दोस्त के भाई की शादी में माँ का सीक्रेट
हाय दोस्तों, मेरा नाम राहुल है और मैं जयपुर का रहने वाला हूँ। आज मैं आपको अपनी जिंदगी की एक ऐसी कहानी सुनाने जा रहा हूँ जो हैरान करने वाली और थोड़ी hot भी है। यह मेरे दोस्तों—सुशील और विकास—और मेरी माँ उषा से जुड़ी है। यह कोई आम शादी वाली स्टोरी नहीं, बल्कि एक ऐसा सीक्रेट है जो उस रात खुला। तो चलिए, शुरू करते हैं।
हमारा ग्रुप और शादी का प्लान
मैं, सुशील और विकास बचपन से दोस्त हैं। हमने साथ पढ़ाई की, मस्ती की, और इस साल 12वीं कक्षा पास की। हमारा एक शौक था—sexy stories पढ़ना और आसपास की चीजों में थोड़ी नॉटी बातें ढूंढना। मेरी माँ उषा एक हाउसवाइफ हैं—थोड़ी गोल-मटोल, साड़ी में हमेशा सजी-संवरी, और उनकी स्माइल किसी को भी पसंद आ जाए। वो हमें प्यार करती थीं और हमारे लिए टेस्टी खाना बनाती थीं।
चार महीने पहले विकास के बड़े भाई की शादी थी। यह दूसरे शहर में होनी थी, और विकास ने मुझे और सुशील को बुलाया। हमने सोचा कि कुछ mazaa करेंगे। विकास ने एक आइडिया दिया, “राहुल, अपनी मम्मी को भी ले आ। आंटी के साथ शादी में अलग fun होगा।” मैंने कहा, “पागल हो क्या?” लेकिन सुशील बोला, “अरे, आंटी आएँगी तो सबकी नजरें उन पर होंगी।” मैं हँसा, लेकिन बात मन में अटक गई।
मैंने मम्मी-पापा से बात की। पापा का ऑफिस था, तो वो नहीं आए। लेकिन विकास ने पापा से कहा, “आंटी को आने दो ना, हम सब संभाल लेंगे।” मैंने माँ से जिद की। माँ बोलीं, “ठीक है, तुम लोग इतना बोल रहे हो तो चलती हूँ।” उनकी नीली साड़ी और तैयार होने का स्टाइल देखकर मैं भी हैरान था—माँ सच में hot लग रही थीं।
सफर शुरू और नई नजरें
शादी वाले दिन हम विकास के घर पहुँचे। दो बसें तैयार थीं। विकास और सुशील ने माँ को देखते ही तारीफ शुरू कर दी। सुशील बोला, “आंटी, आप तो sexy लग रही हैं।” माँ हँसकर बोलीं, “बस करो, शादी में जा रही हूँ, कोई डेट पर नहीं।” बस में दोनों माँ के पास बैठ गए और मैं पास वाली सीट पर था। वे माँ से बातें करने लगे—शादी की बातें, पुरानी यादें, और थोड़ी-थोड़ी तारीफें। माँ भी उनके साथ खुल गईं। मुझे लगा कि कुछ अलग सा वाइब था, पर ध्यान नहीं दिया।
दो घंटे बाद हम शादी वाली जगह पहुँचे। एक गेस्ट हाउस बुक था। विकास ने माँ के लिए कमरा अरेंज किया और कहा, “आंटी, आप यहाँ rest करो, हम शादी का सीन देख लेंगे।” माँ नीली साड़ी में तैयार हुईं—चूड़ियाँ, गहने, और वो लुक जो किसी का भी दिल चुरा ले। सुशील और विकास उन्हें देखते रह गए। विकास बोला, “आंटी, आप शादी में सबसे beautiful लग रही हैं।” माँ शरमाते हुए हँस पड़ीं।
शादी में गर्माहट
शादी शुरू हुई। बारात, मेहमान, और ढेर सारी मस्ती। माँ विकास की फैमिली के साथ थीं। थोड़ी देर बाद मैंने देखा कि विकास और सुशील माँ के आसपास ही घूम रहे थे—कभी उनके लिए पानी लाते, कभी बातें करते। रात को खाने के बाद माँ बोलीं, “मैं थक गई हूँ, गेस्ट हाउस चलती हूँ।” मैंने कहा, “मैं छोड़ दूँ?” लेकिन सुशील बोला, “अरे, मैं ले जाता हूँ।” विकास भी साथ चल पड़ा। मुझे थोड़ा अजीब लगा, पर मैं शादी के कामों में व्यस्त हो गया।
रात 11 बजे मेहमान कम हुए। फेरे सुबह थे। मैं गेस्ट हाउस की ओर गया। वहाँ म्यूजिक की हल्की आवाज सुनाई दी। खिड़की से झाँका तो हैरान रह गया। माँ नीली साड़ी में थीं, और विकास उनके साथ dance कर रहा था—धीमे-धीमे, करीब आते हुए। माँ हँस रही थीं और बोलीं, “विकास, यह क्या कर रहे हो? राहुल देख लेगा तो क्या सोचेगा?” विकास बोला, “आंटी, बस थोड़ा mazaa ले लो। कोई नहीं देख रहा।”
तभी लाइट चली गई। अंधेरे में माँ की हल्की सी हँसी और साड़ी की सरसराहट सुनाई दी। मैं ठिठक गया। नाइट लैंप जला तो देखा—माँ और विकास बेड पर बैठे थे। विकास माँ के करीब था, उनकी कमर पर हाथ रखे हुए। माँ शरमाते हुए बोलीं, “यह गलत है, मैं तुम्हारी माँ की उम्र की हूँ।” लेकिन उनकी आवाज में वो सख्ती नहीं थी। विकास बोला, “आंटी, आप इतनी hot हैं, उम्र का क्या करना?”
सीक्रेट की रात
मैं छिपकर देख रहा था। सुशील भी कमरे में था, पास खड़ा मुस्कुराते हुए। माँ ने कहा, “सुशील, तुम तो समझदार हो, इसे रोक दो।” लेकिन सुशील हँसा और बोला, “आंटी, हम सबको आपकी ये साइड देखनी थी।” विकास ने माँ की साड़ी का पल्लू हल्का सा खींचा। माँ ने उसे रोका, पर उनकी आँखों में एक अजीब सी चमक थी। वो विरोध कम और शरम ज्यादा लग रही थी।
विकास ने माँ को बाहों में लिया और धीरे से उनके गाल पर kiss किया। माँ ने आँखें बंद कर लीं। सुशील पास आया और माँ के कंधे पर हाथ रखा। माँ बोलीं, “यह सब गलत है… लेकिन…” उनकी बात अधूरी रह गई। विकास ने माँ की साड़ी को और खींचा, और वो बेड पर लेट गईं। कमरे में चूड़ियों की खनक और हल्की साँसों की आवाज थी। माँ की नीली साड़ी फर्श पर गिरी, और वो सिर्फ ब्लाउज-पेटीकोट में थीं।
मैं स्तब्ध था, पर कुछ कर नहीं पाया। विकास और सुशील बारी-बारी से माँ के करीब आए। माँ अब चुप थीं—शायद थक गई थीं, या शायद उस पल में खो गई थीं। विकास ने माँ को passion से छुआ, और सुशील उनकी तारीफ करता रहा। कुछ देर बाद माँ ने चादर ओढ़ ली और बाथरूम चली गईं। जब वो बाहर आईं, साड़ी फिर से पहन चुकी थीं। विकास और सुशील हँसते हुए बोले, “आंटी, आपकी ये sexy साइड हमारा सीक्रेट रहेगा।”
शादी के बाद का सच
मैं कमरे में गया तो सब नॉर्मल लग रहा था। माँ ने मुझे देखा और मुस्कुराईं। शादी खत्म हुई, और हम घर लौट आए। लेकिन उसके बाद कुछ बदला सा था। विकास और सुशील अब मेरे साथ कम मिलते, पर माँ से उनकी बातें बढ़ गईं। एक दिन मैंने माँ को फोन पर हँसते हुए सुना—विकास की आवाज थी। माँ ने बाद में बताया, “वो शादी की फोटोज दिखाने की बात कर रहा था।” पर मुझे शक था कि वो रात सिर्फ एक रात नहीं थी।
तो दोस्तों, यह थी मेरी माँ की उस शादी वाली रात की कहानी। क्या यह गलत था या सही, मैं आज तक समझ नहीं पाया। आपको क्या लगता है?