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बहु कि जिस्म कि आग

मेरा नाम सुनीता है, 24 साल की एक सुंदर और पढ़ी-लिखी लड़की। मैं शादीशुदा हूँ, लेकिन मेरे पति फौज में कश्मीर में तैनात हैं। हमारी सास का दुर्भाग्य से एक सड़क हादसे में देहांत हो गया था, इसलिए घर में सिर्फ मैं और मेरे ससुर जी रहते हैं।

मेरे ससुर जी, 44 साल के, बहुत ही आकर्षक हैं। वे जिम जाते हैं, योगा करते हैं और हमेशा खुद को फिट रखने पर ध्यान देते हैं। वे हमेशा सम्मानजनक और शिष्ट व्यवहार करते थे, लेकिन कभी भी मेरे प्रति गलत नजर नहीं दिखाई थी।

हालांकि, पति के जाने के बाद एक अजीब सी लालसा मेरी आत्मा में जगी। एक जवान औरत की ज़रूरतें पूरी होने के लिए उसे लगातार प्रोत्साहन चाहिए होता है। पति के साथ छह महीने का शादीशुदा जीवन बहुत ही रोमांटिक था, हम रोजाना एक दूसरे के करीब होते थे। लेकिन अब उसकी अनुपस्थिति ने मुझे अंदर ही अंदर जल रही आग की तरह महसूस कराया।

एक दिन, मैंने ससुर जी को पैर मालिश करते हुए कहा, “पापा जी, आपके लिए कुछ करना चाहती हूँ।” वे पहले मना करने लगे, लेकिन मेरी निवेदन और आकर्षक मुस्कान ने उन्हें सहमत कर लिया। जब मैं तेल लगाकर उनके पैरों की मालिश कर रही थी, तो उन्होंने कहा, “यह सब ठीक है, पर समाज के नजरिए से अच्छी बात नहीं है।”

मैंने जवाब दिया, “पापा जी, आपके बेटे को क्या पता होगा? अगर आप बताएंगे तो अलग बात है।” उनकी आँखें चौंधिया गईं और उन्होंने कहा, “मैं क्यों बताऊंगा?” मेरी इस बात से उनका मन मोह लिया गया।

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जैसे ही मैंने उनके बनियान को उतारा, उनकी पीठ पर तेल लगाया और उन्हें सीधा होने के लिए कहा, तो मैं हैरान रह गई। उनका लंड खड़ा हो चुका था! मैंने उत्सुकता से पूछा, “क्या हुआ?” वे मुस्कुराते हुए बोले, “जब एक जवान औरत तेल लगाए तो क्या होगा?”

उन्होंने अपना कपड़ा खोल दिया और मुझे अपने लंड को देखने को कहा। बड़ा, मोटा लंड देखकर मैं खुशी से झूम उठी। मैंने उसे चूसा, उनकी त्वचा को अपने होंठों से महसूस किया। उन्होंने मेरी चूचियों को छूना शुरू कर दिया, और मैंने तुरंत ही अपना ब्लाउज और ब्रा खोलकर उन्हें अपनी टाइट और गोल गोल पिंक निप्पल वाली चूचियों को आज़ाद कर दिया।

उनकी आँखों में एक नई लालसा थी। वे मुझे नीचे लेटने के लिए कहा, और जैसे ही मैंने उनकी ओर देखा, उन्होंने मेरी साड़ी फेंक दी और मेरी पैंटी उतार दी। उन्होंने मेरे होठों को चूमा, मेरी चूचियों को मुँह में लेकर पी लिया। मेरी निप्पल काफी छोटी छोटी और पिंक कलर की थीं, उन्हें दांतो से काटने लगे।

उनकी आत्मा एक जंगली जानवर की तरह उभरी। वे मेरी चूचियों को दबोचते हुए जोर से अपना लंड मेरी चूत में धकेल दिया। मेरी चूत गीली हो गई, मेरे होंठ सूखने लगे थे, मेरे गाल लाल हो गए थे। मैं नीचे से धक्के देती हुई उनके ऊपर चढ़ गई, और हम दोनों एक दूसरे के साथ तालमेल बिठाते हुए जोरदार गति से एक दूसरे को पूरा करते रहे।

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दो घंटे की जंगली चुदाई में मैं परास्त हो गई थी। मेरी चूत सूज गई थी, और मैं थकान से झुक रही थी। मैं पसीने में तर बतर हो गई थी, मेरी चूत पानी पानी हो गया था। उनके माल ने मुझे पूरी तरह से जीत लिया था।

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सुबह 4:00 बजे तक हम दोनों एक दूसरे को गले लगाकर सोए रहे। फिर उन्होंने मुझे फिर से चुदाई की। योगा करने के बाद वे फिर से मेरे पास आए। कल रात से मैं चार बार उनके साथ चुदाई कर चुकी थी।

अब मुझे शिकवा नहीं है किसी से। मेरा पति आए या ना आए, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। मैं अपने ससुर के साथ खुश हूँ। हम दोनों एक दूसरे को प्यार करते हैं, और हमारे रिश्ते में सिर्फ प्यार ही है।