भाई ने बीबी की चुत चोदकर गर्भवती किया- भाग 4
Bhai ne biwi ki chut chodkar garbhvati kiya- Part 4
मालिनी आआआआआ! यसससससससस ईयाsssssssssssss इस तरह की आवाजे निकल रही थी, अब मनु ने मालिनी की चुत के ओठ फैला कर अपनी जीभ उसके अंदर करने लगा साथ ही तेजी से मालिनी के दूद दबाने लगा, मालिनी अपना सर इधर उधर हिलाते हुए सिसकारी ले रही थी सी आआह एस सी आअह्ह्ह एससससस! आईइइइइइइइ! ओमाआआआ इधर मनु ने मालिनी की चुत के दाने को अपने दांतो से काट रहा था अब ये सब मालिनी के लिए ये बर्दाश्त के बाहर था वो मनु के सर को अपनी चुत को पर जोरो से दबाने लगी और वो अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह्हह ससससीई यययआआआ करते हुए जोरो से झड़ने लगी, करीब आधा कटोरी माल मालिनी का निकला जिसे मनु ने बिना बर्बाद किये पी लिया, मालिनी का माल पिने के बाद मनु ने एक चटकारा लिया और अब अपनी ३ उंगलियों को मालिनी की चुत में डाल कर उसे उंगलियों से चोदने लगा, मालिनी फिर गरम होकर सिसकारी लेने लगी, मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ की जो लड़की चुदाने के नाम से चिढ़ती थी वो फिर से चुदाने के लिए बेकरार हो रही है और ५ मिनट में ही गरम हो गयी, मनु ने अब मालिनी को खड़े खड़े ही अपनी गोदी में उठा लिया और बेड पर लेकर पटक दिया फिर उसने मालिनी को कुतिया बनने के लिए कहा, मालिनी पीछे गांड करके कुतिया बन गयी मालिनी ने अपने गांड को पूरी तरह खोल दि।
मनु ने मालिनी की गांड के छेद में मुँह लगाकर उसको चाटना चालू कर दिया साथ ही वह अपनी तीन ऊँगलीयो से मालिनी की चुत चोदने लगा मालिनी ऊँगली द्वारा चुत चोदन और गांड चटाई ज्यादा देर तक बर्दाश्त नहीं कर पायी और करीब ७-८ मिनट में फिर से सिसकारी लेने लगी अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह! एससससस! ओ याआआअ करते हुए मालिनी फिर से झड़ने लगी, इस बार भी कम से कम आधा कटोरी माल निकला जिसे मनु ने चपड़ चपड़ कर के चाट लिया मालिनी फिर से झड़ने के कारन शायद थक गयी थी इस कारन वो बेड पर औंधे मुँह गिर गयी, मनु ने कहा – जान तुम तो अभी से थक गयी अभी तो तुम्हे कई बार झड़ना है ये कह के मालिनी के कूल्हे को काटने लगा वो मालिनी की नंगी पीठ पर अपनी जबान से चाटने लगा साथ ही वो अपना लंड मालिनी के गांड के छेद पर भी रगड़ने लगा, मालिनी ने कहा – मेरे साजन! तुमने दो बार मेरी मलाई खाई है, मुझे तो आपका अमृत पिलाओ ताकि मुझे भी मुझे भी थोड़ी सी स्फूर्ति आये ये बोलकर वो पलट गयी और सीधे मनु के १२ इंच लौड़े को अपने दोनों हाथो से पकड़ कर पहले उसका चुम्मा लिया और फिर उसे अपने मुँह में ले ली।
मनु का लवड़ा मालिनी के गले तक चला गया लौड़ा इतना बड़ा था की ऐसा लग रहा था जैसे मालिनी ने कोई खूंटा अपने मुँह में डाल कर रखी है अब वो लौड़े के आगे पीछे करते हुए चूसने लगी, मनु सिसकारी लेते हुए मालिनी के सर को अपने हाथो से पाकर उसका मुँह चोदने लगा, मनु बड़े जोर जोर से झटके लगा रहा था, मनु ने मालिनी के मुँह को करीब पौन घंटे तक चोदा फिर उसके लंड ने माल निकलने का सन्देश दिया तब उसने मालिनी को आँखों ही आँखों में इशारा किया मालिनी ने लंड को मुँह से जकड़ लिया और मनु के लंड ने उलटी कर दी करीब करीब डेढ़ कटोरी माल मालिनी के मुँह में और गले में उतर गया मनु ने जैसे ही अपना लंड मालिनी के मुँह से बाहर निकाला तो मनु का माल मालिनी के मुँह में समा नहीं पा रहा था मालिनी मनु के माल को गटकने लगी।
कुछ माल मालिनी की चूची पर भी गिरा था कुछ माल मनु के अंडकोषों पर लगा था तथा कुछ माल अभी भी मनु के लंड पर था मालिनी ने लंड को पकड़ते हुए मनु के अंडकोषों को चाटने लगी उसके बाद उसने मनु के सुपाड़े को चाटकर साफ किया फिर उसने अपनी चूची पर से भी मनु के वीर्य को उंगलियों से लेकर चाटने लगी, अचानक उसकी नजर निचे पड़ी निचे भी मनु का गाढ़ा वीर्य पड़ा था मालिनी उस पर टूट पड़ी और कुछ ही क्षणो में मनु का पूरा वीर्य चाट कर साफ कर दी उसने अपनी जीभ को अपने ओठों पर फिराकर मनु के वीर्य की एक एक बून्द चटकारे लेकर चाटते लगी, वो बोली – जानू सच में आज तो मजा आ गया काफी दिनों बाद तुम्हारा माल आराम से मन भर के पी।
मनु बोला – हां मेरी शोना मुझे भी तुम्हारा माल बहुत कम नसीब होता है, आज से मैं तुम्हे सुबह एक बार अपना माल पीला दिया करूँगा साथ ही तुम भी मुझे अपना एक कटोरी माल पिला देना ताकि हम दोनों की तंदुरुस्ती बनी रही, मालिनी ने हामी भर दी. मनु ने मालिनी की कमर पकड़ कर झटके से अपनी ओर खींचा उसने मालिनी को अपने सीने से चिपका लिया और अपने ओठ मालिनी के ओठों से चिपकाकर वो दोनों फिर से किस करने लगे, मालिनी की दोनों चूचिया मनु के चौड़े सीने से दब गयी, मालिनी फिर से उत्तेजित होने लगी, जबकि एक बार झड़ने के बाद भी मनु का लंड रोड की तरह तना हुआ था. मनु एक हाथ से मालिनी की नंगी पीठ को सहलाने लगा और दूसरे हाथ से उसकी गांड को दबाने सहलाने लगा साथ ही वो मालिनी की गांड में ऊँगली भी करने लगा।
मालिनी अपने दोनों हाथो से मनु के चेहरे को पकड़ कर माथे और चेहरे को चूमते हुए बोली – लगता है मेरा बाबू आज मेरी शुरुवात गांड से करेगा. मनु ने मालिनी की गांड को दबाकर अपनी हामी भरी. मनु मालिनी को पुरे बदन में चूमने चाटने लगा, वो मालिनी की चूची दुहते भी भी जा रहा था, मालिनी के बदन में शायद मीठा मीठा दर्द उठने लगा मालिनी अब जोर जोर से सिसकारियां ले रही थी मनु ने मालिनी को पलटा दिया और बोला – जान अब घोड़ी बन जाओ, मैं अपनी घोड़ी की गांड खाऊंगा, मालिनी तुरंत घोड़ी बन गयी, मनु ने मालिनी की गांड को फैला दिया, मैंने पहली बार मालिनी की भूरी सी गांड देखा गांड बहुत सूंदर थी, मनु मालिनी की गांड को फैला कर उसमे अपनी जीभ घुसाकर फिर से चाटने लगा मालिनी के लिए उत्तेजित करने वाला क्षण था।
मालिनी फिर से झड़ने लगी पर वो घोड़ी बनी ही रही, मनु ने मालिनी के गांड को चाटते हुए अपना बहुत सा थूक उसके अंदर भर दिया फिर वह अपना औजार मालिनी के मुँह के सामने लहराता हुआ बोला – जान थोड़ा इसको मुँह में लेकर प्यार करो ये तुम्हारी गांड की सेवा करना शुरू कर सके, मालिनी बोली – नेकी और पूछ पूछ और उसने मनु के हथियार को तुरंत अपने हाथ में लेकर चूसने लगी उसने लंड को थूक से सरोबार कर दिया, मनु बोला बस जान अब प्यार के दर्द पाने के लिए तैयार हो जाओ, मालिनी फिर से घोड़ी बन गयी मनु ने मालिनी की गांड को अपने दोनों हाथो से फैलाते हुए अपने हथियार को छेद पर टिका कर एक जोरदार शॉट लगाया, मालिनी की गांड में मनु का सुपाड़ा जो करीब 1.5 इंच लम्बा और 3.5 चौड़ा था वो अंदर चला गया मालिनी सिसकार पड़ी और उसकी आँख से आंसू निकल गए मनु ने मालिनी के गाल की पप्पी ली और फिर से थोड़ा पीछे होकर फिर एक बार जोरदार धक्का मारा इस बार लंड आधे से ज्यादा अंदर चला गया मालिनी के मुँह से हलकी चीख निकल गई।
मनु ने दोनों हाथो से मालिनी के बालो को पकड़ कर उसका सर उठाकर तीसरा धक्का लगाया, इस धक्के को मालिनी सहन नहीं कर पायी और वो आगे की और हो गयी, पर मनु ने मालिनी के बालो को पकड़ा होने से वो गिर नहीं पायी, अब मनु तेज तेज धक्के मारने लगा, मालिनी की चीखे अब सिसकारिओ में बदल गयी मालिनी के मुँह से आअह्हह्ह्ह्हह! उफ्फफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ आई इइइइइइइइइ ऐसी आवाजे निकल रही थी वो भी अब मनु का भरपूर साथ देते हुए मजे ले रही थी मनु अब जोर जोर से और गहरे गहरे धक्के लगाने लगा वो मालिनी की गांड पर चाटे भी लगा रहा था. करीब १ घंटे तक मनु मालिनी की गांड की धुनाई करने के बाद जोर जोर से आवाजे करते हुए मालिनी की गांड में झड़ने लगा, इस बिच मालिनी भी २ बार झड़ चुकी थी। और वो थक कर चूर हो गयी, मनु ने अपने वीर्य से मालिनी की गांड को लबालब भर दिया. मनु ने मालिनी को अपने से पूरी तरह चिपका कर रखा उसका लंड अभी भी मालिनी की गांड में ही था, दोनों ऐसी अवस्था में १५ मिनट पड़े रहे, फिर उसने धीरे से मालिनी की गांड में से अपना लंड निकाला, पु -अकक की आवाज के साथ मनु का लंड बाहर आ गया।
लंड अब भी विकराल था पर वो अब थोड़ा ढीला हो गया था, मालिनी थक कर सो चुकी थी, उसकी गांड से मनु का काफी वीर्य बाहर आ रहा था, उसकी गांड का छेड़ अब ३ इंच तक बड़ा हो गया था, इस रगड़ाई में मनु ने मालिनी को करीब करीब ५ बार झड़ाया था जबकि वो खुद दो बार झड़ा था, मालिनी ने सिंगल राउंड में झड़ने का अपना रिकॉर्ड तोड़ कर नया रिकॉर्ड बनाया था, वो अभी भी थक कर चूर होकर बेसुध सी बिस्तर पर पड़ी थी, मनु अपना ढीला लंड मालिनी के चुत के ओठों पर घिस रहा था, उसने प्यार से मालिनी के गालो पर थपकी देकर उसको आवाज दी – जान उठो पहला राउंड समाप्त हो चूका है, चलो कुछ चाय नास्ता के बाद दूसरा राउंड खेलेंगे। मालिनी ने अधखुली पलकों से मनु को देखा, मनु ने मालिनी के गालो पर एक किस कर लिया, मालिनी अंगड़ाई लेते हुए उठ बैठी और अपने दोनों हाथो को ऊपर उठाते हुए ख़ुशी जाहिर करती हुयी बोली – हुर्रे मैंने पहले राउंड में बिना चुत में लंड घुसाए ही झड़ने का रिकॉर्ड तोड़ दिया ऐसा कह कर उसने उसके दोनों गालो और माथे पर किस कर लिया। दोस्तों कहानी जारी है और इसका पाचंवा भाग भी इसी तरह उत्तेजित करने वाला है, आप अपनी प्रतिक्रिया मुझे इस मेल id भेजने की कृपा करे [email protected].