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दीदी ने माँ को जीजाजी से चुदवाया-1

Didi ne maa ko jijaji se chudwaya-1

हेल्लो दोस्तों, यह कहानी मेरी माँ, बहन, जीजाजी और मेरी है. मेरी माँ की उम्र 40 साल है. दोस्तों मेरी माँ के बूब्स बहुत ही बड़े आकार के है, जिनमें अभी भी दूध आता था, लेकिन मुझे यह बात बाद में उस घटना के बाद पता चला और फिर उस समय यह हुआ कि मेरी बड़ी बहन शादीशुदा है, उसकी शादी को अभी तीन साल हुए थे और उसके पहला बच्चा पैदा हुआ था, इसलिए वो कुछ दिन हमारे घर पर बिताने के लिए आई हुई थी और मेरी बहन का शरीर भी मेरी माँ की तरह भरा हुआ है और उसके बूब्स भी बड़े बड़े है.

लेकिन मेरी बहन बहुत आलसी किस्म की है, इसलिए उसको अपने बच्चे को ठीक तरह से दूध पिलाना भी नहीं आता और ना ही उसने कभी उस बात पर इतना ध्यान दिया था, वो जब भी बच्चे को पकड़कर उसको अपना दूध पिलाती तो वो कुछ मिनट में ही उस बच्चे को मेरी माँ को वापस पकड़ा देती और वो बहाना बनाकर कहती कि घर में गर्मी बहुत है, जिसकी वजह से बच्चा हमेशा भूखा रह जाता था.

दोस्तों हमेशा घर में मेरी दीदी और माँ ढीले कपड़े पहना करती थी. माँ तो फिर भी ठीक थी, लेकिन मेरी दीदी तो बहुत ही ज्यादा लापरवाह किस्म की थी, जैसे उसने घर में सिर्फ़ ढीला सा कोई भी गाउन पहन लिया या ब्लाउज पेटीकोट और वो भी बिना ब्रा, पेंटी के जिनमें उसके बड़े आकार के लटके हुए बूब्स साफ साफ नजर आते और उसके बूब्स के निप्पल उन कपड़ो से हमेशा दिखते थे. दोस्तों अब में आप सभी सेक्सी कहानियों को पढ़कर उनके मज़े लेने वालों को अपनी उस सच्ची घटना की तरफ ले चलता हूँ, जिसके लिए में आज यहाँ पर आया हूँ और जिस घटना ने मेरा पूरा बिल्कुल जीवन बदलकर रख दिया.

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एक दिन रात को खाना खाने के बाद में अपने कमरे में चला गया, तब मेरी माँ और मेरी दीदी अपने कमरे में थी. अब में भी अपने कमरे में जाकर पूरा नंगा हो गया और अपने लंड को बाहर निकालकर हाथ में लेकर में उसको सहलाने लगा था और कुछ देर बाद में मुठ मारने लगा था. उस समय मेरा लंड पूरी तरह जोश में आकर खड़ा हो चुका था.

उसी समय मेरे मन में अपनी दीदी की चूत की याद आने लगी. फिर मैंने तुरंत लंड को छोड़कर लूँगी पहनी और फिर में अपने कमरे से बाहर निकल गया. तब मैंने देखा कि उस समय मेरी माँ के कमरे की लाईट जल रही थी और में उसके पास चला गया और तब मेरे कानों में माँ की वो आवाज़ मुझे कुछ बातें सुनाई देने लगी. तब माँ दीदी से कुछ कह रही थी, में खिड़की के बिल्कुल पास चला गया और मैंने अंदर झांककर देखा तो मेरी माँ दीदी से कह रही थी कि तू मुन्ना को अपना दूध ज्यादा पिलाया कर देख यह कितने बड़े हो गये है.

दीदी कहने लगी कि माँ देखो तुम्हारे भी तो बूब्स कितने बड़े है, आप भी इनका कुछ किया करो. अब माँ बोली कि चल पागल तू यह कैसी बातें करती है? और तभी दीदी बोली कि माँ तुम्हारे जवाई को मेरे बूब्स को दबाने में बहुत मज़ा आता है और वो बड़े मज़े से इनको दबाकर मुझे बड़ा खुश कर देते है, लेकिन यह सब किए हुए मुझे बहुत दिन हो गये है, इसलिए मेरा मन कुछ करने को करता है.

तभी मुन्ना नींद से उठकर ज़ोर ज़ोर से रोने लगा और उसी समय तुरंत ही दीदी ने ऐसे ही अपने ब्लाउज को उतार दिया, जिसकी वजह से उसके दोनों बूब्स नंगे हो गए, मुझे तो यह सब देखने में मज़ा ही आ गया और अब मुन्ने के मुँह में दीदी ने अपने बड़े आकार के निप्पल को डाल दिया और वो बिल्कुल शांत होकर दूध पीने लगा.

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अब माँ दीदी से पूछने लगी कि तूने यह ब्लाउज क्यों पूरा उतार दिया? तब दीदी बोली कि मुझे बहुत गर्मी लग रही है, इसलिए मैंने ऐसा किया. अब माँ उससे बोली कि तू बच्चे को दूध तो सही तरीके से पिला, तो दीदी बोली कि में तो हमेशा ऐसे ही इसको दूध पिलाती हूँ. फिर माँ ने दीदी का वो जवान सुनकर कहा कि ला में तुझे बताती कि कैसे बच्चे को दूध पिलाया जाता है और अब यह बात कहकर माँ ने अपना भी ब्लाउज उतार दिया और माँ भी ऊपर से पूरी नंगी हो गयी और वो मुन्ने को अपनी गोद में लेकर उसको वो अपने बूब्स का निप्पल मुहं में डालकर दूध पिलाने लगी थी और अब वो दीदी से कहने लगी कि देख ध्यान से ऐसे पिलाते है बच्चे को दूध, जिससे उसका पेट पूरा भरता है.

फिर दीदी कुछ देर बड़े ध्यान से चकित होकर देखकर बोली कि माँ मुन्ना तुम्हारे निप्पल को देखो कैसे लगातार चूस रहा है, क्या तुम्हारे बूब्स से अभी भी दूध निकलता है? तभी माँ ने अपने दूसरे बूब्स को अपने एक हाथ से पकड़कर दबा दिया, जिसकी वजह से उसमें से दूध की एक पिचकारी बाहर निकल गई और वो सीधे जाकर दीदी के मुँह पर गिर गई.

फिर दीदी ने चकित होकर कहा कि माँ तुम्हारे तो बूब्स से अभी भी बहुत दूध आता है और वो बोली कि बचपन में तो मैंने बहुत बार दूध पिया होगा, लेकिन आज में एक बार फिर से अपनी माँ का दूध पीना चाहती हूँ और इतना कहकर दीदी ने माँ के दूसरे बूब्स की निप्पल को अपने मुँह में लेकर वो उसको चूसने लगी और यह सब देखकर मेरा तो कमरे से बाहर खड़े हुए बड़ा बुरा हाल हो रहा था.

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में बड़ा चकित होकर वो सब घूर घूरकर देख रहा था और तभी मेरे लंड से एक पिचकारी बाहर निकल गयी, जिसकी वजह से कुछ देर में मेरा लंड धीरे धीरे ठंडा होकर छोटा हो गया. फिर मैंने दोबारा से अंदर देखा तो दीदी अब अपने बूब्स को दबा रही थी.

कुछ देर बाद दीदी ने माँ का एक हाथ पकड़कर उसको अपने बूब्स के ऊपर रख दिया और माँ से कहा कि आप इन्हें ज़ोर ज़ोर से दबाओ मसल दो. अब माँ दीदी के बूब्स को उनके कहने पर ज़ोर से मसलने और दबाने लगी थी, जिसकी वजह से दीदी गरम होकर उसी समय अपना एक हाथ अपनी चूत पर ले गई और अब वो अपने पेटीकोट के ऊपर से ही अपनी कामुक गरम चूत को रगड़ने लगी थी और तभी माँ ने मुन्ना को एक तरफ लेटा दिया और उन्होंने झट से दीदी के एक बूब्स को अपने मुँह में ले लिया, लेकिन माँ के ऐसा करने से दीदी अब पहले से ज्यादा जोश में आकर बिल्कुल पागल होकर और भी ज़ोर से अपनी चूत को रगड़ने लगी थी.