हिंदी सेक्स स्टोरी

कजिन बहन नेहा की नींद में चुदाई-2

Cousin Bahan neha ki neend me chudai-2

नेहा की ब्रा स्लीवलेस थी तो ब्रा की पट्टी कंधो पर नहीं थी वो सिर्फ नेहा के बोबों पर ही टिकी हुई थी…

मैंने ब्रा को थोड़ा सा नीचे की तरफ खींचा तो नेहा की ब्रा नीचे आ गई….

उफ्फ्फ्फ़…… नेहा के बोबे…..

नेहा के नंगे बोबे मेरी आँखों के सामने थे…. मैं तो ख़ुशी से पागल हो गया था… थोड़ी देर तक तो मै नेहा के बोबे निहारता रहा…

बड़े बड़े गोर गोर बोबे थे नेहा के…. जितना मैंने सोचा था उससे भी ज्यादा बड़े और गोर थे और एकदम टाइट थे….
निप्पल एकदम लाइट ब्राउन कलर के थे.. रूम की लाइट मै नेहा के बोबे और भी ज्यादा चमक रहे थे…

मैंने धीरे से नेहा के निप्पल को छुआ… फिर दूसरे निप्पल को छुआ… मेरी बॉडी मै तो मानो करंट दौड़ गया हो…

मैंने नेहा के एक बोबे पर मेरा हाथ फैला के रख दिया और धीरे धीरे सहलाने लगा…
थोड़ी देर बाद दूसरा बोबा भी सहलाया… और धीरे धीरे दबाया भी….

नेहा को कोई फर्क नहीं पड रहा था, घोड़े बेच कर सो रही थी वो तो…

मेरी हिम्मत और भी बढ़ गई और मैंने थोड़ा जोर से बोबे दबाना स्टार्ट कर दिया… और उसके पास जाकर बोबों पर किस्स भी किया  और निप्पल को भी बहुत मजे से चूसा…

ऐसा लग रहा था की मै नेहा के बोबों से सारा दूध निकाल के पी लूं…

फिर मैंने नेहा की ब्रा वापस ठीक की और टोपर के बटन भी लगा दिए…

फिर मै फिर से वाशरूम जाके आया और फिर से लेट गया…

नेहा के बोबों से खेलने का और उनको चूसने का मेरा एक सपना तो पूरा हो गया…

अब मुझे कुछ और भी चाहिए था जिससे मन मै जल रही आग को शांत किया जा सकता है…

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नेहा ने एक पतली सी चद्दर कमर तक ओढ़ रखी थी….

मैंने मेरा एक हाथ उस चद्दर मैं डाला और नेहा की चुत के पास ले गया…

जैसे जैसे हाथ आगे बढ़ाया वैसे वैसे नेहा की चुत की गर्मी का एहसास हो रहा था… और फिर फाइनली मेरा हाथ नेहा की जांघो के बीच तक पहुंच गया…. लेकिन नेहा की चुत फील नहीं हो रही थी, क्यों कि पेटीकोट नेहा कि जांघो के बीच मै काफी सिमट गया था तो वो कपडा काफी मोटा होने के कारण चुत फील नहीं हुई…

फिर मैंने धीरे धीरे खींच खींच कर नेहा कि जांघो के बीच से पेटीकोट को छुड़ाया… वापस चुत कि तरफ हाथ बढ़ाया… अब नेहा कि चुत और मेरे हाथ के बीच एक पतला सा पेटीकोट और एक पतली सी चड्डी थी…

मैंने पेटीकोट के ऊपर से ही नेहा कि चुत पर हाथ रखा और धीरे धीरे सहलाने लगा.. मुझे थोड़ा थोड़ा चुत का शेप महसूस हो रहा था….

नेहा के दोनों पैर मिले हुए थे, मतलब एक के ऊपर एक पैर था इसलिए उसकी चुत एकदम सिकुड़ी हुई थी और एक दम मुलायम लग रही थी….

अब मैंने वापस अपना हाथ पीछे कर लिया और उसका पेटीकोट खींच लिया तो वो उसकी चुत से दूर हो गया…

फिर मैंने नेहा के चद्दर को आगे से इतना ऊपर कर दिया जितने मै मैं आगे आगे से उसे देख सकूँ..

फिर मैंने नेहा का पेटीकोट पकड़ा और धीरे धीरे उसे ऊपर करने लगा… धीरे धीरे नेहा कि टाँगे दिखी फिर नेहा कि जाँघे दिखी… मैंने उसकी जांघो पर हाथ घुमाना स्टार्ट किया….

एक दम मुलायम गोरी गोरी रेशमी जाँघे है नेहा कि…
धीरे धीरे मैंने पेटीकोट को और ऊपर किया तो नेहा कि पैंटी दिखने लगी….

फिर मैंने नेहा कि पैंटी के ऊपर से ही उसकी गांड को सहलाना स्टार्ट किया…  नेहा कि गांड भी बहुत बड़ी बड़ी है, जैसा कि मैं आपको पहले बता चुका हूँ….

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नेहा कि गांड सहलाते सहलाते मैं हाथ को आगे लाया और नेहा कि जांघो के बीच ले गया… नेहा कि चुत एक दम भट्टी कि तरह गरम हो रही थी..

मैं पैंटी के ऊपर से ही नेहा कि चुत को सहलाने लगा…. थोड़ी देर उसकी चुत से खेलने के बाद मैंने नेहा कि चड्डी को उसकी चुत के आगे से थोड़ा हटाया और एक दम मेरी नज़र उसकी चुत पर पड़ी…

उसकी चुत देखते ही मेरी धड़कने बढ़ गई…  मैंने अपना हाथ पीछे कर लिया क्यों कि मेरा हाथ कांपने लगा था..

1-2 मिनट बाद जब मैं नार्मल हुआ तो मैंने वापस नेहा कि चुत से चड्डी हटाई और चुत को देखने लगा…

उफ्फ्फ्फ़ क्या चुत है मेरी बहन कि… कोई भी देख ले तो लण्ड डाले बिना उसे चैन ना आए, मेरा भी कुछ ऐसा ही हाल था…

मैंने मेरी चारों उंगलिया अब नेहा कि चड्डी मै डाल दी थी और उसकी चुत को सहला रहा था…

नेहा कि चुत एक दम अमेरिकन लड़की जैसी है, एकदम गुलाबी गुलाबी.. एक दम बारीक बारीक झांटे है और एक दम मुलायम और चिकनी….

चुत के होंठ भी फूले हुए है… एकदम कमसिन कलि जैसे….

मैंने काफी देर तक उसकी चुत को सहलाया…  और फिर धीरे से उसकी चुत मै एक ऊँगली डाली..  जैसे ही ऊँगली डाली तो नेहा थोड़ी सी हिली.. मै पीछे हो गया..

नींद मै ही नेहा ने पेटीकोट को थोड़ा नीचे करके ठीक किया और करवट बदल के सो गई… मै भी सोने का बहाना करके आँख बंद कर के लेट गया… फिर वापस आँख खोल के देखा तो नेहा मेरी तरफ अपनी गांड करके सोई थी…

मैंने भी नेहा कि तरफ करवट ले ली… मैंने फिर से थोड़ा ऊपर उठ के सब लोगों को देखा, सब गहरी नींद मै ही थे… नेहा को हिलाया तो वो भी नींद मै ही थी…

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अब मैंने मेरी कैपरी थोड़ी नीचे कर ली और चड्डी समेत नेहा से चिपक गया.. नेहा का कोई एक्शन नहीं था… फिर मैंने धीरे धीरे नेहा का पेटीकोट फिर से ऊपर उठाया और कमर तक ऊपर कर दिया…

नेहा फिर से चड्डी मै थी मेरे सामने और उसकी बड़ी बड़ी गांड मेरे सामने थी….

मैंने फिर से उसकी गांड पे मेरा लण्ड रख दिया… उसकी गांड और मेरे लण्ड के बीच दोनों कि चड्डियाँ थी…

मै धीरे धीरे उसकी गांड को रगड़ने लगा… लेकिन वो ज़रा भी नहीं हिली….

इस से मेरी हिम्मत बढ़ती जा रही थी…

मैंने मेरे लण्ड को चड्डी से बाहर निकाल दिया और नेहा कि चड्डी पर टिका दिया… और फिर से नेहा कि गांड पर रगड़ने लगा…

फिर सोचा अब आगे कुछ ना करू और सो जाऊ.. लेकिन बाद मै ये ख्याल भी आया कि नेहा रोज़ रोज़ नहीं मिलेगी, आज जो भी कर सकता है, कर ले…

मैंने कमर से नेहा कि चड्डी को पकड़ा और धीरे धीरे नीचे खींच लिया नेहा कि एक गांड चड्डी से बाहर आ गई थी…

अब चड्डी भी लूज़ हो गई थी, क्यूकि एक तरफ से खुल गई थी, तो अब पूरी खोलना आसान था…

मैंने दूसरी तरफ से भी चड्डी खींची तो वो आसानी से खुल गई.. फिर मैंने नेहा कि चड्डी को घुटनों तक खिसका दी…

कहानी जारी है..