हिंदी सेक्स स्टोरी

बूड़े रोशन लाल ने मस्ती से ठोका-2

Budhe Roshan Lal ne Masti Se Thoka-2

फिर अंकल भी हंसकर मेरी चूत पर हल्के हल्के हाथ घुमाने लगे, जैसे कि किसी बिल्ली को प्यार कर रहे हो और अपनी जीभ से धीरे धीरे सहलाने लगे, उनके दो मिनट मेरी चूत पर जीभ से सहलाने पर ही मेरा जूस फूट पड़ा और उनके चेहरे पर और गर्दन पर गिर पड़ा। मुझे लगा जैसे कि में जन्नत में आ गई हूँ एम्म्म अह्ह्ह्हह सस्स वाह वो क्या अहसास था? मैंने उनका चेहरा अपनी चूत पर दबा दिया और ज़ोर ज़ोर से रगड़ने लगी। अंकल को भी मज़ा आ रहा था और वो भी मेरी चूत में अपनी जीभ को फंसाए हुये अपना मुहं बहुत ज़ोर से रगड़ने लगे। अब मेरे मुहं से सिसकी निकल गई, लेकिन अंकल बंद होने का नाम नहीं ले रहे थे और में लगातार खिलखिला रही थी और थोड़ी ही देर में दूसरी बार मेरी चूत गीली हो गई। दोस्तों में बहुत बड़ी चुदक्कड़ हूँ और जब मेरी चूत से जूस निकलता है तो बहुत ज्यादा मात्रा में निकलता है जिसकी वजह से बेडशीट चिपचिपी और गीली हो गयी थी। फिर हमने उस बेडशीट को उतारकर फेंक दिया और वापस एक दूसरे को बाहों में लपेटे बेड पर पड़े रहे, अंकल ने अंडरवियर में से अपना लंड बाहर निकाला और हिलाते हुए मेरे पास आए। में एकदम सीधी लेटी हुई थी और अंकल घुटनों पर बैठे हुए मेरे सर के पास में आ गये और अपने पैरों को फैलाकर मेरे मुहं की तरफ अपनी कमर को झुकाकर अपना लंड हिलाते रहे और अब उन्होंने मेरे मुहं पर हल्के हल्के लंड से थप्पड़ लगाना शुरू किया।

में : आह्ह्ह्हह्ह्ह्ह उह्ह्ह प्लीज अंकल, मुझे लग रही है।

रोहनलाल : शैतान लड़की सज़ा तो तुझे जरुर मिलेगी, तू बहुत शरारत करती है बिगड़ी लड़की।

में : अह्ह्ह अगर आपको सज़ा ही देनी है तो जो नीचे है उस को दो ना।

रोशन लाल : हाँ उस चूत को भी मिलेगी और गांड को भी मिलेगी, लेकिन अभी फिलहाल तो तेरे प्यारे मुहं की बारी है, यह मुहं बहुत लंड खा चुका है।

में : नहीं, मेरे मुहं ने बहुत लंड नहीं लिए, फिलहाल तो में आपका ही ले रही हूँ।

रोशन लाल : इशिका तू इतना अच्छा लंड कैसे चूस लेती है?

में : (मुस्कुराकर बोली) लंड को चूसना लंड के ऊपर ही निर्भर करता है और इतना अच्छा लंड अगर सामने हो तो चूसना अपने आप ही आ जाता है। अब अंकल ने अपने लंड से हल्के हल्के से थप्पड़ लगा लगाकर मेरे गाल लाल कर दिए थे और जैसे ही में लंड के थप्पड़ से बचने के लिए उसे चूसने के लिए ऊपर की तरफ मुहं करती तो वो ज़ोर से थप्पड़ लगा देते।

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में : प्लीज़ बस करो ना अंकल, इतने भारी लंड से मुझे चोट लग रही है।

फिर अंकल ने मेरे प्यारे से मुहं में अपना आधा खड़ा लंड का टोपा ठूंस दिया और उन्होंने अपने दोनों पैर मेरे सर के इधर उधर रखे और मेरे दोनों बूब्स पर बैठ गये जैसे में कोई कुर्सी हूँ और अब उनका लंड मेरे मुहं में था और धीरे धीरे खड़ा हो रहा था। उन्होंने मेरी चोटी पकड़ी और मेरे सर को पीछे से पकड़कर अपने लंड पर ऊपर नीचे करने लगे। एक मिनट के बाद ही मैंने उन्हे रोक दिया क्योंकि अब मुझे चक्कर आने लगे थे और अब अंकल का लंड पूरा खड़ा हो चुका था जिसकी वजह से मुझे उस पर बड़ा प्यार आ रहा था। मेरा तो मन कर रहा था कि चूस लूँ, लेकिन मेरी चूत को भी प्यार की ज़रूरत थी। फिर अंकल को मैंने कंडोम दे दिया, लेकिन उन्होंने लगाने से मना किया और मुझसे कहा कि तुम मेरा भरोसा करो, में तुम्हे गर्भवती नहीं करूँगा। फिर मेरे बहुत बार कहने पर उन्होंने कंडोम पहना अंकल ने मुझसे लंड पर बहुत सारा थूक लगाकर चिकना करने को कहा तो मैंने लंड को बहुत चिकना बना दिया और लेट गई। मैंने अपनी आखों को बंद कर लिया और अंकल एक हाथ से मेरा एक बूब्स दबाने लगे थे और दूसरे से अपना लंड मेरी चूत पर रखकर धीरे धीरे अंदर सरकाने लगे। फिर मैंने महसूस किया कि उनका लंड मेरी चूत के अंदर तो बड़े आराम से फिसलता हुआ जाने लगा था, लेकिन मेरी हालत बहुत खराब हो रही थी और मुझे बहुत दर्द हो रहा था। में बार बार अपनी चूत को टाईट कर रही थी।

फिर करीब दस मिनट तक अंकल ने अपने लंड का टोपा धीरे धीरे अंदर बाहर किया और फिर उन्होंने लंड को और अंदर सरकाया और धीरे धीरे अपना आधा लंड अंदर डाल दिया। अब मज़ा आने लगा था और में मस्ती में आकर इतरा रही थी और बहुत ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ भर रही थी। अंकल ने इस बीच ताक़त लगाकर धीरे से पूरा लंड मेरी चूत में सरका दिया और मुझे बहुत तेज़ दर्द हुआ। जैसे ही उनका टोपा मेरी चूत की छत पर टकराया तो मैंने उन्हे पीछे धकेल दिया। मेरी चूत टाईट हो गयी थी जिसकी वजह से उनका लंड मेरी चूत में फंसा का फंसा रह गया। फिर दो मिनट रुकने के बाद उन्होंने और आहिस्ता से फिर से लंड को अंदर डाला और बहुत बार कोशिश करने के बाद मुझे कुछ सही लगने लगा। करीब दस मिनट तक धीरे धीरे धक्के देकर चोदने के बाद में भी पूरी तरह मस्ती में आ गयी और अपनी चूत को उनके लंड पर धकेलकर उनके हर झटके का जवाब दे रही थी जिसकी वजह से मेरी चूत और उनका गधे जैसा लंड आपस में मैच खेल रहे थे। अब में बहुत हैरान थी कि उनका झड़ना नहीं हो रहा था और वो बहुत देर तक टिक गये थे, लेकिन में मस्ती में अपनी चूत को मज़े दिलवा रही थी। अब उन्होंने मेरी कमर पकड़कर मुझे उठाया और पैर घुमाकर बिस्तर पर ही बैठ गये। अब में उनकी तरफ अपना चेहरा किए उनकी गोद में बैठी हुई थी और उनका लंड मेरी चूत में गहरा फंसा हुआ था।

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वो मेरे बूब्स को चूस रहे थे और में उछल उछलकर उनका लंड ले रही थी। फिर करीब पांच मिनट में उनके लंबे खंबे पर उछल उछलकर में थक गई थी। अब उन्होंने मुझे कुतिया बनाया और मेरी चूत में लंड घुसेड़ दिया और मेरी कमर पकड़कर मेरे कूल्हों को अपने लंड पर पीछे की तरफ खींच रहे थे और उनके मोटे तगड़े लंड की रगड़ से मेरी चूत तो खुश थी ही और मुझे भी बड़ा मज़ा आ रहा था। मेरा तो मन कर रहा था कि में सारी उम्र इसी लंड से चुदवाती रहूँ। फिर मैंने अंकल से कहा कि प्लीज़ जब आपका लंड झड़ने वाला हो तो प्लीज वीर्य को मेरे मुहं में निकाल देना, चूत में नहीं। फिर रोशन लाल जी अब मुझे बहुत तेज़ी से धक्के देकर चोद रहे थे और मेरे कूल्हों पर बहुत ज़ोर से थप्पड़ मार रहे थे। मेरे मुहं से आईईईई उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह प्लीज थोड़ा आराम से करो निकल रही थी। फिर वो करीब दो मिनट तक मुझे बहुत तेज़ी से चोदते रहे, लेकिन फिर भी उनका वीर्य निकल ही नहीं रहा था। फिर उन्होंने मेरी चोटी पकड़ी और एक हाथ से मेरे कूल्हों पर थप्पड़ मारते रहे जिसकी वजह से मेरी गांड एकदम लाल हो गई थी और मैंने जब पीछे की और देखा तो उस पर कुछ निशान भी थे और अब उन्होंने मेरी चोटी को कसकर खींचा और मेरे कूल्हों को कसकर दबोच लिया और फुल स्पीड से चोदते रहे। उनका गरम वीर्य मेरी चूत में मुझे महसूस हो रहा था और में झटके से आगे की तरफ उछली और जब मैंने पीछे देखा तो उनके लंड पर फटा हुआ कंडोम लटका हुआ था।

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फिर मैंने अपनी चूत पर हाथ लगाकर देखा तो मुझे उनका वीर्य मिला। मैंने उनसे कहा कि मैंने आपसे कहा था ना मेरे मुहं में डालना, में बहुत नाराज़ हो रही थी, लेकिन फिर उन्होंने कहा कि ग़लती हो गई और में अब ऐसा नहीं करूँगा और मैंने जब घड़ी देखी तो 9.30 बज रहे थे। में जल्दी से उनके बाथरूम में ही नहा धोकर और कपड़े पहनकर गर्ल्स हॉस्टल चली आई। दोस्तों हॉस्टल में सबको रात को हाजरी रजिस्टर में साईन करने होते है। में दस बजे पहुँची और अपने बेड पर लेट गई। अब मैंने महसूस किया कि मेरी चूत में हल्की हल्की सी जलन हो रही थी और बहुत दर्द भी हो रहा था, लेकिन उससे कहीं ज़्यादा मज़ा भी आया था और में अगले दिन मेरी होने वाली चुदाई के बारे में सोचकर बड़ी खुश थी और इतनी जबरदस्त चुदाई के बाद में गहरी नींद में डूब गयी। दोस्तों आगे दो दिन तक रोशन लाल जी ने मुझे बहुत जमकर चोदा और उन्होंने अपने लंड से चोद चोदकर मेरा कोई भी छेद सलामत नहीं छोड़ा, लेकिन मुझे रोशन लाल जी का लंड बहुत पसंद आया इसलिए दो दिन तक उन्होंने मुझे बहुत बार चोदा और में उन्हे अपनी चुदाई की अनुमती देती रही ।।