भाई-बहन की चुदाई

भाई ने सलवार उतारकर चोदा-2

Bhai ne salwar utarkar choda-2

मैंने मन ही मन खुश होकर उससे कहा कि हाँ ठीक है, लेकिन मेरी एक शर्त है, तुम अब वही करोगे, क्योंकि जो तुम अभी मेरे साथ कर रहे थे, उससे मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था और मेरे कहने की देर थी और उसने तुरंत मेरी बात को सुनकर मुझे अपनी बाँहों में लेकर इतनी ज़ोर से दबाया कि मेरे बूब्स उसकी छाती में दब गए और अब वो मुझसे कहने लगा कि में तो पहले ही समझ चुका था कि तुम भी यही चाहती हो, इतना कहकर उसने तुरंत अपने होंठ मेरे होंठो पर रख दिए और एक किस करके और साथ साथ उसका एक हाथ मेरी कमीज़ में से होता हुआ मेरी छाती से भी दबाने लगा और उसने फ्रेंच किस के बीच दो बार मेरे होंठो पर हल्के से काट भी लिया.

मैंने उससे कहा कि यह क्या कर रहे हो? तब वो बोला कि रंडी चुदकड़ आज से तू मेरी बहन नहीं रंडी है, जो में आज के बाद तुझसे कहूँगा, तू वही करना क्यों ठीक है? अब में उसकी बात को सुनकर एकदम चुप हो गई और में अपने भाई के मुहं से यह बात सुनकर बिल्कुल हैरान हो गई. तभी उसने मेरी कमीज़ को एक ही झटके में नीचे उतार दिया और अब वो मेरी छाती को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और वो मेरे निप्पल को इतनी ज़ोर से चूस रहा था कि उस दर्द की वजह से मेरे मुहं से हल्की सी चीख निकल गई, लेकिन मुझे उसके साथ यह सब करने में मज़ा भी बहुत आ रहा था और में अपने गरम भाई को अपने सेक्सी जिस्म की वजह से पागल होता हुआ देख रही थी.

अब उसने मेरी सलवार की तरफ अपने हाथ को बढ़ाकर मेरी सलवार को पूरा उतार दिया और वो नीचे मेरी रसभरी वर्जिन चूत को देखकर बोला वाह क्या ज़बदस्त चूत है? और वो अपने दोनों हाथों से मेरी चूत के होंठो को अलग करते हुए अपनी एक ऊँगली को उसके अंदर डालने की कोशिश करने लगा.

अब में उस दर्द से आहें भरते हुए उससे कहने लगी, आईईई उफफ्फ्फ् प्लीज भाई थोड़ा धीरे करो, आह्ह्ह मैंने पहले कभी नहीं मरवाई. उसने मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया और मैंने भी उसके कपड़े उतारकर उसके लंड को अपने हाथ में लेकर मसलना शुरू कर दिया, जिससे वो और भी गरम हो रहा था, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और में सिसकियाँ लेते हुए उससे कह रही थी, आअहह उफ्फ्फ्फ़ हाँ भाई और ज़ोर से चाटो, खा जाओ अपनी बहन की कुंवारी चूत को आआहह भाई हाँ और ज़ोर से करीब दस मिनट तक वो मेरी चूत को चाटता रहा, लेकिन अब में झड़ने वाली थी.

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मैंने उससे कहा हाँ भाई चूसो और प्लीज भाई और ज़ोर से चाट मेरी चूत को खा जा और एक हल्की सी चीख के साथ में झड़ गई, आहह. कुछ देर बाद उसने अपना लंड मेरे मुहं की तरफ बढ़ा दिया और मुझसे कहा कि तुम अब इसको अपने मुहं में लो.

मैंने उससे कहा कि पहले तुम इसको साफ तो करो, लेकिन तभी उसने ज़बरदस्ती मेरे सर के बाल पकड़कर मेरे मुहं में अपना लंड डाल दिया और वो कहने लगी कि रंडी मैंने तुझसे अभी कुछ देर पहले क्या कहा था कि में जैसा जैसे कहूँ चुपचाप करती रहना. दोस्तों मैंने तब महसूस किया कि उसके लंड का बड़ा ही अजीब सा स्वाद था और में उसका लंड हल्के हल्के चूसने लगी और मुझे भी अब बड़ा मज़ा आने लगा था, इसलिए में मज़े लेती हुई वो करने लगी. तभी उसने कुछ देर बाद अपने दोनों हाथों से मेरे सर को पकड़कर अपने लंड से धक्के देकर मेरे मुहं को चोदना शुरू किया, जिसकी वजह से मेरी साँसे रुक रही थी, लेकिन वो तो अब भी रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था, वो मुझसे बोल रहा था कि वाह सादिया आज तूने मुझे बहुत मज़ा दिया है, आअहह.

मैंने महसूस किया कि उसका पूरा शरीर अब अकड़ रहा था और वो झड़ने लगा था. दोस्तों मेरे मुहं में जब तक उसके वीर्य की आख़िरी बूंद नहीं गई, उसने अपना लंड मेरे मुहं से बाहर नहीं निकाला. उसके बाद हम दोनों एकदम बैहाल होकर पूरे नंगे ही बेड पर लेट गए. कुछ देर के बार वो से उठा और वो मेरे एक बूब्स को चूसने लगा और दूसरे हाथ से मेरे दूसरे निप्पल को दबाने लगा, जिसकी वजह से कुछ देर बाद मुझे एक बार से मस्ती छाने लगी. तभी मुझसे मेरा भाई बोला कि अब तुम मेरा लंड दोबारा से चूसना शुरू करो, अभी तो हमारा असली खेल बाकी है और दोबारा से उसने मेरे मुहं में अपना लंड डाल दिया. में दोबारा उसका लंड चूसने लगी थी और अब हम दोनों 69 पोज़िशन में आ गए थे और जब उसका लंड एकदम मज़बूत लोहे के सरिये की तरह हो गया.

तब मैंने उससे कहा कि प्लीज साजिद अह्ह्ह्ह प्लीज तुम अब अपनी रंडी बहन को आज बहुत जमकर चोद दो प्लीज आईईईई जल्दी करो, लेकिन वो तो अब भी मेरी चूत को पागलों की तरह चाट रहा था, जिसकी वजह से मुझसे अब बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था. मैंने उससे कहा कि भाई प्लीज अब चोद ना अपनी बहन को वैसे तो तू जब भी में झाड़ू लगाती थी, तब मेरे बूब्स को हर रोज़ घूर घूरकर देखता था.

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वो उठा और उसने अपना लंड मेरे पेट पर रगड़ना शुरू कर दिया और में धीरे धीरे आगे होने लगी और अपने कूल्हों को ऊपर उठाया और उससे कहा प्लीज अब जल्दी से तू अब मेरी इस आग को ठंडा कर दे, लेकिन शायद उसको तो मुझे परेशान करने में ही मज़ा आ रहा था, में अपने हाथ से उसका लंड पकड़कर अपनी चूत में डालने लगी, लेकिन उसका लंड तो हर बार फिसलकर इधर उधर हो जाता. साजिद मुझसे कहने लगा, अच्छा रंडी तुझे ज्यादा जल्दी है तो यह ले और उसने एक ज़ोर का झटका लगा दिया, जिसकी वजह से मेरे पूरे जिस्म में एकदम उस दर्द की लहर दौड़ गई. मैंने उससे कहा आह्ह्हह्ह्ह्ह आहईईईीइसस्स सस्स्स्टता धीरे करो में अभी तक वर्जिन हूँ.

वो जोश में धक्के देते हुए बोला कि ले और ले उसने एक और झटका लगा दिया, जिसकी वजह से मुझे ऐसा लगा कि जैसे कोई गरम सरिया मेरे जिस्म में डालने के कोशिश कर रहा है और में उस दर्द से चीखने लगी, आईईइ ऊईईईईई माँ में मर गई, बाहर निकालो इसको, मैंने उससे छूटने की भी कोशिश की, लेकिन उसके हाथ मेरी ताक़त से ज्यादा मज़बूत थे.

अब में चिल्ला रही थी, आह्ह्हह्ह प्लीज साजिद अब इसको बाहर निकालो वरना में आज मर जाउंगी, लेकिन दोस्तों वो अब मेरी कहाँ सुन रहा था, उसने एक और झटका लगाया और अब उसका आधे से ज्यादा लंड मेरी चूत के अंदर चला गया. अब वो मुझसे बोला ले और ले रंडी और एक ज़ोरदार झटका लगाकर उसने अपना पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया, आआहहहहह जिसकी वजह से मेरी दर्द भरी चीख निकल गई और मेरी साँसे ज़ोर ज़ोर से चल रही थी, वो मेरे ऊपर ऐसे ही लेटा रहा और उसका लंड तब मेरी चूत के अंदर ही था, तब मुझे महसूस हो रहा था कि जैसे कोई लोहे का गरम सरिया मेरी चूत के अंदर है और उसने कुछ देर बाद धीरे धीरे अपना लंड अंदर बाहर करना शुरू किया. तब मैंने उससे कहा कि साजिद प्लीज थोड़ा आराम से उईईईइईई स्सीईईइ मुझे बहुत दर्द हो रहा है.

उसने मुझसे कहा कि कुछ नहीं होगा अभी थोड़ी देर में तुम्हारा यह दर्द मज़े में बदल जाएगा और वो अपने लंड को अंदर बाहर हिलाने लगा, जिसकी वजह से अब मुझे भी धीरे धीरे मज़ा आने लगा था, ऊहह्ह्ह्हह्ह आअहह्ह्हह्ह्ह्ह हाँ आराम से साजिद मज़ा आ रहा है, आराम से आआहह हाआंन्‍णणन्. उसने ज़ोर ज़ोर से धक्के देना शुरू कर दिया और मुझे भी बहुत मज़ा आया. मैंने उससे कहा शाबाश मेरे भाई ज़ोर से और ज़ोर से हाँ फाड़ डाल अपनी बहन की चूत को, फाड़ डाल शाबाश आहह्ह्ह्ह करीब 15 मिनट के बाद उसने और ज़ोर से हिलना शुरू कर दिया और वो बोला कि सादिया अब में झड़ने वाला हूँ, आईईईई में गया.

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मैंने उससे कहा कि हाँ में भी अब गई, आईईईइ उससे पहले में झड़ गई और मैंने अपनी चूत से उसके लंड पर अपनी गिरफ़्त मज़बूत कर दी. कुछ ही देर के बाद वो भी झड़ गया और हम दोनों की सांसे बहुत तेज़ तेज़ चल रही थी और हम दोनों निढाल होकर बिस्तर पर पड़े हुए थे. जब मैंने थोड़ी देर के बाद अपनी चूत के तरफ देखा तो वहां से खून और वीर्य की वजह से मेरी ऊँगली एकदम लाल हो गई थी और साजिद का लंड भी लाल हो रहा था और उस पर भी मेरी चूत का खून लगा हुआ था.

दोस्तों उस रात को हमने तीन बार जमकर चुदाई के मज़े लिए और उसके बाद वो अपने कमरे में जाकर सो गया. दोस्तों क्योंकि सुबह रविवार का दिन था, इसलिए में देर तक बहुत मज़े से सोने के बाद जब उठकर अपने कमरे से बाहर गई तो मैंने देखा कि साजिद पहले से ही उठा हुआ था. अब उसने मेरी तरफ देखकर मुझसे कहा कि सादिया वाह मज़ा आ गया कल रात को, में उसकी बात से एकदम शरमाने लगी और तभी उसने पीछे से आकर मेरे बूब्स को एक बार से पकड़ लिया.

अब मैंने उससे कहा कि यह क्या करते हो, कोई देख लेगा, हम दोनों भाई बहन है? उसने कुछ भी नहीं कहा, वो मेरे बूब्स को मसलता रहा और उस दिन हम दोनों ने उसी शाम को एक बार से वही खेल खेला, जो हम दोनों ने पिछली रात को खेला था, जिसकी वजह से उसने मुझे चोदकर पूरी तरह से संतुष्ट किया.