हिंदी सेक्स स्टोरी

भाई की रखैल बन सहेली संग लेस्बियन-2

Bhai ki rakhel ban saheli sang lesbian-2

मैंने भी हिम्मत करके उनकी जांघ पर अपना हाथ रख दिया। मेरा भी अब मन चोदने को करने लगा। इतने में टोरी की चुदाई ख़त्म हो गईं। दीदी ने कहा- “एक और देखते है”
ऐसे कर कर के हमने दो तीन ब्लू फिल्म देखी।

मैने पैंट में हाथ डालकर लंड के टोपे को छुआ। मुझे कुछ चिपचिपा लगा। मेरा लंड अपना थोड़ा सा माल निकाल चुका था। मै दीदी की तरफ देखकर मुस्कुराने लगा।

सिखा अपना चुदासी मुह बनाये मुझसे कहने लगी- “चलो हम लोग भी ऐसे ही करते हैं” सिखा की बाते सुनकर मैं दंग रह गया। मेरे दिल की बात बोल डाली उन्होंने। मैं भी सीधा बनने का नाटक किया।

मै- ” मै आपको कैसे चोद सकता हूँ। तुम मेरी बड़ी बहन हो”

सिखा- “मुझे पता है तुम मेरे सगे भाई हो। लेकिन चुदाई करने से कुछ हो थोड़ी न जायेगा”

मैं- “मम्मी जाग गई तो हम दोनों लोग घर से भगा दिए जाएंगे”

दीदी ने जाकर दरवाजा बंद कर दिया। वापस आकर कहने लगी- “अब कोई नहीं आयेगा। आज मुझे तुम अपना लंड जन्मदिन उपहार समझ कर दे दो।

मै ना ना कर ही रहा था कि टोरी ब्लैक की तरह वो हवस की पुजारन बनकर मेरे लंड पर अपना हाथ रख दिया।

वो कहने लगी- “भैया जी आज तुम मेरे सैयां जी बन जाओ। आज मुझे किसी चीज के लिए ना मत करना।

मैंने कहा- “ठीक है मेरी प्यारी बहना आज तेरा ये भाई भी देख तेरी हर तरह की ख्वाहिश कैसे पूरी करता है।

इतना कहकर मैंने अपनी पैंट निकाल दी। अब मेरा लंड अंडरवीयर को फैलाये जहाज की तरह उड़ने को तैयार था।

वो मेरे कच्छे में ही मेरा लंड पकड़कर साइज़ नापने लगी। सिखा- वाओ… कितना बड़ा और मोटा है”
मै-” दीदी अभी तो ये और बड़ा होगा”

सिखा को मेरा लंड देखने की बहुत ही बेचैनी होने लगी। उन्होंने एक झटके में मेरा कच्छा मेरे लंड से जुदा कर दिया।

मेरा लंड देख कर उनकी आँखे फ़टी की फटी रह गई। सिखा ने अपने मुह पर हाथ लगाकर जोर से सांस ली। फिर हाथ लगाकर मेरा लंड सहलाने लगी।

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लंड के टोपे की ख़ाल सरक कर नीचे आ गयी। गुलाबी होंठो से मेरे गुलाबी टोपे को चूसने लगी।

मै लेट कर अपना कमर उठा उठा कर चुसवाने लगा। वो पूरा टोपा मुह में लेकर चूस रही थी। मैंने उनके बालो को पकड कर पूरा लंड उनके मुह में घुसा दिया।

मेरा लंड उनके गले में जाकर फस गया। कुछ ही देर में सिखा की साँसे फूलने लगी। वो मुझे विनती भरी आँखों से देख रही थी। नाखूनों को मेरी कमर पर गड़ा रही थी।

मैंने उचक कर उनके मुह से अपना लंड निकाल लिया। सिखा ने चैन की सांस ली।

वो मेरे कंधे पर मार कर बुरा भला कहने लगी। मैनें उनके होंठो पर अपने लंड को रख कर उनका मुह बंद करवा दिया।

इमरान हाशमी की तरह मै जोर का किस करने लगा। दीदी को भी आज,, अपने भाई पर नाज करवा दिया।

लगातार मैंने उनके होंठो की 10 मिनट तक चुसाई कर लाल लाल कर दिया। दोनों चुच्चो को देखकर मुझसे रहा नहीं गया। मैंने दोनों दूध को एक एक हाथो में पकड़ कर दबाने लगा। वो गर्म होने लगी। वो “……अई…अई….अई……अई….इस स्स्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” की सिसकारी भरने लगी।

मैंने ब्रा को निकाल कर दोनों लटकते नींबुओं को चूसने लगा। गोरी गोरी चूंचियो पर काले रंग का निप्पल बहुत ही रोमांचक लग रहा था। वो भी बहुत खुश हों रही थी। मुझे अपने मजेदार चूंचियो में दबाकर बहुत ही मजे से उसका रसपान करवा रही थी। मै निप्पलों काट काट कर उनकी चीखे निकलवा रहा था।

वो जोर जोर से “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ—ऊँ…ऊँ….” की मनमोहक आवाज निकाल मुझे पागल कर रही थी।

मैंने कहा- “दीदी अब अपने कुएं का दर्शन करा दो।
सिखा- “आओ मेरे कुएं के महाराज मै तुम्हे दर्शन के साथ साथ उसका पानी भी पिलाती हूँ।

इतना कहकर वो अपनी जीन्स को निकाल कर पैंटी में हो गई। मुझे उनकी निकली सफ़ेद सफ़ेद गोरी गांड साफ़ साफ़ पैंटी में दिख रही थी। दीदी ने अपनी पैंटी को निकाल कर नंगी हो गई।

मैंने उनको लिटा दिया। दोनों टांगो को खोलकर मैंने उनकी चूत के दर्शन किया। मैं जिंदगी में पहली बार आज मेरी बहन सिखा कि चूत के साक्षात् दर्शन कर रहा था।

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मैंने ब्लू फिल्मो के पोर्न स्टारों की तरह चूत पर जीभ लगाकर पीना शुरू किया। दीदी बहुत ही गर्म हो गई।
कुछ ही देर में वो कहने लगी।

“आर्यन बाबू अब न तड़पाओ मेरी चूत मे अपना लंड भर दो”

मैंने सेक्स स्टोरी में पढ़ा था कि तड़पा कर चोदने में बहुत मजा आता है। मैं भी वैसा ही कर रहा था। मैंने उनकी बात मान ली। अपना लंड उनकी चूत पर रगड़ने लगा।

चूत पर रगड़ते ही वो और तड़पने लगी। मेरा लंड पकड़ कर वो अपनी चूत में घुसाने लगी। मैंने भी धक्का मार ही दिया। मेरा टोपा अंदर घुस गया।

वो जोर जोर से “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” की चीखे निकालने लगी। मैंने उनका मुह दबाकर आवाज दबा दिया। उसके बाद मैंने जोर का धक्का मार कर पूरा लंड घुसा दिया। वो दर्द से तड़पने लगी।

मैंने चुदाई करना शुरू कर दिया। कुछ ही देर में उनकी आवाजे धीमी होने लगी। मैंने अपना हाथ उनके मुह से हटा लिया।

वो भी अपनी चूत को उठा दी। दीदी टोरी ब्लैक की तरह ओह्ह…फ़क..फ़क मी…. ओह्ह माई गॉड फ़क… की आवाजे निकाल कर चुदवा रही थी।

मैंने भी चुदाई तेज कर दी। दीदी कहने लगी- “तेरा लंड तो बहुत मजा दे रहा है। और जोर से चोदो मुझे बहुत मजा आ रहा था”
मैंने कहा- “मै थक गया हूँ। अब तुम ही चुदाई करो”

इतना कहकर मै लेट गया। वो मेरे लंड पर चूत रख कर बैठ गई। पूरा लंड चूत में घुसाकर वो जोर जोर से उछल उछल कर चुदवाने लगी।

मै भी अपना लंड उठा उठा कर पेल रहा था। घच पच घच्च पच्च की आवाज के साथ वो चुदाई करने में मस्त थी। आवाजों को सुनने के लिए वो जल्दी जल्दी उछल कर चुदवा रही थी।

मेरा लंड बहुत ही अकड़ रहा था। मैंने अब एकाग्रचित होकर चुदाई करने के लिए उनको झुका दिया।

मैंने अपना लंड उनकी चूत में घुसाकर कमर पकड़ लिया। उसी के सहारे से पूरा लंड जड़ तक पेलने लगा।

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सिखा “आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..” की चीखों के साथ चुद रही थी। दीदी के कुएं में से पानी आ गया।

लंड को निकालते ही झरने की तरह सफेद दूधिया माल निकलने लगा। मैंने भी मेरी प्यारी बहन सिखा का सारा का सारा माल चाट कर पी गया।

माल की खुशबू मुझे बहुत अच्छी लगी। मैंने दीदी की गांड मारने के लिए अपना लंड छेद पर लगा दिया। लंड को डालते ही उनकी गांड फट गई। वो फिर से जोर जोर चिल्लाने लगी।

उनकी गांड बहुत ही टाइट थी। मेरा लंड चोदने में बहुत ही रगड़ खा रहा था। मै सिखा कि गांड को फाड़ता हुआ तेज तेज से चुदाई कर रहा था। वो “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” की आवाज के साथ गांड हिला हिला कर चुदाई करवाने लगी। मेरा लंड अब और भी ज्यादा टाइट होने लगा।

सिखा की चूत पर मेरे लंड की दोनों गोलियां बहुत ही तेजी से लड़ रही थी। मैंने सिखा से कहा- “दीदी मै झड़ने वाला हूँ। कहाँ गिराऊं अपना माल।

सिखा- “मेरी गांड में ही भर दो सारा माल”

मैंने भी अपना गाड़ा फूल फेट वाला दूध उनकी गांड में भर दिया।

सिखा की गांड मेरे लंड के गरमा गरम माल से भर गयी। लंड के निकलते ही टप टप करके वीर्य गांड से टपकने लगा।

साफ़ कपडे से अपनी गांड पोंछकर उन्होंने साफ़ कर लिया। एक रात चुदाई करके अपने लंड का गुलाम बना दिया। अब वो रोज मेरा लंड खाने को बेकरार रहती है। हम लोग खूब मजा करते है।

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