Bhabhi Sex

भाभी बन गई चुदक्कड़ रखैल

Bhabhi bani chudakkad rakhel

हैल्लो दोस्तों, में आप सभी  चाहने वालों को अपनी दूसरी सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जिसमें मैंने अपने पड़ोस में रहने वाली एक हॉट सेक्सी भाभी को बहुत जमकर चोदा, लेकिन सबसे पहले में आपको अपनी भाभी के बारे में भी बता देता हूँ. में उनका आप लोगों से परिचय करवा देता हूँ.

दोस्तों वो हमारे पड़ोस में ऋषिकेश में ही रहती है, उनका नाम सुनीता है और उनके दो बच्चे है उनकी बड़ी बेटी की उम्र करीब 8-10 साल है. वो थोड़ी साँवली है, लेकिन उसका नैन नक्श बहुत अच्छा है और वो दो बच्चो की माँ होने के बाद भी वो अपने चेहरे और गदराए बदन से अब तक कुवारी लगती है और उनको देखकर कोई भी नहीं कह सकता कि वो एक चुदी हुई चूत है.

बहुत से लोग उनकी सुन्दरता को देखकर चकित होने के साथ साथ उन पर फ़िदा भी थे. दोस्तों मेरी उन भाभी के बूब्स तो उनके सूट के बाहर से हमेशा बाहर झांकते रहते है और उनकी गांड तो मानो सलवार फाड़कर अभी बाहर आ जाएगी और इसलिए मेरी नज़र हमेशा भाभी की गांड पर ही पड़ी रहती है. में उनको लगातार घूरता रहता हूँ और में कई बार उनको सोचकर मुठ भी मार चुका हूँ.

दोस्तों यह बात यही कुछ तीन महीने पहले अक्टूबर महीने की है और उस दिन से भाभी मेरी अब पर्सनल रंडी बन गयी है. वैसे तो में भाभी से हंसी मज़ाक करता ही रहता था और उन्हे घूर घूरकर देखता रहता था, लेकिन मेरी कभी हिम्मत नहीं हुई कि में उनसे कोई ग़लत बात कर सकूं, क्योंकि मुझे मन ही मन में उनसे बात करने की इच्छा तो होती थी, लेकिन में थोड़ा सा डरता भी था कि ना जाने उनमे वो कैसा आकर्षण था जिसकी वजह से में उनका पीछा छोड़ने के लिए तैयार ही नहीं था.

में हमेशा उनके पीछे लगा रहता था. दोस्तों वो सोमवार का दिन था और उस दिन में कहीं जा रहा था कि तभी मैंने थोड़ी दूर चलने के बाद देखा कि भाभी अकेली सड़क के किनारे खड़ी हुई थी और वो ऑटो का इंतजार कर रही थी. फिर में उधर से अपनी बाईक से निकला तो मैंने भाभी को देखा में बहुत खुश था और मैंने तुरंत अपनी बाईक को उनके सामने लाकर रोक दिया और फिर मैंने उनसे कहा कि भाभी चलो में आपको जहाँ जाना है वहां पर छोड़ देता हूँ.

वैसे भी में अकेला ही हूँ तो मुझे भी आपका साथ मिल जाएगा. फिर भाभी मेरी बात सुनकर मेरी तरफ थोड़ा सा मुस्कुराकर मुझे कहने लगी कि चलो आज में तुम्हारी यह छोटी सी इच्छा भी सिर्फ तुम्हारी ख़ुशी के लिए पूरी कर देती हूँ, तुम भी क्या याद रखोगे? और वो मुझसे इतना कहकर झट से मेरे कंधे पर अपना एक गोरा, नरम, मुलायम हाथ रखकर मेरे साथ बैठ गई. दोस्तों आज भाभी पहली बार मेरी बाईक पर मेरे पीछे वाली सीट पर बैठी थी. उस बात की मुझे मन ही मन बहुत ख़ुशी थी और वो दिन मेरा सबसे अच्छा दिन था.

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दोस्तों वैसे में बाईक को थोड़ा तेज चलाता हूँ तो भाभी अब मुझे पीछे से कसकर पकड़कर बैठी हुई थी और हम हंसी मजाक करते आगे बढ़े चले जा रहे थे कि तभी अचानक से एक स्पीड ब्रेकर आ गया और मैंने जानबूझ कर उस स्पीड ब्रेकर पर ज़ोर के ब्रेक मारे जिसकी वजह से भाभी अब पूरी मेरे ऊपर आ गई माँ कसम उस पल भाभी के दोनों बड़े आकार के लटकते हुए बूब्स मुझे मेरी पीठ पर महसूस हुए जिसकी वजह से मेरा लंड तुरंत खड़ा हो गया. फिर भाभी ने मुझसे कहा कि अभी थोड़ा ध्यान से चलाओ.

फिर में भाभी को लेकर गंगा जी आ गया और उन्होंने वहां पर दर्शन किए और फिर मैंने भाभी से पूछा कि क्यों एक कप कॉफी हो जाए और उन्होंने मुझे तुरंत हाँ कह दिया. फिर में भाभी को लेकर एक कॉफी की दुकान पर ले गया और अब हम दोनों एक दूसरे के सामने बैठ गए, लेकिन मेरी नज़र अब भी भाभी के बूब्स पर ही टिकी हुई थी, शायद भाभी ने भी लगातार मेरी नजर को अपने बूब्स पर पड़ते हुए देखकर वो सब कुछ समझ गई थी, लेकिन उन्होंने मुझसे ऐसा कुछ भी नहीं कहा. फिर कुछ देर बाद भाभी मुझसे पूछने लगी कि क्यों तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है क्या? तो मैंने मुस्कुराते हुए उनसे कहा कि भाभी मुझे अब तक आपके जैसी कोई मिलती ही नहीं.

फिर वो मेरी यह बात सुनकर हंस पड़ी और उन्होंने मेरे गाल पर एक बहुत प्यार से थप्पड़ मार दिया और फिर कुछ देर बातें करते हुए कॉफी के साथ साथ उनके बूब्स का मज़ा लेने के बाद हमने कॉफी को खत्म किया. फिर मैंने कॉफी के पैसे दे दिए और तब काउंटर से भाभी के लिए एक चोकलेट भी ले ली और वो मैंने उन्हे दे दी. भाभी ने बड़े प्यार से मेरी तरफ मुस्कुराते हुए वो चोकलेट मुझसे ले ली और अब मैंने महसूस किया कि भाभी मेरे पीछे कुछ ज़्यादा ही खुलकर मुझसे चिपककर बैठ गई.

में अब उनके बूब्स को बहुत अच्छी तरह से महसूस कर पा रहा था और कुछ देर बाद मैंने भाभी को उनके घर पर लाकर छोड़ दिया और अगले दिन सुबह 11 बजे भाभी मेरे घर पर मेरी मम्मी के पास आई और कुछ काम से वो दोनों दूसरे रूम में बैठकर बातें कर रहे थे. में भी कुछ देर बाद वहीं पर चला गया और उन दोनों के साथ गप्पे मारने लगा.

फिर मम्मी ने कहा कि तुम दोनों बैठो में तुम्हारे लिए चाय बनाकर लाती हूँ में भाभी के पास वाले सोफे पर ही बैठा हुआ था और मैंने बड़ी हिम्मत करके अपना हाथ धीरे से भाभी के कंधे पर रख दिया तभी भाभी ने गुस्से में मेरी आँखो में देखा और तुरंत उन्होंने मेरा हाथ अपने कंधे से हटा दिया और तभी मम्मी भी आ गई और हमने अब साथ बैठकर चाय पी.

दोस्तों सच बताऊँ मेरी तो अब गांड फट रही थी कि कहीं भाभी मेरी मम्मी को मेरी वो हरकत के बारे में ना बता दे जो मैंने अभी कुछ देर पहले भाभी के साथ अकेले में की थी, लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं कहा और अब भाभी ने चाय पी और फिर वो चुपचाप अपने घर पर चली गई, क्योंकि अब भैया के दिन में घर पर आकर खाना खाने का समय हो गया था.

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दोस्तों भाभी उस समय तो मेरे घर से चली गई, लेकिन अब भी मेरी गांड बहुत फट रही थी कि कहीं वो मेरी माँ या अपने पति को ऐसा कुछ भी ना बता दे, जिसकी वजह से मुझे कुछ खतरा हो जाए. फिर करीब 02:40 पर मेरे फोन की घंटी बजी, वो भाभी का फोन था और भाभी ने मुझे फोन करके अपने घर पर बुलाया, जिसकी वजह से मेरी गांड अब बहुत ज्यादा फटी, लेकिन में फिर भी डरता हुआ उनके घर पर पहुंच गया. मैंने वहां पर पहुंचकर देखा कि भाभी उस समय घर पर बिल्कुल अकेली थी और उनके दोनों बच्चे भी उस समय स्कूल गए हुए थे और तब तक भैया भी खाना खाकर चले गये थे.

फिर जैसे ही में उनके घर में अंदर घुसा में आप लोगों को किसी भी शब्दों में नहीं बता सकता कि वो ओह्ह्ह वाह क्या नज़ारा था? भाभी उस समय नीले रंग की मेक्सी पहने हुई थी और वो उनके घुटनों तक उठी हुई थी. कसम से में तो बस उन्हें देखता ही रह गया. फिर मैंने देखा कि भाभी के चेहरे पर अब एक कामिनी वाली स्माइल थी और वो एकदम मस्त सेक्सी लग रही थी. फिर मेरे अंदर जाते ही भाभी ने मुझे तुरंत पकड़कर हग किया और उन्होंने मुझे एक बहुत जबरदस्त स्मूच दे दी जिसकी वजह से मेरे तो होश ही अब अपने ठिकाने पर नहीं रहे. में तो मानो उस समय सातवें आसमान पर था.

अब भाभी मुझसे बोली कि तूने मेरे पास आने में इतनी देर क्यों लगा दी, में तो तेरी राह पिछले पांच सालो से देख रही थी. मैंने तुझे बहुत बार अपनी तरफ आकर्षित किया, जिसकी वजह से तूने मुझे बहुत बार देखा, लेकिन उसके आगे तूने कुछ भी नहीं किया. मुझे कब से इस दिन का इंतजार था, आ जा मेरी जान बना ले आज तू मुझे अपना. दोस्तों और फिर क्या था? मैंने भाभी के मुहं से यह बात सुनकर जोश में आकर तुरंत उनको बेड पर धक्का दे दिया और फिर मैंने उनको बहुत जबरदस्त तरीके से स्मूच करना शुरू कर दिया, वो सारा कमरा पुछ पुछ की आवाजो से गूंजने लगा था और भाभी ने भी मेरा पूरा पूरा साथ दिया.

फिर कुछ देर बाद भाभी ने जल्दी से मेरी शर्ट को खोल दिया तो मैंने जोश में आकर भाभी की मेक्सी को फाड़ दिया और अब में उनके दोनों बड़े बड़े बूब्स को एक एक करके मुहं में लेकर चूसने निचोड़ने लगा था जिसकी वजह से भाभी स्सईईइ आह्ह्ह्ह ऑउच उईईईईई उफ्फ्फ्फ़ की ज़ोर से आवाज़े निकालने लगी थी मैंने अब सही मौका देखकर भाभी की पेंटी को भी उतार दिया जिसकी वजह से उनकी प्यासी, तड़पती हुई चूत अब मेरे सामने थी और मैंने तुरंत अपनी जीभ को उनकी चूत में घुसा दिया और बहुत जबरदस्त तरीके से चाटने लगा.

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दोस्तों अब भाभी मानों सातवे आसमान पर थी वो सिसकियाँ लेते हुए बिन पानी की मछली की तरह तड़पने लगी. ऑश आह्ह्ह उहहउम्म डार्लिंग चोदो मुझे आह्ह्ह्ह चोद दो मुझे ऊईईईईइ अब जल्दी से चोद दो मुझे मैंने इस दिन का बहुत इंतजार किया. मुझसे यह बात बोल बोलकर वो मुझे और भी गरम करने लगी थी.

तो मैंने जल्दी से अपनी पेंट उतारी और अपना लंड भाभी के मुहं में दे दिया. दोस्तों तब मैंने महसूस किया कि भाभी बहुत कमाल का लंड चूसती है और वो मेरे लंड को बड़े मज़े लेकर चूस रही थी. दोस्तों उसने करीब दो मिनट में ही साली रंडी ने मुझे अपने मुहं में झाड़ दिया और फिर से लगातार मेरा लंड चूस चूसकर उसने दोबारा खड़ा कर दिया.

दोस्तों मैंने महसूस किया कि अब तक भाभी बहुत गरम हो चुकी थी और वो मुझसे बोली कि प्लीज अब एक मिनट की भी देर मत करो, में अब ज्यादा इंतजार नहीं कर सकती, प्लीज थोड़ा जल्दी करो और अब मैंने अपना 6 इंच का लंड अपनी भाभी की चूत के मुहं पर रखकर एक जबरदस्त धक्का मार दिया, जिसकी वजह से भाभी बहुत ज़ोर से चिल्ला उठी उफ्फ्फ्फ़ मादरचोद, भोसड़ी के थोड़ा धीरे से चोद, में क्या कहीं भागकर जा रही हूँ? में तो अब तेरे ही पास हूँ और तुझसे हमेशा ऐसे ही अपनी चुदाई करवाती रहूंगी उफ्फ्फ्फ़ प्लीज आह्ह्ह्हह्ह धीरे कर आह्ह्ह्ह मर गई, प्लीज आराम आराम से धक्के दे.

अब में उनकी बिना कुछ बात सुने और ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा था, जिसकी वजह से पूरे कमरे में भाभी की सिसकियों की आवाज गूँज रही थी वो कह रही थी आअहह चोदो मुझे और ज़ोर से आह्ह्ह बेबी उम्म्म्म आहआआ उम्म्म आऊच करीब दस मिनट के बाद में और भाभी दोनों एक एक करके झड़ गये और अब हम दोनों ऐसे नंगे ही एक दूसरे से चिपककर रज़ाई में लेट गये और 1/2 घंटे बाद मेरी आँख खुली और एक बार फिर से हमने बहुत जमकर चुदाई के मज़े लिए.

मैंने उनको इस बार बहुत देर तक चोदा और उन्होंने भी मेरी इस चुदाई में पूरा पूरा साथ दिया और हम दोनों अपने काम में लगातार लगे रहे. उसके बाद मैंने अपना पूरा वीर्य उसकी चूत की गहराईयों में डाल दिया और कुछ देर बाद उन्होंने मेरा लंड अपने मुहं में लेकर चूसना शुरू किया और लंड को बहुत अच्छी तरह से चाटकर साफ कर दिया. दोस्तों उस दिन की चुदाई के बाद अब भाभी मुझे अपने पति से ज़्यादा मानती है और वो मुझसे सच्चा प्यार भी करती है और वो अब मेरे लिए महंगे महंगे गिफ्ट्स भी लाती है और जब भी हमें मौका लगता है तो हम बहुत जमकर चुदाई करते है.