Aunty Sex Story

चाची ने बड़ी मुश्किल से चूत दी–1

Chachi ne badi mushkil se chut di-1

सभी पाठको को मेरा प्रणाम। मैं रोहित 26 साल का जवान लौंडा हूं।मेरा लन्ड 7 इंच लम्बा है जो किसी भी भाभी,चाची,आंटी और जवान लड़की को भरपूर मज़ा दे सकता है। मेरा लन्ड चूत की गहराई में उतर कर चूत को पानी पानी करने में पूर्ण रूप से सक्षम है।किसी भी शानदार माल  को चोदना लंड के लिए बड़े सौभाग्य की बात होती हैं।वो लोग बहुत ज्यादा खुशनसीब होते हैं जिनके लंड को चूत की गहराई में उतरने का मौका मिलता है। gharelu chut

मेरी ये कहानी स्कूल के टाइम की है।उस समय मैं क्लास 12 वीं में था।उस समय मेरी उम्र लगभग 19 साल थी। इस उम्र में मैंने सबसे पहले कल्पना मैडम की चूत का ताला खोला था।उसके बाद तो मैंने स्कूल की मैडम और क्लासमेट की चूतो को जमकर बजाया था।मेरे लन्ड ने इन सभी की चूत का जमकर मज़ा लिया था।फिर मैडम की गांड को भी अच्छी तरह से बजा डाला था।

फरवरी का महीना चल रहा था।कुछ दिनों बाद ही हमारे एग्जाम शुरू होने वाले थे।एग्जाम शुरू होने में लगभग 10– 15 दिन ही बाकी बचे थे।इसलिए मेम हमें अब केवल 10 बजे तक ही स्कूल बुलाती थी।बाकी टाइम में हमें घर पर ही पढ़ने के लिए कहती थी। इस वजह से अब मुझे मैडम की चूत मिलना बंद हो है।मै चाहता  तो स्कूल ही रुककर छुट्टी होने के बाद मैडम को चोद सकता था लेकिन अब मैने घर के जाकर ही पढ़ाई करना उचित समझा।

अब मैं स्कूल से छुट्टी होने के बाद सीधा घर आता और खाना खाने के बाद पढ़ाई करने बैठ जाता था। मैं यहां कोटा में मेरे चाचा चाची के घर पर रहता था।हमारा गांव कोटा से थोड़ा दूर था।चाचा का 2 फ्लोर का मकान था।जिसमे ऊपर चाची चाचा के साथ मै भी रहता था और नीचे के फ्लोर पर तीन चार किरायेदार रहते थे।जब मै 8 वीं क्लास में था तभी से मै चाचा चाची के साथ कोटा में रह रहा था।चाचा चाची मेरा अच्छी तरह से ध्यान रखते थे।वो मेरी हर जरूरत को पूरा करते थे।
नीचे के फ्लोर में रहने वाली तीनो चारो भाभियां भी कमाल की हसीन माल थी लेकिन मैंने उन्हें कभी चोदने की नहीं सोची थी।क्योंकि मेरा लन्ड मैडमो की चूत चोदकर बहुत ज्यादा संतुष्ट था।

चाचा की मार्केट में किराने की दुकान थी इसलिए चाचा सुबह 9 बजे ही दुकान पर निकल जाते फिर रात को 8 बजे बाद ही घर पर आते थे।उनका नौकर घर पर खाना लेने आता था। चाची के  10 साल एक लड़का था जो सुबह 8 बजे स्कूल जाता  था और दोपहर में 3 बजे बाद घर पर आता था।
अब मेरे स्कूल से आने के बाद ऊपर के फ्लोर पर मै और चाची ही होते थे।चाची दिन भर घर का काम करती रहती थी।वो घर पर अक्सर टाइट इलास्टिक वाला पजामा और पूरी बाहों का कुर्ता पहनती थी। मै कभी लोन में तो कभी रूम में बैठकर पढ़ाई करता था। मैं पूरे ध्यान से पढ़ाई कर रहा था।अबकी बार मैंने चुदाई के शौक से पूरा ध्यान हटा लिया था। लेकिन लंड तो लंड है साहब।इसको कहां चैन आता है।

एक दिन मेरे लन्ड की नजर चाची पर ठहर गई। मैं उन्हें घूरकर देखने लगा। चाची का भरा पूरा बदन मेरे लन्ड को बैचेन करने लगा।उस टाइम चाची लगभग 34 साल की थी। उनका नाम वंदना है। वो एकदम गौरी चिट्ठी, मक्खन जैसी माल थी। चाची के 34 साइज के बड़े बड़े बूब्स उनके कुर्ते में से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे। मेरा लन्ड चाची के बड़े बड़े बूब्स को देखकर ठन गया। मैं बैठा बैठा ही लंड को मसलने लगा।दिल करने लगा कि चाची के बूब्स को मसल डालू। कुर्ते में से चाची की कमर मुझे नहीं दिख रही थी लेकिन फिर भी चाची की कमर लगभग 32 साइज की तो होगी ही। वही चाची की 34 साइज की गांड मेरे लन्ड में आग लगाने लगी।

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चाची की बड़ी मजबूत गांड़ उनके इलास्टिक वाले पजामे में से साफ़ साफ़ दिख रही थी।चाची की मोटी मोटी जांघें उनके पजामे से चिपकी हुई थी।इलास्टिक वाले पजामे में चाची की टांगो से लेकर गांड़ तक का पूरा सेफ साफ साफ नजर आ रहा था। सलवार पजामे में चाची का भरा भरा जिस्म बहुत ज्यादा कामुक लग रहा था। मेरा लन्ड उन्हें देखकर चाची को मसलने का करने लगा।फिर मैंने रिश्ते को समझते हुए बड़ी मुश्किल से मेरे लन्ड को सम्हाला।
ऐसे ही एक दो दिन निकल गए। मैं चाची को इग्नोर करने की कोशिश करने लगा लेकिन मेरा लन्ड बार बार चाची को देखकर बिगड़ जाता।

अब मै भी क्या करता यारो जब कोई मस्त माल आपके लंड के सामने बार बार मंडराए तो आप कब तक लंड को पकड़कर बैठ सकते हो।कभी न कभी तो आपको लंड को ढीला छोड़ना ही पड़ेगा। ऊपर से हम दोनों जवान जिस्म ऊपर के फ्लोर पर दिन में  अकेले ही रहते थे तो लंड का तूफान मचाना तो लाजमी ही था।
अब चाची को  दिन में अकेली घर पर देखकर मेरा लन्ड रोजाना  हिचकोले खाने लगा।इससे पहले मैंने कभी भी चाची को चोदने की नहीं सोचा था।लेकिन अब मेरा लन्ड नहीं मान रहा था।वो बार बार चाची की gharelu chut के लिए तांडव करने लगा।मैंने लंड को बहुत ज्यादा सम्हालने की कोशिश करने लगा लेकिन मेरा लन्ड मेरे कंट्रोल से बाहर हो रहा था।वो बार बार चाची की चूत मांग रहा था। साला इसकी वजह से कई बार मुझे पढ़ते पढ़ते लंड को मसलना पड़ता था। अब मेरी पढ़ाई भी चौपट हो रही थी।मुझे एग्जाम्स की टेंशन अलग से हो रही थी ऊपर से ये चाची का भरा भरा बदन मेरे लन्ड में आग लगा रहा था।मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मै क्या करू?

मैने लंड को बहुत समझाया कि वो  मेरी सगी चाची है। मैं उनको चोदने के बारे में कैसे सोच सकता हूं। तो लंड ने कहा– वो कोई भी हो।अब वो मुझे पसंद आ गई है।बस अब तो मुझे इनकी ही चूत चाहिए।नहीं तो मै चुप नहीं बैठूंगा।साली ये मेरे लिए बड़ी मुसीबत हो गई थी।फिर बहुत देर तक सोचने समझने के बाद मैने सोचा कि वंदना चाची को लंड के नीचे लाया जाए तब जाकर ही लंड की आग शांत होगी नहीं तो मै पढ़ाई नहीं कर पाऊंगा।

अब अगले दिन से ही मै वंदना चाची को चोदने के प्लान में लग गया।आज भी चाची ने पूरी बाहों के कुर्ते के साथ इलास्टिक वाला पजामा पहन रखा था।इलास्टिक वाले पजामे में से उनकी बड़ी गांड़ फटकर बाहर निकलने को तैयार हो रही थी।मेरा लन्ड चाची की गांड को देखकर तन गया।दिल करने लगा कि अभी के अभी चाची की गांड में लंड डाल दू। अब रूम के अंदर जाकर मैंने ज़ोर से लंड को मसल डाला। अब मै कपड़े चेंज करके खाना खाने के लिए टेबल पर बैठ गया।जैसे ही चाची ने मुझे खाना परोसा तो मुझे उनके बड़े बड़े मस्त बूब्स के दर्शन हो गए।मेरा लन्ड तुरंत फूलकर कुप्पा हो गया।फिर मैंने बड़ी मुश्किल से लंड को सम्हालकर खाना खाया। अब मै बुक्स लेकर हॉल में बैठ गया ताकि मुझे बार बार चाची के मस्त जिस्म के दर्शन होते रहे।

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कुछ देर बाद कपड़े लेकर बाथरूम में नहाने जाने लगी।तभी मेरे दिमाग की घंटी बजी,क्यो नही आज चाची के नंगे जिस्म के दर्शन किए जाए।लेकिन तभी मैंने सोचा अगर रोशनदान में से चाची को देखूंगा और अगर चाची को पता चल गया तो सारा खेल बिगड़ जाएगा और फिर मेरी भयंकर ठुकाई होगी।खैर अब मै लंड पकड़कर कल के इंतजार में बैठ गया।फिर करीब 1 बाद चाची गीले बालों को टावल से पौछती हुई बाथरूम से बाहर आई। चाची के भीगे गीले बदन को देखकर मेरा लन्ड बुरी तरह से ठन गया और कुछ ही पलों में मेरे लन्ड ने अंडरवियर में ही खुशबूदार सफेद पानी छोड़ दिया।
अब शाम को चाची सब्जी लेने मार्केट गई तो मैंने बाथरूम के गेट में कील से छोटा सा छेद कर दिया। अब मै अगले दिन का इंतजार करने लगा।फिर जैसे तैसे रात निकली और सुबह हो गई।आज मै जानबूझकर स्कूल नहीं गया और बहाना बनाकर घर ही रुक गया।फिर जब चाचा दुकान पर गए तो मै बाथरूम में नहाने घुस गया।तब चाची किचन में कुछ काम कर रही थी।आज मै जानबूझकर मेरी अंडरवियर लेकर नहीं गया।फिर जब मै नहा लिया तो मैने चाची को मेरी अंडरवियर लाने के लिए चाची को आवाज़ लगाई। कुछ ही देर में चाची मेरी अंडरवियर लेकर आ गई।मैंने पहले से ही दरवाजा खोल रखा रहा। जैसे ही चाची मुझे अंडरवेयर देने लगी तो उनकी नजर मेरे कड़क खड़े हुए लंड कर पड़ गई।वो एकदम भौचक्की होकर मेरे लंड को निहारने लगी।

मैं– क्या हुआ चाची?
तब जाकर चाची का ध्यान भंग हुआ।
चाची– कुछ नहीं।ये लेे तेरी अंडरवियर।
चाची मेरे लन्ड के दर्शन कर चुकी थी।उनकी आंखो में मेरा लन्ड खटक चुका था। अब मै बाथरूम से बाहर निकल आया।फिर कुछ देर बाद कपड़े लेकर बाथरूम में नहाने घुस गई। अब मै चाची के जिस्म का नंगा   टेलीकास्ट देखने के लिए उतावला होने लगा। कुछ देर बाद मैं बाथरूम के दरवाजे के पास खड़ा हो गया और चाची का लाइव टेलीकास्ट देखने लगा।
अब सबसे पहले चाची ने बाल्टी में पानी भरा।फिर गाना गाते हुए चाची ने कुर्ता खोल दिया।कुर्ता खुलते ही चाची के बड़े बड़े बूब्स ब्रा में अटके हुए पड़े थे।वो बड़ी मुश्किल से ब्रा में समाए हुए थे।चाची के बूब्स को देखते ही मेरा लन्ड लोहे की रॉड की तरह तन गया। मैं चाची को देखते हुए लंड को मसलने लगा। अब चाची आराम से बैठकर हाथो का मैल खोलने लगी।फिर कुछ देर बाद चाची ने ब्रा खोल दी।ब्रा खोलते ही चाची के बड़े बड़े बूब्स कैद में आज़ाद हो गए।चाची के नंगे बड़े बड़े बूब्स को देखकर मेरा लन्ड और भी भयानक हो गया।

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वाह क्या मस्त बूब्स थे चाची के।मेरे तो मुंह में ही पानी आ गया था।ऊपर से चाची का भरा भरा गौरा चिकना बदन मेरे लन्ड की प्यास और ज्यादा बढ़ा रहा था।  फिर थोड़ी देर बाद चाची ने तुरंत पजामा खोल दिया और फिर पैंटी उतार कर पूरी नंगी हो गई।मुझे चाची की चूत के दर्शन हो गए। चाची की चूत के आस पास बहुत सारे काले घने घुंघराले बाल उगे हुए थे। इधर मेरा लन्ड चाची के कामुक सेक्सी जिस्म को देख देखकर पजामे में तूफान मज़ा रहा था। अब उसके बाद चाची ने वो किया जिसकी मुझे बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी। चाची पूरी नंगी पंगी होकर  चूत में बैगन डालने लगी। उन्हें चूत में बैगन डालने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।थोड़ी देर तक चाची ने चूत में अच्छी तरह से बैगन डाला।

अब मैं अच्छी तरह से समझ चुका था कि चाचा चाची की चूत की आग को पूरा बुझा नहीं पाते है।तभी चाची का ये हाल है।चूत की आग बैगन से बुझाने के बाद चाची ने सेक्सी हॉट जिस्म पर पानी डाला फिर साबुन लगाकर अच्छी से जिस्म को रगड़ने लगी।इधर अब मैने भी पजामा खोल दिया और नीचे से पूरा नंगा हो गया। अब मै ज़ोर ज़ोर से लंड को सहलाने लगा।फिर चाची ने बूब्स को अच्छी तरह से रगड़ा। अब चाची ने नहाकर पैंटी पहन ली और ब्रा पहनकर पजामा,कुर्ता पहन लिया। अब चाची कपड़े धोने लगी। अब मै लंड को मसलता हुआ कमरे में चला गया और चाची की चूत के खयालों में खोकर लंड को मसल कर पानी निकाल दिया।
अब मै वापस हॉल में पढ़ाई करने बैठ गया।चाची बाल्टी में कपड़े भरकर छत पर कपड़े सुखाने चली गई। अब तो मैं चाची को हर हालत में चोदने के लिए तडपने लगा।उनके नंगे सेक्सी हॉट जिस्म ने मेरे लन्ड की प्यास में घी डालने का काम किया था। अब मैने सोचा लंड पकड़कर बैठे रहने से काम नहीं बनेगा,चाची को चोदने के लिए कुछ न कुछ तो करना ही पड़ेगा।

तभी मैंने चाची को पढ़ाई में मेरी हेल्प करने के लिए बुलाया।चाची कुछ देर बाद मेरे पास ही सोफे पर  बैठ गई। अब वो मुझे अच्छी तरह से टॉपिक्स समझाने लगी।चाची के सेक्सी बदन की शानदार खुशबू मुझे पागल करने लगी।तभी मेरी नजर चाची के बड़े बड़े बूब्स पर पड़ गई।चाची ने कुर्ते के ऊपर कोई दुप्पटा नहीं डाल रखा था।चाची इधर मुझे टॉपिक्स समझा रही थी और मैं चाची के मस्त माल को घुर रहा था।इधर मेरे लंड महाराज को खड़े होने में एकपल भी नहीं लगा। मेरे लन्ड की हालत फिर से खराब होने लगी। मैं धीरे धीरे चाची से चिपकने लगा और चाची के सेक्सी हॉट जिस्म को सहलाने की कोशिश करने लगा।मेरा लन्ड तनकर पजामे में से बाहर निकलने के लिए तड़प रहा था।

आपको मेरी ये कहानी कैसी लगी मुझे मेल करके जरूर बताएं– [email protected]
Rohit