भाई-बहन की चुदाई

अपने छोटी बहन की जमकर चुदाई की और गांड मारा-1

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सलीम है और मेरी उम्र 23 साल है, मेरी हाईट 5.6 और में दिल्ली का रहने वाला हूँ.. दोस्तों में बहुत दिनों से HotSexStory.xyz पर सेक्सी कहानियाँ पढ़ता आ रहा हूँ और उसमें से मुझे भरपूर सेक्स वाली कहानियाँ बहुत पसंद आती है और आज में आप सभी को भी अपनी ज़िंदगी की एक सच्ची स्टोरी बताने जा रहा हूँ.. दोस्तों यह स्टोरी मेरी और मेरी बहन रुकसाना की है..

दोस्तों मेरे घर में हम पांच लोग रहते है, अम्मी, अब्बू मेरी एक बड़ी बहन में और मेरी एक छोटी बहन.. मेरे अब्बू एक सरकारी स्कूल में शिक्षक है और मेरी अम्मी एक ग्रहणी और हम लोग एक सामान्य परिवार से है.. हमारे घर में दो कमरे और एक हॉल और एक किचन है.. दोस्तों सबसे पहले में आपको अपनी छोटी बहन का परिचय दे देता हूँ, उसका नाम रुकसाना है और उसकी उम्र 20 साल है.. उसके फिगर तो दोस्तों पूछो ही मत, क्या सेक्सी लगते है? में आपको उसके फिगर का साईज बता देता हूँ, 30-26-34 जिसको देखते ही किसी का भी लंड खड़ा हो जाए.. दोस्तों यह बात आज से करीब एक साल पहले शुरू हुई जब में घंटो बैठकर इसकी सेक्स कहानियाँ पड़ता रहता था और फिर मुठ मारकर ठंडा हो जाता था.. तभी एक दिन मैंने सोच लिया कि आज से मुठ मारना बंद अब कुछ करते है, जैसा कि मैंने पहले आपको बताया कि हमारे घर में दो कमरे है, एक में अम्मी और अब्बू और दूसरे कमरे में मेरी बड़ी दीदी उसके पास में मेरी छोटी बहन और में बिल्कुल आखरी में सो जाया करता था..

उस समय बारिश का मौसम था और हमारे यहाँ पर लाईट चले जाने की बहुत समस्या रहती है तो इसलिए हम लोग 11 बजे के आस पास सो जाया करते थे और हम जिस रूम में सोते थे उस रूम की लाईट बंद रहती थी, लेकिन हॉल की लाईट और घर के पीछे की रोड़ लाईट की रोशनी से हमारे रूम में हमेशा रोशनी रहती थी और जब भी लाईट जाती थी तो में बहुत खुश हो जाता था और रूम में पूरा अंधेरा हो जाता था और अब में मुठ मारना छोड़ चुका था, जिसकी वजह से मेरी सेक्स की भूख दिनों दिन बढ़ती ही जा रही थी तो में रात को मौका देखकर अपनी अंडरवियर खोलकर अपने लंड से खेला करता था, मेरा लंड करीब 8 इंच लंबा है और मोटा है और मुझे अपने लंड से खेलने में बहुत मज़ा आता था.. एक दिन रात को करीब एक बज चुके थे और में अब भी अपने लंड से खेल रहा था और लाईट अभी भी नहीं गई थी और बारिश का मौसम होने की वजह से बाहर बहुत ज़ोर से बिजली कड़क रही थी, मेरे पास में हर रात की तरह मेरी छोटी बहन सोई हुई थी और हमारे दोनों के बीच में हमेशा एक तकिया रहता था.. फिर मैंने देखा कि मेरी बहन का एक हाथ तकिए पर था..

मैंने बहुत देर तक सोचा कि में क्या करूं क्या ना करूं? फिर ऐसा ही सोचकर सो गया, लेकिन अगले दिन में सुबह से ही सोचता रहा कि मुझे पिछली रात को कुछ करना था.. फिर वो दिन गया और रात आई और उस दिन बहुत बारिश हो रही थी और में आज भी हमेशा की तरह अपने लंड से खेल रहा था.. फिर मैंने देखा कि आज भी मेरी छोटी बहन का हाथ वहीं पर था और मैंने थोड़ी हिम्मत करके अपना लंड उसके हाथ में दे दिया और में ऐसे ही लेटा रहा.. वो उस समय गहरी नींद में थी.. फिर मैंने थोड़ी और हिम्मत की और उसका हाथ पकड़कर उसकी मुट्ठी को बंद कर दिया, जैसे कि उसने खुद मेरा लंड पकड़ा हो, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और में हल्के हल्के से दबा रहा था, थोड़ी देर बाद मैंने उसका हाथ हटाकर अपने हाथ से मुठ मारी और फिर सो गया..

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अगले दिन फिर रात हुई और लाईट चली गई और उस समय सब लोग सोए हुए थे और में अकेला नंगा जाग रहा था.. आज मैंने कुछ अलग करने का सोचा था, रुकसाना मेरे पास में सो रही थी.. मैंने नींद में होने का नाटक करके अपना हाथ उसके पेट पर रख दिया और वो उस समय गहरी नींद में थी, उसे कुछ महसूस नहीं हुआ.. फिर मैंने थोड़ी और हिम्मत की और अब में उसके बूब्स को दबाने लगा, वाह दोस्तों उसके क्या मस्त बूब्स थे, बिल्कुल गोल गोल नरम नरम.. दोस्तों मैंने आज पहली बार किसी लड़की के बूब्स पकड़े, दबाए और छूकर महसूस किए थे.. मुझे यह सब करने में बहुत मज़ा आ रहा था और में ऐसे ही करीब तीस मिनट तक उसके बूब्स पर अपने हाथ फेरता रहा और में उसके बाद में मुठ मारकर सो गया, लेकिन अब उसके बूब्स को दबाने के बाद मेरी हिम्मत बहुत बढ़ चुकी थी और में अब अपनी पढ़ाई में नहीं अपनी बहन को चोदने में अपना पूरा पूरा ध्यान लगा रहा था.. फिर से रात हुई और आज मेरी बहन करवट लेकर सोई हुई थी और उसका हाथ उस तकिए पर ही था.. फिर मैंने उसका हाथ पकड़कर अपना लंड उसके हाथ में दे दिया और अब में अचानक से हैरान और बहुत परेशान हो गया कि मेरी बहन ने अपना हाथ बंद कर लिया था और उसने मेरे लंड को ज़ोर से पकड़ लिया.. अब मुझे बिल्कुल भी समझ नहीं आ रहा था कि में क्या करूं? फिर मैंने सोचा कि में अब इंतजार करके देखता हूँ कि यह इसके आगे क्या करेगी?

अब अगले दस मिनट तक वो ऐसे ही पकड़े रही, लेकिन अब उसके हाथ की गरमी से मेरा 8 इंच का लंड पूरा का पूरा तन चुका था और मुझसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था.. फिर में सीधा सो गया, लेकिन अभी भी वो मेरे लंड को पकड़े हुई थी.. फिर मैंने हिम्मत करके अपने हाथ से उसके हाथ को पकड़कर हिलाने लगा.. दोस्तों अब मेरी बहन मेरा लंड हिला रही थी और फिर कुछ देर बाद में उसके हाथ पर झड़ गया और मेरा वीर्य बहुत सारा उसके हाथ में आ गया.. फिर मैंने उसका हाथ अपनी अंडरवियर से साफ किया और उसके हाथ को तकिए पर रख दिया..

अगले दिन सुबह वो उठी और उसने मुझे उठाया और मुझसे कहा कि भैया उठो, आज अब्बू स्कूल नहीं जा रहे है, तुम मुझे कॉलेज छोड़ दो और में उठ गया, लेकिन मैंने देखा कि आज मेरी बहन का व्यहवार मेरे लिए बहुत अलग था, वो आज बहुत हंस रही थी और उसकी इस हंसी में बहुत मस्ती थी.. फिर में तैयार हो गया और उसको अपनी बाईक पर बैठाकर कॉलेज छोड़ने निकला और कुछ देर बाद मैंने देखा कि आज तक मेरी बहन ने मुझे कंधे पर नहीं पकड़ा था, लेकिन आज उसने मेरे कंधे पर हाथ रखकर वो मेरे कंधे को दबा रही है, जैसे कोई किसी चीज़ को मस्ती में मसलता है वैसे ही वो मेरे कंधे को मसल रही थी.. अब में समझ गया कि वो रात वाली बात उसको पता चल चुकी है और वो उससे बहुत खुश है.. दोस्तों अब मेरी खुशी का तो कोई ठिकाना ही नहीं था.. मैंने सोचा कि आज मुझे इसके कुछ आगे बढ़ना होगा.. फिर दोपहर को वो अपने कॉलेज से आई और उस समय में भी घर में ही था और वो मुझसे छेड़छाड़ करने लगी और में भी उससे मस्ती करने लगा और मैंने मस्ती मस्ती में उसकी गांड पर मारा तो मैंने महसूस किया कि उसकी गांड बहुत ही नरम नरम थी, लेकिन वो मुझसे कुछ नहीं बोली और इतने में अम्मी आ गई और हमने अपनी मस्ती को वहीं पर बंद कर दिया..

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फिर कुछ घंटो बाद रात हो गई और मेरे अंदर का शैतान फिर से जाग उठा और रोज़ की तरह में अपनी अंडरवियर को नीचे करके लाईट जाने का इंतज़ार कर रहा था और इतने में लाईट चली गई, लेकिन आज मेरी बहन मेरी तरफ अपनी गांड करके सोई हुई थी.. फिर मैंने अपना हाथ उसकी गांड पर फेरने लगा, लेकिन उसकी तरफ से कोई हरकत नहीं हुई तो मुझमें और हिम्मत आ गई.. मैंने हम दोनों के बीच का तकिया निकाल दिया और अब में उससे चिपककर सो गया और में अपना लंड उसकी गांड पर दबाकर सो गया.. दोस्तों में आपको शब्दों में नहीं बता सकता कि वो कैसा एहसास था और उसके बालों की वो भीनी भीनी खुशबु मुझे पागल किए जा रही थी और में सोचकर बहुत हैरान था कि उसकी तरफ से कोई भी हरकत नहीं हुई और वो मुझे ऐसा जता रही थी कि वो गहरी नींद में है और मज़े भी ले रही थी..

फिर में ऐसे ही बहुत देर तक लेटा रहा और जब मुझे लगा कि में अब झड़ने वाला हूँ तो मैंने अपनी अंडरवियर पहन ली और फिर से अपनी बहन की गांड को उसकी सलवार के ऊपर से ही अपना लंड लगाकर लेटा रहा और थोड़ी देर में मेरा पूरा का पूरा वीर्य मेरी बहन की गांड पर निकल गया, वाह दोस्तों वो क्या एहसास था कि में उसे पूरी ज़िंदगी भूल नहीं सकता.. में अपनी जगह पर ही सो गया और फिर थोड़ी देर बाद मैंने रुकसाना की गांड पर हाथ लगाकर देखा तो उसकी गांड मेरे वीर्य से भीग चुकी थी और फिर में ना जाने कब सो गया.. फिर रात को में पानी पीने के लिए फिर से उठा तो मैंने देखा कि मेरी बहन चादर के अंदर से अपनी चूत में उंगली डालकर मज़े ले रही थी और अब मैंने बहुत सोचा कि में क्या करूं? फिर मैंने सोचा कि आज के लिए इतना बहुत है और में सो गया.. अगले दिन मेरी हिम्मत आसमान पर थी और पूरा दिन में सोचता रहा कि मेरी छोटी बहन मेरे सामने अपनी चूत में उंगली कर रही थी और मैंने कुछ नहीं किया? फिर में मेडिकल शॉप पर कंडोम लेने के लिए चला गया और आज से पहले मैंने कभी भी कंडोम काम में नहीं लिया था, मुझे बहुत डर लग रहा था..

फिर मेडिकल शॉप की सभी ग्राहक जाने के बाद मैंने अपने मोबाईल में कंडोम लिखकर दुकानदार को दिखाया और उसने मुझे कंडोम दे दिया.. फिर में घर गया और रात होने का इंतजार करने लगा.. फिर रात हो गई और आज तो शाम 8 बजे ही लाईट चली गई और घर के सब लोग खाना खाने के बाद सो गए और में भी थोड़ी देर मोबाईल पर कुछ देखता रहा और फिर सोने के लिए चला गया.. रात को मेरी बहन सोने का नाटक करके जाग रही थी, उसने अपना दुपट्टा उतारकर अपने मुहं पर डाल रखा था और उसका कुर्ता उसके पेट के ऊपर था, जिसकी वजह से मुझे उसकी नाभि दिख रही थी.. अब में समझ गया था कि मेरी छोटी डार्लिंग आज बिल्कुल तैयार होकर सोई हुई है.. मैंने बाथरूम में जाकर अपनी अंडरवियर को उतार दिया और में सिर्फ़ केफ्री पहनकर आ गया और लेट गया और अब में नींद लगने का नाटक करने लगा और थोड़ी देर बाद मैंने अपने हाथ को अपनी छोटी बहन के नंगे पेट पर रख दिया, वाह दोस्तों क्या समा था.. मैंने महसूस किया कि उसका पेट बिल्कुल ठंडा था और जैसे ही मैंने अपना हाथ उसके पेट पर रखा तो वो काँपने लगी, लेकिन फिर भी मैंने अपना हाथ ऐसे ही रखा..

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फिर उसने कुछ नहीं किया और मेरी हिम्मत और भी बढ़ी.. अब में हल्के हल्के अपना हाथ नीचे सरकाने लगा और अब मेरा हाथ उसकी चूत के बिल्कुल करीब था.. दोस्तों उसने भी आज अपनी पेंटी नहीं पहनी थी, क्योंकि मुझे उसकी सलवार के ऊपर से उसकी चूत के वो नरम नरम बाल महसूस हो रहे थे.. फिर मैंने अपना हाथ और थोड़ा नीचे किया और में उसकी चूत के छेद के एकदम पास था और उसने आज सलवार बहुत पतली पहनी हुई थी, क्योंकि मुझे उसकी पूरी की पूरी चूत महसूस हो रही थी.. मैंने गौर किया कि मेरे हाथ रखने से मेरी बहन की चूत थोड़ी सी गीली हो गई है और फिर में ऐसे ही धीरे से सहलाने लगा.. मुझे 100% भरोसा था कि वो भी मेरे साथ साथ पूरे मज़े ले रही है.. फिर मैंने अपना हाथ ऊपर करके उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और उसकी सलवार को थोड़ा नीचे कर दिया, वाह दोस्तों उसकी क्या मस्त गोरी गोरी टांगे वो गोरी गोरी चूत.. मुझसे अब बिल्कुल बर्दाश्त ही नहीं हो रहा था.. फिर मैंने अपना एक हाथ उसकी नंगी चूत पर रख दिया.. दोस्तों में आज पहली बार किसी लड़की की चूत को छू रहा था और वो भी मेरी बहन की नंगी, गरम, प्यासी चूत को..

फिर मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाली और मैंने महसूस किया कि उसकी बहुत टाईट चूत थी और उसकी चूत थोड़ी गीली भी थी.. फिर मैंने थोड़ा ज़ोर लगाकर अपनी उंगली को उसकी चूत में डाल दिया, जिसकी वजह से उसको शायद थोड़ा दर्द हुआ और वो सिसक गई.. फिर मैंने अपना हाथ बाहर निकाल लिया और फिर थोड़ी देर के बाद मैंने अपना हाथ उसकी चूत पर रख दिया और उसकी चूत को मसलने लगा और वो बहुत मज़े ले रही थी और थोड़ी ही देर बाद उसका पानी निकल गया और वो मेरी तरफ अपनी गांड करके सो गई और अभी भी उसकी सलवार उसके पैरों तक ही थी और में रुकसाना की नंगी गांड पर हाथ फेरने लगा, उसकी नरम गांड मस्त थी? फिर मुझे याद आया कि मैंने कंडोम लिया है..