दोस्त की बीवी बच्चे की चाहत में चुदी-1
भाभी की चुदाई की कहानी हिदी बिपी में पढ़ें कि कैसे मैंने अपने दोस्त की बीवी की चुदाई करके उसे गर्भवती किया. मेरे दोस्त की शादी के पाँच साल बाद भी बच्चा नहीं हुआ था.
दोस्तो, मैं देव कुमार, छत्तीसगढ़ से हूं. ये भाभी की सेक्सी कहानी पांच माह पहले की है. मेरा एक दोस्त है, जो सरकारी नौकरी में है. उसकी शादी को पांच साल हो गया है, लेकिन उन दोनों को अब तक कोई बच्चा नहीं हुआ है.
एक दिन उसने मुझसे बोला कि कोई अच्छा सा डॉक्टर बताओ, जो बच्चों के बारे में इलाज करता हो.
मैंने उसे शहर की एक महिला डॉक्टर का पता बताया.
उसने मुझसे भी साथ चलने को कहा क्योंकि वह शहर में कार ड्राइव नहीं कर पाता था. मैं भी साथ में चला गया. कार को मैं ड्राइव कर रहा था. मैं और मेरा दोस्त आगे बैठे थे और मेरे दोस्त की बीवी यानि मेरी भाभी पीछे की सीट पर बैठी थी. भाभी की उम्र 23 साल फिगर 32-30-34 की थी. वो एकदम फिट और स्वस्थ सुंदर महिला थी.
उस दिन मैंने भाभी को पहली बार देखा था. वो bhabhi chudai videos की तरह बहुत ही सुन्दर थी.
मैंने भाभी को पीछे देखने वाले आईने में देखा, तो पाया कि वो भी मुझे ही देख रही थी. हम दोनों की नजरें मिलीं … लेकिन भाभी कुछ और ही सोच में डूबी थी.
हम लोग डॉक्टर के पास गए, तो मैंने कहा- मैं बाहर ही रहता हूं.
उसने मुझसे अन्दर चलने की जिद करते हुए कहा.
मेरे बार बार मना करने के बावजूद भी वो मुझे अन्दर ले गया.
फिर डॉक्टर मैडम ने दोनों का टेस्ट किया और दो दिन बाद फिर से आने को बोला.
उस दिन इसी सब में पूरा दिन बीत गया था. शाम को हम लोग वहां से निकले, घर आते आते रात हो गई.
दो दिन बाद हम लोग फिर हॉस्पिटल गए. डॉक्टर ने फिर से कुछ टेस्ट किए और बोली कि चार दिन बाद फिर से आना पड़ेगा.
हम लोग वहां से निकले, फिर रास्ते में हम सभी ने चाय नाश्ता किया और आगे चल दिए. एक जगह कार को रुकवा कर मेरा दोस्त एटीएम से पैसे निकालने के लिए चला गया. कार में भाभी और मैं ही थे.
मैंने भाभी से कहा- भाभी, आप अपना मोबाइल नंबर दो ना.
भाभी ने मुझे नंबर दे दिया.
मैंने उसको कॉल किया तो उसके फोन की घंटी बजी.
मैं अभी भाभी का नंबर सेव भी नहीं कर पाया था कि मेरा दोस्त वापस आ गया. मैंने गाड़ी स्टार्ट की और हम लोग घर की ओर रवाना हो गए.
कुछ देर बाद मेरे दोस्त ने कहा- मुझे रोज रोज छुट्टी नहीं मिलेगी. तो तुमको तुम्हारी भाभी को हॉस्पिटल लेकर जाना होगा.
पहले तो मैंने मना किया, लेकिन उसके बार बार बोलने के बाद मैंने हां बोल दिया.
मैंने घर आकर भाभी का नंबर सेव किया और वॉट्सएप में उसका स्टेटस देखा. क्या बताऊं दोस्तो . … भाभी ने अपने चार पांच फोटो अलग अलग पोज में स्टेटस में लगा रखे थे. मुझे नहीं पता था कि भाभी ने मेरा नंबर सेव किया है या नहीं.
मैंने दूसरे दिन देखा, दूसरे दिन अलग ही स्टेटस डाला था. मैं सिर्फ स्टेटस देखता था.
फिर तीसरे दिन मैंने नाइस पिक करके कमेंट किया तो उधर से तुरंत रिप्लाई आया- थैंक्यू.
मैंने उस दिन कुछ मैसेज नहीं किया. फिर से दूसरे दिन जब भाभी ने नया स्टेटस डाला, तो मैंने फिर से नाइस पिक करके कमेंट किया. उसने तुरंत रिप्लाई किया- थैंक्यू.
आज मैंने लिखा- क्या कर रही हो?
तो बोली- कुछ नहीं … बस मोबाइल देख रही थी … और आप क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- आपको याद कर रहा हूं.
उसने हंसने की इमोजी भेज दी.
उस दिन हमने मैसेज में बहुत बात की.
भाभी से अब मेरी काफी बातें होने लगी थीं. बातों ही बातों में भाभी ने एक दिन बताया कि मैंने अपना स्टेटस आपके लिए ही डाल देती हूं.
मैं समझ गया कि जरूर भाभी के दिल में मेरे लिए कुछ तो hd video chudai खिचड़ी पक रही है.
अगले दिन डॉक्टर के पास जाना था … तो मैं दोस्त के घर गया. उस समय मेरा दोस्त ड्यूटी जा चुका था. भाभी तैयार होकर बैठी थी. भाभी ने पीले रंग की साड़ी पहनी थी.
क्या बताऊं दोस्तो … ऐसा लग रहा था कि भाभी को अभी चोद दूं.
लेकिन बात कुछ आगे बढ़ी नहीं थी, इसलिए मैंने कुछ नहीं कहा.
भाभी ने मुझसे चाय के लिए पूछा तो मैंने मना कर दिया. घर में सिर्फ मेरे दोस्त और भाभी ही रहते हैं, दोस्त के पिता जी भी नौकरी में हैं, इसलिए वो बाहर रहते हैं.
फिर हम दोनों घर से निकले. मैंने भाभी से अपने बगल की सीट पर बैठने को कहा तो बोली कि कुछ दूर चलने के बाद बैठूंगी, अभी पीछे बैठ रही हूं. आस पास के लोग सब देख रहे हैं.
मैंने बोला- ठीक है.
कुछ दूर जाने के बाद मैंने गाड़ी को रोका, तो भाभी आगे वाली सीट पर आकर बैठ गई.
मैंने गियर बदलते समय भाभी के हाथ पर मैंने धीरे से अपना हाथ रख दिया. भाभी ने कुछ नहीं कहा, तो मुझे लगा कि शायद भाभी भी यही चाहती है.
मैंने अपना हाथ खींच लिया और उसकी तरफ से किसी हरकत का इन्तजार करने लगा. मगर उसने कुछ नहीं किया.
इसके बाद हम लोग बातचीत करते हुए हॉस्पिटल पहुंच गए.
डाक्टर मैडम के पास गए, तो टेस्ट के रिजल्ट आ गए थे.
डॉक्टर बोली- सब कुछ नॉर्मल है, जब आपका पीरियड आएगा … उसके पांच दिन बाद फिर से आना.
उस दिन हॉस्पिटल का काम जल्दी हो गया था. आज किसी तरह की जांच वगैरह नहीं होनी थी.
उसके बाद मैंने भाभी से बोला- चलो कहीं घूमने चलते हैं.
भाभी बोली कि कहां जाएंगे?
मैंने कहा- किसी होटल में चलते हैं.
इस पर भाभी बोली- क्या करोगे होटल जाकर?
भाभी सब कुछ जानकर अनजान बनी रही.
मैंने कहा- कुछ खाएंगे और आराम करेंगे.
ये कहते हुए मुझे थोड़ा डर लग रहा था कि कहीं भाभी को ये बात पसंद नहीं आई, तो वो मेरे दोस्त को बता देगी. इससे हो सकता था कि उसके यहां मेरा आना जाना बन्द हो जाए.
मैंने बात घुमाते हुए कहा- अच्छा चलो किसी गार्डन में चलते हैं.
इस पर भाभी ने हां कह दिया.
अब हम दोनों एक गार्डन में आ गए. वहां हम लोग एक घंटे घूमे, फिर शाम को घर आ गए.
मैंने भाभी को उसके घर छोड़ा और वापस निकल आया.
घर आकर मैंने भाभी को कॉल किया, तो बोली- चाय पी कर जाना था ना … आप यूं ही चले गए.
मैंने कहा- आपने मुझे रोका ही नहीं … चलिए ठीक है … मैं वापस आ जाता हूं … आप चाय बना कर रखो.
वो तनिक हंस कर बोली- ठीक है आ जाओ.
मैं फिर से उसके घर गया और भाभी ने मुझे चाय दी. मैं कुछ देर चाय पीते हुए भाभी से बात करता रहा. फिर मैं निकलने लगा, तो भाभी मुझे दरवाजे तक छोड़ने आई.
मैंने न जाने किस भावावेश में आकर पलट कर भाभी को एक किस कर दिया और उसके मम्मों को भी दबा दिया.
भाभी मेरी इस devar bhabhi chudai हरकत पर कुछ नहीं बोली बस एक हल्की सी आह निकालते हुए रह गई.
मैं मुस्कुराते हुए जल्दी से उसके घर से निकल गया. घर आकर मैंने भाभी को कॉल किया तो उसने फोन नहीं उठाया.
मैंने दोबारा लगाया, तो फोन रिसीव हुआ.
भाभी बोली- आप बहुत गंदे हो.
मैंने कहा- क्या हो गया भाभी?
भाभी- वही … जो आपने अभी मेरे साथ हरकत की थी.
इस पर मैंने कहा- मैंने तो कुछ नहीं किया था.
भाभी हंस दी. मैं समझ गया कि भाभी हंस गई माने पट गई.
फिर हम दोनों ने एक घंटे तक बात की.
मैंने शाम को भाभी को ‘आई लव यू..’ का मैसेज किया. भाभी ने इसका कोई जबाव तो नहीं दिया मगर वो मेरे इधर उधर की बातें करने लगी.
एक घंटे बाद मैंने फिर से ‘आई लव यू..’ का मैसेज किया.
इस बार उसने लिखा- क्या पागल हो गए हो?
मैंने कहा- भाभी मैं आपसे बहुत प्यार करता हूं … मैं आपसे मिलना चाहता हूं.
उसने मुझे इस बात का जवाब ही नहीं दिया. अब हम रोज बात करने लगे.
भाभी को भी मेरी इस बात की आदत हो गई थी. वो मुझसे खुल कर बात करने लगी थी.
मैं रोज भाभी को ‘आई लव यू..’ बोलता और भाभी चुप रह जाती.
फिर एक दिन भाभी ने भी ‘आई लव यू..’ बोल दिया.
मैंने भाभी से पूछा- मुझसे कब मिलोगी?
भाभी बोली कि रुको … बताऊंगी.