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आधी रात में चाचा को छोड़कर चाची आई मुझसे चुदवाने-1

Hot chachi ki chudai kahani-1

हेलो दोस्तों, मैं वरुण आपके लिए लेकर आया हूं अपनी सेक्सी स्टोरी जो की मेरी चाची और मेरे बीच अभी हाल ही के कुछ बीते दिनों में हुई है।

तो चलिए अब ज्यादा टाइम वेस्ट न करते हुए कहानी पर आता हूं। थोड़ा सा सिचुएशन और लोकेशन का परिचय जरूरी है तो जल्दी से शुरू करते है।

मेरा घर पुराने समय का बना हुआ है। हमारा घर एक तरह से ज्वाइंट फैमिली है जहा हमारे 3 दादा दादी का परिवार रहता है(मेरे दादा और उनके भाइयों का) पूरा घर 2 फ्लोर में है बस हमांरा घर 3 फ्लोर में है जो हमें बाद में बनवाया है। मेन गेट से घर में पीछे आंगन तक गलियारा है जिसके आजू बाजू रूम बने हुए है। पीछे आंगन में दोनो ओर बाथरूम है। दाहिने हाथ में छोटे दादा जी की फैमिली रहती है और उनका बाथरूम है और बाए हाथ पर हमारा और बीच आंगन में एक कुआं है।

मेरा रूम ग्राउंड फ्लोर पर गलियारे के बाई ओर है और मेरे चाचा चाची(दादा जी के भाई की बहु और बेटे) का रूम जैसे मेरे रूम के सामने है। मेरे रूम की खिड़की उनके गेट के सामने खुलती है और मेरा गेट उनके खिड़की के सामने। मेरे रूम से जुड़ा हुआ मेरी सगे चाचा चाची का रूम है। उनको भी मैं चोद चुका हूं उनकी कहानी बाद में। तो आप लोग लोकेशन समझ चुके होंगे मुझे आशा है। तो अब चलते है कहानी पर।

मेरी चाची को शादी कम उम्र में हो गई थी जब वो 20 साल की ही थी। वो दिखने में सुंदर है गोरी है भरे हुए दूध, गांड ज्यादा बड़ी नही पर अच्छी है। उनके हसबैंड यानी मेरे चाचा ड्रिंक बहुत करते है। आए दिन उनकी लड़ाई होती रहती है। उनकी दो बेटियां है। पिछले कुछ सालों से उनके झगड़े कुछ ज्यादा ही बढ़ गए थे दोनो एक दूसरे से दूर ही रहते थे पर कुछ महीनो से चाचा ने पीना कम कर दिया कुछ शांति रहती है। रात में जब सन्नाटा रहता है तो मेरे घर में चारों ओर की आवाज साफ सुनाई देती है अगर थोड़ा ध्यान से सुना जाए।

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तो हुआ यूं कि एक दिन में रात में 1 बजे मैं सेक्स स्टोरीज पढ़ रहा था। स्टोरी पढ़ते पढ़ते मैं गरम हो गया और लंड रगड़ रहा था और मेरा माल निकल कर लंड साफ करने के लिए बाथरूम में जाना था तो जैसे ही मेने दरवाजा खोला तो देखा सामने चाचा के रूम की लाइट जल रही थी और खिड़की भी पूरी खुली थी पर खिड़की पर नेट लगा हुआ था। मुझे कुछ आवाज़ आ रही थी कुछ खनखनाने की। चूड़ी और पायल की।मेने अंदर झक कर देखा तो मजा ही आ गया। चाची जमीन पर लेटी हुई थी और उनका पेटीकोट उनके पेट पर था और चाचा का लंड उनकी चूत में।

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वो चाची की चूत मार रहे थे तेज़ तेज़। उनके हिलने से चाची की चूड़ियों और पायल की आवाज़ आ रही थी। देखते देखते मेरा हाथ खिड़की पर लगा बस चाची ने बाहर की तरफ देखा लेकिन सभी जानते हो रोशनी से अंधेरे की तरफ दिखाई नहीं देता है। 2 मिनट के अंदर ही चाचा झड़ गए और अपना लंड निकाल कर लेट गए। उनका लंड बहुत छोटा था। चाची उठी और पेटीकोट से चूत से बह रहे चाचा के माल को पोंछा। मेरा ये सब देख कर फिर खड़ा हो गया था। मैं बाथरूम हो कर वापस आ रहा था की तभी चाची भी अपने बाथरूम से बाहर आ रही थी। मेने उन्हें देख कर आंखे नीची कर ली। उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और मेरे रूम के गेट के बाहर आ गई। मेने बोला चाची क्या कर रही हो।

चाची: तूने देखा न?

मैं: मतलब? कुछ समझा नहीं।क्या देखा।

चाची:अंदर जो हो रहा था वो देखा न?

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मैं: मुस्कुराते हुए, हुआ ही क्या। शुरू होते ही खत्म हो गया।

चाची: वही तो प्रॉब्लम है। एक तो तेरे चाचा नशे में रहते है मेरे साथ कुछ करते नही। कभी मैं ही तैयार कर लूं उन्हें तो बस 2 मिनट में 2 बूंद टपका देते है।

मैं: हां, देखा मैने। पर क्या कर सकते है अब इसके लिए। बहुत बुरा लगा चाची ये जानकर।

चाची: रूम का दरवाजा खोलो और अंदर चलो।

मैं: मेरे रूम में? इतनी रात को? पर क्यूं?

चाची: चलो तो जल्दी।

फिर हम रूम पर आ गए। चाची और मैं बेड पर बैठ गए। चाची ने कहां।

चाची: देखो वरुण मैं जो कहना चाहती हूं उससे तुम मुझे गलत मत समझना। मैं कई सालों से तड़प रही हु। मुझे संतुष्ट होना है। मैं किसी से कुछ भी कह नहीं सकती थी पर आज तुमने मुझे ऐसे देखा तो मैंने हिम्मत की। तुम्ही हो जो मुझे सुख दे सकते हो।

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मैं: मेने कहा चाची पर मैं केसे?
चाची: वो जैसे करना है कर और कैसे करना है वो खुद ही होता जायेगा।

चाची ने बिना देर किए फटा फट साड़ी निकाली और ब्लाउज खोल दिया। में देख रहा था तो चाची बोली अभी क्या सोच रहा जल्दी से अपने कपड़े निकालो। टाइम कम है काम ज्यादा।उन्होंने मेरा हाथ पकड़ कर अपने बूब्स पर रखा तो मेरे दिमाग में भी सनसनी छा गई।
अब मेने भी फटाफट अपनी बनियान और शॉर्ट निकल दिया।

चाची सिर्फ ब्लैक ब्रा और पेंटी में थी। वो मुझसे चिपक गई और तुरंत मेरे होठों को चूसने लगी।

क्या बातों दोस्तो, इतने गर्म और नर्म होठ थे चाची के मजा ही आ गया यार। हम जोर दार किसिंग किए जा रहे थे। उनके हाथ मेरी नंगी पीठ पर दौड़ रहे थे। मैं भी उनके होठों को चूसते और काटते हुए एक हाथ से उनकी पीठ सहला रहा था और दूसरा हाथ उनकी गांड पर फेर रहा था। होठ चूसते हुए वो घुटनो के बल होकर मेरे लंड को अंडरवियर के ऊपर से ही मसलने लगी। मेरा लन्ड तो पहले ही खड़ा हो चुका था चाची के दबाने कारण लंड बिल्कुल फटा जा रहा था।

मेने चाची की ब्रा का हुक खोला और उनकी ब्रा निकाल कर साइड में रख दी और उन्हें एक झटके में पलट कर बेड पर लिटा दिया और अपना मुंह उनके मुलायम रस भरे गोरे गोरे बूब्स में घुसा दिया। मेने अपने दोनो हाथो से दोनो बूब्स हो पकड़ा और बीच में मुंह लगा कर जोर जोर से दूध मसलने लगा और अपने मुंह पर घिसने लगा। चाची की सिसिकरिया छूट गई।

चाची: आह…. ओह हो…. सी. … खाजाओ इन्हे। और जोर से दबाओ। इतने साल से आज तक किसी ने इन्हे नही छुआ है।

मैं एक एक करके उनके दूध को मुंह में लेता और दूसरे को मसलता। चाची कसमसा जाती। मसलते मसलते उनके दूध लाल हो गए थे। उनके बूब्स को दबाते हुए मैं किस करते करते उनके पेट पर पहुंचा। उनके पेट पर कट मार्क्स थे।

दोस्तों में आपको बताना चाहूंगा की चाची के दोनो बच्चे ऑपरेशन से हुए थे। इसलिए उनके पेट पर कट मार्क्स थे। मेने अपनी जीभ उनकी नाभि में घुसाई तो चाची ने एक दम से अपना पेट ऊपर उठा दिया।
मेने उनके बूब्स छोड़ उनकी कमर के नीचे हाथ ले जा कर उनकी कमर वैसे ही पकड़ कर ऊपर रखी और पेट चूमता रहा।

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दोस्तो चाची का शरीर एकदम गर्म हो चुका था। उनकी आंखे बंद थी और बस आह……..हूं …….ओह…… की कामुक आवाजें निकल रही थी।

मेने कर से चाची की पेंटी पकड़ कर नीचे कर दी और पैरों से निकल कर देखा तो वो हल्की गीली हो गई थी। मैं समझ गया की चाची की चूत गर्म हो चुकी है और लार टपका रही है।

मैंने चाची को बेड पर अच्छे से लिटाया और में उनकी टांगों के बीच सर करके लेट गया। मेने उनके दोनो पैरों को फैलाकर अपना मुंह उनकी चूत पर जैसे ही रखा चाची इतनी जोर से झटपटाई की पलंग हिल गया।

मेने चाची से कहा शोर मत करो चाची ज्यादा। अभी तो कुछ हुआ भी नही है और आप इतना शोर करोगी तो कोई सुनेगा तो सब गड़बड़ हो जायेगा। फिर चाची ने खुद पर कंट्रोल किया। वो इतने सालो से प्यासी थी कभी चाचा ने उनकी चूत की न तो सहलाया था और न ही खाया था। ये सब उनके लिए नया था। वो एकदम मदहोश हो रही थी। मैं उनकी चूत खाने में लगा हुआ था।

दोस्तो, क्या मस्त फूली हुई चूत थी यार। उनका छेद काफी टाइट था जो तो होना ही था। चाचा की लुल्ली इतनी छोटी थी की उससे कुछ तो होना नही था और दूसरा ये भी, की वो उन्हें चोदते भी न के बराबर थे।

5 मिनट में ही चाची अकड़ गई और 1 मिनट तक तो वो झड़ती रही। उनकी चूत झरने की तरह बहने लगी। मेने उनकी पैंटी से उनकी चूत का पानी साफ किया।

चाची की सांसे बहुत तेज तेज चल रही थी। पूरा फेस लाल हो चुका था। उनका गला सुख रहा था । रुक रुक कर थूक गटक रही थी।