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बीवी को दिया दूसरे लंड का गिफ्ट-2

Biwi ko dusre lund ka gift-2

तभी प्रीति उसके मुहं से यह बात सुनकर एकदम सहम गई और सोचने लगी कि यह अंजाना इंसान कमरे में कौन है? और वो मर्द है या कोई औरत यह विचार उसके दिमाग़ में घूमने लगा था. तभी इतने में उसने महसूस किया कि वो जो कोई भी था अब वो उसकी चूत को चाट रहा था, जिसकी वजह से उसकी उत्तेजना एक बार फिर से भड़क रही थी.

फिर राज उसकी छाती पर चढ़ गया और अपना खड़ा लंड वो उसके होठों पर घुमाने लगा. अब मेरी जीभ की रफ़्तार उसकी चूत पर तेज हो गई थी और उसके मुहं से सिसकियाँ निकल पड़ी ओहआअहह जैसे ही उसका मुहं खुला तो राज ने अपना लंड उसके मुहं में घुसा दिया और प्रीति ने राज के लंड को चूसना शुरू किया और तभी मेरी रफ्तार और भी तेज होती गई उसका शरीर अब धीरे धीरे अकड़ रहा था और उसे अपने आपको अब रोकना बहुत मुश्किल लग रहा था वो उत्तेजना में और जोर से राज के लंड को चूसने लगी थी और तभी उसकी चूत ने दोबारा अपना पानी छोड़ दिया.

फिर राज ने अपना लंड उसके मुहं से बाहर निकाल लिया और उस पर से खड़ा हो गया प्रीति भी अब अपनी साँसे संभालने में लगी हुई थी. अब प्रीति सोच रही थी ओह्ह्ह यह सब कितना अच्छा लग रहा है कि तभी उसने फिर से किसी को अपनी जांघों के बीच में महसूस किया. तभी अब चुदाई का वक्त हो गया है यह बात कहकर राज ने अपना लंड उसकी चूत पर रखकर थोड़ा सा अंदर डाल दिया ओह्ह्ह्ह माँआआअ में मर गई उसके मुहं से यह आवाज़ बाहर निकली और प्रीति की चूत इतनी गीली हो चुकी थी कि राज के हल्के से दबाव से ही उसका पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया था.

फिर इतने में उसने एक और लंड को उसके गुलाबी होठों के पास महसूस किया तभी उसने अपना मुहं लंड के सटाकर पूरा खोल दिया और मुझे अपना लंड उसके मुहं में डालने दिया, लेकिन वो मन ही मन सोच रही थी कि यह कौन हो सकता है? राज अब प्रीति को जमकर चोद रहा था और उसके धक्को की रफ्तार अब ज्यादा ही तेज होती जा रही थी. प्रीति भी अब अपने कूल्हों को उछालकर उसकी ताल से ताल मिला रही थी और वो अपने आपको बार बार मन ही मन याद दिला रही थी कि अगर आज मैंने राज की गांड पर जूते नहीं दिए तो मेरा नाम भी प्रीति नहीं है.

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फिर जैसे ही मेरा लंड उसके मुहं में ज़ोर से घुसता वैसे ही राज की रफ्तार बढ़ती, जिससे प्रीति के शरीर में कामुकता और भी ज्यादा बढ़ जाती और वो ना चाहते हुए भी उस समय मेरे लंड को ज़ोर ज़ोर से चूस रही थी और वो अगर राज यही चाहता है कि में दूसरे मर्द से चुदाई का मज़ा लूँ तो ठीक है में भी बता देना चाहती हूँ कि में चुदवा सकती हूँ यह सोचकर प्रीति ज़ोर ज़ोर से उस लंड को चूसने लगी और उसने उस लंड का पानी चूत तक महसूस किया राज धक्के पे धक्के दिए जा रहा था और उसकी चूत पानी छोड़े जा रही थी और प्रीति बहुत मज़े लेकर उस समय मेरे लंड के पानी को पी रही थी.

ऐसी चुदाई का उसका यह पहला मौका था. अब राज ने भी अपने दो धक्कों के बाद उसकी चूत में अपना वीर्य छोड़ दिया और राज ने जैसे ही अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला तो प्रीति को बहुत बुरा लगा, क्योंकि वो उससे और भी ज्यादा चुदवाना चाहती थी. फिर राज ने उसके हाथों की रस्सी खोल दी और उसे बिस्तर पर पलट दिया जिसकी वजह से वो अब पेट के बल हो गई थी और तकिये पर होने की वजह उसकी गांड थोड़ी हवा में उठ गई थी राज बिस्तर के किनारे पर आ गया जिससे कि उसका लंड बहुत आसानी से प्रीति के मुँह में जा सके.

अब राज ने कहा कि तू अब मेरा लंड चूस. प्रीति ने राज का वीर्य से भरा हुआ लंड अपने मुहं में ले लिया, तभी उसने मेरे हाथ अपनी गांड पर महसूस किये. फिर जैसे ही मैंने अपना लंड उसकी गीली चूत में डाला तो प्रीति ने मन ही मन सोचा कि हे भगवान अब यह मुझे चोदने वाला है, एक बार तो उसका मन किया कि वो यहाँ से भाग जाए, लेकिन उसकी काम इच्छा ने उसको रोक दिया और उसके अंदर की आग इतनी भड़क चुकी थी कि उसके पास चुदवाने के अलावा कोई उपाय नहीं था.

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फिर मैंने उसके दोनों कूल्हों को पकड़कर ज़ोर से अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया. वहीं राज ने उसके पट्टी बँधे सर को अपने लंड पर दबा दिया जो अब खड़ा होने लगा था.

में उसकी गांड पर थप्पड़ मारते हुए ज़ोर ज़ोर से प्रीति को चोदे जा रहा था और वो उतनी ज़ोर से राज के लंड को चूस रही थी. उसका शरीर फिर से तन रहा था और अब में जैसे ही अपने लंड को उसके मुहं के अंदर तक डालता तो प्रीति उतना ही अपने कूल्हों को पीछे की तरफ धकेलकर उसके लंड को अपनी चूत की जड़ तक ले लेती और मेरा लंड राज के लंड से आकार में बड़ा था और प्रीति को उसकी चूत भारी सी महसूस हो रही थी.

अब प्रीति मन ही मन यह बात सोचकर कि अगर राज भी यही सब चाहता है कि में एक अंजाने व्यक्ति से अपनी चुदाई करवाऊँ तो ठीक है, आज में भी इसके लंड की एक एक बूँद को निचोड़कर पी जाउंगी. अब प्रीति और ज़ोर से राज के लंड को चूसने लगी थी और में अपनी पूरी ताक़त से प्रीति को लगातार ज़ोर से धक्के देकर चोद रहा था और प्रीति ज़ोर से मुहं को ऊपर नीचे करके राज के लंड को चूस रही थी.

जब वो पीछे होती तो मेरा लंड जड़ तक समा जाता और जब वो आगे को होती तो राज का लंड उसके गले तक आ जाता प्रीति पूरे आनंद के साथ इस विशेष चुदाई में मस्त हो रही थी और वो अब घोड़ी बनकर पूरे जोश में आकर मुझसे चुदवा रही थी और राज उसके बूब्स को मसलते हुए ज़ोर ज़ोर से उसके मुहं को धक्के देकर पूरे जोश में आकर चोद रहा था और में भी पूरे जोश में आकर प्रीति के कूल्हों को कसकर पकड़कर धक्के लगा रहा था.

उसका खून अब उबाल मार रहा था और उसकी चूत एक बार फिर से पानी छोड़ने के लिए तैयार थी. अब वो सिसकियों के साथ साथ ज़ोर से चिल्लाने लगी उफ्फ्फ्फ़ हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे ऊईईईईई माँ में मर गई और ज़ोर से अह्ह्ह्हह चोदो, वो अब ज़ोर से चीखी और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया. प्रीति ने पूरी ताक़त से अपनी गांड को मेरे पेट के साथ सटा दिया और अब उसने मेरा वीर्य निकलना महसूस किया. मेरे लंड की पिचकारी इतनी तेज थी कि उसे लगा कि मेरा वीर्य ठीक उसकी बच्चेदानी पर टकरा रहा है. मेरे लंड से इतना ज्यादा वीर्य निकला कि उसकी चूत पूरी भर गई और अब पानी उसकी चूत से भी टपकने लगा था.

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तभी राज ने उसके सर को ज़ोर से पकड़ा और उसके मुहं में अपने लंड की पिचकारी को छोड़ दिया. में अब भी उसको हल्के हल्के धक्के देकर चोदे जा रहा था और मेरा लंड भी तेज़ी से उसकी चूत के अंदर बाहर हो रहा था. प्रीति तकिये पर लेटी हुई सोचने लगी कि हे भगवान क्या यह एक बार फिर से मेरी चूत में अपना वीर्य छोड़ेगा? तभी मैंने उसको बालों से पकड़कर अपना लंड उसकी चूत में जड़ तक घुसा दिया और फिर एक बार प्रीति ने मेरे गरम गरम वीर्य की पिचकारी को अपनी चूत में महसूस किया.

प्रीति अब बिल्कुल निढाल होकर बिस्तर पर गिर गयी और अपनी तेज तेज सांसो को संभालने लगी थी उसको अभी भी अपने आप पर विश्वास नहीं हो रहा था कि वो किसी अंजान व्यक्ति से अपनी चुदाई करवा चुकी है और वो भी एक ऐसे व्यक्ति से जिसका उसने अभी तक चेहरा भी नहीं देखा था. वो अपने ख्यालों में खोई हुई थी कि तभी मुझे इशारो से राज ने वहां से चले जाने को कह दिया और अब में वहां से बिना अपनी शक्ल प्रीति को दिखाए अपने कपड़े पहनकर चला गया.