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मैंने अपने देवर से चुदवा लिया-5

Bhabhi Ki Chudai Ki Desi Kahani: Maine Apne Devar Se Chudwa Liya- Part 5

मैं डर गई क्योंकि अब मुझे बहुत ज्यादा तकलीफ़ होने वाली थी. उसके बाद उसने एक धक्का मारा तो मेरी तो जान ही निकल गई. उसके लंड का सुपारा मेरी गांड को चीरता हुआ अन्दर घुस गया. मैं दर्द के मारे जोर जोर से चीखने लगी.
तभी उसने दूसरा धक्का लगा दिया. इस बार का धक्का इतने जोर का था कि मैं दर्द के मारे तड़फ उठी. मैं बहुत ही बुरी तरह से चीखने लगी. उसका लंड इस धक्के के साथ ही मेरी गांड में 4″ तक घुस गया.
मैं सिसकारियां लेने लगी. मैंने कहा- अपना लंड बाहर निकाल लो नहीं तो मैं मर जाऊंगी. बहुत दर्द हो रहा है. प्लीज, मेरी गांड मत मारो, मेरी गांड फट जाएगी

जय ने एक झटके से अपना लंड मेरी गांड से बाहर निकाल कर मेरी चुत में घुसेड़ दिया. उसके बाद उसने मेरी चुदाई शुरू कर दी.

मुझे थोड़ी ही देर में फिर से मजा आने लगा और मैं गांड के दर्द को भूल गई.
फिर 5 मिनट की चुदाई के बाद मैं फिर से झड़ गई तो उसका लंड फिर से गीला हो गया. उसने अपना लंड मेरी चुत से बाहर निकाल कर एक झटके से मेरी गांड में डाल दिया. मेरे मुँह से जोर की चीख निकली.

लेकिन उस बेरहम देवर ने इसके बाद जोर का दूसरा धक्का लगा दिया. इस धक्के के साथ ही उसका लंड मेरी गांड में और ज्यादा गहराई तक घुस गया.
मैं जोर से चिल्लाई- जय, मैं मर जाऊंगी.
वो बोला- शांत हो जाओ.. क्या तुमने आज तक कभी सुना है कि किसी औरत कि मौत चुदवाने से या गांड मरवाने से हुई है?
मैंने कहा- नहीं.
वो बोला- फिर घबराओ मत, तुम मरोगी नहीं केवल दर्द बहुत होगा. उसके बाद तो तुम खुद ही रोज रोज मुझसे गांड भी मरवाओगी और चुत की चुदाई भी करवाओगी.

इतना कहने के बाद उसने पूरी ताकत के साथ फिर से एक धक्का मारा. मेरा बदन पसीने से लथपथ हो गया. मेरी आँखों के सामने अंधेरा छाने लगा. मैं दर्द के मारे जोर जोर से चीखने लगी. जय ने मेरे ऊपर जरा सा रहम नहीं किया और बहुत जोरदार एक धक्का और लगा दिया. इस धक्के के साथ ही उसका पूरा का पूरा लंड मेरी गांड में समा गया.
मैं बुक्का फाड़ कर सिसकारियां लेने लगी थी और मेरी आँखों से बह रहे थे.

उसने मुझे बिना कोई मौका दिए ही अपना पूरा का पूरा लंड बाहर खींच लिया और फिर एक झटके वापस मेरी गांड में घुसेड़ दिया. मैं फिर से चीखी.. लेकिन उसने मेरी चीख पर कोई भी ध्यान नहीं दिया और ना ही मुझ पर कोई रहम ही किया. उसने ऐसा 4-5 बार किया. मैंने देखा कि उसका लंड सना हुआ था. मेरी गांड की हालत एकदम खराब हो चुकी थी.

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जय ने मेरी गांड में अपना मूसल पेल दिया था. कुछ देर बाद उसने अपना लंड मेरी चुत में घुसा कर मेरी चुदाई शुरू कर दी. थोड़ी ही देर में मैं फिर से सारा दर्द भूल गई और मुझे मजा आने लगा.

दस मिनट की चुदाई के बाद मैं फिर से झड़ गई. मेरे देवर ने अपना लंड मेरी चुत से बाहर निकाला और मेरी गांड में घुसेड़ दिया. मैं फिर से चिल्लाई.. लेकिन इस बार जय रुका नहीं. उसने तेजी के साथ मेरी गांड मारनी शुरू कर दी.
लगभग 5 मिनट तक मैं चीखती रही. फिर धीरे धीरे शांत हो गई. अब मुझे गांड मरवाने में भी मजा आने लगा था. अगले दस मिनट तक मेरी गांड मारने के बाद जय ने अपना लंड मेरी चुत में घुसा दिया और मेरी चुदाई करने लगा. मैं एकदम मस्त हो चुकी थी और सिसकारियां भरने लगी थी.

कुछ मिनट की चुदाई के बाद मैं फिर से झड़ गई तो जय ने अपना लंड मेरी चुत से निकाल कर मेरी गांड में डाल दिया. उसके बाद उसने तेजी के साथ मेरी गांड मारनी शुरू कर दी. देर तक मेरी गांड मारने के बाद जब वो झड़ने को हुआ तो उसने अपना लंड मेरी गांड से निकाल कर वापस मेरी चुत में डाल दिया. उसके बाद उसने बहुत ही बुरी तरह से मेरी चुदाई करनी शुरू कर दी.

मुझे खूब मजा आ रहा था. लगभग 10 मिनट तक मुझे बहुत ही अच्छी तरह से चोदने के बाद वो मेरी चुत में ही झड़ गया.

थोड़ी देर बाद जब उसने अपना लंड मेरी चुत से बाहर निकाला तो मैंने कहा- अब तो तुमने मुझे पूरी तरह से औरत बना दिया.
वो बोला- अभी कहाँ.
मैंने कहा- अब क्या बाक़ी है?
वो बोला- अभी मैंने ठीक से तुम्हारी गांड कहाँ मारी है. मैं तो अभी तुम्हारी गांड को ढीला कर रहा था. अगली बार मैं केवल तुम्हारी गांड मारूंगा और अपने लंड का सारा जूस तुम्हारी गांड में निकाल दूँगा. उसके बाद तुम पूरी तरह से औरत बन जाओगी.

फिर पौन घंटे के बाद जय का लंड खड़ा हो गया तो उसने मेरी गांड मारनी शुरू कर दी. पहले तो मुझे बहुत दर्द हुआ लेकिन थोड़ी ही देर बाद मेरा सारा दर्द खत्म हो गया. जय बहुत बुरी तरह से मेरी गांड मार रहा था. मैं भी अब मस्त हो चुकी थी. मुझे भी अब खूब मजा आ रहा था. मैं नहीं जानती थी कि गांड मरवाने में भी इतना मजा आता है.

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इस बार उसने मेरी चुत को छुआ तक नहीं, केवल मेरी गांड मारता रहा. उसने लगभग 45 मिनट तक खूब जम कर मेरी गांड मारी और फिर मेरी गांड में ही झड़ गया. इस दौरान जोश के मारे मेरी चुत से 2 बार पानी भी निकल चुका था. लंड का सारा जूस मेरी गांड में निकाल देने के बाद जय हट गया और मेरे बगल में लेट गया.

मैंने मुस्कुराते हुए कहा- अब तो मैं पूरी तरह से औरत बन गई हूँ या अभी कुछ और भी बाक़ी है?
वो बोला- नहीं भाभी, अब तो मैंने तुम्हें पूरी तरह से औरत बना दिया है.
मैं मुस्कुरा दी.

वो बोला- शादी में लड़का लड़की की माँग में सिंदूर भरता है.. बोलो, भरता है या नहीं?
मैंने कहा- हाँ, भरता है.
“उसके बाद वो लड़की उस लड़के के साथ सुहागरात मनाती है. बोलो मनाती है या नहीं?”
मैंने कहा- हाँ मनाती है.
वो बोला- जब लड़के का लंड पहली बार लड़की की चुत में घुसता है तब खून निकलता है. निकलता है या नहीं?
मैंने कहा- हाँ निकलता तो है.
वो बोला- वो खून नहीं होता. लड़की की चुत लड़के के लंड को अपने खून का टीका लगा कर उस लड़के के लंड से शादी कर लेती है. उसके बाद वो लड़की लड़की नहीं रहती, औरत बन जाती है. मैंने तुम्हारी चुत में अपना लंड घुसाया तो तुम्हारी चुत ने मेरे लंड को अपने खून का टीका लगाया और मेरे लंड से शादी कर ली. उसके बाद जब मैंने तुम्हारी गांड में अपना लंड घुसाया तो तुम्हारी गांड ने भी मेरे लंड को अपने खून का टीका लगाया और मेरे लंड से शादी कर ली. अब मेरा लंड तुम्हारी चुत और गांड का पति हो गया है और तुम पूरी तरह से औरत बन गई हो.

मैंने कहा- लेकिन तुम्हारे भैया ने जब अपना लंड पहली बार मेरी चुत में घुसाया था तो उनके लंड को मेरी चुत ने खून का टीका नहीं लगाया था.
जय बोला- तुम्हारी चुत ने भैया के लंड को खून का टीका इसलिए नहीं लगाया था क्योंकि उनका लंड बहुत छोटा था और तुम्हारी चुत को भैया का लंड पसंद नहीं आया था. तुम्हारी चुत और गांड ने मेरे लंड को अपने खून का टीका इसलिए लगाया क्योंकि तुम्हारी गांड और चुत को मेरा लंड पसंद आ गया था.

उसकी बात सुन कर मैं जोर जोर से हंसने लगी. मेरे साथ ही साथ वो भी हंसने लगा.

सारा दिन जय मेरी चुदाई करता रहा और मेरी गांड मारता रहा. शाम के 5 बजे राज का फोन आया कि ऑफिस में कुछ काम होने की वजह से वो रात के 11 बजे तक आएंगे.
यह सुन कर जय खुश हो गया और मुझे भी मजा आ गया. रात के 11 बजे तक जय ने मुझे 5 बार चोदा और 3 बार मेरी गांड मारी.

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मुझे आज पहली बार जवानी का असली मजा मिला था और मैं एकदम मस्त हो गई थी.

रात के 11 बजे राज वापस आ गए. मेरी गांड और चुत बुरी तरह से सूज गई थी. मैं बेड पर से उठने के काबिल ही नहीं रह गई थी. जय दरवाज़ा खोलने गया तो मैंने एक चादर ओढ़ ली. दरवाज़ा खोलने के बाद जय अपने रूम में चला गया. राज मेरे पास आए. उन्होंने मुझे चादर ओढ़ कर लेटे हुए देखा तो बोले- क्या हुआ?
मैंने कहा- वही जो होना चाहिए था. मैंने आज जय से सारा दिन खूब जम कर चुदवाया है. उसने मेरी गांड भी मारी है. आज मुझे जवानी का असली मजा मिला है जो कि तुम मुझे कभी नहीं दे सकते थे.

वो बोले- चलो अच्छा ही हुआ. अब तुम्हें सारी जिन्दगी जय से मजा मिलता रहेगा. तुम्हें कहीं इधर उधर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. जय से चुदवा कर खुश हो ना?
मैंने कहा- हाँ, मैं बहुत खुश हूँ. उसने मुझे बहुत ही अच्छी तरह से चोदा है. मैं जय से चुदवाने के बाद पूरी तरह से संतुष्ट हूँ.

तभी राज ने मेरे ऊपर से चादर खींच ली और मेरी चुत और गांड को देखने लगे. वो बोले- तुम्हारी चुत और गांड की हालत तो एकदम खराब हो गई है. बेड की चादर भी तुम दोनों के जूस से और खून से एकदम भीग कर खराब हो चुकी है.
मैंने कहा- हाँ, मैं जानती हूँ. मैं इस चादर को साफ़ नहीं करूँगी. इससे मेरी यादें जुड़ी हुई हैं. मैं इसे सारी जिन्दगी अपने पास सम्भाल कर रखूँगी.
वो बोले- ठीक है, रख लेना.

उसके बाद राज ने भी मेरी चुदाई की. जय के लंड ने मेरी चुत को इतना ज्यादा चौड़ा कर दिया था कि मुझे पता ही नहीं चला कि कब उनका लंड मेरी चुत में घुसा और कब बाहर निकल गया. उसके बाद हम सो गए.

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