भाई-बहन की चुदाई

बहन की चुदाई के साथ फैशन शो-2

Behan ki chudai ke saath fashion show-2

अगले दिन वो मुझे मार्केट लेकर गयी और दो जोड़ी ऊँची हील की सैंडल खरीदी और इसके बाद वो मुझे एक लेडीस स्टोर में ले गयी, जहाँ के सभी सेल्समैन जेंट्‍स थे, तो वहाँ मेरी बहन ने चाइनीस पेटर्न की ब्रा और पेंटी खरीदी. अब वो बिल्कुल बिंदास होकर अपना साईज़ और डिज़ाइन बता रही थी. फिर उसने बिना स्ट्रिप वाली इतनी छोटी ब्रा खरीदी, जो शायद ही उसकी निपल्स को भी ढँके और इसके अलावा उसने ब्रा में पहनने वाली कप और हेयर रिमूवर लोशन आदि भी खरीदा था.

अब शाम को जब हम बाज़ार में ही भरपेट नाश्ता आदि खा पीकर घर आ रहे थे, तो वो बाइक पर मुझसे ऐसे चिपककर बैठी थी मानों मेरी बहन ना होकर मेरी कोई गर्लफ्रेंड हो. अब वो बाइक पर सलवार सूट पहने दोनों तरफ अपने पैर डालकर बैठी थी और मेरे ब्रेक लगाने पर उसके मोटे-मोटे बूब्स मेरी पीठ पर आ टकराते थे. अब जीन्स में मेरा उत्तेजित लंड भी बड़ा परेशान कर रहा था. अब जब हम आधे रास्ते में होंगे तो तभी जोरो की बारिश होने लगी और फिर मैंने गाड़ी रोकी, तो उसने मना कर दिया कि नहीं चलते रहो.

जब हम पूरी तरह से भीगकर घर आए तो मैंने देखा कि मेरी बहन के गीले कपड़े पूरी तरह से भीगकर उसके बदन से चिपक चुके थे और उसकी सफेद ब्रा उसमें से साफ दिखाई पड़ रही थी. फिर घर में घुसने के बाद में टावल लेकर जब बाथरूम से बाहर आया तो मैंने देखा कि मेरी बहन दरवाजा बंद करने के बाद अपनी कुर्ती उतार रही थी. फिर उसने मेरे सामने ही मेरे हाथ से एक टावल लिया और उसे अपने सीने पर लपेटते हुए अपनी ब्रा, पेंटी और सलवार भी खोल दी.

अब उसने केवल एक टावल अपने सीने पर बाँध रखा था, जिसमें से उसके सीने का उभार साफ-साफ दिखाई पड़ रहा था और नीचे उसकी नंगी जांघे साफ-साफ दिखाई पड़ रही थी. अब इससे पहले वो मुझे कभी इतनी ज़्यादा बिंदास नज़र नहीं आई थी और उसकी आँखों में तैरती शरारत मुझे किसी अलग चीज़ का अहसास करा रही थी.

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उसके बाल सूखने के बाद उसने मुझसे कहा कि चलो रेम्प पर चलने की अभ्यास कर लेते है और उसने अभी-अभी लाई हुई न्यू सैंडल को पहनकर 2-3 मोटी-मोटी बुक्स को अपने सिर पर रखा और बड़े ही सेक्सी कदमों से वो हॉल के बीचों बीच चलने लगी. फिर कुछ देर की कोशिश के बाद तो उसकी चाल ही बदल गयी. अब उसके हिलते हुए चूतड़ों को देखकर तो मेरा लंड तना जा रहा था और मेरी आँखे उसके बदन का भूगोल नापे जा रही थी. फिर तभी अचानक से उसका संतुलन बिगाड़ गया और उसकी हाई हिल्स सैंडल एक और मुड़ गयी तो जिस वजह से उसके पैर में मोच आ गयी और वो तेज दर्द से चीख पड़ी. फिर मैंने दौड़कर उसे थामा और आहिस्ता से उसे बेडरूम में ले जाकर बेड पर बैठा दिया.

अब उसके पैरो के पंजो में हल्की सी सूजन सी आ गयी थी, लेकिन उसकी चोट ज़्यादा गहरी नहीं थी. फिर में जल्दी से मूव ले आया और उसे देने लगा, तो वो बोली कि मुझसे नहीं लगेगा, तू ही लगा देना.

में ज़मीन पर बैठ गया और वो बेड पर अपने पैर लटकाकर बैठी थी. अब उसकी गोरी-गोरी सफेद टांगो पर अपना एक हाथ लगते ही मेरे बदन में करंट सा लगने लगा था और वह कराहती जा रही थी और अपने पैरों को बार-बार मोड़कर अपने दर्द को दबा रही थी. अब जब वो अपना पैर ऊपर उठाती, तो में उसकी जांघो के जोड़ो तक अपनी निगाहें मारने की कोशिश करता, लेकिन कहीं पकड़ा ना जाऊं इसलिए बहुत होशियारी बरत रहा था.

तब मुझे लगा कि मेरी बहन जानबूझ कर मुझे अपने बदन की नुमाइश करा रही थी, क्योंकि इस समय उसने अपने बदन पर केवल एक टावल लपेट रखा था और यदि वो चाहती तो पहले ही अपने कपड़े चेंज कर लेती. फिर मैंने भी मौके का फायदा उठाने में ही अपनी समझदारी समझी और में अपने हाथों को उसकी जांघो तक फैरने लगा, जिस वजह से शायद वो भी उत्तेजित होने लगी थी, तो तब वो मुझसे बोली कि मुझे बाथरूम जाना है, प्लीज मेरी मदद करोंगे.

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में उसे अपने कंधो का सहारा देकर बाथरूम में ले गया, लेकिन वहाँ वो बोली कि में अपने इस पैर पर वजन नहीं दे पा रही हूँ, अब में नीचे कैसे बैठूं? तो तब मैंने उसे सहारा देकर सीट पर बैठा दिया और बाहर जाने लगा, तो वो बोली कि यहीं रुक जा, बस 2 मिनट की बात ही तो है. अब यह तो मेरे मन का काम हो गया था तो में वहीं रुक गया और मैंने अपना मुँह दूसरी तरफ फैर लिया. फिर कुछ देर के बाद मुझे पेशाब करने की सिटी के समान आवाज़ सुनाई पड़ने लगी तो जिसे सुनकर में पलटकर देखने के लिए तड़प सा गया.

फिर तभी वो बोल पड़ी कि तू भी बाथरूम कर ले, तो मैंने कहा कि हाँ बाद में कर लूँगा, तो वो हंसकर बोली कि क्यों शरमाता है? में लड़की होकर तेरे सामने पेशाब कर रही हूँ और एक तू है कि बस. फिर तब मैंने कहा कि में कहाँ सामने हूँ? तो वो बोली कि मैंने तो नहीं कहा मुँह फैरने के लिए. फिर तब में चौंक सा गया और फिर मैंने उसकी तरफ अपना मुँह किया और फिर में भी अपने तने हुए लंड को बाहर निकालकर उसके सामने ही पेशाब करने लगा. फिर मेरे लंड के आकार को देखकर उसकी आँखे फटी की फटी रह गयी और वो मानों भूत की तरह मेरे लंड को एकटक देखने लगी. फिर तब में बोल पड़ा कि क्या हुआ? तो वो बोली कि कुछ नहीं.

अब में जानबूझ कर अपने लंड को अपने हाथों में हिलाते हुए बिल्कुल उसके पास पहुँच गया था. अब वो हैरानी से बोल पड़ी कि यह क्या है? तो मैंने बड़ी बेशर्मी से उससे कहा कि खुद ही अपने हाथ में लेकर देख लो. फिर उसने सीट पर बैठे-बैठे ही मेरा लंड अपने हाथ में ले लिया और उसे सहलाने लगी.

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अब उसके हाथों का नर्म स्पर्श होते ही मेरा लंड फिर से तन गया था और अपने पूरे आकार में आ गया था. अब उसके चेहरे पर भय मिश्रित मुस्कान थी और अब वो धीरे-धीरे से खड़ी होने लगी थी. फिर में उसे सहारा देकर बाथरूम से बाहर ले आया और फिर से उसे बेड पर छोड़ दिया. फिर अचानक से वो बोली कि जो अंडरगार्मेंट में लाई हूँ, वो मुझे दे दो तो में उन्हें ट्राई कर लूँ, यदि कोई साईज़ का प्रोब्लम हुआ तो बाद में वो चेंज नहीं करेगा. फिर मैंने उसे अंडरगार्मेंट से भरा बैग ला दिया.

जब में पानी पीकर आया तो मैंने देखा कि वो ब्रा और पेंटी में बेड पर बैठी थी और मुझे देखकर बोली कि कहाँ चला गया था? बता में कैसी लग रही हूँ? अब इस ब्रा में उसके स्तन समा ही नहीं रहे थे. अब ऐसा लग रहा था कि मानों अभी कबूतर पिंजरा तोड़कर बाहर आ जाएंगे. अब केवल उसकी निप्पल ही ढकी हुई थी और नीचे पहनी पेंटी में से भी उसके पूरे मांसल कूल्हें बाहर थे, अब केवल उसकी चूत ही ढकी हुई थी.

फिर मैंने उससे कहा कि ऐसी ब्रा पेंटी क्यों खरीदी? तो वो बोली कि जो ड्रेस में फैशन शो के दौरान पहनूंगी यदि उसमें वही नॉर्मल ब्रा पहनती तो वो बाहर निकलती और इसमें तो कंधे के स्ट्रिप्स भी नहीं है इस कारण यह ज़्यादा सही रहेगी.

तभी मेरी निगाह उसकी लाई हुई एक और पेंटी पर पड़ी, जिसमें कहने के नाम पर केवल दो रस्सियाँ थी, एक तो कमर पर रहती है और दूसरी दोनों जांघो के बीच की, जो कि नाम की ही थी.