भाई-बहन की चुदाई

बहन की चूत के बाद गांड भी मारी-2

Bahan Ki Gand Bhi Mari Chut Ke Baad-2

मैं मान गया और उसके होठों का एक लम्बा चुम्मा लिया और उसके चूचे भी दबाये। फिर हम दोनों ने अपने कपड़े पहने और फिर तान्या चाय बनाने चली गई।

मैंने और तान्या ने मिलकर चाय पी। फिर वो अपने कमरे में चली गई।

तान्या की चूत मारने के बाद मैं उसकी गांड मारना चाहता था लेकिन जब भी उससे इस बारे में कहता तो वो मना कर देती, वो शायद गांड मरवाने से डरती थी और मम्मी को पता न लग जाये इस बात से भी डरती थी। मैं भी उसके मन की बात समझ गया था इसलिए ज्यादा दबाव भी नहीं डालता था और सही समय का इंतजार करने लगा।                                         “Bahan Ki Gand”

किस्मत खुली और वो घड़ी भी आ गई। आखिर आती कैसे नहीं, इंतज़ार भी तो बहुत किया। और कहते हैं कि जो मुराद सच्चे दिल से मांगी जाये वो ज़रूर पूरी होती है।

21 जुलाई को हमारी मौसी की लड़की की शादी थी और मेरे और मेरी बहन की परीक्षाएँ शुरु होने वाली थी, इसलिए मम्मी और पापा ने जाने का कार्यक्रम बना लिया।

20 जुलाई को ही पापा और मम्मी रात वाली ट्रेन से चले गए, मैं उन्हें ट्रेन तक छोड़ने गया था, मम्मी पापा के जाने से मेरे दिल में एक अजीब सी खुशी थी।

मैं जब घर वापिस आया तो तान्या अपने कमरे में बैठीं पढ़ रही थी। शायद वो इस बारे में बात नहीं करना चाहती थी क्योंकि उसको पता था कि मैं उसकी गांड मरूँगा और वो इस बात से थोड़ी घबराई हुई थी।                             “Bahan Ki Gand”

मैं अपने कमरे में गया और कपड़े बदल कर लेट गया, मैं उसकी इच्छा के बिना उसके साथ कुछ भी नहीं करना चाहता था। लेटे-लेटे मैंने सोचा कि क्यों न जाकर तान्या से बात की जाये। मैं सीधे तान्या के कमरे में पहुँच गया। तान्या लेटी हुई कुछ सोच रही थी और उसका एक हाथ उसकी पेंटी के अंदर था। उसने जैसे ही मुझे देखा, वो चौंक कर खड़ी हो गई और अपना हाथ पेंटी में से निकाल कर पीछे कर लिया।

मैं जानता था कि तान्या का भी चुदने का मन कर रहा है, लेकिन मैं पहले उससे बात करना चाहता था इसलिए मैंने उसका हाथ पकड़ा और उसे पलंग पर बैठा दिया। वो सर झुकाए बैठी थी, मैंने उसका हाथ अपने हाथ में लिया और उससे पूछा- क्या बात है तान्या ? तुम उस दिन के बाद से मुझसे दूर क्यों भागती हो? क्या तुम्हें उस दिन मज़ा नहीं आया था या कोई और बात है?

तान्या की धड़कन तेज हो गई और उसका हाथ जो मेरे हाथ में था वो काँप रहा था।

मैंने अपना हाथ उसके कंधे पर रखा और उससे कहा- तान्या डरो मत ! मुझसे जो कुछ भी कहना है, खुल कर कहो !

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तान्या- भैया, आपने उस दिन मुझसे कहा था कि आप मेरी गांड मारना चाहते हैं लेकिन मुझे गांड मरवाने से बहुत डर लगता है।

मैं हंसने लगा तो वो बोली- भैया, आप हंस क्यों रहे हो?

मैंने उससे कहा- अरे पगली ! बस इतनी सी बात और तू इतना घबरा रही है? तुझे क्या लगता है मैं तुझे दर्द करूँगा? तुझे तो चूत मरवाने में भी डर लग रहा था ! बता कहीं दर्द हुआ क्या?                                                       “Bahan Ki Gand”

मैंने उससे कहा- तू चिंता मत कर ! मैं तुझे बहुत आराम से चोदूँगा जिससे तुझे ज़रा भी दर्द न हो !

फिर मैंने उसके बाल गर्दन से हटा कर उसे चूम लिया। उसके मुँह से एक सिसकारी सी निकल गई और वो मेरी बाहों में सिमट गई।

मैंने पहले उसे उसके माथे पर चूमा, फिर गाल पर और फिर अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए। वो मेरी बाहों में ऐसे सिमट गई जैसे की गरम तवे पर मक्खन पिघलता है। हम दोनों एक दूसरे के होठों को ऐसे चूस रहे थे जैसे कि एक दूसरे का सारा रस आज पी जायेंगे, हम दोनों एक दूसरे की सांसें अब आपस में बदल रहे थे।

मैंने फिर उसे गोद में उठाया और स्टूल पर बिठा दिया फिर उसका टॉप उतार दिया। तान्या ने आज अन्दर से लाल रंग की ब्रा पहन रखी थी, उसके दूध अब ब्रा से आज़ादी चाहते थे। मैंने उसकी ब्रा का हुक खोला तो एक ही झटके में उसकी ब्रा ज़मीन पर पड़ी थी और उसके चूचे मेरे सामने थे। मैंने उसके एक चूची को अपने मुंह में भर लिया और दूसरी को हाथ से दबाने लगा। तान्या के मुँह से सेक्सी सिसकारियाँ निकलने लगी।                                                                                                “Bahan Ki Gand”

उसने मेरी टी-शर्ट उतार फेंकी। मैंने उसके बदन को अपने बदन से चिपका लिया। फिर तान्या ने मेरे पजामे का नाड़ा खोल दिया और उसे नीचे सरका दिया। फिर मेरी चड्डी भी निकाल दी और मेरे लंड को हाथ में लेकर दबाने लगी।

मैंने भी देर न करते हुए उसका लोअर नीचे सरका दिया और उसे गोद में उठा कर पलंग पर गिरा दिया। मुझ पर सेक्स का भूत सवार हो चुका था। मैंने उसकी पेंटी फाड़ डाली और जीभ निकाल कर उसकी चूत चाटने लगा।

हम दोनों बिल्कुल नंगे एक दूसरे के शरीर के साथ खेल रहे थे।

फिर तान्या बोली- भैया, मुझे भी चूसना है !

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मैंने कहा- क्यों नहीं बहन !

फिर हम 69 की अवस्था में आ गए। 5 मिनट बाद ही मैं उसके मुँह में झड़ गया और तान्या ने भी अपना पानी छोड़ दिया। हम दोनों ने चाट-चाट कर एक दूसरे को साफ़ किया।

थोड़ी देर बाद ही हम दोनों फिर से तैयार हो गए। अब मैंने देर न लगाते हुए तान्या की चूत पर अपना लंड रख दिया और 2-3 झटकों में ही लंड तान्या की चूत के अन्दर था। तान्या के मुँह से हल्की सी चीख निकल गई। फिर थोड़ी देर रुकने के बाद मैंने धक्के लगाने चालू किये। करीब 20 मिनट की दमदार चुदाई के बाद मैं तान्या के चूत में बह गया। तब तक तान्या दो बार स्खलित हो चुकी थी।                        “Bahan Ki Gand”

हम दोनों बहुत थक चुके थे। मैं तान्या से चिपक कर लेट गया। तान्या शायद बहुत थक गई थी इसलिए वो करवट बदल कर गांड मेरी तरफ कर के लेट गई। मेरे सोये हुए लंड को जैसे ही उसकी कोमल गांड का स्पर्श हुआ, वो फिर से खड़ा हो गया। तान्या को भी इस बात का एहसास हो गया था मगर वो कुछ बोली नहीं, तो मेरी हिम्मत भी थोड़ी बढ़ गई। मैंने अपना लंड उसकी चिकनी गांड पर रखा और बाहर से ही रगड़ने लगा।

शायद उसकी गांड में भी खुजली होने लगी थी, वो बोली- भैया, मुझे लगता है, आप मेरी गांड मारे बिना मानोगे नहीं !

मैंने उससे कहा- बहन, तेरी गांड है ही इतनी प्यारी कि जब भी इसे देखता हूँ, अपने आप को रोक नहीं पाता हूँ।

तो वो बोली- ठीक है भैया ! आज रात मैं पूरी आपकी हूँ, जो चाहे कर लो ! लेकिन आपकी बहन की ही गांड है, ज़रा प्यार से मारना ! कहीं फाड़ मत देना !                                                                                “Bahan Ki Gand”

मैंने कहा- तू चिंता मत कर ! बस मेरा साथ दे !

तो वो बोली- ठीक है !

मैंने पास में रखी क्रीम उठा ली और अच्छी तरह से तान्या की गांड में लगा दी। फिर मैंने अपना लंड तान्या की गांड पर रखा और उसे हल्के से दबाया लंड का सुपारा अन्दर चला गया और तान्या दर्द के मारे चिल्ला पड़ी।

मैंने तान्या से कहा- बहन, अपनी सांस अन्दर खींच कर रख !

और फिर मैंने थोड़ा सा लंड और दबाया। अब तक आधा लंड अन्दर जा चुका था। फिर मैंने हल्के से लंड अन्दर-बाहर करना चालू किया। तान्या को थोड़ा दर्द भी हो रहा था लेकिन थोड़ी ही देर में उसका सारा दर्द गायब हो गया और वो मुझसे बोली- भैया, थोड़ा और अन्दर डालो ना !                                                            “Bahan Ki Gand”

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मैंने लंड को हल्के-हल्के दबाना शुरु किया और कुछ ही देर में मेरा पूरा लंड तान्या की गाण्ड के अन्दर था। मैं उसे ज्यादा दर्द नहीं पहुँचाना चाहता था इसलिए थोड़ी देर रुक कर मैंने हल्के-हल्के धक्के लगाने शुरु किये। थोड़ी देर में तान्या को भी मज़ा आने लगा तो वो भी चूतड़ उछाल-उछाल कर गांड मरवाने लगी। उसके लटकते हुए चूचों को मैंने अपने दोनों हाथों में दबा लिया और खूब मसला और उसकी पीठ को खूब चूमा और चाटा।

करीब आधे घंटे तक यह महायुद्ध चलता रहा। उसके बाद मैंने अपना पानी तान्या की गाण्ड में छोड़ दिया। उसके बाद हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर सो गए।

अगली सुबह जब मैं उठा तो देखा कि तान्या नहा धो कर किचन में नाश्ता बना रही है। मैं पीछे से उसके पास गया और उसकी चूचियाँ पकड़ ली और अपना लंड उसकी गांड में टिका दिया।                                                  “Bahan Ki Gand”

वो बोली- भैया, आपने रात को क्या किया, सुबह मुझसे चला भी नहीं जा रहा था।

मैंने उसे कहा- शुरु में ऐसा होता है, लेकिन अब तुझे कभी तकलीफ नहीं होगी। लेकिन यह तो बता कि रात को तुझे मज़ा आया या नहीं?

तो वो बोली- भैया, मज़ा तो बहुत आया ! मुझे तो पता ही नहीं था कि गांड मरवाने में इतना मज़ा आता है !

उसका इतना कहना था कि मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और उसकी पेंटी उतार दी। बाकी कपड़े उसने खुद ही उतार लिए। मैं तो नंगा था ही !

मैंने उसे गोद में उठा कर किचन की स्लैब पर उल्टा लेटा दिया और उसकी गांड में अपना लंड पेल दिया। उसकी गांड मारने के बाद उसकी चूत मारी।                                                                                             “Bahan Ki Gand”

दो दिन तक घर में हम दोनों अकेले थे और दो दिन में हम दोनों ने दो महीनों के बराबर सेक्स किया। सेक्स का जो तूफान हमारे दिलों में उबल रहा था उसे हमने दो दिन में शांत कर दिया।

फिर दो दिन बाद मम्मी पापा आ गए और हम अपनी परीक्षा की तैयारी में लग गए, लेकिन जब भी मौका मिलता तो हम चौका मारना नहीं छोड़ते।