हिंदी सेक्स स्टोरी

दोस्त की बहन के साथ सुहागरात-2

Dost ki bahan-ke-saath-suhagraat chudai-2

फिर दोनों सफाई के लिए बाथरूम में गये और फिर जीजा जी जाकर अपनी वाईफ शन्नो दीदी के पास लेट गये। फिर रश्मि भी अपनी जगह पर (मेरा मतलब मेरे पास में) आकर लेट गयी और फिर मेरी आँखो से नींद कोसो दूर थी और फिर में रात की चाँदनी में रश्मि के चमकते चेहरे को देख रहा था और उसे चोदने का रास्ता सोच रहा था। तभी थोड़ी देर के बाद जीजा जी की खर्राटे की आवाज़ आने लगी और रश्मि भी चुदाई के बाद गहरी नींद में थक कर सो रही थी। फिर मैंने सब तरह से संतुष्ट होने के बाद धीरे धीर अपने कांपते हाथों को रश्मि की तरफ बड़ाया और फिर उसके बूब्स पर हाथ रख दिया। तभी मेरी धड़कन पूरी रफ़्तार पर थी और ज़बान सूख रही थी फिर थोड़ी देर तक मैंने बूब्स पर ही हाथ रखा। फिर धीरे धीरे में अपने हाथ से उसका गाउन उठाने लगा और पूरा नाईट गाउन उठाने के बाद मैंने देखा कि उसकी चूचियाँ उसकी वाईट ब्रा में क़ैद थी।

फिर में ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स दबाने लगा और उसके जिस्म की खुश्बू लेने लगा तभी अचानक रश्मि मेरे बूब्स दबाने की वजह से उठ गयी और धीरे से गुस्से में बोली राज क्या कर रहे हो। तभी मैंने हिम्मत करके बोला कि पहले क्या हो रह था वही कर रहा हूँ। फिर वो चुप हो गयी और फिर में उसके बूब्स ब्रा के ऊपर से दबाने लगा तो रश्मि बोली कि कोई उठेगा तो प्राब्लम होगी तुम गाउन को नीचे कर दो में ऊपर से गाउन के बटन खोल देती हूँ। फिर मैंने वैसा ही किया और उसने गाउन के ऊपर के बटन खोल दिए और ब्रा को अनहुक कर दिया और ब्रा ऊपर उठा दी। फिर मैंने अब उसके बूब्स को ब्रा से आज़ाद कर दिया और फिर उसकी गुलाबी गुलाबी निप्पल को चूसने लगा.

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दोस्तों इसे कहते है की अंधे के हाथ किस्मत से बटेर लगना और फिर में उसके बूब्स को चूस चूसकर मजे कर रहा था। फिर थोड़ी देर के बाद मैंने अपना हाथ उसकी चूत की लाईन पर रख दिया और उसकी चूत के अंगूर को अपनी उंगली से सहलाने लगा और उसके बूब्स के निप्पल को भी धीरे धीरे अपने दांतों से काट रहा था। फिर कुछ ही देर के बाद रश्मि भी मस्त गरम हो गयी और मेरा सर खींचकर अपने बूब्स पर रगड़ने लगी। फिर जीजा जी से चुदने के बाद रश्मि अच्छे से अपनी चूत को क्रीम सोप से धो कर आई थी और क्रीम सोप की बहुत प्यारी खुश्बू आ रही थी।

फिर मैंने रश्मि के ऊपर आकर उसे मेरा लंड चूसने के लिए कहा और रश्मि भी तुरंत तैयार हो गयी में उसके इस व्यवहार से बहुत आशचर्य चकित था। फिर रश्मि मेरे ऊपर अपने दोनों पैर फैला कर लेट गयी और मेरा लंड चूसने लगी और में भी उसकी चूत को चाटने लगा। तभी उसकी चूत पाव-भाजी के पाव की तरह फूली हुई थी और उसकी चूत को चाटने का एक अलग ही मज़ा आ रहा था ऐसा लग रह था कि जैसे कि में जन्नत हूँ जो कभी मैंने सपनों में भी सोचा नहीं था लेकिन वो आज एक हक़ीकत था।

दोस्तों सोचो कि कोई ऐसा हो जो हसीन हो और जवान हो और जिसके बारे में आप कभी सेक्स का सोच भी नहीं सकते हो और जिसकी आप बहुत इज्जत करते हो और वो आपका लंड चूस रही हो और जिसको आप चोदने जा रहे हो तो सोचो आपका क्या हाल होगा? फिर रश्मि बड़े प्यार से मेरा लंड चूस रही थी और में भी उसकी चूत ऐसे चाट रहा था जैसे कोई भिखारी कोई झूठी प्लेट चाट रहा हो।

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फिर मैंने अपनी जीभ उसकी चूत की दोनों पंखुड़ियों को फैलाकर उसकी चूत के अंदर डाल दी और अपनी जीभ से उसकी चूत के अंगूर को सहलाने लगा और अपनी जीभ उसकी चूत में अंदर बाहर करने लगा। तभी रश्मि बहुत मज़ा दे रही थी और अपनी चूत मेरे लंड पर दबा रही थी। फिर थोड़ी देर के बाद उसकी चूत का रस मेरे मुहं में टपकने लगा इसके बाद मैंने रश्मि को सीधा लेटाया और उसकी चूत में लंड घुसेड़ दिया और उसके होंठो को चूसने लगा।

फिर वो बहुत मजे कर रही थी और जोर जोर से सिसकियाँ लेने लगी में भी उसकी चूत में लंड डालकर धीरे धीरे हिला रहा था और साथ ही साथ उसकी चूत के अंगूर को भी अपनी उंगली से सहला रहा था। फिर रश्मि ने मुझे कसकर अपने सीने से लगा लिया और अपनी गांड उछालने लगी और मज़ा लेने लगी और में भी जोर जोर से धक्के मारने लगा और थोड़ी देर के बाद उसका बदन टाईट होने लगा और वो अकड़ने लगी और फिर वो झड़ गयी और उसके झड़ते ही में तेज़ तेज़ धक्के मारने लगा और 2 मिनट के बाद में भी कसमसा गया और उसकी चूत में झड़ गया।

फिर उसके बाद में टॉयलेट में जाकर अपना लंड साफ करके आ गया और उसके बाद रश्मि टॉयलेट में जा कर अपनी चूत साफ करके आ गयी और अंदर आकर दरवाजा लॉक कर लिया। मैंने फिर से रश्मि को गले लगा लिया और उसके होंठ चूसने लगा और मैंने फिर से उसके बूब्स चूसने शुरू कर दिए और उसकी चूत को सहलाने लगा। फिर वो भी थोड़ी देर के बाद गरम हो गयी और बोली कि जल्दी करना में तीन बार चुदने के बाद थक गयी हूँ और मुझे नींद आ रही है। तभी मैंने कहा कि ठीक है और फिर में उसकी चूत चाटने लगा और वो भी मेरा लंड पूरा मुहं में लेकर चूस रही थी।

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फिर जल्दी ही वो झड़ गयी और उसकी चूत का अमृत मेरे मुहं में गिर गया अब मैंने उसे सीधा किया और उसकी चूत में लंड ठोक दिया और कस कसकर चोदने लगा और जब में झड़ने वाला था तो वो बोली कि मेरे चूत में मत झड़ना। तभी मैंने बोला कि फिर क्या करूँ? फिर वो बोली में हूँ ना और फिर यह कहकर उसने मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया और चूसने लगी और में उसके मुहं में ही झड़ गया और वो मेरा सारा गरम पानी पी गयी और लंड चूसती रही और अच्छी तरह से साफ करके उसने मेरा लंड छोड़ दिया।

फिर रश्मि ने मुझसे रिक्वेस्ट की कि उसे अब नींद आ रही है और बोली कि तुम मुझे जब चाहो बाद में भी चोद सकते हो.. तुमसे चुदवाने में मुझे बहुत मज़ा आया। फिर में उसके ऊपर हाथ रख कर सो गया और सुबह सब कुछ नॉर्मल था। दोस्तों ऐसे मैंने रश्मि के साथ सुहागरात मनाई उसकी शादी से पहले लेकिन मैंने रश्मि की चुदाई उसकी शादी के बाद भी कई बार की और उसने बड़े मजे के साथ मेरा हर बार चुदाई में साथ दिया ।।