माँ की चुदाई

बेटे ने अपनी माँ को रंडी बनाया-4

Bete ne apni ma ko randi banaya-4

तभी वन्दना भी बाहर आई. अनिल बोला कि ठीक है आंटी बाय. वन्दना बोली कि बाय बेटे आते जाते रहना और अमर बोला कि अच्छा वन्दना जी में अब चलता हूँ. तभी बाबूराव बोला कि अमर तुम वन्दना को वन्दना ही कहो, क्यों वन्दना? तो वन्दना बोली कि हाँ क्यों नहीं? तो अमर बोला कि वैसे तो में वन्दना से दोस्ती करना चाहता हूँ, बाबूराव बोला कि क्यों नहीं वन्दना आगे आओ और अमर से हाथ मिलाओ.

तो वन्दना आगे आ गई और उसने अमर से हाथ मिला लिया, तभी भूषण बोला कि अंकल आप और माँ सच में अब दोस्त हो गये हो तो अब आप दोनों गले क्यों नहीं मिलते? तो वन्दना शायद अमर के गले नहीं लगना चाहती थी, लेकिन अमर ने उसे बाहों में ले लिया और सब लोग हंसने लगे और तुरंत अमर ने वन्दना के गाल पर एक किस कर दिया और वन्दना शरम से पानी पानी हो गयी.

फिर अमर ने उसे थोड़ी देर उसे वैसे ही पकड़कर रखा. भूषण वन्दना से बोला कि मम्मी अब आप अमर अंकल को एक किस करो. तो वन्दना बोली कि नहीं में ऐसा नहीं करूँगी, लेकिन सबने वन्दना से कहा तो उसे अमर को मजबूरी में किस करना ही पड़ा. अमर ने वन्दना के होंठो को चूमा और बाबूराव से पूछा कि क्या अब में वन्दना को वन्दना डार्लिंग बुला सकता हूँ? तो बाबूराव बोला कि मुझे इसमें कोई भी आपत्ति नहीं है. बाबूराव के माँ, बाप यानी वन्दना के सास ससुर भी बोले कि हमारी तरफ से भी कोई मना नहीं है और भूषण तो बोला कि मेरी तरफ से रुकावट होने का सवाल ही नहीं आता, मुझे तो बहुत खुशी होगी. फिर वन्दना बोली कि ठीक है, लेकिन मुझे सोचने का थोड़ा वक्त चाहिए तो अमर बोला कि ठीक है डार्लिंग तुम्हे हमने टाईम दिया बेबी और उसने वन्दना के गालों पर एक और किस कर लिया और उसकी नाभि में भी उंगली की और वन्दना तो शरम से पानी पानी हो गयी.

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फिर दूसरे दिन सुबह ही अमर, भूषण के घर पर आ गया. बाबूराव के पिता नारायण ने दरवाजा खोला तो अमर को देखकर नारायण ने कहा कि अरे अमर बेटा सुबह सुबह कैसे आना हुआ? तो अमर ने कहा कि अरे चाचाजी में यहीं से गुजर रहा था तो मैंने सोचा कि आपके दर्शन करता जाऊँ. फिर नारायण ने कहा कि ठीक है में समझ गया कि तुम किसके दर्शन करने आए हो? तुम तुम्हारी चिकनी चमेली वन्दना डार्लिंग के दर्शन करने आए हो ना. अमर शरमा गया और फिर नारायण ने कहा कि अरे बेटा शरमाना कैसे? आओ अंदर और अमर अंदर आ गया. तभी बाबूराव ने कहा कि वेलकम अमर जी लगता है आपको रातभर नींद नहीं आई है?

तो अमर ने कहा कि में क्या बताऊँ रातभर सपने में एक सेक्सी माल आता रहा और वो दोनों हंस पड़े और तभी वन्दना किचन से बाहर आ गई. उसने आज नीले कलर की टाईट जीन्स और काली कलर का बिना बाँह का टॉप पहना हुआ था और फिर वन्दना को देखते ही अमर वन्दना से लिपट गया और वन्दना भी उससे आज खुलकर लिपट गई और वो दोनों एक दूसरे को चूमने लगे. तो अमर बोला कि क्या तुम मेरी डार्लिंग बनाने को तैयार हो?

वन्दना बोली कि अगर यहाँ पर किसी को ऐतराज़ नहीं है तो मुझे क्यों ऐतराज़ होगा, फिर अमर बोला कि तो क्या तुम मेरी बीवी बनोगी? तो वन्दना बोली कि लेकिन बाबूराव का क्या होगा? तो बाबूराव बोला कि कुछ नहीं तुम मेरी नाम के लिए बीवी रहोगी, असली बीवी तुम अमर की ही रहोगी, अमर कहेगा वो सब तुम करोगी, वो जब चाहे तुम्हे चोदेगा और जब चाहे तुम्हे नंगी करेगा. तो वन्दना बोली कि ठीक है चलेगा, भूषण बोला कि देख लो माँ अमर अंकल तुम्हे हमारे सामने भी चोद सकते है. तो वन्दना बोली कि ठीक है बेटा मुझे कोई ऐतराज़ नहीं है, भूषण बोला कि ठीक है अमर अंकल आपकी बीवी को आप अभी हमारे सामने चोद सकते है. तो अमर ने वन्दना को पूरी तरह से नंगा किया और अमर खुद नंगा हो गया. बाबूराव ने कमरे का दरवाजा जानबूझ कर खुला रखा था.

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तो वन्दना बोली कि दरवाजा तो बंद कीजिए, भूषण बोला कि नहीं मम्मी आपकी चुदाई दरवाजा खुला रखकर ही होगी, ताकि अगली बार आपको शरम ना आए और जिस किसी को यह चुदाई देखनी है वो देख ले. तो वन्दना बोली कि ठीक है और अमर ने वन्दना को पहले अपना लंड चूसने को कहा. वन्दना भी बड़े शौक से लंड चूस रही थी, सब देखकर हंस रहे थे. तो अमर बोला कि वन्दना मेरी जान क्या मस्त लंड चूसती है तू. अमर ने बाबूराव से पूछा कि क्या इसने कभी आपका लंड चूसा था?

बाबूराव बोला कि नहीं इसने कभी मेरा लंड नहीं चूसा, वन्दना ने लंड मुहं से बाहर निकाला और बोली कि में सिर्फ़ असली मर्दों के लंड चूसती हूँ और सब हंस पड़े. तो बाबूराव के पिता नारायण ने कहा कि बेटा यह छिनाल तुम्हे नामार्द कह रही है. तो बाबूराव अमर को बोला कि अमर इस छिनाल, रंडी, कुतिया की आज गांड, चूत सब फाड़ दो.

अमर बोला वो तो में आज वैसे भी फाड़ने वाला हूँ, वन्दना बोली कि में भी मेरी गांड आज फड़वाकर ही रहूंगी और अमर ने वन्दना के मुहं में पिचकारी मार दी. वन्दना ने अमर का सारा वीर्य पी लिया और अब अमर ने वन्दना को सोफे पर पेट के बल लेटा दिया और ऊपर से उसकी चूत में अपना ताज़ा, मोटा, काला लंड डाल दिया. दोस्तों जैसे ही लंड अंदर गया वैसे वन्दना चिल्ला उठी आईईईईईइ में अह्ह्हह्ह्ह्ह मर गइईईईईई मेरी चूत फट गई और सब लोग हंसने लगे.