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बुआ के पति के साथ आंगन में चुदाई-1

Bua ke pati ke sath aangan me chudai-1

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम संजना है और में सबसे पहले आप सभी को बहुत बहुत धन्यवाद देना चाहती हूँ क्योंकि आप लोगों की वजह से ही हम जैसे लोगों को अपनी बात कहने का मौका मिलता है और अब में अपनी घटना को विस्तार से सुनाने जा रही हूँ जिसमें मैंने मेरी बुआ के पति के साथ अपनी चुदाई के बहुत मज़े लिए.

दोस्तों उस समय मेरी दीवाली की छुट्टियाँ चल रही थी और मुझे कुछ दिन घूमने, आराम करने के लिए गाँव जाना था, लेकिन मेरे साथ घर वाले नहीं जा सकते थे क्योंकि माँ और पापा को अपने ऑफिस जाना था और भाई की कोचिंग क्लास अभी तक शुरू थी, लेकिन मेरी बुआ का परिवार भी गाँव जाने वाला था. हर साल एक परिवार को वहां पर जाकर दीवाली से पहले का सब काम करना रहता है, लेकिन इस साल मेरे सभी चाचा भी बहुत व्यस्त थे. मेरी बुआ ने कहा कि वो लोग वहां का सब काम कर लेंगे और मेरी बुआ को हमारा गाँव उनके ससुराल के गाँव से कुछ ज़्यादा पसंद था क्योंकि हमारा गाँव एक टापू के पास में है.

तो दोस्तों हुआ यह कि मेरे पापा ने मुझसे कहा कि में भी उन लोगो के साथ गाँव जा सकती हूँ. मेरी बुआ का बेटा निखिल मेरे बराबर ही है और मेरी उसके साथ अच्छी जमती है तो में भी अब उनकी यह बात सुनकर राज़ी हो गई और फिर हमने दस दिन का प्लान बनाया.

उसमे से कुछ दिनों के लिए बुआ के ससुराल जाने का प्लान भी था क्योंकि वहां पर उनकी देवरानी गर्भवती थी तो उन्हे गोद भराई की मदद करने के लिए जाना था. दोस्तों मेरी बुआ की उम्र करीब 40-42 साल होगी और उनके पति की उम्र भी करीब 43-44 साल होगी, उनके पति जहाज पर काम करते थे और वो दिखने में बहुत स्मार्ट भी थे. वो साल के आठ महीने जहाज पर बिताते थे और बाकी चार महीने अपने घर पर. फ्रेंच कट वाली दाड़ी, पूरी तरह से साफ चेहरा, 6 फुट हाईट, उनका अच्छा दिखने वाला शरीर था.

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दोस्तों मेरी उनके पति के साथ भी बहुत अच्छी जमती थी और वो हमेशा मेरे साथ एक दोस्त की तरह बात करते थे और बहुत मस्ती मजाक़ भी करते थे, लेकिन मेरी बुआ थोड़ी खराब है, लेकिन वो मुझसे बहुत प्यार करती है और बुआ बहुत झगड़ालू भी है. पता नहीं उनका परिवार उनको रोज़ कैसे सहता है?

अब हम गाँव में पहुंच गये और हमारे गाँव के घर में हमारा जो नौकर है सोनू, उसकी कुछ ही महीनो पहले शादी हुई थी और अब हम पहली बार उसकी नयी नवेली दुल्हन से मिल रहे थे. वो बहुत सुंदर थी और वो करीब 22-23 साल की थी. वो दोनों अपने क्वॉर्टर में रहते थे और उनका क्वॉर्टर हमारे घर के पीछे की तरफ था. उसके लिए एक दरवाजा घर के अंदर से यानी हमारी किचन से था और दूसरा दरवाजा बाहर से था.

दोस्तों हमारा घर भले ही बहुत बड़ा था, लेकिन उसकी बनावट पुरानी स्टाइल में थी यानी कि दरवाज़े पर नये तरह के ताले नहीं थे पुरानी टाईप की कुण्डी थी और दरवाज़े भी पुराने टाईप के लकड़ी वाले थे. पहले दिन हम बहुत अच्छी तरह से सेट हुए और सोनू की बीवी सुप्रिया बहुत सुंदर थी, भले ही वो ज़्यादा पढ़ी लिखी नहीं थी और वो हमारी भाषा इतनी अच्छी तरह से नहीं समझ पाती थी, लेकिन वो बहुत ही कम समय में हमारे घर का सब काम अच्छी तरह से सीख गयी थी और वो खाना भी अच्छा ख़ासा बना लेती थी और बुआ के पति उसके साथ भी बहुत मस्ती मजाक़ किया करते थे.

एक दिन हुआ यह कि हम घर में सेट हो ही गये थे कि दो दिन में ही सोनू को अपने गाँव से कॉल आ गया और उसके पिताजी ने उसे बुलाया था क्योंकि उसके पिताजी की एक छोटी सी दुकान थी जिसमे चोरी हुई थी और अब सोनू को उन्होंने जल्दी से बुलाया था और सुप्रिया भी उसके साथ जाना चाहती थी, लेकिन सोनू ने उससे यहीं पर रहने को कहा क्योंकि घर का और हमारा ख्याल कौन रखता. वो उससे बोला कि वो जल्द से जल्द लौटने की कोशिश करेगा.

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फिर अंकल ने सोनू को कुछ पैसे दिए और सोनू शाम को ही अपने घर पर चला गया और अब समस्या यह हुई थी कि दो दिन बाद बुआ, अंकल और निखिल को बुआ के गाँव जाना था. उनकी देवरानी की गोद भराई के लिए उनका प्लान यह था कि में सोनू और सुप्रिया के साथ घर पर ही रुकने वाली थी, लेकिन अब सोनू वहां पर नहीं था इसलिए सिर्फ़ वो हम दोनों पर पूरा घर छोड़कर नहीं जा सकते थे. तो फैसला यह हुआ कि बुआ और निखिल जाएँगे.

में और अंकल घर पर ही रुकेंगे क्योंकि गोद भराई में अंकल क्या करेंगे? और वो बुआ को अकेले भी नहीं भेज सकते और में तो उन लोगो को पहचानती भी नहीं थी इसलिए में उनके साथ नहीं जा सकती थी और सब सुप्रिया के साथ भी नहीं जा सकते थे क्योंकि घर का काम, पेड़, पौधो को पानी वग़ैरह देना होता है इसलिए हमारे साथ एक मर्द रुके इसलिए अंकल वहीं पर रुक गये. वो लोग वैसे भी सिर्फ़ दो रातो के लिए गये थे.

तो हमारा पहला दिन बहुत अच्छा गया, लेकिन में गौर कर रही थी कि अंकल सुप्रिया के साथ कुछ ज़्यादा ही मस्ती मजाक़ कर रहे थे और सुप्रिया भी उनसे बात करते वक़्त बहुत शरमाती. अब रात हुई और हमने खाना खा लिया और दस बजे सुप्रिया अपना सारा काम खत्म करके सोने चली गई. हमेशा अंकल और निखिल हॉल में सोते थे और बुआ और में अंदर.

आज भी हम वैसे ही सोए थे और में अकेली अंदर और अंकल अकेले हॉल में और सुप्रिया अपने क्वॉर्टर में सो गई. मुझे उस रात जल्दी नींद नहीं आ रही थी और में बस बिस्तर पर करवटे बदल रही थी. रात को करीब 11:30 बजे मुझे प्यास लगी तो में अपने कमरे से बाहर गई.

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मैंने देखा कि अंकल अपने बिस्तर पर नहीं है. में जब किचन में गई तो मुझे किचन के अंधेरे में पास के क्वॉर्टर्स के बंद दरवाज़े के अंदर की लाईट चालू दिखी और अंदर से हल्की सी बातों की आवाज़ भी आ रही थी. मैंने किचन की लाईट को चालू किया और पानी पीने लगी और अब अचानक अंदर से आने वाली आवाज़ें बंद हो गई. मैंने लाईट को बंद किया और बाथरूम में चली गई और मैंने बाथरूम से बाहर आने के बाद देखा तो अंकल हॉल में अपने बिस्तर पर लेटे हुए थे.

अब उन्होंने भी मुझे देख लिया तो मैंने उनसे पूछा कि आप कहाँ गये थे? उन्होंने कहा कि में सिगरेट पीने बाहर गया था, क्यों तुम अभी तक सोई नहीं? तो मैंने कहा कि मुझे अंदर नींद नहीं आ रही है तो उन्होंने कहा कि अरे तुम भी बाहर आकर सो जाओ. फिर मैंने अपनी चादर उठाई और बाहर आकर अंकल के पास में सो गई और अंकल के साथ कुछ देर बातें करने के बाद मुझे नींद आ गई.

उस रात में फिर से नहीं जागी. दूसरे दिन सब कुछ ठीक ठाक था और पूरा दिन कुछ ख़ास नहीं था, लेकिन अंकल और सुप्रिया की मस्ती आज बहुत ज़ोरो में चल रही थी. फिर रात को हमेशा की तरह सुप्रिया ने दस बजे अपना पूरा काम खत्म किया और सोने चली गई और में आज भी अंकल के पास लेट गई.