Bhabhi Sex

भाभी के साथ होली और चुदाई -2

Bhabhi Sath Holi aur chudai-2

अब मुझे पूरा यकीन हो गया था कि अब भाभी गरम हो गई है। मैंने उनका हाथ पीछे लेकर अपने लंड पर रख दिया अब वो मेरा लंड सहला रही थी और बीच-बीच में दबा भी रही थी।

और मैं दोनों हाथों से उसके स्तन दबा रहा था !

मैंने उनका ब्लाउज खोलना शुरु किया और खोलते ही उनकी काली ब्रा दिखने लगी, मैंने ब्रा के ऊपर से दबाना चालू रखा।

भाभी बोली- देवर जी, जो भी करना है कर लो लेकिन दरवाजा तो बंद करो !

और मैं उनको छोड़ कर दरवाजा बंद करने गया।

दरवाजा बंद करने के बाद मैंने उनकी पूरी साड़ी उतार दी और अपना बरमूडा भी उतार दिया। अब मेरे शरीर पर चड्डी और शर्ट के शिवाय कुछ नहीं था और उसके शरीर पर सिर्फ ब्रा, चड्डी और पेटीकोट ही था !

हम दोनों ने एक दूसरे को बाँहों में भर लिया और होठों को चूमना शुरु किया, साथ साथ में मैं उसकी गर्दन की भी पप्पी ले रहा था।

मुझे मालूम है कि औरत के गर्दन के पास चूमा तो वो जल्दी गर्म होती है ऐसा मुझे मेरी चाची ने बताया था।

मैंने अपने हाथों से उसके ब्रा के हुक भी खोल दिए और उसे निकाल कर बेड पर फेंक दिया ! ब्रा खोलते ही उसके बड़े बड़े चूचे मेरे सीने से चिपक गए। मैंने उसको थोड़ा सा दूर किया और हाथों से उनको दबाना चालू किया। उसकी निप्पल बहुत ही छोटी और गुलाबी रंग की थी !

उसने भी अपना एक हाथ मेरे चड्डी में डाल दिया और मेरे 6″ के लंड को सहलाने लगी। थोड़ी देर मसलने के बाद मैंने उसकी एक एक करके दोनों चूचियों को मुंह से चुसना चालू किया, मैं जैसे जैसे चूसता वैसे वैसे वो मेरा लंड और जोरों से दबाती।

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अब हम दोनों बिस्तर पर चले गए और 69 की अवस्था में हो गए। मैंने उनका पेटीकोट पूरा ऊपर कर लिया और उनके पैरों को चूमने लगा ! वो भी मेरे पैरों को चूमने लगी। पैर चूमते चूमते अब मैं उसकी चूत तक पहुँच गया, उस पर सिर्फ चड्डी ही थी। मैंने चड्डी के ऊपर से उसकी चूत सहलानी शुरु किया तो वो अपने पाँव खींचने लगी।

मैंने जबरदस्ती से उसके दोनों पावों को फैला कर उसके चूत को अपने मुँह से चूमना शुरु किया तो वो अपने हाथों से मुझे धकेलने लगी।

अब मैंने उसकी चड्डी को नीचे सरकाना शुरु किया और कुछ ही सेकंडों में उसकी चूत को पूरा खुला कर दिया।

क्या चूत थी भाभी की ! एक भी बाल नहीं था, पूरी चिकनी चूत थी !

उसी अवस्था में मैं उसके शरीर के ऊपर हो गया और अपनी जीभ से उसकी चूत को चाटने की कोशिश करने लगा, चूत गीली हो गई थी !

वो भी मेरा लंड चड्डी से ही हिला रही थी, मैं जैसे जैसे उसकी चूत चाट रहा था, वैसे वैसे उसकी आवाज में बदल हो रहा था।

वो बोलने लगी- प्लीज… ऐसा मत करो… गुदगुदी हो रही है !

मैंने उसको बोला- भाभी आप भी मेरा लंड चूसो ना !

वो बोली- नहीं बाबा, मुझे यह सब गन्दा लगता है।

लेकिन मेरी विनती से उसने चड्डी से ही मेरे लंड को अपने मुँह में भर लिया।अब मैंने एक उंगली उसके चूत में डाल दी और अन्दर-बाहर करने लगा। उसकी चूत बड़ी कसी थी लेकिन गीली होने की वजह से उंगली आराम से जा रही थी। कुछ देर अन्दर-बाहर करने के बाद उसकी सिसकारियाँ बढ़ने लगी।

उसने मेरी चड्डी उतार दी और मेरा लंड देखते ही वो खुश हो गई, बोली- आपका लंड तो बहुत ही बड़ा है, आपके भाई तो इससे भी छोटा और पतला है !

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उसने अपने पेटीकोट से मेरा लंड पौंछा और उसे चूमना शुरु किया।

धीरे धीरे उसकी इच्छा उसे चाटने की भी हुई लेकिन वो थोड़ा ही चाट पाई !

इधर मैं जोर-जोर से उंगली अन्दर बाहर कर रहा था ! अब उसको सहन नहीं हो रहा था तो वो बोली- अब जल्दी से इसे मेरी चूत में डाल दो नहीं तो अगर कोई घर पर आ गया तो मेरी चूत ऐसे ही प्यासी रह जाएगी !

मैंने भी वक़्त की नजाकत को समझा और उसे चोदने का मन बना लिया। शायद कोई आता तो मेरा भी लंड प्यासा का प्यासा ही रहता !

मुझे चाची के साथ सेक्स करते करते बहुत सारे आसन मालूम थे फिर भी मैंने भाभी को पूछा- आपको कौन से आसन में चुदवाना पसंद है?

तो वो बोली- आप जिसमें चोदोगे वो चलेगा बस अब चोदना चालू करो !

और मैंने उनको अपने ऊपर लेकर अपने लंड पर उसकी चूत को रखा और एक झटके के साथ उसे नीचे अपने लंड पर दबाया तो वो चिल्ला उठी- वोह्ह्ह्ह….वोह्ह्ह….बहुत दर्द हो रहा है …

वो तड़फ रही थी- प्लीज निकालो बाहर ! नहीं तो मेरी चूत फट जाएगी

लेकिन मैंने उसे पकड़ कर रखा था, अभी भी मेरा लंड उसकी चूत में था, कुछ सेकंड रुकने के बाद मैंने उसे अपने सीने पर झुका लिया और लंड को अन्दर-बाहर करने लगा। अब उसको थोड़ा-थोड़ा दर्द हो रहा था। लेकिन उसे आनन्द भी आ रहा था, साथ में उसके होठों को भी चूम रहा था। फिर धीरे धीरे मैंने स्पीड भी बढाई और जोर-जोर से चोदने लगा।

अब वो भी अपनी गांड हिलाने लगी और अन्दर-बाहर करने लगी। ऐसा हमने करीब 5 मिनट किया।

उसके बाद मैंने उसे घोड़ी बनाया और जोरदार धक्के के साथ अपना पूरा 6″ का लंड उसकी चूत में डाल दिया।

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वैसे ही वो चिल्ला उठी- अरे बाप रे ….मार डालोगे क्या?

अब मैंने धीरे धीरे अन्दर-बाहर करना शुरु किया, अपने दोनों हाथों से उसके स्तन दबाना भी चालू रखा। इतने में वो झड़ गई। अब मुझे भी लग रहा था कि मैं जल्दी झड़ जाऊँगा तो मैंने अपनी स्पीड बढ़ाई और तुरंत दो मिनट के बाद मैं भी झड़ गया और अपना पूरा पानी भाभी की चूत में छोड़ दिया।

अब भाभी के चेहरे पर ख़ुशी साफ झलक रही थी। हमने अपने अपने कपड़े पहने और दरवाजा खोल दिया।

मैंने भाभी को बताया- मैं दस दिनों की छुट्टियों पर आया हूँ !

उसने भी मुझे बताया की मेरे भाई की अगले 7 दिन नाईट ड्यूटी है !

हमने तय किया कि रोज रात को 11 से सुबह के 4 बजे तक यही रासलीलायें खेलेंगे और एक चुम्बन के साथ मैं वहाँ से निकल गया।

अगले 7 दिन मैं ऐसे ही भाभी को चोदता रहा रोज रात को हम 3-4 बार सेक्स करते रहे और १० दिन के बाद मैं फिर से अपने ड्यूटी पर चला गया। भाभी को चोदने की बात सिर्फ मेरी चाची को ही मालूम है।

कुछ दिन के बाद भाभी का एक दिन फ़ोन आया कि वो माँ बनने वाली है, उसको जनवरी में लड़की हुई।

अब कभी कभी जब मैं गाँव को जाता हूँ तो मौका मिलते ही भाभी को चोदे बगेर रहता नहीं !

अब उसको मेरा लंड चूसने से परहेज नहीं है और बड़े प्यार से पूरा लंड मुँह में लेकर चूसती है !