Bhabhi Sex

भाभी के बड़े दूध ने किया पागल 2

Bhabhi ke bade dudh ne kiya pagal-2

उनके बड़े-बड़े दूध देखकर मैं तो जैसे पागल हुआ जा रहा था। करीब दस मिनिट के बाद भैया ने एक जोरदार पिचकारी मारी, जो भाभी के बड़े-बड़े दूध पर जाकर गिरी।

मैं भी अपनी चरम सीमा पर था लेकिन उसी वक्त भाभी दरवाजे की तरफ बढ़ीं।

दोस्तो, अब पेश है अब आगे की कहानी…

मैं जल्दी से बाथरूम में घुस गया जल्दीबाज़ी में मैंने vabi choda दरवाजा भी बंद नहीं किया और वहाँ जाकर फिर हस्तमैथुन करने लगा, तभी भाभी बाथरूम में आ गईं, तब तक मे झड़ चुका था।

एकदम से भाभी को देखकर मैं चौंक गया।

तभी भाभी बोलीं – अभी सोए नहीं करण?

मैंने कहा – नहीं, बस पढ़ाई कर रहा था, अब सोने ही जा रहा हूँ, और मैं वहाँ से चला गया।

लेकिन ना जाने क्यूँ मुझे लगा कि शायद भाभी ने मुझे देख लिया है।

सुबह जब मैं उठा तो मुझे भैया ने कहा कि करण, मैं करीब दस दिन के लिए कंपनी के काम से दिल्ली जा रहा हूँ, तुम बच्चों को भी पढ़ा देना और तुम्हारी भाभी के कमरे में ही सो जाना।

मैंने तुरंत हाँ कर दी, फिर मैंने उनसे पूछा कि कब bhabhi ki sex story जाना है, आपको।

उन्होंने बताया कि रात 11 बजे की ट्रेन है।

मैंने कहा – ठीक है, मैं आपको छोड़ दूँगा तो उन्होंने भी कहा – ठीक है, और मैं रात को उन्हें दस बजे छोड़कर वापस घर आते हुए कुछ मिठाई ले आया ताकि मुझे भाभी के साथ बैठने का थोड़ा मौका मिल सके।

जब में घर आया तो भाभी ने दरवाजा खोला और मैं अंदर उनके कमरे में आ गया और फिर हम बैठकर बातें करने लगे और साथ में मेरी लाई हुई मिठाई खाने लगे।

थोड़ी देर बाद मैं पढ़ने लगा तो भाभी ने कहा – सो जाओ करण, तो मैंने कहा – आप सो जाओ, मैं थोड़ी देर में सो जाऊँगा।

उन्होंने अपने पास जगह छोड़ दी और कहा कि तुम मेरे पास ही सो जाना।

मैंने कहा – ठीक है।

तब तक उनके बच्चे सो चुके थे,

भाभी अपनी नाइट ड्रेस में सो रहीं थीं जो काफ़ी ढीली थी, उनके desi bhabhi nangi image बड़े-बड़े मम्मे उसमें से बाहर आने को तरस रहे थे।

थोड़ी देर बाद भाभी को नींद आ गई और मेरा मन भी पढ़ाई में नहीं लग रहा था तो मैंने अपने मोबाइल में सेक्सी वीडियो चालू कर लिया और उन्हें देखने लगा। मेरा लण्ड खड़ा हो गया।

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मैंने हस्तमैथुन चालू कर दिया, और सारा माल वहीं छोड़ दिया और फिर मैं भाभी के बगल में जाकर लेट गया।

थोड़ी देर बाद उन्होंने करवट ली तो उनका हाथ मेरे सीने पर आ गया और उनके मम्मे मेरे हाथ से टकराने लगे तो मेरा लण्ड फिर खड़ा होने लगा।

मैंने धीरे से अपना हाथ भी भाभी के ऊपर रख लिया, उन्हें शायद पता नहीं चला क्योंकि वो नींद में थी।

मेरा होसला थोड़ा और बढ़ गया, उनकी नाइट ड्रेस मैंने अपने पैर से bhabhi ki chudaee जांगों तक खिसका दी जिससे मुझे उनके गोरे-गोरे पैर साफ दिखाई दे रहे थे।

फिर मैंने देर ना करते हुए अपना एक हाथ उनके बड़े मम्मे पर रख दिया और उसे धीरे-धीरे सहलाने लगा, उनकी कोई प्रतिक्रिया न देखकर मेरा होसला थोड़ा और बढ़ गया।

अब मैं उनके चुचे थोड़े ज़ोर से दबाने लगा और मैंने अपना एक हाथ उनके चूतड़ desi garam bhabhi पर रख दिया और उसे सहलाने लगा।

अब तक वो शायद जाग चुकी थीं और इसका मज़ा भी ले रहीं थीं, पर जब उन्होंने आँखें खोलीं तो मुझसे बोली ये क्या कर रहे हो करण, तो मैं बहुत डर गया।

मैंने कहा – भाभी, मुझे माफ़ कर दो।

पर मेरी उम्मीद के विपरीत जब उन्होंने मेरे गाल पर एक लंबा सा चुंबन दिया तो मैं खुश हो गया और उन्हें अपनी बाहों में भर लिया।

अब भाभी ने मुझसे कहा – मैं जब से तुम्हारे घर आई हूँ तब से देख रही हूँ तुम हमेशा मेरे चूतड़ और मम्मे देखते रहते हो, कल रात तो मेरी और तुम्हारे भैया की चुदाई देख कर हस्तमैथुन भी कर रहे थे।

मैंने कहा – ये सब आपको कैसे पता?

उन्होंने कहा – कल मैंने तुम्हे बाथरूम में देखा था, तुम्हारा लण्ड काफ़ी बड़ा है bhabhi ki chud और तो और तुम तो अभी भी हस्तमैथुन कर रहे थे, है ना?

मैंने कहा – मुझे लगा आप सो रहीं है, आप सो नहीं रहीं थीं क्या?

उन्होंने कहा – मैं यही देख रही थी कि तुम क्या कर रहे हो?

भाभी से ऐसी बातें सुन कर मैंने भी आपी सारी शरम बगल में रख दी और बिना हिचके उनसे कहा – आप भी तो कल भैया से मज़े ले लेकर चुदवा रही थीं।

मैंने फिर कहा – कल रात को जब आप दोनों चुदाई मे मस्त थे तो मैंने दरवाजे के छेद से आप लोगों को देखा था।

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अब वो मुझसे चिपक गईं और मेरे शरीर में एक अजीब सा करंट लगा।

मैंने भी उन्हें कसकर पकड़ लिया और उन्हें चूमना चालू कर दिया। थोड़ी ही देर में हम दोनों नंगे एक-दूसरे की बाहों मे समाने की कोशिश करने लगे।

अब मैंने अपने होंठ उनके होंठों से चिपका दिए और उन्हें bhabhi ki choot ki photo पागलों की तरह चूमने लगा।

उन्होंने मुझे रोका और कहा – आराम से करो राजा, मैं कहीं भाग कर नहीं जा रही।

पर क्या करूँ दोस्तो, मैं अपने ऊपर काबू नहीं रख पा रहा था। लेकिन थोड़ी ही देर में भाभी मेरा साथ देने लगी।

अब मैं उनके चुचों को अपने दोनों हाथों से बेतहाशा दबाए जा रहा था और वो मुझे चुंबन पर चुंबन दिए जा रहीं थीं।

मैंने थोड़ी ही देर में उनकी पैंटी भी खोल दी और उनकी चूत में अपनी devr bhabhi sex एक उंगली घुसा दी और उसे अंदर-बाहर करने लगा, जिससे उन्हें और भी मज़ा आने लगा।

थोड़ी देर ऐसे ही उंगली करने के बाद मैं उनकी चूत चाटने लगा तो उसमे से नमकीन पानी जैसा स्वाद आने लगा।

उनकी आवाज़ कमरे मे गूँज रही थी और मैं उनकी चूत चाटने मे मस्त था।

अब वो बोलीं – चोद भी दो अब, सहन नहीं हो रहा है।

ये सुनते ही मैंने उन्हें अपना लण्ड चूसने को कहा तो उन्होंने मना कर दिया।

हालाकी मेरे थोड़ा ज़ोर देने पर वो मान भी गईं और मेरा लण्ड bhabhi ki chudayi अपने मुँह मे लेकर अंदर-बाहर करने लगीं।

मुझे तो मानो जन्नत ही मिल गई, जब मैं झड़ने वाला था तो मैंने उन्हें नहीं बताया और अपना सारा माल उनके मुँह में ही छोड़ दिया।

मुझे तो झटका ही लग गया जब उन्होंने कुछ माल पी लिया पर कुछ बाहर भी निकाल दिया।

अब हम दोनों एक-दूसरे को चुंबन करने लगे और मैं अब उनके ऊपर आ गया।

उनकी दोनो टाँगें मैंने उठाई और अपने लण्ड को उनकी चूत से रगड़ने लगा तो वो बोलीं – अब डाल भी दे अंदर, करण, मत परेशन कर अब, बन जा जल्दी से भाभी-चोद।

अब मैंने अपना लण्ड उनकी चूत indian bhabi devar पर रखा और एक धक्का लगाया लेकिन मेरा लण्ड फिसलकर नीचे की तरफ चला गया।

जब मैंने दुबारा धक्का लगाया तो मेरा लण्ड थोड़ा सा अंदर चला गया। फिर मैंने एक ज़ोर का झटका मारा तो मेरा पूरा लण्ड उनकी चूत मे समा गया।

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मेरा लण्ड बड़ा होने के कारण उन्हें शायद थोड़ा दर्द भी हुआ लेकिन मैंने अपने होंठ उनके होंठों से चिपका रखे थे जिससे उनकी आवाज़ दब कर रह गई।

फिर थोड़ी देर रुकने के बाद मैं अपने लण्ड को अंदर-बाहर करने लगा। अब तो उन्हें भी मज़ा आने लगा और वो अपने चूतड़ उठा-उठा कर मुझसे चुदने लगी।

उनकी सिसकारियों से कमरा गूँज उठा, वो अब तक दो बार झड़ चुकीं थीं लेकिन मेरा आने का नाम ही नहीं ले रहा था।

कुछ ही देर में मैं अपनी चरम सीमा पर था तो मैंने कहा कि मेरा आने वाला है, कहाँ chudakad family निकालूँ तो उन्होंने कहा – अंदर ही निकाल लो, मुझे कोई परेशानी नहीं होगी क्योंकि मैंने ऑपरेशन करवा रखा है।

फिर क्या था मैंने अपना सारा माल उनकी चूत की जड़ में ही छोड़ दिया।

लेकिन अब तक मैं पूरी तरह थक चुका था, और उनके ऊपर ही लेट गया।

वो बड़े प्यार से मुझे सहला रहीं थीं।

जवानी के ज़ोर से थोड़ी ही देर में मेरा लण्ड वापस खड़ा होने लगा तो मैंने फिर से भाभी को चूमना चालू कर दिया।

वो भी कुछ ही देर बाद वापस से गरम हो गईं तो मैंने उन्हें bhabhiji sex घोड़ी बनने को कहा और उनके मोटे-मोटे चूतड़ों में अपना लण्ड दबाने लगा और फिर एक झटके में पूरा लण्ड उनकी चूत में डाल दिया और जोर-जोर के झटके मारने लगा।

भाभी दो बार झड़ चुकीं थीं और मैं भी अपनी चरम सीमा पर था इसलिए मैंने उन्हें जोर-जोर से चोदना चालू रखा।

थोड़ी देर बाद मेरा गरमा-गरम माल उनकी चूत में भर गया, रात के 3 बज चुके थे।

फिर हम दोनों बुरी तरह थक कर सो गए और भैया के आने तक चुदाई का ये नंगा नाच रोज़ चलता रहा, हमें जब भी मौका मिलता हम अपनी चुदाई में मस्त हो जाते थे चाहें फिर दिन हो या रात।

आपको मेरी कहानी कैसी लगी?

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