती हैं। चाचा एक फैक्ट्री में रात का गार्ड है, चाची एक हाउसवाइफ हैं। चाचा की उम्र 45 और चाची करीब 40 साल की हैं। उनकी एक ही बेटी है जिसका नाम रंजु है जो अब 23 साल की है और वह M.A. कर रही है। क्योंकि छोटा परिवार है और कमाई भी उतनी नहीं है, इसलिए उसके हिसाब से कमरा लिया था।
एक बड़ा कमरा है अलग से एक किचन भी। कमरे में एक बड़ा बिस्तर है जिस पर चाचा-चाची सोते हैं और एक खाट है जिस पर रंजु सोती थी। जैसे ही मैं पहुँचा रंजु आई और मेरे गले लग गई… मेरे लिए क्या लाए हो भाईया…? पिछले रक्षाबंधन को भी तुमने कुछ नहीं दिया था… आप बड़े कंजूस हो। मैंने कैडवाड़ी पैकेट से निकालते हुए बोला ये लो मेरी प्यारी बहन टॉफ़ी खा… वो गुस्से में जाकर बिस्तर पर बैठ गई। मैंने उसे प्यार से हाथ पकड़कर उठाया और गले लगाया। उसका स्तन मेरे सीने से दब रहा था। बिलकुल गोलाकार और एकदम तंग थी फुली हुई चुतड़ चौड़ी कमर… मैं पागल हो गया था… अपनी बहन को देखकर… जी तो कर रहा था अब चोद दूं… लेकिन चाची भी वहीं खड़ी थी तो मैंने खुद को कंट्रोल करते हुए बोला… रंजु मेरी प्यारी बहन मैं आज तुमहें बहुत सुंदर गिफ्ट दूंगा जो आज तक किसी ने नहीं दिया होगा। वो खुश हो गई और बोली भाईया फ्रेश हो लीजिए मैं खाना लगाती हूँ।
अब मैं चाचा-चाची से बात करने लगा… पंकज मैं तुम्हारे लिए एक काम देखा है अकाउंटेंट का काम है कर लोगे ना मैंने कहा हाँ चाचा काम तो काम ही चाहिए जो भी हो मैं कर लूंगा आप बस मुझे लगवा दीजिए… इतनी में चाची बाहर जाने के लिए उठी जैसे उसका पल्लू नीचे गिर गया… मैंने जो देखा क्या बताऊ दोस्तों एकदम दूध जैसी गोदा 32 के साइज में गोलाकार चुच्ची, गदराई हुई शरीर , बड़े-बड़े चुतड़ को देखकर मन ही मन चोदने को सोचने लगा। चूँकि मेरी भी उम्र 32 साल हो गई थी और अब मैं कुंवारा था, मैं बहुत सेक्सी किस्म का इंसान हूँ मैंने बहुत कहानियाँ रिश्तों में चुदाई को पढ़ चुका था इसलिए अब मन व्यावहारिक रूप से करने को कर रहा था। मैं रोज़ जिम करता था, इसलिए काफी energetic था, ऐसे तो मैं कितनी अंटी, रंडी स्टूडेंट की माँ बहन को चोद चुका हूँ पर रिलेशन में चोदने का मज़ा ही कुछ और है। खैर रात के 10 बज चुके थे चाचा नाइट ड्यूटी में जा चुके थे। चाची टीवी देख रही थीं… तो चुकी थी। रंजु और मैं लैपटॉप में फोटो देख रहे थे…मैं झुक कर पिक बढ़ा रहा था और रंजु मेरे पीछे से गर्दन पर सिर रखकर देख रही थी जिससे उसकी दोनों कठोर चुच्चियाँ मेरे पीठ से दब रही थीं जिससे वह बिलकुल अनजान थी पर मेरा 7 इंच का लौड़ा लुंगी के नीचे ही उफन रहा था। मैंने कहा सो जा बहन बहुत रात हो गई।
क्योंकि मुझे तो बुर चोदना था। फिर मैंने लैपटॉप बंद किया और वहीं पलंग पर सो गए। वो भी लाइट बंद करके मेरे साथ ही सो गई। 2 घंटे बाद अचानक मेरी नींद खुली। करीब 12… वो करवट सोई थी मैं भी करवट सोकर गांड में लौड़ा लगाने लगा जो नाईटी पहनी हुई थी। मैंने पूरा जंग तक उठा दिया क्या केले के थम्ब की तरह मोटी-मोटी एकदम चिकनी थी। फिर मैंने अपना अंडरवायर उतार दिया और को लपेट लिया फिर उसकी पैंट को हल्का नीचे सार्क कर लौड़ा के ऊपर गांड की जगह घिसने लगा वो जागी और अचानक बोली भाईया ये क्या कर रहे हो? मैंने उसका मुंह दबाया और सीधा बिस्तर पर लेटाकर बोला कुछ नहीं बहन बस मन कर रहा है बस एक बार करने दो… नहीं ये नहीं हो सकता तुम मेरे भाई हो। ये पाप मैं नहीं करूंगी… नहीं बहन किसी को पता नहीं चलेगा ये घर की बात घर में ही रहेगी… नहीं ये रिलेशन में कैसे हो सकता है…. होगा बहन अब तो यह हाईप्रोफाइल दुनिया है अब रिश्ता मैंने नहीं रखती…. अब तो सब भाई अपने बहनों को चोदते हैं। बाप-बेटी को, ससुर पतोह को, फूआ भतीजा, चाची भतीजा, ये तो कलयुग है अब माँ अपने बेटे से चुदवा रही है। क्योंकि बेटा तो पति का ही रूप होता है… और ऐसा भी परिवार सेक्स से परिवार बिचड़ती नहीं है बहन प्लीज्…
कहते हुए मैंने अपने गोदी में खींच लिया और हाथों से चुसने लगा कुछ देर बाद वो भी साथ देने लगी फिर मैंने पूरा नंगा कर दिया। मैंने ऐसे कुंवारी चुत बहुत चोद चुका था। फिर भी ये मैं अपनी बहन को चोद रहा था तो मैं अपना सारा अनुभव इसमे लगाना चाहता था। अब मैं हल्के-हल्के हाथों से चुच्ची दबा रहा था वो आँखें बंद कर मजा ले रही थी अब मैं चित लिटा कर चुच्ची को पूरी जोश में चूस रहा था एक हाथ से दबा भी रहा था एकदम कड़क चुच्ची थी। उसकी सांस ऊपर नीचे हो रही थी… भाईया प्लीज् अब मुझे चोद दो बहुत दुर्द हो रहा है… इतनी जल्दी क्यों…? अपने भाई का लंड नहीं चुसोगी…
कहते हुए मैंने अपना 7″. का मोटा लोहे जैसा तना हुआ लंड उस पर रख दिया और वो एकदम डर गई… नहीं मुझे नहीं चुतवानी छोड़ दो मुझे प्लीज भाईया… कुछ नहीं होगा पहले चुसो तो सही। फिर मैंने प्यार से उसकी मुंह में दे दिया और वो चबर-चबर चुसने लगी 5 मिनट बाद मैं मुंह में ही झड गया। रंजु मेरे लंड पर ही सारा मल थूक दिया, मैंने माल को हाथ से पोंछकर उसको चुत पर लगाया उस 2″ फुली हुई गोरी बुर को अपने दोनों अंगूठे से चिपकाकर तीट को मसलने लगा बुल्किल पकी हुई आम की तरह लाल बुर को अब मैं लंबी जीभ से चाट रहा था आह्ह्ह्हुईआईआईआईएए जिए सिसकारी भड़ रही थी… रंजु… आज की … आहरमजदा, बहनchod … जल्दी से छोड़ो ना…. अब मेरा लंड फिर से तैयार था।
मैंने दोनों टांगो को 180 डिग्री में फैला दिया और गांड के नीचे एक तकिया लगाकर खुली हुई चुत में थुक भरकर अपना ऊपर टिका दिया दोनों चुत को दोनों हाथों से खींचते हुए एक धीरे से धक्का मारा और चुत में धीरे धीरे डाल दिया वो सिसकियाँ लेने लगी और मैं धीरे-धीरे करके पेलने लगा 10~15 शॉट मारने के बाद वो भी अच्छे से साथ देने लगी अब मैं जोर-जोर से झटका मारने लगा…. आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उईआईओ और जोर से भाईया पेलो… मैं आपकी रंडी हूँ चोदो मदरचो…. अपने माँ की बुर चोदो… हाँ कुतिया तुझे तो अपने दोस्तों से भी चोदवाऊंगा… कट्टी हरमजादी है ये ले आह्ह्ह्ह्ह युईआईआईआई म्मा आईआईआई और मैं चुत में ही झड़ गया…. और उसको ऊपर ही लेट गया….. ये सिलसिला अब रोज चलने लगा.. दोस्तों कैसी लगी मेरी कहानी… Reply जरूर कीजिये।