हिंदी सेक्स स्टोरी

चालक बनने के चक्कर में चुद गई-3

Chalak banne ke chakkar me chud gai-3

में भाई के साथ उसके बेड पर बैठ गई और इधर उधर की बातें करने लगी. उस समय भाई बनियान और बॉक्सर में था और आज बहुत दिनों के बाद मैंने भाई को इतने ध्यान से देखा और पाया कि वो पहले से बहुत कमज़ोर हो गया है. अब कमज़ोर का ख्याल आते ही मुझे रिंकू की बात याद आ गई कि हाथ से यह सब करने से आदमी कमज़ोर हो जाता है और उसमें सेक्स करने की ताकत भी नहीं रहती और रिंकू ने मुझे यह भी बताया था कि हर लड़के को लड़की की ज़रूरत होती है, जिसकी वजह से वो यह काम हाथ से करने से बच सके और उस समय मुझे ऐसा लग रहा था कि रिंकू ने अपने फायदे के लिए यह सब बोला होगा, लेकिन जब बात भाई पर आई तो मुझे उसकी फिकर होने लगी और बातों ही बातों में मैंने भाई से पूछा कि क्या आपकी कोई गर्लफ्रेंड है? तो उसने कहा कि नहीं है और में सोचने लगी कि भाई की सेटिंग अपनी किसी सहेली से करवा दूँ, लेकिन अभी कैसे करूं? अभी तो स्कूल भी बंद है और यह सब करने में थोड़ा समय भी लगेगा और तब तक भाई को कुछ हो ना जाए? पूरी रात में बस यही बात सोचती रही कि कैसे में भाई को समझाऊँ और उसे मना करूं? लेकिन मुझे कुछ समझ नहीं आया.

मैंने सोचा कि अब से में भाई को अकेले नहीं रहने दूँगी, वो मेरे सामने रहेगा तो यह सब नहीं कर पाएगा, दिन में तो कैसे ना कैसे करके में उसके साथ रही, लेकिन रात को वो अपने रूम का दरवाजा बंद करके लेट गया और में भी अपने रूम में लेटी हुई सोच रही थी कि भाई क्या कर रहा होगा? ख्याल आते ही मैंने उसे रोकने की सोचा और सीधे जाकर उसके रूम का दरवाजा बजा दिया और उसने दो मिनट बाद ही दरवाजा खोल दिया, इस वक़्त उसका कंप्यूटर चालू था.

मैंने कहा कि भाई में अकेली बोर हो रही हूँ, क्या में आपके रूम में कुछ देर बैठ जाऊं प्लीज़? तो उसने कहा कि नहीं तुम अपने रूम में जाओ और अब मुझे सोने दो. फिर मैंने कहा कि प्लीज़ मुझे नींद नहीं आ रही है और मेरा चेहरा देखकर उसने मुझे अंदर आने दिया.

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फिर में उसके बेड पर बैठ गई और पूछने लगी कि कंप्यूटर में कौन कौन सी फिल्म है? तब उसने मुझसे कहा कि फिल्म नहीं है और मुझे अब नींद आ रही है तुम जाओ.

मैंने कहा कि में नहीं जाउंगी, में भी आपके साथ यहीं पर सो जाउंगी और फिर में उसके बेड पर लेट गई. मुझे ऐसा लगा कि वो सो जाएगा और में उठकर चली जाउंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ भाई जागता रहा और मुझे ही नींद आने लगी, जब मुझे नींद आने लगी तो उसने मुझसे कहा कि अब अपने रूम में जा. अब में खड़ी हुई और दरवाजा बंद करके मैंने लाईट को बंद कर दिया और फिर से में बेड पर लेट गई. उस छोटे बेड पर हम दोनों थे. हम कुछ देर तो ऐसे ही लेटे रहे और में उसकी तरफ़ पीठ करके लेट गई. थोड़ी देर बाद भाई की आवाज़ आई और वो बोला क्यों पूजा सो गई? में कुछ नहीं बोली बस चुपचाप लेटी रही, भाई ने दोबारा पूछा क्या सो गई पूजा? इस बार मैंने कहा कि नहीं, लेकिन मुझे आपसे एक बात करनी है.

फिर भाई ने मुझे पीछे से हग कर लिया और पूछा कि क्या हुआ? मैंने कहा कि कुछ नहीं बस आप मुझे प्यार नहीं करते, तो भाई ने मुझसे कहा कि करता तो हूँ. मैंने कहा तो फिर मुझे अपने साथ क्यों नहीं सोने दे रहे हो? तो भाई ने कहा कि मैंने तुझे कब रोका? अरे में तुझे नहीं रोक रहा, तू सो जा.

मैंने कहा कि धन्यवाद और अब में भाई के हाथ पर बड़े प्यार से हाथ रखकर बिल्कुल उससे चिपककर लेट गई और भाई ने मुझे पीछे से हग किया हुआ था और अंजाने में मैंने अपनी गांड को एकदम भाई के लंड से चिपका ली, जिसका एहसास मुझे दस मिनट के बाद ही हो गया, जब मुझे उसके लंड में हलचल सी महसूस होने लगी.

थोड़ी देर बाद उसका लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया और मेरी गांड के अंदर तक चुभने लगा, भाई ने पहले तो शायद कंट्रोल करने की बहुत कोशिश की, लेकिन उसकी कोशिश को मेरी सेक्सी गांड ने फेल कर दिया, क्योंकि अब में भी उस अहसास से नहीं बच सकी और गरम हो गई. भाई ने पहली हरकत की उसने अपने एक पैर को मेरे पैर के पीछे किया और धीरे से मेरे पैर को आगे की तरफ़ कर दिया. अब मैंने खुद ही अपने ऊपर वाले पैर को आगे की तरफ़ सरका लिया और थोड़ा सा में पेट के बल हो गई, जिससे भाई ने अपना बहुत वजन मेरे ऊपर कर दिया और अपने लंड को बिल्कुल मेरी गांड पर टिका दिया.

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इस वक़्त शायद उसने बॉक्सर के अंदर कुछ नहीं पहना हुआ था, इसलिए उसके लंड की चुभन बहुत ज्यादा थी और यह सब मुझे अच्छा सा लग रहा था, भाई धीरे से हिलाने लगा और में उसी तरह से लेटी रही और बहुत देर बाद भाई फ्री हो गया. उसने अपना पूरा माल मेरी गांड पर ही छोड़ दिया और उसके माल से मेरी पेंटी गीली हो गई और भाई मेरे ऊपर ऐसे ही लेटा रहा और उस वक़्त मैंने भी उठना उचित नहीं समझा, इसलिए में लेटी रही और मुझे कब नींद आ गई पता ही नहीं चला. फिर सुबह करीब 4-5 बजे मेरी आँख खुली, जब मुझे सू-सू लगा तो उस वक़्त में उठकर अपने रूम में आ गई और सो गई. में दिन में यह बात सोचती रही कि मैंने यह सब ठीक किया या गलत? सुबह से मुझे पछतावा महसूस हो रहा था और में अपने भाई से नज़र नहीं मिला पा रही थी, लेकिन शाम होने तक मुझे ख्याल आने लगा कि में यह सब अपने भाई को बचाने के लिए ही तो कर रही हूँ और अगर वो भविष्य में सेक्स नहीं कर पाया तो उसकी शादी कैसे होगी और तभी मैंने ठान लिया कि भाई को कैसे भी करके बचना है और इस सबके बीच कहीं ना कहीं मुझे भी रात को मज़ा आया और में भी चाहती थी कि ऐसा फिर से हो और रात को खाना खाने के बाद में मेरे रूम में गई और मैंने अपनी ब्रा पेंटी को उतार दिया. उसके बाद में एक बॉक्सर और टॉप पहनकर भाई के रूम में आ गई और मेरे इस रूप में भाई मुझे चकित होकर देखता ही रह गया और फिर मुस्कुराता हुआ बोला क्यों आज दिन में क्या हो गया था? तो में मुस्कुराते हुए बोली कुछ नहीं मुझे नींद आ रही है, सोने दो और चुपचाप बेड पर जाकर लेट गई. भाई ने दरवाजा बंद किया और मेरे पीछे आकर लेट गया तो मैंने कहा कि लाईट को बंद कर दो.

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फिर भाई ने लाईट को बंद कर दिया और मेरे पीछे आकर मुझसे सटकर लेट गया और अब उसने अपना लंड सीधे मेरी गांड पर टिका दिया और फिर धीरे से अपने हाथ मेरे बूब्स पर ले आया और उनको दबाने लगा. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और इतना मज़ा कभी मुझे रिंकू के साथ भी नहीं आया था, जितना भाई के साथ आ रहा था.

अब भाई ने धीरे से मुझे अपनी तरफ़ घुमा लिया और मेरे होंठो पर किस करने लगा और में भी उसका साथ देने लगी, उसने अपने हाथ मेरे टॉप के अंदर डाल लिए और मेरे बूब्स को दबाने लगा और उस समय में हर पल का मज़ा ले रही थी. भाई मेरे ऊपर आ गया और मुझे पता ही नहीं चला कि कब मैंने अपने दोनों पैरों को खोलकर उसे अपने पैरों के बीच में ले लिया? मुझे इसका एहसास तब हुआ जब भाई का लंड सीधे मेरी चूत पर चुभने लगा, उसके लंड की चुभन बहुत मस्त थी. में तो बस उसमें खो गई और अब मेरी चूत पानी छोड़ने लगी और मुझे ऐसा लग रहा था, जैसे मेरी चूत के अंदर हलचल हो रही है और में अंदर कुछ डालकर इस हलचल को रोक लूँ, उस समय मेरी साँसे बहुत तेज चल रही थी.