Bhabhi Sex

देसी भाभी की देसी चुदाई

Desi bhabhi ki desi chudai

ये कहानी आगरा के रहने वाले शाम की है। जिन्होंने अपनी कहानी के जरिये बताया की देसी भाभी की देसी चुदाई कैसे की जाती है। शाम ने बताया ये सब तब हुआ जब वो लॉकडाउन की वजह से दिल्ली में फसे थे। उनके बड़े भाई ने लॉकडाउन में ही शादी कर ली और घर में नई बहू का प्रवेश हुआ। जब सरकार की तरफ से ट्रैन चली तो वो वापस घर लौट सका जहा वो अपनी देसी भाभी से मिला।

शाम की ये कामुक कहानी आपको काफी आनंद देगी अगर आपको भाभी की चुदाई की कहानियां पढ़ना पसंद है।

मैं मजदूरी करने वाला एक आम आदमी हूँ। मैं अपने परिवार का पेट भरे दूसरे शहर में काम करने जाता हूँ। उस दौरान मैं दिल्ली में था और वह जो भी कमाता घर भेज देता। अचानक जब सरकार ने लॉकडाउन कर दिया तो मैं दिल्ली में फास गया। मेरे पास काफी काम पैसे थे और मैं वापस घर जाना चाहता था।

लॉकडाउन से पहले मेरे भाई का रिश्ता पका हो चूका था। मेने अपने भाई से वादा किया था की मैं सीधा शादी के दिन घर वापसी करुगा। पर ऐसा कुछ नही हुआ।

जब सरकार की तरफ से ट्रैन और बसे चली तो मैं घर वापस जा सका।

घर जाते ही सबने मेरी खातिर अच्छे से की और मुझे नई भाभी से मिलवाने लगे।

भाभी लाल साड़ी मैं काफी खूबसूरत लग रही थी। उसके शरीर में सही जगह चर्बी थी जो उन्हें और कामुक बना रही थी। भाभी मेरे पास शरमाते हुए आई मेरे सामने चाय रख दी।

उनकी गहरी काली आँखे और नरम सुडौल शरीर देख मैं कामुक हो गया। भाभी की साड़ी से झाकती पतली कमर और मटकते कूल्हे मेरी कामवासना को बढ़ावा देने लगे।

भाभी वापस रसोई में गई और मुझे खिड़की से देखने गली। मैं टीवी देखने लगा और मेरा बड़ा भाई अपनी किराने की दुकान के लिए निकल गया। मेरे पिता दो साल पहले चल बसे थे और माँ को काम सुनाई देता था।

माँ दोपहर में सोती थी तो मेने उसका फयदा उठाया और भाभी को अपने पास बुलाया।

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मेने कहा – भाभी क्या आपने आज की खबर देखी?

भाभी – नही क्यों क्या हुआ देवर जी ?

मेने कहा – ऊपर माता सो रही है उनकी नंद खराब हो जाये गई आप यहाँ आ जाओ।

भाभी मेरे पास आकर मेरे साथ बैठ गई और हम टीवी देखने लगे। भाभी और मेरे पास कुछ बात करने को नही था तो हम बस टीवी पर नज़र जमा कर सोफे पर पेठे रहे।

साथ में बैठा मैं भाभी के ब्लाउज में झाकने लगा। भाभी थी तो पतली लेकिन उनकी चूचिया काफी सही आकर की थी। मैं भाभी से होंडा दूर बैठा और थोड़ी थोड़ी देर बाद भाभी की मुलायम कमर और चेहरा देखने लगा।

भाभी सांवले रंग की थी और उनकी कमर और स्तन का रंग गोरा था। चुदाई के जोर दार धको के दौरान भाभी के स्तन और शरीर कैसे हिलता मैं उसकी कल्पना करने लगा।

मेने अपनी जांघों पर तकिया रखा और अपनी पैंट में हाथ डाल कर अपना लिंग धीरे से सहलाने लगा।

तभी टीवी का रिमोट निचे गिरा और भाभी उसे उठाने लगी और मेरा हाथ मेरी पैंट मैं देख लिया।

भाभी मेरे तरफ मुस्कुरा कर देखने लगी और मैं शर्म से लाल हो गया। जैसे ही मैं वह से उठ कर जाने लगा भाभी ने मुझे रोक लिया और पूछा देवर जी कहा जा रहे हो ? मेरे साथ बैठो कुछ बाते करते है।

भाभी ने मेरा हाथ पकड़ कर खींच लिया और वही बिठा दिया। और हम दोबारा टीवी देखने लगे।

तभी मेने देखा भाभी ने अपनी जांघों पर तकिया रख लिया और सीधा हाथ उसके निचे और मुझे कामुक नजरो से देखने लगी।

मैं समझ गया भाभी अपनी साड़ी में हाथ डाल कर गन्दा काम कर रही है।

तभी मेने भी अपने ऊपर तकिया रखा और पैंट से पूरा लंड ही बाहर निकाल लिया। पर मैं उसको सेहला नही रहा था उल्टा मैं भाभी को तकिये के निचे से अपना बलवान लिंग देखने लगा।

भाभी मेरे लिंग को ऊपरी गुलाबी गुम्बज़ को देखने लगी और मुस्कुराने लगी। 

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तभी मैं वह से उठा और टीवी की आवाज़ तेज कर भाभी के सामने अपना लंड निकल कर खड़ा हो गया।

मैं भाभी के सामने लिंग प्रदर्शन करने लगा और भाभी की आँखों में देखता हुआ उसको हिलने लगा।

भाभी उठी और मेरे लिंग को हाथ में लेकर मुझे होठो पर चूमने लगी। मेने एक हाथ भाभी के थुलथुले कूल्हों पर रखा और दूसरा उनके ब्लाउज के अंदर घुसा दिया।

मैं भाभी को दोनों हाथ से सेहला रहा था। उनकी चूचियां काफी सुंदर थी और गांड काफी नरम।

भाभी भी मेरा लंड हिलाने लगी मेरे लिंग के गुम्बज़ से पानी टपकने लगा।

मेने भाभी की साड़ी उतारी और उनका पेटीकोट ऊपर कर के उनकी पैंटी उतार दी।

भाभी की चुत काली थी और काफी गीली थी। जब मेने अपना सूखा लंड आगे बढ़ाया तो वो फिसलता हुआ भाभी की चुत के गहराई में खो गया। मैं भाभी की फूल से गांड घोड़ी बना कर चोदने लगा और उनकी चुत के रस में अपना लिंग तरबतर करने लगा।

ऐसा लग रहा था मानो समय वही रुक गया और हम दोनों चुदाई की गहराइयों में खोने लगे।

मैं कभी भाभी की चुत पर थूकता और उसे चोदता तो कभी मैं उसे अपने जीभ से चाटता।

भाभी जी की गहरी सासे मुझे और जोरदार चोदने को बजबूर करती रही और मैं उन्हें जोरदार धके देता रहा।

मेने पीछे से भाभी के स्तन पकडे और उनकी चूचिया मसलने लगा।

भाभी(हफ्ते हुए) – अहह हे भगवान !! अहह थोड़ा प्यार से करो देवर जी इतना आक्रामक क्यों होते जा रहे हो ? मेरी स्तनों को इस कदर ना निचोड़ो।

मेने कहा(हफ्ते हुए) – भाभी अहह !! इस चीज़ का तो मजा है थोड़ा तो दर्द सहना पड़ेगा !!

भाभी(दर्द भरी आवाज़ में) – इसे अच्छा आप अपना सारा मॉल मेरे मुँह में छोड़ दो।

मैं इतनी देर अपने कूल्हे हिलाते हुए थक गया और सोफे पर बैठ गया।

भाभी मेरे पास आयी और मेरा लंड अपने स्तनों के बीच रख कर अपने स्तन ऊपर निचे उछालने लगी।

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भाभी ने अपने स्तनों के बीच थूका और मेरा लंड स्तनों में डाल और हिलाने लगी। मेरा लिंग उनके नरम और बड़े स्तनों में कही खो गया।

मैं उनका वो चेहरा देखता रहा और वो मेरा। भाभी के उछलते स्तन मेरे लंड को अलग मजा दे रहे थे

मेने भाभी की चूचियां पकड़ी और अपने हाथो से ऊपर निचे उछालने लगा और भाभी मेरी जांघों को सहलाने लगी।

इतनी कामुक औरत मेरे सामने देख मेरी कामुकता ने अपनी चरम सिमा पार कर दी और मैं अपने लिंग से मॉल छोड़ने लगा।

मेरा सालरा पानी मेरी देसी भाभी के स्तनों के बीच लिपट गया। भाभी के स्तन पुरे चिपचिपे हो गए।

इतना आनंद मुझे आज तक कोई नही दे पाया। मेने भाभी की गर्दन पकड़ी और उन्हें अपने चेहरे के पास खींच उन्हें चूमने लगा।

भाभी ने मुझे धका दिया और मुस्कुराते हुए कहा ” बस करो मुझे और भी काम है। इतने सारे बर्तन बचे है तुम पता नही कौन सी न्यूज़ देखा रहे थे !! “

अब मेरी जिंदगी बदल गई है। भाभी से मिलने के बाद मैं काफी खुश रहने लगा हूँ। अब ऐसा महसूस होता है की मुझे शादी करने की भी कोई जरुरत नही है। भाभी मुझे पूर्ण यौन संतुष्टि देती है।

मेरे बड़े भाई का मोटापा मेरी देसी भाभी को यौन संतुष्टि नही दे पता। जब घर पर कोई नही होता तो भाभी और मैं एक दूसरे को खुश रखने की पूरी कोशिश करते है।

ये थी मेरी desi bhabhi ki desi chudai कहानी आप कमेंट करके हमें जरूर बताये की आपको मेरी देसी भाभी किसी लगी।

हलाकि लॉकडाउन की वजह से अभी घर पर ये सब कर पाना काफी मुश्किल है पर इंतज़ार का फल मीठा होता है।