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दीदी कंडोम पहना रही थी अपने यार के लंड को-1

Didi Condom Pahna Rahi Thi Apne Yar Ke Lund Ko-1

नई हिंदी सेक्सी कहानी दोस्तों में एक मध्यमवर्गीय परिवार से हूँ और में अपनी 12th क्लास की पढ़ाई खत्म करने के बाद में अपनी आगे की पढ़ाई करने के लिए अपनी बुआ के घर पर चला गया. में उनसे बहुत समय के बाद मिल रहा था, जहाँ पर मेरी दीदी और बुआ रहती थी और साथ में उनका पूरा परिवार था. दोस्तों मेरी दीदी का नाम प्रियंका था और उनका फिगर 35-30-38 था और वो हर दिन जिम जाती थी, जिसकी वजह से उनका पूरा बदन दिखने में बहुत अच्छा था और जैसा उनका बदन वैसा ही उनका चेहरा भी था. Didi Condom Pahna Rahi Thi Apne Yar Ke Lund Ko.

अपने चेहरे से वो बहुत सुंदर और आकर्षक है. फिर मैंने जब पहली बार उनको देखा तो देखता रह गया, क्योंकि में उनसे बहुत दिनों के बाद मिला था, जब में पिछली बार उनसे मिला था तो वो इतनी हॉट सेक्सी नहीं थी, लेकिन अब तो वो कुछ ज्यादा ही हॉट लग रही थी, इससे पहले मैंने उन्हें बचपन में देखा था, लेकिन अब वो 24 साल की थी और मुझे देखते ही उन्होंने मुझे हग किया तो उनके बड़े आकार के बूब्स का उभार मुझे मेरी छाती पर महससू हुआ, लेकिन मैंने उसको अपनी बहन समझकर उनके मुझसे छू जाने पर इतना ज्यादा ध्यान नहीं दिया. दोस्तों उनका शुरू से ही मुझसे बहुत अच्छा व्यहवार था और हम दोनों एक दूसरे के बहुत करीब थे, हंसी मजाक करना हमारे बीच कभी भी चलता रहता था.

फिर कुछ दिनों तक में लगातार अपने कॉलेज जाता रहा, जहाँ पर मेरे बहुत सारे नये नये दोस्त बने और मैंने वहां पर देखा कि मेरे उन सभी दोस्तों की अपनी अपनी गर्लफ्रेंड है. फिर मैंने भी एक दिन सोचा कि मेरी भी कोई गर्लफ्रेंड होनी चाहिए और इसलिए में उस दिन से उन पर ज्यादा ध्यान देने लगा था और एक दिन मुझे पता चला कि वो देर रात तक फोन पर किसी से बात करती रहती थी और मैंने उनके मोबाईल से उनके कुछ मैसेज भी पढ़े, क्योंकि में रात को उनके साथ सोता था और तब मुझे पता चला कि उनका एक बॉयफ्रेंड है और उनके उस बॉयफ्रेंड का नाम अरविन्द था, जो कि उनके ऑफिस में जहाँ पर वो नौकरी किया करती थी तो वो उनका सीनियर था और वो दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते है.

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एक दिन उन्होंने मुझसे कहा कि मुझे तुम कल सुबह 7 बजे पास की कॉलोनी में छोड़ देना. फिर मैंने उनसे कहा कि हाँ ठीक है और फिर में सुबह करीब 5 बजे उठ गया, लेकिन में फिर भी पलंग पर लेटा रहा और तब मैंने देखा कि वो सुबह करीब 6 बजे उठकर नहाने बाथरूम में चली गई और जब वो नहाकर बाहर आई तो उन्होंने एक सफेद रंग का टावल अपने गोरे सेक्सी बदन पर लपेटा हुआ था और वो अब उस कांच के सामने जो बाहर दीवार पर लगा हुआ था. उसके सामने खड़ी होकर अपने हर एक गोरे चिकने अंग पर क्रीम लगाने लगी और करीब 6:30 बजे तक वो तैयार हो गई थी. तब उन्होंने मुझे उठाया और में मुहं धोकर उन्हें छोड़ने चला गया.

वो मेरे पीछे स्कूटी पर मुझसे एकदम चिपककर बैठी हुई थी, जिसकी वजह से मेरे बदन पर उनके बूब्स पीछे से मुझे छूकर गरम कर रहे थे. दोस्तों करीब तीन किलोमीटर चलने के बाद वो एक गली के बाहर उतर गई और उन्होंने मुझे 200 रूपये देकर मुझसे कहा कि तू कॉलेज चला जाना और कुछ खा पी लेना. में उनकी इस बात से बहुत खुश हुआ. अब वो उस गली में मटकती हुई ठुमकती हुई चली जा रही थी और में वहीं एक तरफ छुपकर उन्हें जाते हुए देख रहा था, क्योंकि में यह देखना चाहता था कि वो कहाँ जाती है? और अब कुछ देर बाद वो एक घर के सामने रुक गई, उन्होंने इधर उधर देखकर दरवाजा खटखटाया और कुछ ही देर बाद मैंने देखा कि वो दरवाजा खुला और उसके बाद वो अंदर चली गई और में उस घर को देखकर अपने घर पर चला गया.

फिर करीब एक घंटे के बाद में अपने कॉलेज के लिए निकल गया तो वो जगह जहाँ पर मैंने उनको छोड़ा था, मेरे रास्ते में थी, इसलिए मैंने अपनी स्कूटी को गली के बाहर लगा दिया और में घर के अंदर चला गया. वो एक सुनसान कॉलोनी में था और में उसके दरवाजे से अंदर गया और फिर पास की एक खिड़की से अंदर देखने लगा. मुझे अंदर से मेरी दीदी और अरविन्द की आवाज़ आ रही थी. दोस्तों अरविन्द की लम्बाई 5.7 है और दीदी की 5.9, मैंने देखा कि अरविन्द सोफे पर बैठकर टी.वी. देख रहा है और कुछ देर बाद वो उठकर दूसरे रूम में चला गया तो में भी उसके जाते ही पीछे की तरफ से उस तरफ चला गया और अब में कूलर के पास से उसको देखने लगा.

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अरविन्द उस समय बॉक्सर में लेटा हुआ था और उसका कलर काला था और मेरी दीदी का बहुत साफ रंग था. इतने में दीदी सामने आई और उन्होंने उस समय हरे रंग का एक गाउन पहन रखा था और अब वो उसके ठीक सामने आकर खड़ी हो गई तो अरविन्द दीदी को लगातार ऊपर से लेकर नीचे तक अपनी खा जाने वाली नजरों से घूर रहा था और फिर अरविन्द ने एक झटका देकर उनके गाउन का बेल्ट पकड़कर खोल दिया. तब मैंने देखा कि दीदी लाल कलर की ब्रा और वो उसी कलर की पेंटी में थी और अब अरविन्द बोला कि वाउ क्या बात है आज तो तुम पहले से भी बहुत अच्छी लग रही हो? तो दीदी ने उससे कहा कि मुझे तुम बस ऐसे ही देखोगे या तुम्हें अब कुछ और भी करना है?

अब अरविन्द खड़ा हुआ और वो मेरी दीदी को किस करने लगा. करीब पांच मिनट के बाद उसने दीदी का वो गाउन उतार दिया और उनको किस करते करते वो पेंटी के ऊपर से उनकी गांड को दबाने लगा और फिर उसने दीदी के बाल खोल दिए और में देखकर एकदम चकित रह गया. फिर उसने दीदी की ब्रा को भी खोल दिया, जिसकी वजह से मुझे उनके गोरे मोटे मोटे लटकते हुए बूब्स दिख गये और उनके ब्रा से आज़ाद होते ही अरविन्द एकदम उन पर टूट पड़ा.

मैंने देखा कि उनके निप्पल हल्के भूरे रंग के थे. फिर दीदी ने अरविन्द को बेड पर धक्का दे दिया और अब वो उसको किस करने लगी. फिर उन्होंने अरविन्द का अंडअरविन्दयर खोला तो उसका 6 इंच का लंबा, काला पतला लंड मुझे दिखने लगा और दीदी ने उसके लंड पर धीरे से थप्पड़ लगा दिए और वो तुरंत लंड को अपने मुहं में लेकर चूसने लगी. फिर थोड़ी देर बाद अरविन्द ने दीदी की पेंटी को उतार दिया. दोस्तों अब मुझे अपनी दीदी की एकदम साफ चूत दिखाई देने लगी थी, जो कि थोड़ी टाईट भी थी.

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उसने उसमें अपनी एक उंगली को डाल दिया तो दीदी के मुहं से आह्ह्ह्हह्ह आईईईइ की आवाज बाहर निकल गई. वो कुछ देर तक लगातार अपनी ऊँगली को अंदर बाहर करता रहा और कुछ देर के बाद दीदी ने जोश में आकर उसका सर पकड़कर अपनी चूत की तरफ़ किया, जिसकी वजह से वो अब मेरी दीदी की चूत को चाटने चूसने लगा था और दीदी ज़ोर ज़ोर से चिल्लाती हुई लगातार सिसकियाँ लेती रही. दोस्तों करीब दस मिनट के बाद दीदी मचलती हुई उससे कहने लगी कि प्लीज तो कुछ करो उफ्फ्फफ् में अब और ज्यादा नहीं सह सकती, स्स्सीईईई प्लीज थोड़ा सा जल्दी करो और मुझे शांत कर दो आह्ह्ह.

फिर उसने दीदी की बात सुनकर उठकर पास में रखा एक कंडोम उठा लिया, जो कि मेरी दीदी ने खुद उसके लंड पर पहनाया और वो फिर से उसके सामने अपने दोनों पैरों को पूरी तरह से फैलाकर उसके सामने लेट गई. फिर उसने अपने लंड को धीरे धीरे धक्का देकर उनकी चूत के अंदर पूरा डाल दिया और अब वो लगातार धक्के देकर मेरी दीदी को चोदने लगा था और दीदी भी उससे बड़े मजे से चुद रही थी, लेकिन करीब दस मिनट के बाद अरविन्द का वीर्य निकल गया और वो दीदी के पास में लेट गया. दीदी ने उसका कंडोम उतार दिया और अब वो एक बार फिर से लंड को अपने मुहं में लेकर चूसने लगी और उन्होंने चूस चूसकर लंड को अच्छी तरह से चमका दिया था.