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चाचा के घर में चाची की चूत की चुदाई

Chacha ke ghar me chachi ki chut ki chudai

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मेरा नाम सकिल है और मेरी उम्र 24 साल है, लम्बाई 5.11 इंच और मेरे लंड की लम्बाई 8.5 इंच, मेरा कलर साफ है और मुझे सेक्स करना बहुत अच्छा लगता है. दोस्तों अब मैं अपनी कहानी पर आता हूँ. मेरे चाचा जी एक कंपनी में काम करते है. हमारा परिवार गाँव में रहता है लेकिन मेरे चाचा जी कंपनी में काम करते है इसलिए वो शहर में ही रहते है ताकि कम्पनी में आने जाने में आसानी रहें. मेरी दादी भी मेरे चाचा जी के पास ही रहती है. एक बार चाचा जी को कंपनी के किसी कार्य के लिए 10 दिन के लिए मुंबई जाना पड़ा. मेरे चाचा जी ने मुझे फोन करके उनकी गैर हाजिरी में मेरी चाची और दादी के पास रहने के लिए शहर बुला लिया. मेरे पहुँचते ही मेरे चाचा जी मुंबई के लिए निकल लिए.

मेरी चाची देखने में बहुत ही अच्छी लगती है, उनका स्वभाव बहुत ही सरल है, उनकी बूब्स ऐसी है कि उन्हें देखते ही कोई भी उनका दीवाना हो सकता है. उसका पूरा शरीर कितना मस्त है ये तो मुझे तब पता चला जब मुझे उसके साथ सेक्स करने का मौका मिला. चाचा जी के जाने के बाद वहां पर मैं, मेरी चाची, उनके दो बच्चे और मेरी दादी थे. मेरे चाचा की शादी को 6 साल ही हुए थे. रात का समय हुआ. चाची जी ने हम सबके लिए खाना बनाया और हम सब इकट्ठे ही खाना खाने लगे. मेरी चाची मेरे बिलकुल सामने बैठी थी. वह एक इत्तेफाक नहीं था, वह जानबूझकर मेरे सामने बैठी थी. यह बात उसने मुझे तब बताई जब हम दोनों में अच्छी सेटिंग हो गई थी.

उस दिन खाना खाते हुए वो लगातार मेरी तरफ देखे जा रही थी. मेज के निचे से उसने अपना पांव मेरे पांव से लगाया. मैंने तब भी यहीं सोचा की यह गलती से लग गया होगा. वो मंद – मंद मुस्कुराने लगी. मैं भी उसे देखते हुए थोड़ी स्माइल देने लगा. सभी के खाना खाने तक यह सिलसिला चलता रहा. खाना खाने के बाद मैं अपने कमरे में चला गया और टीवी देखने लगा. मेरे चाचा के बच्चों को नींद आ रही थी इसलिए दादी उन्हें सुलाने के लिए दुसरे कमरे में ले गई. कुछ देर बाद चाची मेरे लिए दूध लेकर मेरे कमरे में आई. उसने दूध का गिलास मेरे हाथ में दिया और मेरे पास ही बेड पर बैठ गई और बोली – आज तो बहुत मस्त स्माइल दे रहा था क्या इरादा है. मैं एक बार तो घबरा गया लेकिन फिर हिम्मत करके बोला – नहीं चाची जी ऐसी तो कोई बात नहीं है.
चाची ने कहा – अरे तू तो शर्मा गया. मैं तुझे अपना अच्छा दोस्त मानती हूँ और अपने दोस्त से तुम्हें कुछ भी छिपाना नहीं चाहिए. चल बता कि तेरी कोई गर्लफ्रेंड है या नहीं.
मैंने कहा – नहीं चाची, मैं ऐसे किसी चक्कर में कभी पड़ा ही नहीं हूँ.

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मेरा लंड पैंट में ही खड़ा होकर सलामी देने लगा. चाची की नजरे बार – बार उस पर जा रही थी. उसने मुझसे कहा – झूठ मत बोल तू सारे कामों में से निकल चूका है. मैं बहुत अच्छे से तुझे परख चुकी हूँ. अब तू मुझे अपनी दोस्त ही नहीं मानता है इसलिए मुझसे छिपा रहा है. लेकिन यहाँ एक और भी है जो मुझे सब कुछ बता रहा है शायद वहीँ मेरा सबसे अच्छा दोस्त है.
मैंने इधर – उधर देखा और कहा – चाची यहाँ तो कोई नहीं है. यदि है तो मुझे भी दिखाओ वह कौन है.
मेरे यह कहते ही चाची ने मेरी पैंट के ऊपर से मेरे लंड को हाथ लगाया और बोली – ये है मेरा अच्छा दोस्त.
चाची के मेरे लंड पर हाथ लगाते ही मेरे शरीर में खलबली मच गई. मैंने अच्छा मौका देखकर कहा – ठीक है फिर तो सारी बातें इसी से ही पूछ लो.

चाची भी शायद यहीं सुनना चाहती थी इसलिए उसने तुरंत मेरी पैंट की चैन खोली और मेरे लंड को पैंट से बाहर निकाल लिया. और उसे धीरे – धीरे सहलाने लगी. मुझे बहुत मजा आ रहा था, कुछ देर सहलाने के बाद उसने मेरा लंड चुसना शुरू कर दिया. मैंने चाची से कहा – चाची यदि दादी आ गई तो दोनों मारे जाएँगे. मेरे यह कहते ही चाची खड़ी हुई और बोली – मैं देखकर आती हूँ. यह कहकर चाची देखने गई कि दादी सो गई है या नहीं.

कुछ देर बाद ही चाची वापिस आ गई और बोली – दोनों बच्चे और तुम्हारी दादी सो गई है. यह सुनते ही मैं खड़ा हुआ और चाची को बेड पर गिराकर उसके ऊपर आ गया और किस चालू कर दिए, वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. फिर मैं धीरे धीरे कपड़े के उपर से ही उसकी चुच्चियों को सहला रहा था और हमारा किस तो ऐसा चल रहा था कि बस हम एक दूसरे को खा जाएगें, उसके किस करने से मुझे लगा कि उसने भी मेरी तरह बहुत टाईम से सेक्स नहीं किया है.

15 – 20 मिनट ऐसा करने के बाद हम दोनों रुके और एक दुसरे को नंगा कर दिया. वाह क्या मस्त बूब्स थे और उसके खड़े हुए निप्पल आआआआअहह मेरी तो बस जान निकल रही थी. वो पास आकर मुझसे चिपक गयी, तब मैंने उसके बाल खोल दिए और जो हम दोनों के अंदर गर्मी थी, उसके कारण हम दोनों ज़्यादा देर चिपक ना सके, अब वो मुझसे बोलती है कि क्या बॉडी है तेरी? तो मैं बोला कि तुम भी कोई कम नहीं हो, यह देखो मेरे लंड की हालत को, अब इसको सम्भालो.

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फिर उसने मेरे लंड को पकड़ लिया और हल्के से हिलाने लगी और मेरी छाती को किस कर रही थी, क्या लग रहा था? अब वो धीरे से नीचे बैठी और मेरे लंड को देखकर बोली कि मुझे एकदम सही अंदाजा था कि यह ऐसा ही निकलेगा एकदम मोटा, लंबा और उसने मेरे लंड को किस किया तो मेरे लंड ने भी झटका देकर उसकी चूत को सलामी दे दी. अब मुझसे तो नहीं रुका गया और मैंने चाची को बिस्तर पर लेटा दिया और उसके पैर चूमते हुए चूत तक पहुंच गया. उसकी छोटी सी चूत थी, बिल्कुल गुलाबी सी.
फिर मैंने अपना मुहं चूत पर रखा और चूसने लगा. वो सिसकियाँ लेने लगी और अपनी चूत को उठा उठाकर मुझसे चुसवाने लगी, लेकिन मैंने कुछ ही देर तक चूसा और इतने में वो झड़ गई और अब मैं ऊपर आया और उसके बूब्स को दबाने सहलाने लगा. फिर वो बोली कि जान और दबाओ हाँ और ज़ोर से, इनका सारा रस पी लो और फिर मैंने वैसा ही किया. उस के बूब्स ऐसे थे कि किसी को भी जोश में ला दे. फिर मैंने उसकी कमर के नीचे एक तकिया लगाया और लंड को चूत पर रखा और एक हल्का सा धक्का दिया तो चाची बोली कि थोड़ा प्यार से जान, लंड मेरी चूत में बहुत कम अंदर गया है.

फिर मैंने एक झटका दिया और 4 इंच तक लंड को अंदर घुसा दिया, चाची उईईईईइ माँ अह्ह्ह्हह उफ्फ्फ्फफ्फ्फ्फ़ धीरे बोला ना, लेकिन मैं नहीं रुका और एक तेज झटका दिया और पूरा लंड फिट हो गया. फिर वो धीमी – धीमी आवाज से आउुुुऊकचह माँ मर गई, आह्ह्ह्हहहह करने लगी. उसके थोड़े आंसू भी निकल आए, लेकिन वो कुछ देर में ठीक हुई और मैंने नीचे से तकिया निकाल दिया और उसके ऊपर आकर किस करते हुए चुदाई करने लगा, वो भी मज़े से मेरे लंड को अंदर ले रही थी.

दोस्तों वाकई में उसकी चूत बहुत टाईट थी और अब में पूरे ज़ोर से, तेज तो कभी धीरे धीरे चुदाई करता रहा और अब वो झड़ने वाली थी तो उसने मेरी कमर पर अपने दोनों पैरों से कैंची मारी और बोली कि जान और तेज करो. फिर मैंने अपनी स्पीड बड़ाई और तेज धक्के मारने लगा और कुछ ही पल में वो बोली कि अब बस मैं झड़ने वाली हूँ, तो मैं रुका और लंड को बाहर खींचकर तेज झटका दिया और उसका आआहहहहहह के साथ गरम पानी मेरे लंड को महसूस हुआ और जब मैंने चाची के चेहरे को देखा तो वो बहुत ठीक लग रही थी, लेकिन मैं झड़ा नहीं था. फिर मैंने चाची को किस करना चालू किया और धीरे धीरे धक्के मारकर फिर से गरम किया. अब हमारी चुदाई बहुत धीरे चल रही थी और मज़ा ज़्यादा आ रहा था.

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फिर वो मुझे किस करने लगी और चाची मेरे ऊपर आ गयी, अब वो स्माईल देती हुई मेरे लंड पर कूदने लगी. आआहह क्या पूरा लंड जड़ तक घुस रहा था और थोड़ी देर कूदने के बाद वो रुककर मुझे किस करने लगी, लेकिन मैं नहीं रुका नीचे से झटके देने लगा, बस अब मेरा भी झड़ने का टाईम था. फिर मैंने चाची से बोला कि जान मैं झड़ने वाला हूँ तो वो बोली कि मेरे ऊपर आ जाओ और पूरा वीर्य चूत के अंदर ही डालना और अब मैंने फिर ऊपर होकर एक साथ ही लंड अंदर उतारकर ताबड़तोड़ धक्कों के साथ चोदने लगा, मुझे उस वक़्त ना जाने क्या हो गया था? कुछ नहीं पता, लेकिन उस आखरी चुदाई के टाईम मुझे चाची की हल्की हल्की चीख सुनाई दे रही थी और मैंने उसकी चूत में लगातार 20 मिनट की चुदाई का माल गिरा दिया और अब हम ऐसे ही रहे और लेटे रहे.

थोड़ी देर बाद चाची बोली कि तुमको क्या हो गया था? मुझे बाद में कितना दर्द हुआ? तो मैंने बोला कि यार सॉरी, तो वो बोली सॉरी किस लिए? मुझे उसमे भी मज़ा आ रहा था और तुमने तो आज मेरी ऐसी प्यास बुझाई है कि मैं कभी भी नहीं भूल सकती. फिर मैं बोला कि जानेमन अभी तो और भी बाकी है. फिर मैंने चाची की गांड में चुदाई शुरू कर दी. 20 – 25 मिनट की चुदाई के बाद मैं झड़ने ही वाला था की चाची बोली – मैं इस बार का तुम्हारा वीर्य पीना चाहती हूँ.

मैंने झट से अपना लंड गांड से निकाला और चाची के मुंह पर लगाया और सारा वीर्य चाची के मुंह में ही डाल दिया. चाची सारा वीर्य पी गई और मेरे लंड पर अपनी जीभ घुमाने लगी, उसने मेरे लंड को चाट कर साफ कर दिया. अब हम दोनों ने अपने कपड़े पहने और चाची अपने बच्चों के पास चली गई और मैंने अपने एक दोस्त को फोन लगाया और अपनी सारी आप बीती उसे बताई. दोस्त ने मुझसे कहा कि यदि मैं उसे मेरी चाची की चूत दिलवा दूँ तो वो भी मुझे अपनी बीवी को चोदने का मौका दिलवा देगा. मैंने झट से हाँ कर दी और फिर मैंने कैसे उससे अपनी चाची को चुदवाया और कैसे मैंने उसकी पत्नी कि चुदाई की, यह सब अगली कहानियों में पढियें.