Aunty Sex Story

दोस्त के सामने उसकी मम्मी को चोदा-1

(Dost ke samne uski mummy ki chudai-1)

हैल्लो दोस्तों.. मेरा बचपन से ही मन सेक्स की तरफ बहुत आकर्षित होता था। में आज आप सभी के सामने अपनी एक सच्ची घटना सुनाने जा रहा हूँ और यह कहानी मेरे एक दोस्त की माँ के साथ हुए मेरे सेक्स पर आधारित है। दोस्तों राजीव मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त है और जब हमारे कॉलेज में बारिश के दिनों 20 दिन की छुट्टियाँ हो गयी.. तो वो मुझे अपने घर जो पटना से 30 किलोमीटर दूरी पर था वहाँ पर ले गया।

राजीव की मम्मी विधवा थी और उनकी उम्र 38 साल थी लेकिन उनको देखकर लगता था कि वो 28-30 साल से ज़्यादा उम्र की नहीं होगी। वो फिल्म हिरोइन जैसी दिखती थी.. पतली कमर और बड़े बूब्स वाली एकदम सेक्सी हॉट औरत। वो बहुत ही गोरी थी और उनके बूब्स बड़े बड़े थे और बूब्स खड़े ही रहते थे और ब्लाउज के अंदर से टाईट बूब्स को देखकर बहुत जल्दी में हॉट हो गया। आंटी, राजीव और मुझे बहुत प्यार करती थी और अच्छा-अच्छा खाना बनाकर खिलाती थी और रात को राजीव और में एक साथ सोते थे। फिर जब रात को हम दोनों टीवी पर पिक्चर देख रहे थे तो एक हॉट सीन को देखकर हम दोनों ने भी एक दूसरे से सेक्स की बातें करनी शुरू कर दी।

राजीव : वाह यार इसके बूब्स बहुत बड़े हैं।

में : हाँ यार इतने बड़े बूब्स को दबाने में भी बहुत मज़ा आएगा।

राजीव : हाँ यार मुझे तो इसकी मोटी जाँघ और गांड भी पसंद है।

में : लेकिन मुझे इसकी पतली कमर ही पसंद है।

राजीव : हाँ.. लेकिन पतली कमर वाली के ज्यादा बड़े बूब्स नहीं होते हैं।

में : नहीं यार होते हैं जरा ध्यान से सोच।

दोस्तों मेरा इशारा उसकी मम्मी की तरफ था.. आंटी 5.3 इंच की गोरी औरत थी और उनकी कमर 28 इंच की थी और गांड 34 इंच की लगती थी लेकिन उनके बूब्स का साईज़ 36 इंच और वो एकदम बड़े बड़े थे।

राजीव : अच्छा तू बता.. तेरी नजर में ऐसा कौन है?

में : रेखा.. क्यों आंटी के फिगर भी तो ऐसे ही है?

राजीव : चकित हो गया क्या.. तेरा मतलब मम्मी?

में : हाँ तूने ज्यादा ध्यान नहीं दिया.. इस उम्र में भी उनके बहुत कड़क बूब्स हैं और कमर भी एकदम पतली है और वो भी चुदवाने के लिए हमेशा तड़पती रहती है।

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तो राजीव कुछ देर तक खामोश रहा और मुझे लगा कि शायद वो बुरा मान गया.. लेकिन उसने थोड़ी ही देर के बाद कहा कि क्या तुझे लगता है और क्या तूने बड़े गौर से देखा है?

में : हाँ यार मुझे लगता है कि उनको भी चुदवाने की इच्छा तो होती ही होगी.. आख़िर तू भी बोल रहा था कि वो पिछले 16 साल से विधवा हैं।

राजीव : हाँ यार।

में : उन्होंने तेरे पापा के बाद कभी किसी के साथ सेक्स नहीं किया होगा और अगर में तेरी मम्मी को खुश कर दूँ तो तुझे तो कोई आपत्ति नहीं है ना?

राजीव : मुझे क्या आपत्ति.. तुझे भी मज़ा मिलेगा और उनका भी तो काम होगा और फिर में क्या कहूँगा?

अब में मन ही मन में खुश हो गया.. लेकिन क्या मम्मी राज़ी होगी?

में : यार उनके बूब्स कितने बड़े है और गांड भी बिल्कुल कसी हुई और टाईट लगती है.. उनको भी सेक्स की बहुत इच्छा होगी और तड़पती भी होगी।

राजीव : हाँ.. लेकिन तू यह सब कैसे करेगा?

में : तू मुझे अब कोई आईडिया सोचने दे।

फिर इस बातचीत के बाद अगले दिन से आंटी से मेरी बातें और भी ज़्यादा होने लगी और आंटी ने भी एक दो बार इस बात पर ध्यान दिया कि में उनके बूब्स को घूर रहा हूँ.. लेकिन वो ज्यादा देर ध्यान नहीं देती। एक दिन दोपहर को मैंने राजीव को किसी बहाने से घर से दूर रहने को कहा और वो आंटी से इजाजत लेकर कुछ गावं के लड़को के साथ नदी में तैरने चला गया और मुझे तैरना नहीं आता तो में घर पर ही रुका रहा।

उस वक्त आंटी ज़मीन पर एक चटाई बिछाकर लेट रही थी और मैंने उनसे कहा कि आंटी आप इतनी मेहनत करती है.. खाना बनाती हैं, घर की साफ सफाई करती हैं, जानवरों की देखभाल, खेत के मजदूरों की झंझट, आप तो यह सब करके बहुत थक जाती होंगी? आंटी ने कहा हाँ में अकेली हूँ तो मुझे ही यह सब करना पड़ेगा.. इसलिए में दिनभर बहुत थक जाती हूँ लेकिन इसका ओर क्या चारा है?

तो मैंने कहा कि आंटी अगर आपको बुरा ना लगे तो में आपके पैरों की मालिश कर देता हूँ? और थोड़ी देर पैर भी दबा देता हूँ। इससे आपको बहुत आराम मिलेगा.. आंटी ने पहले तो मना किया और फिर मेरे ज़ोर देने पर राज़ी हो गयी। में ट्राऊजर औट टीशर्ट पहने हुए था और मैंने अंदर जानबूझ कर अंडरवियर नहीं पहनी हुई थी।

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आंटी पलटकर ज़मीन की तरफ मुँह करके चटाई पर लेट गयी और में उनके पैर दबाने और मसलने लगा.. उनके पैरों की मसाज से उन्हे बड़ा आराम मिल रहा था और 10 मिनट तक पैरों की मसाज के बाद में उनके पैर और घुटने दबाने लगा और फिर उनकी जांघो को दबाने और मसलने लगा लेकिन उनकी चिकनी गोरी जांघ बहुत ही कमाल की थी और मेरा मन कर रहा था कि में अभी उनके पैरों को चाट लूँ। लेकिन मैंने आपने आप पर काबू करके उनकी जांघो पर हाथ से सहलाने लगा और अब मैंने उनकी साड़ी को जांघो से थोड़ा ऊपर हटा दिया था और उनके पैर और जांघों की मसाज कर रहा था।

फिर मैंने उनसे कहा कि आंटी आपको और भी ज्यादा आराम तब मिलेगा.. जब में आपकी कमर की भी मसाज कर दूंगा। तो आंटी ने कहा कि हाँ वो भी कर दो और यह सुनकर में आंटी की पीठ की भी मसाज करने लगा और उनके ब्लाउज के नीचे ब्रा की डोरी को महसूस करने लगा था। तो अब आंटी मेरे हाथों के मसाज का मज़ा ले रही थी और फिर मेरी हिम्मत भी थोड़ी बड़ने लगी थी और में अब उनके दोनों पैरों के ऊपर आकर उनकी जांघो और कमर की मसाज करने लगा था।

तो मेरे मसाज के दबाव से उनकी साँस बीच-बीच में तेज़ हो रही थी। फिर में उनके दोनों पैरों के बीच बैठकर उनकी कमर दबाने लगा और जब मैंने उनकी कमर को साईड से सहलाया तो वो हल्की-हल्की सिसकियाँ लेने लगी। में उनकी दोनों जांघों के ऊपर बैठा हुआ था और उनका चेहरा नीचे की तरफ और वो पेट के बल लेटी हुई थी और उनकी साड़ी घुटनो से ऊपर थी। फिर मैंने देखा कि आंटी को मेरे मसाज करने से बहुत आराम पहुँच रहा है तो मैंने थोड़ी हिम्मत करके उनकी गांड पर हाथ रखा और साड़ी के ऊपर से ही दबाने लगा और में उनके कूल्हों को साड़ी के ऊपर से ही अपने दोनों हाथों से दबा रहा था।

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अब मेरा लंड भी खड़ा होने लगा था और उनकी गांड भी सच में बहुत टाईट थी.. जैसे कि वो कोई कुँवारी लड़की हो। तो मैंने थोड़ा नीचे सरककर उनके दोनों पैरों को और फैला दिया और उन्होंने भी बिना विरोध के दोनों पैर खोल दिए और मैंने उनके दोनों पैरों के बीच में बैठकर.. उनकी साड़ी को कमर से ऊपर हटाया और फिर उनकी गोरी गांड मेरी नजरों के सामने थी.. क्योंकि आंटी ने अंदर पेंटी नहीं पहनी थी और मुझे उनकी काली-काली झांटे दिख रही थी।

अब में धीरे-धीरे हाथ को आगे बढ़ाकर उनकी गांड को सहलाने लगा और फिर उनकी गांड के छेद पर मुँह रखकर चाटने लगा और अब आंटी सिसकियां लेने लगी थी। तो में उनकी गांड के छेद में जीभ को डालकर चाट रहा था और में धीरे से एक हाथ को सामने की तरफ ले जाकर उनकी चूत को सहलाने लगा.. लेकिन चूत पर बहुत बाल होने के कारण मुझे उनकी चूत का छेद दिखने में बहुत दिक्कत हुई.. लेकिन उनकी चूत गीली हो चुकी थी और ज़ल्द ही मुझे वो रसीला छेद मिल गया.. जहाँ से पानी टपक रहा था।

मैंने अपनी एक उंगली को धीरे से अंदर डाल दिया और उंगली के अंदर घुसते ही आंटी चिल्ला पड़ी.. आअहह अईईई। तो में समझ गया कि बहुत दिनों से चूत के अंदर कोई भी लंड नहीं गया और आंटी को मज़ा आने लगा। उनकी चूत इतनी टाईट और रसीली थी कि उसे देखकर मेरे लंड का हाल तो और भी ज्यादा खराब होने लगा था और में आंटी की पीठ के ऊपर लेटकर उनकी गर्दन और पीठ को किस करते हुए एक उंगली से उनकी चूत के छेद को खोदता रहा और मेरे लंड को ट्राउज़र के ऊपर से ही उनकी गांड पर घिसने लगा।