नीतू भाभी को कंडोम लगाकर चोदा-2
देसी वर्जिन भाभी चुदाई कहानी में तभी वो बोली कि नहीं तुम यह सब बहुत गलत कह रहे हो, तुमने मेरे बारे में ऐसा कैसे सोच लिया, क्या में तुम्हें ऐसी वैसी दिखती हूँ? तुम बहुत गलत इंसान हो. मैंने तुम्हारे बारे में ऐसा कभी नहीं सोचा था.
फिर मैंने कहा कि इसमें मेरी कोई गलती नहीं है, यह सब आपका कसूर है, क्योंकि आप बहुत सुंदर हो और में क्या आपको देखकर कोई भी अपने मन से आपको बस यही बात कहना चाहता है.
में : में आपको अपनी गर्लफ्रेंड बनाना चाहता हूँ?
भाभी : क्या मतलब?
भाभी : ऐसा कभी नहीं हो सकता, यह एकदम नामुमकिन है, क्योंकि वो वर्जिन होना चाहिए.
में : लेकिन आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो और आप मेरी पहली गर्लफ्रेंड हो.
भाभी : इसका मतलब तो यह है कि तुम अब तक वर्जिन हो.
में : नहीं में वर्जिन नहीं हूँ. मैंने आपसे ऐसा कब कहा?
भाभी : अच्छा जी फिर तुमने उसके साथ सब कुछ कहाँ किया?
में : क्या सब कुछ? ( दोस्तों में जानबूझ कर उनकी बातों से बिल्कुल अंजान बन रहा था )
भाभी : अच्छा जी लगता है कि तुम अभी भी छोटे बच्चे हो, तुमने बस सुना कि वो वर्जिन होना चाहिए तो तुमने तुरंत मुझसे बोल दिया कि हाँ तुम वर्जिन हो.
में : नहीं मैंने ऐसा नहीं कहा, लेकिन अगर मुझे एक बार मौका मिले तो देसी वर्जिन भाभी चुदाई कहानी में वो सब कुछ करके बता दूँ कि मर्द वर्जिन कब तक रहते है और में क्या क्या कर सकता हूँ?
भाभी : अच्छा जी तो ऐसी बात है, लेकिन अब तुम अपनी हद में ही रहो, मुझे ऐसा मजाक बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं होता और तुमने दोबारा ऐसा किया तो में तुम्हारी शिकायत कर दूंगी.
में : ठीक है, लेकिन में बहुत मजबूर हूँ और आप ही मुझे बताए में क्या करूं और मैंने जो कुछ भी कहा, आपने वो सब बिल्कुल सही सुना, में कोई मजाक नहीं करता.
भाभी : तुम मुझे ऐसे क्या घूर घूरकर देख रहे हो?
में : जी कुछ नहीं.
भाभी : क्यों तुमने आज तक कोई गर्लफ्रेंड नहीं बनाई?
में : जी मुझे अब तक आप जैसी कोई मिली ही नहीं.
भाभी : अच्छा अब तुम्हारी दोबारा से शरारत शुरू हो रही है. मैंने अभी तुम्हें मना किया था ना.
में : हाँ जी मुझे वो सब पता, लेकिन मुझे एक बार मौका मिले तो में आपके कहने पर कुछ और भी शुरू कर दूँ.
भाभी : तुम बड़े अजीब किस्म के नकटे इंसान हो, इतना कहने पर भी नहीं मानते, हाँ बताओ वो क्या?
में : जी कुछ नहीं, आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो.
दोस्तों मुझे उनके चेहरे से उनका गुस्सा अब जाता हुआ नजर आ रहा था और वो हल्का सा मुस्कुराते हुए मुझसे बात कर रही थी, इसलिए में भी लगातार उनके पीछे लगा रहा और उनका मुझसे बात करने का तरीका अब बिल्कुल बदल सा गया, वैसे वो मुझे बहुत बातें कहकर डांट भी रही थी, लेकिन मुझ पर उनका असर बहुत कम हुआ.
भाभी : तुम पागल हो चुके हो, तुम्हें पता होना चाहिए कि में पहले से शादीशुदा हूँ और एक बच्चे की माँ भी.
में : वो सब कुछ मुझे पहले से पता था, लेकिन मुझे उस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता. में बस आपको बहुत प्यार करता हूँ और हमेशा ऐसे करता रहूँगा, मुझे बस इतना सा याद है.
भाभी : क्या मतलब है तुम्हारा?
में : जो अपने अभी कुछ देर पहले मेरे मुहं से सुना कि में आपको कितना प्यार करता हूँ और हमेशा खुश रखूंगा.
भाभी : बेटा यह सब क्या है?
में : भाभी कुछ नहीं मेरे मन की सच्ची बात जो में बहुत समय से आपको बताना चाहता था.
भाभी : अरे क्या तुम पूरी तरह से ठीक तो हो ना?
में : हाँ हाँ भाभी में ठीक हूँ, पहले में बाथरूम में होकर आता हूँ.
भाभी : हाँ जाओ हो आओ.
दोस्तों मैंने बाथरूम के अंदर जाते ही अपने लंड को पेंट से बाहर निकला और अपने हाथ में लेकर धीरे धीरे हिलाने लगा. तभी मैंने देखा कि मेरे ठीक सामने भाभी की एक ब्रा लटकी हुई थी तो मैंने तुरंत उसको अपने हाथ में ले लिया और अब में उसको सूंघते हुए अपना सारा माल भाभी की उस लाल कलर की ब्रा में निकालने लगा और में अभी भी अपने काम में पूरा मदहोश ही था कि तभी अचानक से भाभी भी बाथरूम के अंदर आ गई.
दोस्तों में अंदर आते समय जल्दबाजी में बाथरूम का दरवाजा ठीक तरह से बंद करना भूल गया और उसके बाद में उनकी ब्रा, पेंटी को देखकर दूसरी दुनिया में चला गया, क्योंकि भाभी ने मुझे बाहर देसी वर्जिन भाभी चुदाई कहानी से आवाज देकर पूछा भी था, क्योंकि में अंदर बहुत देर से था तो उनको मेरी चिंता हुई और वो मुझसे बोली क्यों कहो क्या हो रहा है? दोस्तों मेरी तो उनको अचानक से अपने सामने देखकर और उनके मुहं से यह बात सुनकर गांड फट गई कि आज तो में काम से गया.
भाभी : तुम यह सब कुछ मेरी ब्रा के साथ क्या कर रहे हो?
में : भाभी प्लीज मुझे माफ़ कर दो.
भाभी : क्या माफ़ करने के लिए कहते हो, तुम्हारी यह गलती माफ़ करने के बिल्कुल भी लायक नहीं है.
दोस्तों वो उस समय बहुत गुस्से में थी और वो मुझसे यह बात कहकर तुरंत बाहर हॉल में आ गई और में अंदर बैठकर बचने का उपाय सोच रहा था कि अब में क्या करूं? में जल्दी से अपनी पेंट और अंडरवियर को ठीक करके बाहर आ गया. उस समय में बहुत डरा हुआ था और मेरे चेहरे से पसीना टपक रहा था.
भाभी : क्या यह सब तुम्हें करना अच्छा लगता है? तुम बहुत गंदे हो.
बाकि कहानी अगले भाग में-