हिंदी सेक्स स्टोरी

दोस्त की बहन के साथ सुहागरात-1

Dost ki bahan k saath suhagraat chudai-1

दोस्तों में उम्मीद करता हूँ कि आप सभी को ये कहानी बहुत पसंद आएगी और अगर इसमे मुझसे कोई गलती हो तो आप सभी मुझे माफ़ करना। दोस्तों वैसे चुदाई के मामले में बहुत अच्छी किस्मत का हूँ और मैंने लाईफ में कितनी ही लड़कियों को चोदा है यह तो अब मुझे भी याद नहीं लेकिन मेरे लंड की ऐसी किस्मत है कि मुझे आज भी चूत की कमी नहीं है।

दोस्तों ये अनुभव मेरे उस फ्रेंड की बहन का है जो आज भी मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त है। वो मेरा 5th क्लास से फ्रेंड है और वो लोग 2 भाई और 3 बहन है और हमारी उनसे फेमिली फ्रेंडशिप है। मेरे दोस्त का नाम रोमी है और वो सारे बहन भाइयों में सबसे छोटा है.. उसकी सबसे बड़ी बहन का नाम शन्नो, उससे छोटा भाई संजू और फिर उससे छोटी बहन रश्मि और फिर तीसरी बहन प्रीति और सबसे आख़िरी में मेरा दोस्त था। फिर बड़ी दीदी शन्नो हमसे 9 साल बड़ी थी और भैया संजू 6 साल बड़े और रश्मि हमसे 4 साल बड़ी और प्रीति 2 साल बड़ी है।

फिर सबसे पहले शन्नो दीदी की शादी पंजाब में हो गयी और उनके पति बहुत ही हँसमुख थे और हमेशा ही जोक करते रहते थे लेकिन जीजा जी नंबर एक के मदारचोद थे.. वो मौका मिलने पर अपनी दोनों सालियों रश्मि और प्रीति की चूचियाँ दबाते रहते थे और गांड पर भी चुटकी काट लेते थे। वो इतने मदारचोद थे कि हम लड़को का भी लंड पकड़ कर खींच लेते थे और हमारी गांड में ऊपर से चुटकी काट लेते थे और कभी कभी उंगली कर देते थे।

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फिर ऐसा मदारचोद आदमी मैंने आज तक नहीं देखा था। अब आपको ये बताता हूँ की मैंने रश्मि के साथ सुहागरात कैसे मनाई? दोस्तों उस वक़्त मेरी उम्र 18 साल की थी और मेरे दोस्त की दूसरी बहन रश्मि की सगाई होने वाली थी दो दिन के बाद उसकी मेहन्दी की रस्म थी और में एक फेमिली मेंबर की तरह था और उसकी तीनों बहनों को बहुत इज्जत देता था। फिर शादी की वजह से में उनके घर पर ही रुका हुआ था और सारे कामो में मदद कर रहा था। फिर रश्मि की मेहन्दी की रस्म दो दिन के बाद थी और उन्होने कुछ रिश्तेदारों को होटल में और कुछ को पड़ोस के घर पर रुकवाया था। फिर घर का फर्निचर निकाल कर हमने छत पर रख दिया और सभी कमरों में जमीन पर बिस्तर लगा दिए थे। फिर ऐसे ही मेहन्दी के 2 दिन पहले एक रात को एक रूम में हम पाँच लोग सो रहे थे। फिर सबसे पहले मेरे दोस्त की बहन रश्मि, फिर में, फिर मेरा दोस्त और फिर उसके जीजा जी और आख़िर में शन्नो दीदी सो रही थी। फिर मैंने और मेरे दोस्त ने जीजा जी के साथ थोड़ी ड्रिंक की हुई थी।

फिर हम सब आराम से सो रहे थे कि अचानक से मेरी जाँघ पर जोर से कुछ लगा और तेज़ दर्द से में उठकर बैठ गया। तभी मैंने देखा कि जीजा जी रश्मि के ऊपर चड़े हुए थे.. दरअसल उन्होने रश्मि को चोदने के लिए जैसे ही रश्मि की टाँगो को मोड़कर ऊपर उठाया तो रश्मि का घुटना मेरी जाँघ पर कसकर लगा और में दर्द से कराह उठा। तभी जीजा जी और रश्मि मुझे देखकर घबरा गये लेकिन पता नहीं कैसे में तुरंत फिर लेट कर सोने का दिखावा करने लगा कि जैसे मैंने कुछ देखा ही नहीं और उन्हे भी यही लगा कि में नींद में उठ कर फिर सो गया।

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फिर वो 2 मिनट तक मुझे देखते रहे क्योंकि मेरा चहरा उनकी साईड पर ही था। जीजा जी ने मुझे घुमाने की कोशिश की लेकिन में घूम नहीं सका तो रश्मि ने जीजा जी को बोला कि जीजू यार जल्दी करो नहीं तो कोई और जाग जाएगा और मेरा मूड भी ठंडा मत करो। फिर रश्मि के मुहं से में ये सब सुनकर चकित रह गया। फिर जब उन्हे लगा कि में सो रहा हूँ तो उन्होने फिर से अपना सेक्स का खेल शुरू कर दिया और में आधी खुली आँखो से सारा नज़ारा साफ साफ देख रहा था। फिर जीजा जी उठे और थोड़ा नीचे सरक कर रश्मि की चूत चाटने लगे और रश्मि के दोनों बूब्स खुले हुए थे।

मैंने उनके बूब्स के बीच की लाईन तो कई बार देखा था लेकिन इज्जत की वजह से में उसे अपने दिमाग से निकल देता था और आज उसके दोनों बूब्स को देख रहा था। फिर रश्मि भी जीजा जी का लंड लोलीपोप की तरह चाट रही थी। तभी किसी को आज सेक्स करते देखकर बहुत अच्छा लग रहा था। फिर रश्मि जीजा जी के लंड को हिला हिलाकर चूस रही थी और साथ ही साथ सिसकारियाँ भी ले रही थी। फिर जीजा जी उसकी नीचे चूत चाटने में मस्त थे और रश्मि के गोर गोरे बदन और उसकी टाईट चूचियों को देखते देखते थोड़ी देर के बाद मुझे भी सेक्स का नशा चड़ने लगा। तभी उसकी गोल गोल गोरी गोरी चूचियों को देखकर मेरा लंड भी टाईट हो गया और ऊपर नीचे होकर उसकी खूबसूरती को सलामी देने लगा।

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फिर में रश्मि के गुलाबी गुलाबी निप्पल को देख रहा था और थोड़ी देर के बाद काम देवता मेरे दिमाग़ और दिल पर छा गये और फिर मेरा दिल कर रह था कि रश्मि के दोनों चूचियों को उसकी छाती से उखाड़ दूँ और खा जाऊँ.. मेरे हाथ मचल रहे थे उसकी चूचियों को दबाने के लिए और मेरे होंठ सूखे हो रहे थे और मेरा गला सूख गया और प्यास लगी जा रही थी। फिर थोड़ी देर के बाद जीजा जी सीधे हुए और अपना लंड रश्मि के मुहं से निकाल कर उसे चोदने के लिए तैयार हो गये.. उन्होने अपना लंड रश्मि की चूत में डाल दिया और उसके होंठो को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगे।

फिर में उन्हे सेक्स करते हुए देख रहा था और सोच रहा था कि रश्मि को कैसे चोदूं? फिर थोड़ी देर के बाद जीजा जी ने तेज़ तेज़ धक्के मारने शुरू कर दिए और रश्मि भी अपनी गांड उछाल रही थी और थोड़ी देर के बाद दोनों झड़ गये और जीजा जी रश्मि के निप्पल को ऐसे चूस रहे थे जैसे कि उसका पूरा जूस पी जाएँगे। तभी थोड़ी देर के बाद दोनों का जिस्म ऐंठने लगा और दोनों ठंडे पड़ गये.. उनकी साँसें तेज़ तेज़ चल रही थी।