हिंदी सेक्स स्टोरी

चालक बनने के चक्कर में चुद गई-1

Chalak banne ke chakkar me chud gai-1

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम पूजा है और में पंजाब की रहने वाली हूँ. मेरे घर में मेरे मम्मी, पापा और बड़ा भाई है. मेरे मम्मी पापा दोनों ही नौकरी करते है और में घर में सबसे छोटी हूँ, इसलिए में थोड़ी सी नटखट और मेरी लम्बाई 5.3 इंच है, मेरे फिगर का आकार 34-30-34 है और में अभी 12th क्लास में हूँ और में अपनी क्लास में सबसे सुंदर लड़की हूँ, लेकिन थोड़ी सी मोटी और अब थोड़ा सा में अपने भाई के बारे में भी बता देती हूँ, वो कॉलेज में पढ़ता है और उसका शरीर भी दिखने में अच्छा है.

दोस्तों अब में अपनी आज की कहानी पर आती हूँ. दोस्तों मेरे स्कूल के पास ही एक कॉलेज था, जिस कारण लड़के हमेशा हमारे आस पास ही मंडराते रहते थे और धीरे धीरे मेरी सभी दोस्तों के बॉयफ्रेंड बन गये, वैसे में भी उन लड़को की नजरो में थी और बहुत सारे लड़के मुझे भी लाईन मारते थे. शुरू शुरू में तो मैंने उनमें से किसी को भी भाव नहीं दिया, लेकिन धीरे धीरे मेरी सभी दोस्तों के जब बॉयफ्रेंड बन गये तो मेरा भी मन अब डोलने लगा था, वो सभी लड़कियाँ लंच टाईम में अपने बॉयफ्रेंड से बातें किया करती थी तो उन्हें देखकर मेरा भी बहुत मन करता था कि मेरा भी कोई बॉयफ्रेंड हो.

फिर एक दिन मैंने सोचा कि में भी किसी को हाँ बोल ही दूँ, तो अब में उन सब लड़को पर अच्छे से नज़र रखने लगी और वो मेरे आस पास मंडराते रहते थे, जिनमें कुछ मेरी क्लास के लड़के भी थे और कॉलेज से भी बहुत लड़के आते थे और सभी की तरह मेरे भी मन में था कि मेरा बॉयफ्रेंड सबसे स्मार्ट और एकदम मस्त हो, इसलिए मैंने स्कूल के किसी लड़के को हाँ बोलने की बजाए कॉलेज के एक लड़के को हाँ करने की बात सोची, जो रोज सुबह मेरे घर से स्कूल तक मेरा पीछा करता था.

दोस्तों उसका नाम रिंकू था और वो मेरी एक सहेली के बॉयफ्रेंड का दोस्त था और उनसे मुझे मेरी सहेली के जरिए ही अपने मन की बात के बारे में कहा था और फिर मैंने भी अपनी सहेली के जरिए ही उससे हाँ कही और उसको हाँ करते समय दोस्तों में बहुत ही रोमांचित महसूस कर रही थी.

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उस समय मेरे पास फोन नहीं था, इसलिए लंच टाईम में मेरी सहेली ने ही उससे मेरी बात करवाई, पहली बार किसी लड़के से बात करते समय मुझे बहुत डर भी लग रहा था और मज़ा भी बहुत आ रहा था और जब पहली बार मेरी उससे बात हुई तो हम ज्यादा कुछ बात नहीं कर पाए, जैसे कि आप कैसे हो, घर में कौन कौन है और उसके बाद मैंने फोन अपनी सहेली को दे दिया, क्योंकि मुझे उससे बात करने में बहुत शरम महसूस हो रही थी.

फिर उसके अगले दिन जब में स्कूल जा रही थी, तो रिंकू ने अपनी बाईक को ठीक मेरे सामने आकर रोक दिया. उसे देखकर में मुस्कुराई और फिर चुपचाप उसके पीछे बैठ गई और वो आराम से अपनी बाईक चलाने लगा और हम बातें करने लगे और बीच बीच में वो ब्रेक भी लगा देता था, जिससे मेरे बूब्स उसकी पीठ पर छू जाते, इससे मेरे शरीर में करंट सा लगता और में थोड़ा संभालकर बैठने की कोशिश करती, लेकिन अगली बार जब वो ब्रेक लगाता तो में फिर से उससे चिपक जाती, जब तक हम स्कूल नहीं पहुंचे, तब तक यही सब चलता रहा और स्कूल पहुंचने से पहले उसने बाईक को एक साईड में रोक दिया और वो उतरकर अब मेरे सामने खड़ा हो गया.

फिर उसने मुझे पहली बार मेरे सामने में तुमसे प्यार करता हूँ बोला. फिर मैंने भी उससे हाँ में भी तुमसे बहुत प्यार करती हूँ कहा और फिर में शरमाकर उसके पास से भागने की कोशिश करने लगी, लेकिन उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझे अपनी तरफ़ खींचा तो में सीधे उसकी बाहों में चली गई. फिर कुछ देर के लिए उसने मुझे हग कर लिया, जिसकी वजह से मेरे शरीर में मानो करंट सा दौड़ने लगा और वो बहुत मजबूत था. मैंने उसे छोड़ने को कहा तो उसने अपनी पकड़ थोड़ी ढीली कर दी, जिससे मुझे छूटने का मौका मिल गया और में उससे छूटकर आगे की तरफ़ भागी और फिर मुड़कर उसकी तरफ़ जीभ निकालकर उसको में चिढाने लगी.

फिर मुझे देखकर वो मुस्कुराता रह गया और में स्कूल में आ गई. अब ऐसे हमारा रोज का मिलना हो गया, में स्कूल जाते समय और आते समय उसके साथ ही आती जाती, जिसकी वजह से अब मेरी झिझक और शरम भी दूर हो गई. अब में खुद ही उससे चिपककर बैठती, जैसे बाकी लड़कियां बैठती है, जब वो मुझे हग करता तो मुझे बहुत अच्छा लगता.

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अब में कभी भी उसको छोड़ने के लिए नहीं बोलती, जितनी देर उसका मन करता वो मुझे हग करता रहता और उसके बाद में स्कूल में आ जाती. दोस्तों इससे आगे ना कभी वो गया और ना कभी में गई, मुझे अब रिंकू पर बहुत प्यार आने लगा था. एक दिन लंच टाईम जब में रिंकू से बात कर रही थी, तो उसने मुझसे कहा कि कल हम पार्क में मिलते है. मैंने कभी स्कूल में बंक नहीं किया था और अकेले पार्क में मिलने में मुझे डर भी लग रहा था तो इसलिए मैंने उससे मना कर दिया, उसने बहुत मनाने की कोशिश की, लेकिन मुझे डर लग रहा था, इसलिए में नहीं मानी.

फिर लंच के बाद मेरी सहेली ने मुझे बताया कि वो और उसका बॉयफ्रेंड भी कल बंक कर रहे है और में भी रिंकू के साथ चली जाऊं और उसके मनाने पर मैंने हाँ कर दिया, लेकिन मुझे अभी भी थोड़ा सा डर लग रहा था, स्कूल के बाद मैंने रिंकू को अपना डर बताया तो उसने मुझसे बोला कि एक बार चलकर देख लो वहां पर सब स्कूल कॉलेज के लड़के लड़कियां होते है और सभी बहुत मजे करते है, तुम्हें किसी बात से घबराने की ज़रूर नहीं है.

फिर अगले दिन में अपने स्कूल के लिए निकली तो रोहन रास्ते में ही मुझे मिल गया और में चुपचाप उसके पीछे बैठ गई.

उसने बाईक को सीधे कॉलेज के पास बने पार्क की तरफ़ घुमा दिया और में वहां पर पहुंची, तो मैंने देखा कि मेरी सहेली और उसका वो दोस्त पहले से ही वहां पर थे और हमे देखकर वो खुश हो गये. उसके बाद हम साथ साथ पार्क में गये और वहां पर हर तरफ़ के जोड़े ही जोड़े थे.

उनको देखकर मुझे थोड़ी शरम भी आ रही थी. कुछ देर तो मेरी सहेली और उसका दोस्त हमारे साथ रहे, लेकिन कुछ देर बाद वो हमसे दूर होकर बैठ गये. फिर रोहन मुझे लेकर झाड़ियो के पीछे आ गया, वहां पर पहले से एक जोड़ा बैठा था, इसलिए हम उनसे थोड़ा सा दूर होकर बैठ गये और इधर उधर की बातें करने लगे. फिर कुछ देर बाद मेरी नज़र उस जोड़े पर चली गई तो में उनको देखती रह गई, क्योंकि वो दोनों स्मूच कर रहे थे और लड़के के हाथ लड़की के दोनों बूब्स पर थे.

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अब उनको देखते ही में अपनी नज़र को इधर उधर करने की कोशिश करने लगी और रिंकू ने भी मुझे उनकी तरफ़ देखते हुए देख लिया था, वो भी मेरे पास आ गया और बातें करता मुझे इधर उधर छूने लगा. मैंने भी उसे नहीं रोका, क्योंकि मुझे भी उसके छूने से अच्छा लग रहा था. फिर कुछ देर बाद वो बिल्कुल मेरे पास आ गया और उसने मुझे हग कर लिया.

मैंने भी उसे हग कर लिया और फिर हमने स्मूच भी किया और यह मेरी पहली समूच थी और मेरे होंठो में उसके होंठ थे और वो मेरे होंठो को चूस रहा था, में भी उसके होंठो को चूसने लगी और मेरे बूब्स उसकी छाती से चिपके हुए थे और उसने मुझे बहुत टाईट हग किया हुआ था.

कुछ देर में तो उसने मेरा बहुत बुरा हाल कर दिया था और मेरे होंठो में दर्द होने लगा था और एक दो बार उसने मेरे बूब्स पर हाथ भी रखा, लेकिन इससे ज्यादा मैंने उसको कुछ भी नहीं करने दिया, मुझे अच्छा तो बहुत लग रहा था, लेकिन डर भी लग रहा था, स्कूल की छुट्टी के समय हम घर के लिए निकल गए, जिससे किसी को भी हमारे ऊपर शक ना हो और आज के बाद तो में रिंकू से बहुत खुल गई और में हर समय उसके ख्यालों में खोई रहती, पढ़ाई की तो मुझे कोई फ़िक्र नहीं थी, बस पूरा दिन रिंकू के ख्यालो में खोई रहती.