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बस से बिस्तर तक 2

Bus se bistar tak-2

अपने ने मेरी पहली कहानी बस से बिस्तर तक पड़ी, अब पेश है आगे की कहानी।

उसकी हालत यह थी कि अपनी आँखे भी खोलना उसके लिए मुश्किल हो गया था और हांफती हुई बिस्तर पर सुध बुध खोये पड़ी हुई थी।

मैं उसे उसके हाल पर छोड़ कर नहाने चला गया।

जब नहा-धो कर फ्रेश हो कर आया तो वह थोड़ी सामान्य हो चुकी थी और बिस्तर पर पड़ी चद्दर ओढ़ कर दिवार पर टिक कर बैठी हुई थी।

मैं उसके सामने सिर्फ तौलिया लपेट कर आया था। मेरा कसरती बदन देख कर वह मेरे बदन पर ऐसे नजर घुमा रही थी जैसे कि स्केंनिंग कर रही हो।

मैं उसके सामने मुस्कुरा कर खड़ा रहा तो वह सर हिला कर बोली – यार, तुम तो पागल कर के रख देते हो। कितनी ताकत है तुम में, मैं तो घबरा ही गई थी।

सच में आज पूरी रात मेरी क्या हालत करोगे, यही सोच कर डर रही हूँ।

मैंने कुछ जवाब दिए बिना अपना तौलिया खोल दिया और मेरा लंड हवा में हिलने लगा उसे देखते ही अन्नू की आँखे फटी की फटी रह गई।

हाय माँ, इतना मोटा और लम्बा तुम तो आज मर ही डालोगे यार।

नखरे मत दिखाओ, जुबान जहाँ चलानी है वहाँ आ जाओ, यह कर मैंने उसका हाथ पकड़ कर मेरी और खिंच लिया।

वह थोड़ी आगे बढ़ कर बैठ गई।

मैं खड़ा था और वह लंड को मुँह में ले कर चूस रही थी।

बहुत अच्छी चूसाई करने वाली औरत निकली वह तो।

लंड के सुपारे के चारों ओर अपनी जुबान घुमा-घुमा कर वह अपने होंठ और जुबान का भरपूर उपयोग कर रही थी।

साथ में बीच-बीच में मुँह से लंड निकाल कर थोडा हिला देती और फिर से चूसने-चाटने लगती।

बीच-बीच में वह खुद ऊह्ह.. आअह्ह्ह.. की सेक्सी आवाज़ निकालती थी।

मैं उसका सर पकड़ कर लंड मुँह के अन्दर तक डाल देता फिर बाहर निकलता और वह भी पूरा सहयोग कर रही थी।

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मैं देखना चाहता था कि वह कितनी देर तक चुसाई कर सकती है क्योंकि मैं जब तक खुद नहीं चाहता तब तक मैं अपना वीर्य थाम कर मज़े ले और दे सकता हूँ। यह मेरी अपनी टेक्निक है।

कुछ समय तक वह लंड चूसती रही और मज़े देती रही।

फिर मैंने कहा – मेरी रांड़, चुदवाने को तैयार हो क्या?

वह बोली तुम्हारे मुँह से गाली अच्छी नहीं लगती।

मैं बोला – मूड मत बिगाड़, मुझे सेक्स करते समय गालियाँ अच्छी लगती हैं। तू समाज सुधार का काम बाद में कर लेना।

इतना कह कर मैं उसको लिटा कर उसकी दोनों टांगें फैला कर उसकी चूत पर अपना लोहे का लंड टिका कर खड़ा हो गया।

लंड डालने से पहले मैने उससे पूछा – आज रात मेरी रंडी बन कर मज़े कराएगी ना मेरी रानी।

उसने कुछ अलग ही रंग दिखाया और जवाब दिया –

अरे मेरे राजा तेरे साथ यहाँ समाज सेवा करवाने नहीं आई तेरी रानी,

रहम कर थोड़ा, डाल दे लौड़ा, कर दे चौड़ा, मार हथौड़ा,

ले तेरे जैसी हो गई अब तो खुश ना।

मेरी ख़ुशी का ठिकाना ना रहा, एक ही झटके से पूरा लंड सटाक से उसकी मखमली चूत में डाल दिया।

उसकी चौड़ी टांगो के बीच में मेरी कमर का पूरा हिस्सा था।

दोनों बाहें उसके दोनों बाजुओं के नीचे से उसकी पीठ पर जा कर, अजगर जैसे कसाव से पकड़ बना कर, उसे बिस्तर से दो इंच ऊपर उठा कर पूरा बदन अपने कब्जे में कर लिया था।

उसकी गर्दन पर मैं मेरी जुबान और होंठ चला रहा था और अपनी कमर गोल-गोल घुमा कर चूत मे लौड़ा ऐसे घुमाने लगा जैसे मक्कन से घी निकालना हो।

हाय! क्या मर्द मिला है तू, क्या इतना मज़ा भी कभी कोई दे सकता है। ओह्ह्ह्ह्ह।।

मैं उसका गला चाटने लगा और गोल-गोल घुमती मेरी कमर को अब सीधे अन्दर बाहर करने लगा।

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मैंने अपनी स्टाइल बदली और वह आँखे बंद कर के मेरे सिर पर बालों में उंगलियाँ घुमा रही थी।

मैं पहले धीरे-धीरे लंड को चूत में अंदर-बाहर करने लगा और धीरे-धीरे स्पीड बढ़ने लगा।

वह दुनिया को भूल गई और जोर-जोर से चिल्लाने लगी।

मुझे अब जिंदगी भर मत छोड़ना, मैं तेरी ही हो कर रहूँगी राज।

अपनी रखेल बना कर रखना पर मुझे रोज़ पूरी रात चोदना।

मैं अपने पूरे होश में उसको मज़े देने के मूड से चोद रहा था।

वह क्या किस्मत है मेरी और मैं डॉक्टर के लिए रो रही , अब तक कहाँ था यार तू, तू तो काम देव है मेरा और मैं तेरी रांड़।

वह इतनी गर्म हो गई कि मुझे नीचे गिरा कर वह ऊपर चढ़ गई और अपनी चूत उछाल-उछाल कर मेरे लंड पर मारने लगी।

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मैं बिस्तर पर उसके नीचे पड़ा-पड़ा उसके उछलते मम्मों को पकड़ कर सहला रहा था साथ में अपनी कमर को भी ऊपर नीचे कर के उसे ज्यादा मज़े देने में लगा था तभी वह छत की तरफ मुँह उठा कर जोर से चिल्लाई ऒऒह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।।

तभी मैंने अपने लंड की दोनों और से पानी की धार को बहते महसूस किया और मैं खुश हो गया कि अन्नू दुबारा झड गई है और अब वह मेरे पूरे वश में है और पूरी जिंदगी रहेगी। हमेशा मुझसे चुदने को ही बेक़रार रहेगी।

वह मेरे ऊपर एक बिना रीढ़ की गुडिया की तरह आकर गिर गई।

मैं उसके बालों को सहलाने लगा। वह हांफ रही थी।

पाँच मिनिट वह ऐसे ही पड़ी रही।

मेरा खड़ा लंड उसकी चूत में ही था और वह होश खो कर पड़ी हुई थी। मैंने उसे उठाया और उसे अपने ऊपर से उतार कर बाजू पर सुलाया और मैं उसकी पीठ के पीछे सो गया।

अपने हाथों से उसकी एक टांग उठा कर उसकी चूत का दरवाजा खोल और लंड चूत के अन्दर डाल दिया।

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अब मुझे मज़े ले कर छोड़ देना था अपना वीर्य जो कब से थामे रखा था।

मेरी रानी, अब बस तेरा राज ज्यादा परेशानी नहीं देगा तुझे बस कुछ देर और मेरा साथ दे।

उसने सहमती से सर हिलाया और अपने कमर और चूतड़ो को थोडा पीछे की और बढाया ताकि मुझे उसकी चूत चोदने में आसानी हो।

मैंने अपने दोनों हाथ आगे ले जा कर उसके दोनों मम्मों को पकड़ा और लंड को बंदूक की तरह फुल स्पीड में चूत में मारने लगा।

मेरे हाथ उसके मम्मों पर पूरी पकड़ बनाये हुए थे वह ओह्ह्ह्ह.. ऒह्ह्ह.. करती चुदवा रही थी।

मैं करीब दस मिनिट इसी पोजीशन में चोदता रहा और फिर लंड में से फव्वारा उसकी चूत में छोड़ दिया।

अन्दर गर्म वीर्य महसूस होते ही वह ढीली हो कर फिर बिस्तर पर लम्बी हो गई।

मैं उसे पीछे से पकड़ कर उसकी पीठ और कंधों को चूमता अपने लंड के फिर तैयार होने का इंतजार करने लगा।

कहानी जारी रहेगी।

आपको मरी कहानी कैसी लगी।

मुझे मेल करियेगा –