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भाभी को चोदने का सपना पूरा हुआ-2

Bhabhi ko chodne ka Sapna pura hua-2

उन्होंने अपनी चूचियों की तरफ देखा और अपने पल्लू को नीचे खींच कर उनको ढक दिया और सो फिर से सो गई।

तब सुबह के चार बज गए थे और थोड़ी ही देर में हम जलगाँव पहुँचने वाले थे इसीलिए मैंने आगे कुछ नहीं किया।

5 बजे हम जलगाँव पहुँच गए और ऑटो करके हम अपने फ्लैट में पहुँच गए। भैया भी नींद से उठ गए थे, पहुँचते ही भाभी ने सब सामान कमरे में रख दिया और चाय बनाई, हम तीनों ने भी चाय पी ली।

सात बज चुके थे, भाभी ने पूछा- आज कौन कौन ड्यूटी पर जा रहा है, मैं खाना दूँ !

तो मैंने झट से बोला- मैं नहीं जाने वाला हूँ।

फिर भाभी ने भैया के लिए खाना बना दिया और भैया नौ बजे ड्यूटी पर चले गए।

भाभी ने भी सब काम पूरे कर लिए। दोपहर बारह बजे हम दोनों ने साथ में खाना खाया और मैं लॉबी में सोने के लिए चला गया, भाभी भी बेडरूम में सोने के लिए चली गई।

मैं नीचे ही गद्दे पर सो रहा था और रात का वाकया याद कर कर के अपने लंड को सहला रहा था, मैं बनियान और बरमूडा पहन कर लेटा ही था।

एक घंटे के बाद मुझे बेडरूम का दरवाजा खुलने की आवाज आई तो मैंने सोचा कि शायद भाभी जाग गई होगी तो इधर आकर देख सकती हैं, तो मैंने सोने नाटक किया और एक हाथ से अपना लंड सहलाना जारी रखा वैसे भी लंड पूरा खड़ा हो गया था और बरमुडा पूरा तम्बू दिख रहा था।

भाभी उठी और बाथरूम में चली गई और मूतने के बाद लॉबी में आ गई। भाभी आई तो उनको मैं सोया हुआ दिखा तो उनकी नजर मेरे लंड पर गई, मैं अभी भी जानबूझ कर अपना हाथ उस पर घुमा रहा था। मैं यह सब अपनी अधखुली आँखों से देख रहा था। मेरा खड़ा लंड देख कर उनके मुँह में पानी आ रहा था, वो अपनी जीभ अपने होठों पर फेर रही थी।

अब वो मेरे नजदीक आ गई और अपने ही हाथों से अपनी चूचियों को दबाना शुरु किया। अब धीरे धीरे वो गर्म हो रही थी उन्होंने अपने ब्लाउज के दो बटन भी खोल लिए और जोर से अपने चूचे दबाने लगी। मैं यह सब देख रहा था जिसके वजह से मैंने भी अब अपना हाथ सीधा अपनी चड्डी के अन्दर डाल दिया और अपने लंड की मुठ मारने लगा। उन्हें अभी भी ऐसे ही लग रहा था कि मैं नींद में ये सब कर रहा हूँ।

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अब भाभी ने अपना पल्लू नीचे छोड़ दिया और अपना पूरा ब्लाउज खुला कर दिया था जिससे उनकी चूचियाँ ब्रा होने की वजह से आधी दिख रही थी। अब मैं सोच रहा था कि आज तो भाभी को चोद कर ही छोडूँगा।

मैंने एकदम से अपनी आँखें खोली और भाभी का हाथ पकड़ लिया, भाभी एकदम चौंक गई और अपना पल्लू सही करने लगी।

मैंने भाभी को बोला- भाभी, मैंने आपको अपनी चूचियों को दबाते हुए देख लिया है और आपने भी मुझे अपना लंड सहलाते हुए देख लिया है तो अब आप ये सब क्यों छुपा रही हैं। मैं भी रात को बस में आपके बूब्स दबा रहा था।

भाभी बोली- मुझे मालूम है आप रात को क्या कर रहे थे लेकिन बस में होने की वजह से मैं चुप ही बैठी।

मैं बोला- तो चलो जो रात को नहीं किया वो अभी कर लेते हैं।

मैंने भाभी को अपने पास खींच लिया और उन पर कुत्ते के जैसा चढ़ गया।

मैंने उनकी पूरी साड़ी अलग कर दी और पेटीकोट, ब्लाउज भी अलग कर दिया। अब मेरा सपना पूरा होने वाला था, मैंने भाभी के होठों को अपने मुँह के अन्दर ले लिया और चूसने लगा, मैं अपनी जीभ उनके मुँह में घुमा रहा था।

अब मैंने उनकी गर्दन को भी चूमना चालू किया तो वो अब ज्यादा ही गर्म हो गई थी वो भी मेरी गर्दन को चूम रही थी। मैंने उनकी ब्रा खोल दी और नीचे गद्दी पर लिटा दिया और मैं उनके शरीर के ऊपर हो गया।

उसकी गोरी बड़ी बड़ी चूचियाँ देख कर मुझे सुहागरात की रात याद आ गई और जोश में मैं उनके ऊपर टूट पड़ा। अब मैंने अपने दोनों हाथों से उनकी चूचियाँ दबा रहा था, निप्पल चूस रहा था। जैसे ही मैं जोर से दबाता वैसे ही वो कराहती, कहती- प्लीज… जोर से मत दबाओ, दर्द होता है।

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अब मैं उनका पूरा शरीर चूम रहा था, चूमते-चूमते मैं उनकी चूत के पास आ गया और उनकी पैंटी के ऊपर से ही उनकी चूत को चूमने लगा तो और गर्म हो गई, मैं उसके पैरों को सहलाने लगा, उनकी टाँगों पर बाल थे। मुझे मालूम था कि जिस औरत को बाल ज्यादा हों तो वो बहुत ज्यादा सेक्सी होती है।

मैं अपने होठों से उनके बाल भी खींच रहा था। अब मैं 69 की अवस्था में आ गया, मुझे लग रहा कि ये मेरा लंड तो चूसेंगी नहीं लेकिन आगे-पीछे जरूर करेगी।

मैंने उनकी पैंटी उतार दी और पहली बार उसकी चूत को देखा तो ऐसा लग रहा था मानो वो अभी भी कुँवारी दिख रही थी, एक भी बाल नहीं था, एकदम चिकनी, जैसे मैं आज इसकी नथ उतरने वाला हूँ जैसा कि मैं सुहागरात वाले दिन सोच रहा था। यह कहानी आप HotSexStory.xyz रहे हैं।

मैंने उनकी चूत में अपनी एक उंगली डाली तो उसकी आवाजें बढ़ गई- आह्ह…आह्ह… हम्म्म्म… प्लीज राज… आप इसे चोद डालो, चार महीने से प्यासी हूँ, आज इसकी प्यास बुझा दो।

उनकी चूत गीली हो गई थी, अब मैं अपनी उंगली जोर-जोर से अन्दर-बाहर कर रहा था और वो एकदम मस्त होकर मेरे लंड को सहला रही थी।

अब मैंने उंगली निकाल ली और उनको दोनों टांगो से खींच कर अपने मुँह के पास कर लिया और जीभ से उनकी चूत को चाटना शुरु किया !

वाह.. क्या मजेदार पानी था ! उनका पानी चाट कर ही मेरी प्यास बुझे जैसी लग रही थी।

अब उन्होंने भी मेरी चड्डी उतार दी और एक पल के बाद मैं तो देख कर चौंक गया, उन्होंने मेरा पूरा 6″ लम्बा और 2″ मोटा लंड अपने मुँह में ले लिया। अब तो मुझे और ही मजा आ रहा था, यह तो मेरे लिए सोने पे सुहागा वाली बात थी।

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ऐसा 5 मिनट तक चला। इधर मैं उनकी चूत चाट रहा था और वो मेरा लंड चूस रही थी।

अब मैंने उनको सीधा किया और अपना लंड उनकी चूत पर रख दिया और एक ही झटके में पूरा लंड उनकी चूत में डाल दिया।

वो चिल्ला उठी- मैं मर जाऊँगी… आराम से डालो… आह्ह्ह्ह…आह्ह…

मैंने धीरे धीरे लंड को अन्दर-बाहर करना शुरु किया अब उनको भी अच्छा लग रहा था। उनकी हर आवाज पर मैं अब झटके बढ़ा रहा था।

वो बोली- अब जोर से चोदो… मेरी प्यास बुझाओ।

अब मैं अपने पूरी ताक़त से अपना लंड उनकी चूत में अन्दर-बाहर कर रहा था और अपने दोनों हाथों से चूचियाँ दबा रहा था।

अगले 10-12 झटकों में ही वो झड़ गई और थोड़ी देर के बाद मैं भी झड़ गया और अपना पूरा पानी उनकी चूत में छोड़ दिया। उस दिन हमने 3 बार चुदाई की और अगले 2 महीने तक मैं भाभी को रोज चोदता रहा उसके लिए मैंने अपनी रात वाली ड्यूटी भी लगवा ली थी।

जब मैंने भाभी को बताया कि मैंने आपकी सुहागरात को रात भर में तीन बार मुठ मारी तब भाभी बोली- मुठ क्यों मारी? आ जाना था अन्दर कमरे में ! तुम्हारे साथ भी सुहागरात मना लेती क्योंकि तुम्हारे भैया तो एक ही बार में सो गए थे।

तब भैया का झूठ पकड़ में आया। इन 2 महीनों में भैया से ज्यादा मैंने ही भाभी को चोदा और हर आसन में उनकी चूत की खाल निकाल दी। इसी दो महीने में वो गर्भवती भी हुई और अब उनको एक लड़का है, भाभी बोलती हैं कि वो मेरा ही है।

इसके साथ ही मेरा भाभी को चोदने का सपना पूरा हुआ और अब भी मैं मौका मिले तो भाभी को चोदता रहता हूँ।